The Lallantop

क्या है चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी MMS कांड की पूरी कहानी?

'MMS' वीडियो डिलीट होने के दावे में कितना दम?

post-main-image
MMS कांड के विरोध में प्रदर्शन करती चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की छात्राएं (फोटो: इंडिया टुडे)

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी (Chandigarh University) में पढ़ने वाली छात्रा का वीडियो क्या वायरल हुआ, भारत में सर्च की दुनिया को नए कीवर्ड मिल गए - चंडीगढ़, चंडीगढ़ हॉस्टल, चंडीगढ़ गर्ल्स, चंडीगढ़ MMS. जो घटा है, वो दो लोगों के बीच की बात है या फिर छात्राओं का मनोबल तोड़ने वाला, उन्हें असुरक्षित महसूस कराने वाला एक जघन्य अपराध, जिसे प्रशासन दबाने की कोशिश में लगा हुआ है? इन सवाल का जवाब जुगुप्सा के कोलाहल में कहीं खो गया है. हर कोई वीडियो के पीछे भाग रहा है. कि कहीं से एक और वीडियो का जुगाड़ हो जाए. कहीं से कोई और चेहरा पकड़ में आ जाए. ऐसा ही शोर उन दावों से भी पैदा हो रहा है जिनकी पुष्टि दो दिन में भी नहीं हो पाई है. कोई कहता है पीड़िताओं की संख्या 60 है तो कोई कह देता है कि 8 लड़कियों ने खुदकुशी की कोशिश तक कर डाली. चंडीगढ़ ही नहीं, पूरे देश में वो लोग परेशान हैं, जिनकी बेटियां दूर शहर में पढ़ती हैं.

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के नाम में चंडीगढ़ है, लेकिन वो पड़ती है मोहाली के अजीतगढ़ में. ये एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी है. 17 सितंबर की शाम यहां छात्रों का एक बड़ा प्रदर्शन शुरू हुआ, जो अगले 26 घंटों तक चला. छात्रों का आरोप था कि यूनिवर्सिटी से MBA कर रही एक छात्रा ने हॉस्टल में पढ़ रही दूसरी छात्राओं के आपत्तिजनक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करवाए हैं. इस वक्त तक पूरे चंडीगढ़ में एक वीडियो वायरल हो चुका था. जिसमें आरोपी छात्रा से हॉस्टल की वॉर्डन सवाल जवाब कर रही है.

छात्रा और वॉर्डन की बातचीत सुनकर ऐसा लगता है कि आरोपी छात्रा हॉस्टल की दूसरी लड़कियों के वीडियो बनाकर किसी लड़के को दे रही थी. जिस हॉस्टल में ये सब हुआ, वहां फ्रेशर्स भी रहती हैं, माने वो छात्राएं, जिन्होंने इसी साल दाखिला लिया है और वो कुछ हफ्ते पहले ही यूनिवर्सिटी में आई हैं. इस बात से यूनिवर्सिटी के छात्र बेहद नाराज़ थे. यूनिवर्सिटी और पुलिस प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे थे.

इस तरह के मामलों में अफवाहें बहुत तेज़ी से फैलती हैं. ऐसा ही यहां भी हुआ. ये बात फैल गई कि पीड़िताओं की असल संख्या दर्जनों में है और मामला सामने आने के बाद 8 छात्राओं ने खुदकुशी की कोशिश भी की. प्रदर्शनकारी छात्रों का दावा था कि यूनिवर्सिटी और मोहाली प्रशासन इस बात को दबाने की कोशिश में लगा हुआ है. अधिकारी बार-बार यही कहते रहे कि खुदकुशी की कोई घटना नहीं हुई, लेकिन छात्रों का गुस्सा सातवें आसमान पर था. खुदकुशी के दावे का सच मालूम करने के लिए हमने चंडीगढ़ और पंजाब से निकलने वाले अखबारों पर नज़र डाली.

19 सितंबर को द ट्रिब्यून ने अपनी वेबसाइट पर खबर प्रकाशित की - 'Leaked' video clips rock Chandigarh University; girl hosteller, two men held. इस खबर में बताया गया है कि प्रदर्शन के दौरान कुछ छात्राएं बेहोश हो गई थीं. यहीं से खुदकुशी वाली अफवाह चल पड़ी थी. जब तक इस बुलेटिन को तैयार किया गया, तब तक खुदकुशी या खुदकुशी के प्रयास वाली कोई बात पुष्ट नहीं हो पाई थी.

खुदकुशी वाली बात भले निराधार हो, लेकिन छात्राओं की निजता को लेकर चिंताओं को यूं ही दरकिनार नहीं किया जा सकता. खासकर तब, जब हम ये जानते हैं कि भारत में छात्राओं के घरों से यूनिवर्सिटी का रास्ता कितना लंबा और जटिल होता है. समय के साथ लगातार हमारी समझ उदार हुई है, लेकिन आज भी कितने ही परिवारों में लड़कियों की पढ़ाई वहीं खत्म हो जाती है, जहां तक उनके कस्बे या शहर में स्कूल या कॉलेज होता है. लाख मिन्नतें करने के बाद भी परिवार वाले बाहर भेजने को तैयार नहीं होते. या भेजते हैं, तो तरह-तरह की शर्तें लाद देते हैं. ऐसे में जो लड़कियां यूनिवर्सिटी में पढ़ रही हैं, उन्हें सुरक्षित महसूस कराना हर किसी की ज़िम्मेदारी होती है. आगे के घटनाक्रम से आपको समझ आ जाएगा कि हम ऐसा क्यों कह रहे हैं.

जब प्रदर्शन लंबा होने लगा, तो यूनिवर्सिटी प्रशासन और मोहाली ज़िले का पुलिस प्रशासन छात्राओं से बात करने पहुंचा. छात्रों से बात करने के लिए एक कमेटी बनाने को कहा गया, लेकिन उन्होंने कहा, कि जो होगा, सबके सामने होगा. इसके बाद पंजाब पुलिस के आला अधिकारी घंटों छात्रों के जवाब देते रहे. चूंकि अधिकारी बार-बार कह रहे थे कि किसी छात्रा ने सूसाइड नहीं की और आरोपी ने सिर्फ अपना वीडियो बनाया, छात्रों को यकीन हो नहीं रहा था. और ये अकारण नहीं था. छात्रों ने वॉर्डन वाला वीडियो देख लिया था. और जब पुलिस ने FIR दर्ज की, तो उसमें भी घटनाक्रम बहुत अलग नहीं था. FIR के मुताबिक, 

> वॉर्डन राजविंदर कौर को 6 छात्राओं  ने बताया कि आरोपी छात्रा वॉशरूम में उनके वीडियो बना रही थी. राजविंदर कौर ने सारी जानकारी होस्टल प्रबंधक को फोन पर दी तो उन्होंने छात्राओं को प्रबंधक के कार्यालय में आने को कहा.
> आरोपी छात्रा को भी प्रबंधक के ऑफिस में बुलाया गया. प्रबंधक ने जब छात्रा का मोबाइल फोन चेक किया तो पाया कि उसमें से बहुत सारे वीडियो और फोटो डिलीट किए गए थे. जिस वक्त आरोपी छात्रा का मोबाइल फोन प्रबंधक के पास था फोन पर लगातार कॉल और मैसेज रिसीव हो रहे थे.
> छात्रा के मोबाइल फोन पर एक नंबर से लगातार मैसेज आ रहे थे. यह नंबर एक युवक का था, जिसे छात्रा का बॉयफ्रेंड बताया गया. मैनेजर ने छात्रा को फोन का स्पीकर ऑन करके उसे युवक से बात करने को कहा. जब छात्रा ने वीडियो क्लिप मांगी तो उसने छात्रा के मोबाइल फोन पर स्क्रीनशॉट भेज दिया.
> जब हॉस्टल प्रबंधक ने कड़ाई से पूछताछ की तो उसने स्वीकार कर लिया कि वीडियो उसी ने बनाए थे.

प्रदर्शन के बाद किसी तरह प्रशासन ने छात्रों के साथ एक समझौता किया और उन्हें वापस भेजा. इस समझौते के प्रमुख बिंदु इस प्रकार थे -
> जो भी जांच होगी, उसके तथ्य छात्रों को बताए जाएंगे.
> छात्रों को FIR की कॉपी दी जाएगी.
> छात्रों ने कुछ वॉर्डन्स को बर्खास्त करने की मांग की थी, इसे मान लिया गया.

छात्रों की सबसे बड़ी चिंता ये थी, कि अगर कोई आपत्तिजनक वीडियो वाकई इंटरनेट पर डाल दिये गए हैं, तो पुलिस उन्हें कब उतरवाएगी. शोरगुल के बीच डीआईजी रोपड़ जीपीएस भुल्लर छात्रों को ये समझाते नज़र आए कि जिस तरह की वेबसाइट्स पर ये काम होता है, वो प्रायः भारत के बाहर से काम करती हैं. इस लिए कानूनी प्रक्रिया है, जिसका पालन किया जाएगा. अगर कोई वीडियो डाला गया है, तो उसे उतरवाया जाएगा.

इस घटना के सामने आने के बाद से परिवार वालों का दबाव था ही, फिर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 24 सितंबर तक की छुट्टी कर दी. सो छात्र बड़ी संख्या में यूनिवर्सिटी से लौटते देखे गए. इंडिया टुडे की संवाददाता कमलजीत संधु ने यूनिवर्सिटी से घर के लिए निकले छात्रों से बात की. उनसे पूछा, कि वो जांच और प्रशासन के दिए आश्वासनों पर क्या सोचते हैं? छात्र पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं. वो अब भी तरह के तरह के आरोप लगा रहे हैं. जैसे -

> दावा है कि एक वॉर्डन ने छात्राओं के फोन से वीडियो डिलीट करवाए थे. 
> दावा है कि कैनडा से एक शख्स ने कुछ छात्राओं को फोन किया. और कहा कि उसके पास वीडियो है, वो उन्हें वायरल कर देगा. 

इन दावों की सच्चाई दो दिनों में साफ नहीं हो पाई है. फिर कुछ छात्राएं अब हॉस्टल में नहीं रहना चाहतीं. ऐसे में वो हॉस्टल की फीस वापिस चाहती हैं. यूनिवर्सिटी और प्रशासन इन सब चीज़ों को लेकर एक लाइन का जवाब दे रहा है - कुछ वक्त दीजिए, जांच के बाद स्थिति पूरी तरह साफ हो जाएगी.

अब आ जाते हैं आरोपियों पर. मुख्य आरोपी तो यूनिवर्सिटी में पढ़ रही छात्रा ही है, जिसके बारे में हम आपको बता चुके हैं. इससे हुई शुरुआती पूछताछ के आधार पर दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है,

1. सनी मेहता - मुख्य आरोपी का बॉयफ्रेंड बताया जा रहा ये लड़का स्कूल ड्रॉपआउट है. और हिमाचल प्रदेश के शिमाला में पड़ने वाले रोहरू में एक बेकरी में काम करता है. पंजाब पुलिस से मिली जानकारी के बाद हिमाचल पुलिस ने सनी के फोन को ट्रैक किया और उसे 18 सितंबर की शाम को हिरासत में ले लिया. इसके बाद सनी को पंजाब पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया, जिसने उसे भारतीय दंड संहिता IPC की धारा 354 लगाकर गिरफ्तार कर लिया. किसी महिला की लज्जा भंग करने के मामलों में ये धारा लगाई जाती है. सनी पर IT एक्ट की धाराएं भी लगाई गई हैं.

2. रंकज वर्मा - ये सनी और आरोपी छात्रा का दोस्त बताया जा रहा है. हिमाचल प्रदेश के ठियोग का रहने वाला है और शिमला की एक ट्रैवल एजेंसी में काम करता है. द ट्रिब्यून अखबार के मुताबिक छात्रा ने कहा था कि वो वीडियो सनी को भेजती थी. लेकिन जब दूसरी छात्राओं ने उससे सवाल-जवाब किये, तो उसने रंकज की तस्वीर दिखाई. रंकज अब पंजाब पुलिस की कस्टडी में है. और शुरुआती जानकारी के मुताबिक आरोपी छात्रा का वीडियो रंकज के फोन से बरामद भी हुआ है.

आज मोहाली पुलिस ने इन तीनों आरोपियों को अदालत में पेश किया. इंडिया टुडे संवाददाता मंजीत सहगल के मुताबिक पुलिस ने जज के सामने आरोपियों के मोबाइल फोन रखे और एक तस्वीर भी दिखाई. आरोपियों की तरफ से अदालत में पेश हुए मोहाली के वकील संदीप शर्मा ने यह कहकर सबको चौंका दिया कि आरोपी छात्रा ने एक दूसरी लड़की का वीडियो भी बनाया था लेकिन उसमें लड़की की पहचान उजागर नहीं हो रही है.

मतलब इस बात में दम है कि आरोपी छात्रा सिर्फ खुद के वीडियो नहीं बना रही थी. अगर ये बात वाकई सही है, तो ये सवाल खड़ा होता है कि यूनिवर्सिटी और मोहाली प्रशासन किस आधार पर ये कह रहे थे कि आरोपी छात्रा ने सिर्फ खुदके वीडियो बनाकर भेजे थे.

अदालत की कार्यवाही के दौरान पंजाब पुलिस ने तीनों आरोपियों को 10 दिन की रिमांड पर भेजने की अपील की थी. लेकिन न्यायालय ने 7 दिन की रिमांड दी है. क्योंकि मामला संवेदनशील है, इसीलिए आरोपियों के वकील के खुलासे पर पुलिस ने कोई टिप्पणी नहीं की है. पुलिस अधिकारी अपने 18 सितंबर के वादे पर ही कायम हैं. कि अगर आरोपियों के मोबाइल फोन से कोई वीडियो डिलीट हुआ है तो उसे रिट्रीव किया जाएगा. पुलिस तीनों के मोबाइल की फोरेंसिक जांच करवाने वाली है. इस जांच का फोकस इन बिंदुओं पर होगा -

> आरोपी छात्रा ने कितने वीडियो बनाए?
> इन वीडियो में हॉस्टल की कितनी छात्राएं नज़र आ रही हैं?
> ये कथित वीडियो किस-किस से साझा किए गए?

इस पूरे प्रकरण से जुड़े हर स्टेकहोल्डर को फॉरेंसिक जांच के नतीजों का इंतज़ार है, जिसे पूरा होने में कुछ वक्त लग सकता है. ताज़ा जानकारी ये है कि भगवंत मान सरकार ने मामले में एक SIT का गठन कर दिया है, जिसमें तीनों आला अधिकारी महिला हैं. राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी घटना का संज्ञान ले लिया है, और पंजाब सरकार से सख्त कार्रवाई करने को कहा है. इस मामले में जो भी अपडेट्स होंगे, लल्लनटॉप आप तक जरूर लाएगा. 

वीडियो: चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी 'MMS कांड' मामले में कब क्या हुआ, जानिए