2 दिसंबर की तारीख, यूं तो ये दिसंबर महीने की कोई आम तारीख जान पड़ती है, पर अगर आप 80 के दशक में साउथ अमेरिका के देश कोलंबिया में होते, और आप अपने देश से प्यार करते तो ये दिन आपके लिए किसी त्योहार से कम नहीं होता. 2 दिसंबर 1993 को कोलंबिया के कुख्यात ड्रग तस्कर पाब्लो एस्कोबार (Pablo Escobar) को कोलंबियन पुलिस ने एक एनकाउंटर में मार गिराया था.
प्लेन में बम, राष्ट्रपति उम्मीदवार की हत्या, 5 स्टार जेल; कैसा था पाब्लो एस्कोबार का साम्राज्य?
Pablo Escobar ने एक सिद्धांत अपनाया. चांदी या सीसा. वो सभी को ऑप्शन देता, Choose Silver or Lead. Silver मतलब रिश्वत और Lead माने गोली.
कल्पना करिये की आप एक गरीब किसान परिवार में जन्मे हैं. आपके लिए जीवन का टारगेट है पैसे कमा कर अपना और अपने परिवार का पेट पालना. पर 35 साल की उम्र आने तक आपने इतना पैसा कमा लिया है कि आपको उन्हें बांधने के लिए हर हफ्ते 65 हज़ार रुपये के रबर बैंड खरीदने पड़ रहे हैं. सुनने में ये किसी फिल्म की स्क्रिप्ट जैसा लगता है. पर 80 के दशक में कोलंबिया में जन्मे पाब्लो एस्कोबार के जीवन को देखें तो ये 100 टका खरी सच्चाई है.
शुरुआती जीवनदक्षिणी अमरीकी महाद्वीप के उत्तर-पश्चिम में बसा एक देश है कोलंबिया. कोलंबिया के मेडेलिन शहर के पास एक क़स्बे में साल 1949 में एस्कोबार की पैदाइश हुई. पूरा नाम था पाब्लो एमिलियो एस्कोबार गाविरिया. पाब्लो सात भाई बहनों में तीसरे नंबर पर आता था. बचपन ग़रीबी में गुजरा. लेकिन पाब्लो का सपना था एक दिन पढ़-लिखकर देश का राष्ट्रपति बनना. राष्ट्रपति बनने का ये सपना उसे देश की संसद तक ले गया. लेकिन उस रास्ते नहीं जैसा उसने सोचा था. उसने वकालत की पढ़ाई की लेकिन पैसों की कमी के चलते बीच में ही कॉलेज छोड़ देना पड़ा.
पैसा ज़रूरत थी. इसलिए उसने कब्र से पत्थर चुराकर उन्हें बेचा, गांजे की सप्लाई की. फ़र्ज़ी लॉटरी टिकट बेचे और कारों की चोरी की. यहां से शुरुआत होती है पाब्लो के क्रिमिनल करियर की. 20-21 की उम्र में पाब्लो ने पहला बड़ा कारनामा किया. एक मालदार आदमी को अगवा कर उसने एक लाख डॉलर यानी लगभग 4 करोड़ रुपए की फिरौती हासिल की. ये 1970 का दशक था. और कोलंबिया में कोकीन का धंधा ज़ोर पकड़ने लगा था. पाब्लो ने कोकीन के धंधे में एंट्री की और जल्द ही एक बड़ा गैंग बना लिया.
साल 1976 में एक पुलिसवाले ने उसे 39 किलो कोकीन के साथ पकड़ा. लेकिन पाब्लो ने जज को रिश्वत देकर अपनी रिहाई ख़रीद ली. इसके बाद पाब्लो ने एक सिद्धांत अपनाया. -चांदी या सीसा. वो सभी को ऑप्शन देता, Choose Silver or Lead. Silver मान रिश्वत और Lead माने गोली. इस तरह उसने न सिर्फ़ पुलिस वालों और सरकारी नौकरों को अपने पाले में किया. बल्कि सरकार के कई मंत्रियों और सांसदों को भी ख़रीद लिया.
साल 1978 आते-आते पाब्लो का एक बड़ा गैंग तैयार हो चुका था. उसके गैंग का नाम 'मेडिलिन कार्टल' था. पाब्लो पहले गांजे की तस्करी किया करता था. पर पेरू से भागे एक ड्रग तस्कर ने उसे कोकीन के कारोबार में शामिल किया. जल्द ही पाब्लो को समझ में आया कि 1 किलोग्राम गांजे की कीमत थोड़ी सी कोकीन के बराबर है. फिर उसने बिना किसी देरी के कोकीन के धंधे में एंट्री मार दी.
अब जब पाब्लो का कार्टल तैयार हो गया तो उसने सबसे पहले अमेरिका में ड्रग्स भेजने का फैसला किया. उसने अमेरिकंस को कोकीन की ऐसी लत लगाई कि अमेरिकी सरकार का ध्यान इस पर गया. शुरुआत में वो पेरू से आलू से भरे ट्रकों में कोकीन का पेस्ट छुपाकर लाता था. पहले ट्रक में आलू के नीचे. पर जब माल ज़्यादा आने लगा तो उसने ट्रक के टायरों में कोकीन स्मगल करना शुरु किया. पर अमेरिका में इस तरीके से ड्रग्स भेजना आसान नहीं था. अमेरिका में सख़्ती अधिक थी.
लिहाजा पाब्लो ने हवाई जहाज़ का इस्तेमाल करना शुरु किया. इस काम में उसका साथ देता था उसका एक खास पायलट 'लायन'. कहते हैं कि पाब्लो हर उड़ान के लिए पायलट को करीब 5 लाख डॉलर देता था. पर जब सप्लाई बहुत ज़्यादा बढ़ गई तो प्लेन का तरीका भी काम नहीं आया. इसलिए पाब्लो ने कपड़ों का धंधा शुरु किया. पाब्लो के आदमी कोकीन को पानी में घोलकर उस पानी में जींस डुबा देते. फिर इन जींस को सुखाकर एक बक्से में बंद कर अमेरिका भेज दिया जाता. अमेरिका में एक आदमी इन जींस को एक विशेष लिक्विड में डालता जिससे कोकीन जींस से निकलकर पानी में घुल जाता, और फिर उस कोकीन को उस लिक्विड में से अलग कर लिया जाता. ये तरीक़ा लंबे समय तक चला लेकिन फिर अमेरिकी अधिकारियों को इसकी भनक लग गई. तब पाब्लो के आदमियों ने एक दूसरा तरीक़ा ईजाद किया. जिन डिब्बों में जींस भेजी जाती थी, उन्हें कोकीन के पानी में डुबाया जाने लगा. अधिकारी जींस निकालकर उसमें कोकीन ढूंढने की कोशिश करते लेकिन डिब्बे फेंक देते. इसके बाद पाब्लो के आदमी उन डिब्बों को कूड़े से इकट्ठा करते और उनमें से उसी तरह कोकीन निकाल लेते. जैसे जींस से निकालते थे.
अकूत पैसाकोकीन एक ऐसा नशा है जिसकी लत अगर किसी को लग जाए तो वो हर हाल में उसे दोबारा पाना चाहता है. पाब्लो ने ऐसा ही किया. पहले उसने अमेरिकियों को कोकीन की लत लगाई. इसके कुछ ही सालों में अमेरिकंस हर साल सैकड़ों टन कोकीन का इस्तेमाल करने लगे. और इस काली कमाई से बरसने लगा अकूत पैसा. पाब्लो और उसका भाई गुस्तावो इतना पैसा कमा रहे थे कि उसे छुपाना मुश्किल हो रहा था. आधिकारिक तौर पर पाब्लो की एक बहुत ही सफल टैक्सी कंपनी थी. हैरानी की बात ये है कि उसके पास सिर्फ तीन टैक्सियां थीं जिनसे हर हफ्ते कई मिलियन डॉलर की कमाई होती है. पर सवाल सिर्फ इतने पैसों का नहीं था. पाब्लो इससे कहीं अधिक पैसे कमा रहा था.
ये पैसा वो सिर्फ़ अपने लिए नहीं कमाता था. उसके शहर मेडेलिन के लोग उसे रॉबिन हुड मानते थे. इस शहर के विकास में उसने जमकर खर्च किया. रोड बनाई, हॉस्पिटल बनाए, बिजली के खम्बे लगाए और फ़ुटबाल के बड़े बड़े मैदान बनाए. इतने खर्चे के बाद भी उसका कार्टल इतना पैसा कमा रहा था, कि उसे खर्च करना असंभव था. इस पैसे को दूसरे देशों में रखने के लिए भेजा गया. तहख़ानों में छुपाया गया. लेकिन फिर भी कैश ख़त्म ना हुआ. इस समस्या से निजात पाने के लिए पाब्लो ने मेडेलिन के अलग अलग इलाक़ों में घर खरीदे और उनकी दीवारों को तोड़कर उनमें पैसा छुपा दिया. कई बार तो ज़मीन में गड्ढे खोदकर उनमें नोट छिपाए ग़ए. ये इतना सारा पैसा था कि उसकी मौत के 30 साल बाद भी ये पैसा जहां-तहां निकलता रहता है.
साल 2020 में पाब्लो के भतीजे निकोलस को उसके एक पुराने घर से 18 मिलियन डॉलर यानी 148 करोड़ रुपए मिले थे. एक अनुमान के अनुसार एस्कोबार की कुल सम्पत्ति 30 बिलियन डॉलर यानी लगभग ढाई लाख करोड़ रुपए थी. उसके भाई रॉबर्टो के अनुसार उनके पास इतना कैश होता था कि हर साल लगभग 2 बिलियन डॉलर यानी लगभग 16 हज़ार करोड़ रुपए के नोट चूहे कुतर जाते थे. सुनने में ये वाकई किसी फिल्म की स्क्रिप्ट जैसा लगता है. पर इस अकूत काली कमाई की पुष्टि की दुनिया की जानी-मानी मैगज़ीन फोर्ब्स (Forbes) ने. 1989 में फोर्ब्स ने पाब्लो को दुनिया का सातवां सबसे अमीर व्यक्ति बताया. फोर्ब्स के अनुसार उस समय पाब्लो के पास 25 बिलियन डॉलर की संपत्ति थी. आज के हिसाब से देखें तो करीब 50 बिलियन डॉलर. लगातार सात बार फोर्ब्स ने पाब्लो को इस लिस्ट में जगह दी.
अपने पैसे के बल पर पाब्लो एस्कोबार ने इतनी ताक़त इकट्ठा कर ली थी कि कोलंबिया में कोई उसे हाथ तक नहीं लगा सकता था. लेकिन फिर 1979 में हुई एक संधि से उसके सिर पर ख़तरा मंडराने लगा. ये संधि अमेरिका और कोलंबिया की सरकार के बीच हुई थी. जिसके तहत कोलंबिया के ड्रग माफिया को गिरफ़्तार कर अमेरिका को सौंपा जा सकता था. ये संधि एस्कोबार और बाक़ी ड्रग कार्टेल्स के लिए ख़तरा थी. इसलिए 1979 से 1982 के बीच इस संधि को लागू होने से रोकने के लिए पाब्लो ने पूरा ज़ोर लगा दिया.
सुप्रीम कोर्ट पर हमलापाब्लो के पास एक समय में 800 से ज़्यादा मकान थे. इन बंगलों के आसपास उसके दर्जनों हत्यारे तैनात रहते थे जो उसके लिए मरने-मारने को तैयार रहते थे. एक बार कोलंबियन नेशनल पुलिस ने उसके 'हैसिएंडा नैपोलिस' नाम के बंगले पर छापा मारा. पर हमेशा की तरह पाब्लो को किसी ने खबर कर दी और वो समय रहते भाग निकला. पर जल्दी-जल्दी में उसने एक बड़ी ही ज़रूरी चीज़ वहीं छोड़ दी. वो था उसके मुख्य अकाउंटेंट का पता. पुलिस उसके अकाउंटेंट तक पहुंची और वहां से पाब्लो की कमाई के कई सारे राज सामने आए.
कई हज़ार पन्नों ये सारे सबूत कोलंबिया की सुप्रीम कोर्ट में रखे हुए थे. लिहाजा पाब्लो ने वो कदम उठाया जिसके बारे में सोचना भी मुश्किल था. उसने एक कम्युनिस्ट गुरिल्ला संगठन M-19 से हाथ मिला लिया. M-19 को पाब्लो ने खूब पैसे दिए और उन्होंने कोलंबिया की सुप्रीम कोर्ट पर हमला कर दिया. कई लोग मारे गए. और साथ ही पाब्लो के खिलाफ सारे सबूत नष्ट हो गए. पर ये पाब्लो के आतंक की महज़ एक शुरुआत थी.
हत्याओं का दौरपाब्लो बचपन से कोलंबिया का राष्ट्रपति बनना चाहता था. वो सांसद भी बना पर उसकी राह में सबसे पहला रोड़ा बने कोलंबिया के जस्टिस मिनिस्टर रोड्रिगो लारा. लारा ने ड्रग तस्करों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा था. उन्होंने संसद में कुछ कड़े कदम उठाये जिससे पाब्लो का गुस्सा बढ़ता गया और उसने अपने गुंडे भेजकर लारा की 30 अप्रैल 1984 को गोली मारकर हत्या करवा दी. पर ये महज़ शुरुआत थी. पाब्लो ने इसके बाद हर उस नेता, जज और पुलिसवाले को मरवाना शुरु किया जिससे उसे खतरा हो सकता था. पाब्लो ने अपनी पूरी जिंदगी में 800 से अधिक पुलिसवालों को मरवाया. जिसमें उसे पकड़ने वाली टीम 'सर्च ब्लॉक' के हेड कर्नल होरासियो कैरियो भी शामिल थे.
पर पाब्लो यहीं नहीं रुका. उसने अगली हत्या उस व्यक्ति की करवाई जो भविष्य में उसके लिए सबसे बड़ा खतरा बन सकते थे. नाम, लुइस कार्लोस गलान. गलान एक ईमानदार और देशभक्त नेता थे. उन्हें ड्रग्स वर खून-खराबे द्वारा बर्बाद हो रहे अपने देश की फ़िक्र थी. साथ ही गलान अमेरिका से हुई प्रत्यर्पण संधि के भी पक्षधर थे. और पाब्लो अगर किसी चीज़ से डरता था तो वो थी अमेरिकन जेल. लिहाजा पाब्लो ने अपने दूसरे साथियों के साथ मिलकर 20 जुलाई 1989 को गलान की हत्या करवा दी.
फ्लाइट में बम ब्लास्टगलान की हत्या ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया. लगा जैसे कि अब कोई भी पाब्लो के खिलाफ खड़े होने की हिम्मत नहीं करेगा. पर गलान के बाद उनके काम को आगे बढ़ाने की ज़िम्मेदारी संभाली उनके विश्वासपात्र सीज़र गाविरिया ने. लिहाजा वो भी पाब्लो के निशाने पर थे.
27 नवंबर 1989 को चुनाव प्रचार के लिए सीज़र गाविरिया को Avianca Airlines की फ्लाइट 203 से बोगोटा से कैली जाना था. पाब्लो ने इसी फ्लाइट के दौरान उन्हें मारने का प्लान बनाया. पाब्लो ने इसके लिए एक फ़िदायीन हमलावर को भेजा. पर किसी कारण से उस दिन सीज़र गाविरिया उस फ्लाइट में नहीं बैठे. जब फ्लाइट 203 सोआचा के ऊपर थी, उसी दौरान उसमें एक बम फटा और फ्लाइट के चीथड़े उड़ गए. प्लेन में सवार सभी 107 लोग मारे गए.
खुद की जेलसीज़र गाविरिया चुनाव तो जीत गए पर देश में हिंसा बढ़ती ही जा रही थी. लिहाजा उन्होंने पाब्लो से एक सौदा किया. सौदा ये कि पाब्लो जेल जाएगा. पर कोलंबिया की जेल नहीं बल्कि खुद की बनाई हुई एक जेल में. इस जेल को नाम दिया गया 'ला कैथिड्रल'. इस जेल में ऐशो आराम का हर बंदोबस्त था. साथ ही ये शर्त थी कि जेल के 3 मील के दायरे में कोई पुलिस वाला नहीं आ सकेगा. कोलंबिया में होने वाली मौतों का सिलसिला रुक नहीं रहा था. सरकार परेशान थी. एस्कोबार की हिमाक़त यहां तक बढ़ चुकी थी कि एक बार अपनी ही जेल में पुलिस वालों के सामने उसने दो लोगों की हत्या कर दी.
पाब्लो पर कोई रोक न लगती देख, कोलंबिया की सरकार ने अंततः अमेरिकी सरकार से मदद मांगी. एक स्पेशल फ़ोर्स पाब्लो को पकड़ने आई. पुलिस पाब्लो को पकड़ने के लिए उसकी जेल में दाखिल हुई लेकिन एक सीक्रेट सुरंग के रास्ते पाब्लो भाग निकला और अगले डेढ़ साल तक यहां वहां छिपता रहा. फिर आई 1 दिसंबर 1993 की तारीख़. उस रोज़ पाब्लो का जन्मदिन था. लेकिन जन्मदिन मनाने के लिए उसके साथ कोई नहीं था. लम्बे समय से वो अपने परिवार से नहीं मिला था. उसे डर था विरोधी गैंग के लोग उसके परिवार को मार देंगे. इसलिए उसने उनकी जर्मनी जाने की व्यवस्था की. लेकिन जर्मन सरकार ने उसकी पत्नी और बच्चों को वापस लौटा दिया. इस घटना से मायूस होकर उस रोज़ पाब्लो ने अपने बेटे को फ़ोन किया ताकि उनकी ख़ैर खबर ले सके. पुलिस उनका फ़ोन टैप कर रही थी. इस कॉल से उन्होंने पाब्लो की लोकेशन का पता लगा लिया और उसके ठिकाने तक पहुंच गई. पाब्लो ने कमरे से निकालकर छत के रास्ते भागने की कोशिश की. उसने पुलिस पर गोली भी चलाई लेकिन वापसी फ़ायरिंग में वो मारा गया.
कहानियां यहां तक भी चलती हैं कि उस दिन पाब्लो ने खुद को घिरा हुआ देख पुलिस से पहले ही खुद को गोली मार ली. वो पुलिस की गोली से नहीं मरना चाहता था. पर सच चाहे जो भी हो, सालों तक कोलंबिया और दुनिया को कोकीन नाम का जहर बेचने वाले का अंत हो ही गया.उसकी अंतिम यात्रा में हज़ारों लोग शामिल हुए. उसके शहर मेडिलीन के लोग उसे भगवान की तरह पूजते थे. पर वो कहते हैं न कि ‘किसी का मसीहा, किसी का शैतान होता है.’
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