रिज़ल्ट : टीएमसी के ज्योतिर्मय कार को बीजेपी के अरूप कुमार दास ने 10,293 वोटों से हरा दिया है.कांथी दक्षिण विधानसभा सीट (Kanthi Dakshin Assembly Seat) बहुत महत्वपूर्ण सीट है. पूर्बा मेदिनीपुर जिले में आती है. यह टीएमसी से भाजपा में गए सुवेंदु अधिकारी के घर की सीट है. पारिवारिक सीट कह लें, तो भी कोई दिक़्क़त नहीं है. क्योंकि तृणमूल की चंद्रिमा भट्टाचार्य के पहले हमेशा अधिकारी परिवार का ही कोई नेता इस सीट पर जीतता आया था. चंद्रिमा टीएमसी सरकार में मंत्री भी हैं. इस बार इस सीट पर मुकाबला तृणमूल के ज्योतिर्मय कार, बीजेपी के अरुप कुमार दास और सीपीआई के अनुलुप पांडा के बीच था. ये भी पढ़ेंः पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021: भबनीपुर सीट, जहां ममता का घर, वहां TMC का क्या हाल? कौन जीता? अरूप कुमार दास (BJP) कितने वोट मिले: 98,477 कौन हारा? ज्योतिर्मय कार (TMC) कितने वोट मिलेः 88,184 पिछले चुनाव के नतीजे # साल 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में तृणमूल उम्मीदवार के तौर पर दिव्येंदु अधिकारी को इस सीट पर 93 हज़ार 359 वोट मिले थे. वहीं सीपीआई के उत्तम प्रधान को 59 हज़ार 459 वोट. दिव्येंदु जीत गए. लेकिन इसी साल कुछ सीटों पर लोकसभा उपचुनाव हुए. इसमें से एक सीट थी तमलुक. तमलुक से सांसद थे सुवेंदु अधिकारी. पार्टी ने कहा कि नंदीग्राम से विधानसभा चुनाव लड़ जाओ, तो सांसदी छोड़कर विधायकी लड़ गए थे. जीत गए तो सांसदी से इस्तीफ़ा दे दिया. और दिव्येंदु अपने भाई की सीट तमलुक पर सांसदी लड़ने चले गए तो इधर कांथी सीट ख़ाली हो गयी. फिर 2017 में इस सीट पर उपचुनाव हुए. चंद्रिमा भट्टाचार्य विधानसभा के लिए चुनकर आईं. उन्होंने बीजेपी के सौरिंद्र मोहन जना को 40 हजार से ज्यादा वोटों से हराया. # साल 2011 में इस सीट पर टीएमसी के दिव्येंंदु अधिकारी ने जीत हासिल की थी. उन्हें 86,933 वोट मिले थे. उनके मुकाबले सीपीआई के उत्तम कुमार प्रधान को 58,296 वोट मिले थे. ये भी पढ़ेंः West Bengal Election Results: आखिरी राउंड तक आते-आते नंदीग्राम में टक्कर कांटे की हो गई है सीट ट्रिविया # ये विधानसभा सीट 2001 से 2017 तक अधिकारी परिवार के किसी सदस्य के पास ही रही. साल 2001 में सिसिर अधिकारी जीते. यानी सुवेंदु अधिकारी के पिताजी. फिर 2006 में आए दिव्येंदु. और आख़िर में अधिकारी परिवार से ये सीट छिटकी साल 2017 में, जब ममता बनर्जी की करीबी रही चंद्रिमा भट्टाचार्य ने उपचुनावों में यह सीट जीत ली. # हर साल गांधी मेला लगता है. लोकल लेवल पर बहुत फ़ेमस है. 10-15 दिन धूमधाम से चलता है. एकाध महीने पहले तस्वीरें फ़्लैश हुई थीं मीडिया में. एक गाड़ी थी, उसका सामने वाला शीशा कुछ लोगों ने मारकर कचर दिया था. वो सौमेंदु अधिकारी की गाड़ी थी. सुवेंदु के भाई. आरोप लगे थे तृणमूल पर.
West Bengal Election Results : जहां से सुवेंदु अधिकारी के बाप-भाई जीते, वहां कौन जीता?
अधिकारी परिवार की सीट कांथी दक्षिण का हाल.
सीट का नाम : कांथी दक्षिण (Kanthi Dakshin) (पूर्वा मेदिनीपुर)