Judas betray lord christ for a few pieces of silver.LDF has betrayed Kerala for a few pieces of gold.हिन्दी में इसका मतलब हुआ-जैसे जूडस ने ईसा मसीह को चांदी के कुछ सिक्कों के लिए धोखा दिया था, वैसे ही LDF ने सोने के चंद टुकड़ों के लिए केरल से गद्दारी की है.
जूडस कौन हैं? जिसका जिक्र पीएम मोदी ने अपने भाषण में किया. उनका गुड फ्राइडे से क्या कनेक्शन है? बताएंगे. साथ ही हम ये भी जानेंगे कि गुड फ्राइडे क्यों मनाते हैं? इस बारे में बाइबिल में क्या कहा गया है. 40 दिन की तैयारी हर साल अलग-अलग डेट पर गुड फ्राइडे मनाया जाता है. क्रिसमस के बाद ईसाइयों का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार. क्रिसमस उल्लास का त्योहार है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था. वहीं गुड फ्राइडे दुख और शोक का त्योहार है. गुड फ्राइडे के दिन ईसा मसीह को क्रूस पर चढ़ा दिया गया था. उनकी याद में लोग इस दिन शोक मनाते हैं. यही कारण है कि इस दिन शुभकामनाएं नहीं दी जाती. यहां गुड फ्राइडे से मतलब होली या पवित्र फ्राइडे से है. जिसे हिन्दी में पुण्य शुक्रवार भी कहा जाता है.
गुड फ्राइडे मनाने की शुरुआत गुड फ्राइडे से 40 दिन पहले होती है. हर साल गुड फ्राइडे कब पड़ेगा ये रोमन कैथलिक ईसाइयों की सबसे बड़ी संस्था तय करती है. यानी वेटिकन सिटी, जहां रहते हैं कैथलिक ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप.

इस साल 17 फरवरी को Ash Wednesday यानी राख बुधवार था. इसी दिन से चालीसा की शुरुआत हुई. Ash Wednesday को चर्च में विशेष प्रेयर होती है. इस दिन लोग अपने माथे पर राख मलते हैं, जो याद दिलाता है कि हम मिट्टी के बने हैं और मिट्टी में मिल जाएंगे. इन 40 दिनों के दौरान चर्च और ईसा मसीह में यकीन करने वाले लोग उपवास रखते हैं. उनके दुखभोग में शामिल होते हैं. इस दौरान हर शुक्रवार को विशेष प्रार्थाना होती है. उपवास के दौरान लोग आध्यात्मिक जीवन की ओर लौटने, गलतियों के लिए क्षमा मांगने और विलासिता के जीवन का त्याग करने का संकल्प लेते हैं. चालीसा काल के अंतिम सप्ताह को Holy Week के नाम से जाना जाता है.

Holy Week का कार्यक्रम क्या होता है? गुड फ्राइडे से पहले पड़ने वाले संडे से Holy Week की शुरुआत होती है. संडे को Palm Sunday यानी खजूर इतवार कहा जाता है. मान्यता है कि आज से लगभग 2000 साल पहले ईसा मसीह येरुशलेम आए थे, तो उनका स्वागत राजा की तरह हुआ था. लोगों ने उनके स्वागत में खजूर की डाल बिछा दी थी.
Palm Sunday के बारे में बाइबिल में संत योहन लिखते हैं-
विशाल जनसमूह को पता चला कि ईसा येरुशलेम आ रहे हैं, इसलिए वे लोग खजूर की डालियां लिए उनकी आगवानी करने निकले. (योहन चैप्टर 12 वाक्य 12-13)इस दिन खजूर की डालियां लिए लोग चर्च पहुंचते हैं और राजा के रूप में ईसा मसीह का स्वागत करते हैं. चर्चों में विशेष प्रेयर होती है.

Maundy Thursday (पुण्य बृहस्पतिवार) गुड फ्राइडे से एक दिन पहले Maundy Thursday या पुण्य बृहस्पतिवार पड़ता है. बृहस्पतिवार पुण्य इसलिए कहलाता है क्योंकि यह दिवस यहूदी जाति के पास्का भोज का पावन दिवस है. यहूदी जाति में जन्म लेने के कारण येसु मसीह ने भी अपनी मृत्यु से पहले पड़ने वाले बृहस्पतिवार को अपने शिष्यों के साथ भोजन किया और अपने शिष्यों के पैर धोए. लोगों के सामने उदाहरण पेश किया. बाइिबल में इसके बारे में कहा गया है-
उन्होंने भोजन पर से उठकर अपने कपड़े उतारे और कमर में अंगोछा बांध लिया. तब वे परात में पानी भरकर अपने शिष्यों के पैर धोने और कमर में बांधे अंगोछे से उन्हें पोछने लगे. (योहन चैप्टर 13 वाक्य 4-5)पुण्य बृहस्पतिवार को पोप और चर्च के पादरी लोगों के पैर धोते हैं. ताकि ईसा मसीह ने जो उन्हें सिखाया है वह उसी रास्ते पर चलें.
इसलिए मैंने (तुम्हारे प्रभु और गुरु) तुम्हारे पैर धोए हैं तो तुम्हें भी एक दूसरे के पैर धोने चाहिए. मैंने तुम्हे उदाहरण दिया है, जिससे जैसा मैंने तुम्हारे साथ किया है, वैसे ही तुम भी किया करो. चैप्टर 13 वाक्य 14-15)

जूडस का गुड फ्राइडे कनेक्शन बाइबिल में लिखा है कि अपनी मृत्यु से पहले ईसा मसीह ने अपने शिष्यों के साथ अंतिम बार भोजन किया था. इसे Last Supper के नाम से जानते हैं. इसी भोजन के दौरान उन्होंने अपने शिष्यों से कहा कि तुम लोगों में से ही एक मुझे पकड़वा देगा. ये बातें जीसस ने जूडस के बारे में कही थी. वह उनके 12 शिष्यों में से एक था और ईसा मसीह का करीबी था.

भोजन के दौरान जीसस ने हाथ में ब्रेड (रोटी) का एक टुकड़ा लेकर कहा कि मैं जिस भी शिष्य को ये टुकड़ा दूंगा, वही मेरे साथ गद्दारी करेगा. इसके बाद जीसस ने ब्रेड का टुकड़ा जूडस के हाथों में सौंप दिया. जूडस ने धर्म अधिकारियों के साथ चांदी के 30 सिक्कों में जीसस का सौदा कर लिया.
बाइबिल में लिखा है कि जब वे प्रार्थना कर रहे थे, जूडस एक भारी भीड़ के साथ वहां पहुंचा, उसने कहा कि जिसे मैं चूमूं, वही जीसस हैं उसे पकड़ लेना.

हालांकि जब जूडस को जब पता चला कि जीसस को उसके कारण सजा मिली है, तो उसे अपने किए पर पछतावा हुआ और उसने चांदी के 30 सिक्के वापस कर दिए. संत मत्ती अध्याय 27 में लिखा है कि जूडस ने कहा कि मैंने निर्दोष रक्त का सौदा कर पाप किया है. उसने सिक्के वापस करने चाहे, लेकिन नेताओं ने उन्हें नहीं लिया. इसके बाद जूडस से चांदी के सिक्के मंदिर में फेंक दिए और जाकर फांसी लगा ली. इन तीस सिक्कों से महायाजकों ने जमीन खरीदी. और यह जमीन आज तक रक्त की जमीन कहलाती है.
ये सब हुआ गुड फ्राइडे को जीसस को क्रूस पर चढ़ाए जाने से पहले. ईसा मसीह के शिष्य जूडस ने उन्हें धोखा दिया, जीसस इस बारे में जानते थे लेकिन उन्होंने उसे रोका नहीं. Good Friday जीसस के बारे में बाइबिल में कहा गया है कि वह लोगों को चंगा करते, उनके घाव भरते और शांति का उपदेश देते. यह सब कुछ नेताओं को अच्छा नहीं लगता. उन्होंने साजिश रची की वे उन्हीं को गिरफ्तार करवा दें और मरवा दें. जीसस खुद को ईश्वर का पुत्र कहते थे. इसलिए उन पर ईश निंदा यानी ईश्वर की निंदा करने के आरोप लगे. उन्हें प्राणदंड के योग्य पाया गया. उन्हें राज्यपाल पिलातुस के सामने पेश किया गया. राज्यपाल को सजा सुनाने का हक था. उसे पता था कि जीसस को ईष्या के कारण पकड़वाया गया है, लेकिन भीड़ के सामने उसकी नहीं चली. राज्यपाल के सामने भीड़ जीसस को क्रूस पर चढ़ाने की मांग कर रही थी. राज्यपाल पिलातुस ने जीसस को कोड़े लगवाकर क्रूस पर चढ़ाने के लिए सैनिकों के हवाले कर दिया.
बाइबिल में कहा गया है कि सैनिकों ने ईसा मसीह के कपड़े उतारे, उन्हें लाल कपड़े पहनाए, कांटों का मुकुट उनके सिर पर रखा. उन्हें कोड़े मारे गए. क्रूस ढोने के लिए मजबूर किया और अंत में ईसा को क्रूस पर चढ़ा दिया. उनके दोनों हाथों और पैरों में कीलें ठोकी गईं. अंत में ईसा ने अपने प्राण त्याग दिए.

निर्दोष होते हुए भी ईसा को क्रूस पर चढ़ाया गया. ईसाई समुदाय कि मान्यता है कि ईसा लोगों के पापों के कारण क्रूस पर चढ़े. क्रूस पर पीड़ा सहते हुए ईसा ने कहा था कि 'हे पिता! इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं.' ईसा के बलिदान को याद करते हुए ईसाई समुदाय 'गुड फ्राइडे' मनाता है.
बाइबिल में कहा गया है कि पवित्र शुक्रवार से लेकर शनिवार की मध्यरात्रि तक 3 दिन कब्र में रहने के बाद ईस्टर संडे के दिन ईसा मसीह फिर से जी उठे. वह अलग-अलग मौकों पर कुछ लोगों को दर्शन देते रहे. उन्होंने अपने शिष्यों को दर्शन देने के बाद कहा कि उनका संदेश वह पूरी दुनिया में फैलाएं.