तालिबान के राज में अफ़ग़ानिस्तान की महिलाओं को आए दिन नई 'कैद' मिल रही है. एक के बाद एक उनके अधिकारों को छीना जा रहा है. तालिबान ने पहले भी ऐसा किया था, जब 1996 से 2001 के बीच अफ़ग़ानिस्तान पर उसका राज था. इस बार भी वो ऐसा ही कर रहा है. जबकि इस बार उसकी तरफ से कई मौकों पर ऐसा कुछ भी ना करने की कसमें खाई गई थीं.
पढ़ नहीं सकतीं, गा नहीं सकतीं, तालिबान के राज में अफगान महिलाएं और क्या-क्या नहीं कर सकतीं?
तालिबान के राज में अफ़ग़ानी महिलाओं के ऊपर पाबंदियां लगातार बढ़ती जा रही हैं. पहले उनकी शिक्षा छीनी गई, फिर काम करने पर पाबंदी लगाई गई और गाना गाने तक को मना कर दिया गया. अब उन्हें मिडवाइफरी और नर्सिंग की ट्रेनिंग देने पर भी बैन लगा दिया गया है.
हाल में तालिबान ने फरमान जारी कर देश की महिलाओं के लिए मिडवाइफरी और नर्सिंग की पढ़ाई पर प्रतिबंध लगा दिया. इससे पहले तालिबान उनकी पढ़ाई और रोजगार पर भी प्रतिबंध लगा चुका है. आम जगहों पर भी महिलाओं के अकेले आने-जाने पर पाबंदी है. जानते हैं कि फिर से अफगानिस्तान पर काबिज होने के बाद से तालिबान ने वहां की महिलाओं के खिलाफ क्या-क्या पाबंदियां लगाई हैं.
1. पढ़ने-लिखने पर पाबंदीतालिबान ने सबसे पहले लड़कियों के स्कूल जाने पर रोक लगाई. सितंबर 2021 में आदेश आया कि छठवीं कक्षा के बाद लड़कियां स्कूल नहीं जा सकतीं. इसके बाद दिसंबर, 2022 में कॉलेज और विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाली लड़कियों पर भी पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई. जब कुछ लड़कियों ने वापस पढ़ाई करने की कोशिश की तो उन्हें तालिबानियों ने बंदूक दिखाकर भगा दिया. अफ़ग़ानिस्तान अब ऐसा देश बन गया है, जहां आधी आबादी को पढ़ाई का अधिकार ही नहीं है. यहां तकरीबन 5 करोड़ लड़कियां और महिलाएं हैं.
तालिबान ने अफगान महिलाओं के गाना गाने या सार्वजनिक रूप से बोलने पर प्रतिबंध लगा दिया है. उसने कथित तौर पर इस्लामिक शरिया कानून की मन मुताबिक व्याख्या की है. तालिबान का कहना है कि अगर महिलाएं गाएंगी या सार्वजनिक जगहों पर बातचीत करेंगी तो इससे पुरुष उनकी तरफ आकर्षित होंगे. यही नहीं, तालिबान का मानना है कि महिलाएं अगर घर के अंदर भी गाएंगी तो भी पुरुष उनकी तरफ आकर्षित होंगे. ऐसे में महिलाएं गाना नहीं गा सकतीं. अगर वो ऐसा करती हैं तो उन्हें सजा दी जाएगी.
3. महिलाओं का काम करना भी ठीक नहींतालिबान ने महिलाओं को लगभग हर पेशे से बाहर कर दिया है. सरकारी नौकरियों में तो महिलाओं को पहले ही बर्खास्त कर दिया गया था, अब प्राइवेट सेक्टर, एनजीओ और मानवीय सहायता संगठनों में भी उनके काम करने पर रोक लगा दी गई है. इस फरमान का असर केवल महिलाओं पर ही नहीं, बल्कि उन लाखों लोगों पर भी पड़ा है जो मानवीय सहायता पर निर्भर थे.
इसके बाद अफ़ग़ानिस्तान में औरतें केवल नर्स और मिडवाइफरी यानी बच्चे की डिलीवरी के दौरान सहायक का ही काम कर सकती थीं. लेकिन हालिया बैन के बाद वो भी लगभग खत्म ही है.
हालिया बैन में महिलाओं के लिए मिडवाइफरी और नर्सिंग ट्रेनिंग पर रोक लगा दी गई है. अफगानिस्तान पर नजर रखने वाले एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस कदम से लाखों महिलाओं का जीवन खतरे में पड़ जाएगा. मसलन, गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी में दिक्कत आएगी क्योंकि तालिबान के राज में पुरुष नर्स और डॉक्टर महिलाओं को छू भी नहीं सकते. तमाम प्रतिबंधों के बीच महिलाओं को केवल यही काम करने की छूट थी. अब तालिबान ने अगले आदेश तक इसके ऊपर भी रोक लगा दी है. यहां यह जानना जरूरी है कि अफ़ग़ानिस्तान में डिलीवरी के दौरान होने वाली मौतों की दर दुनिया में सबसे अधिक है.
5. जहां सब जाते हैं, वहां भी नहीं जा सकतींसाल 2021 में तालिबान के आने से पहले अफ़ग़ानिस्तान में एक सरकार चल रही थी. इस सरकार में महिला मंत्रालय था. तालिबान ने सत्ता पर कब्जा करने के बाद इस मंत्रालय को खत्म कर दिया. इसकी जगह बनाया Vice and Virtue (दोष और गुण) मंत्रालय. इस मंत्रालय ने 7 मई, 2022 को एक आदेश निकाला. कहा कि महिलाओं को तब तक घर में ही रहना होगा, जब तक बाहर उन्हें कोई बहुत जरूरी काम ना हो. ये भी कहा कि महिलाओं को अगर बाहर जाना ही है, तो उन्हें किसी पुरुष के साथ ही जाना होगा और ये पुरुष उनका संरक्षक होगा, उनके ऊपर निगरानी रखेगा.
नवंबर, 2022 में तालिबान ने महिलाओं के पार्कों और जिम जाने पर पाबंदी लगा दी थी. पहले महिलाएं इन जगहों पर जाकर अपने लिए कुछ वक्त निकाल सकती थीं. लेकिन अब वे यहां नजर नहीं आतीं.
6. शरीर ढकना पड़ेगातालिबान ने महिलाओं के लिए ड्रेस कोड भी लागू किया. कहा कि सार्वजनिक जगहों पर उनके लिए पूरा शरीर ढकने वाला बुरका पहनना अनिवार्य होगा. जो महिलाएं ऐसा नहीं करेंगी, उन्हें सजा दी जाएगी.
7. मीडिया और आवाज़ का दमनतालिबान ने आते ही कई महिला पत्रकारों को नौकरी से निकाल दिया था या उन्हें देश छोड़ने को मजबूर कर दिया था. जो कुछ महिलाएं नौकरी में बनी रहीं, उन्हें सख्त ड्रेस कोड का पालन करना पड़ता है. टीवी स्क्रीन पर भी वो इसी ड्रेस कोड में आने को मजबूर हैं.
8. बाल विवाह और जबरन शादियांतालिबान महिलाओं पर बाल विवाह और जबरन शादियां थोप रहा है. अफ़ग़ानिस्तान के कई हिस्सों से ऐसी खबरें आई हैं कि महिलाओं को जबरन तालिबानी लड़कों के साथ शादी करने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
9. खेलों पर पूर्ण प्रतिबंधखेल के क्षेत्र में भी महिलाएं अपना परचम लहरा रही हैं. महिला स्पोर्ट्पर्सन्स के नाम लेना शुरू कीजिए तो लिस्ट कहीं खत्म ही नहीं होती. इधर, तालिबान ने महिलाओं के खेलों में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध लगा रखा है. तालिबान का मानना है कि महिलाओं का खेलों में हिस्सा लेना ‘शरिया के खिलाफ’ है.
यह स्टोरी हमारे साथ इंटर्नशिप कर रहे साथी प्रखर श्रीवास्तव ने लिखी है.
वीडियो: दुनियादारी: शरिया क़ानून के पालन के लिए तालिबान क्या करवा रहा है?