मौत, हमारे समाज में एक टैबू सब्जेक्ट है. लेकिन सिर्फ तब, जब तक ये शय किसी मशहूर नाम के साथ न जुड़ जाए. जेकब नीडलमैन नाम एक एक अमेरिकी दार्शनिक हुए. उनका कथन है, डेथ इज अ ग्रेट इक्वलाइज़र. यानी मृत्यु सबको बराबरी पर पहुंचा देती है. हालांकि कॉमन सेन्स की बात है. पर देखिए न. हमें भी ये कहने के लिए जेकब नीडलमैन का सहारा लेना पड़ा.
सुनंदा पुष्कर की मौत का रहस्य क्यों नहीं सुलझा!
17 जनवरी 2014 को सुनंदा पुष्कर होटल के कमरे में संदिग्ध परिस्थिति में मृत पाई गई थीं.
हालिया समय में चाहे अभिनेता सुशांत की मौत हो, श्रीदेवी की. मौत को हर बार तमाशा बनाया गया. आप कहेंगे इसमें टीवी के कसूर है. शायद कुछ हद तक इंटरनेट का भी. हालांकि 90 के दशक में जब अभिनेत्री दिव्या भारती की एक हादसे में मौत हुई, तब भी पत्रिकाओं अखबारों में लोग चुटकियां लेकर इस मौत से जुड़ी कॉन्सपिरेसी थ्योरीज़ डिस्कस करते थे. तब इंटरनेट न था. चाय की टपरी ही इंटरनेट थी. फिर 2000 के आसपास इंटरनेट आया. 2005 में अभिनेत्री परवीन बाबी की मौत की खबर आई. तब भी लेकिन ट्विटर और फेसबुक जैसे ठिकाने उपलब्ध न थे कि गॉसिप चलाई जाएं.
2014 में इस कड़ी में एक और नाम जुड़ा- सुनंदा पुष्कर (Sunanda Pushkar). 17 जनवरी 2014 को सुनंदा एक होटल के कमरे में मृत पाई गई. हालांकि सुनंदा अपने आप में एक सफल कारोबारी थीं. लेकिन कांग्रेस नेता शशि थरूर से उनका रिश्ता इसे एक हाई प्रोफ़ाइल केस बना गया (Sunanda Pushkar Death). साल 2023 में इस केस को 9 साल बीत चुके हैं. सोचा हमने कि एक बार दुबारा इस पूरे केस पर नजर डाली जाए. ताकि सिलसिलेवार ढंग से जाने कि इस केस में हुआ क्या था?
चूंकि सुनंदा महज एक गॉसिप नहीं बल्कि एक मुकम्मल इंसान थीं. इसलिए पहले एक नजर उनकी हस्ती पर डाल लेते हैं. साल 1962 में सुनंदा की पैदाइश कश्मीरी पंडितों के परिवार में हुई. लेफ्टिनेंट कर्नल पुष्कर नाथ दास और जया दास की वो इकलौती बेटी थीं. 1990 में कश्मीर में हुई हिंसा में उनके घर को जला दिया गया, जिसके बाद सुनंदा और उनका परिवार जम्मू में रहने लगा. सुनंदा की पहली शादी उनके परिवार की मर्जी के खिलाफ थी. होटल मैनेजमेंट करते हुए उनकी मुलाक़ात संजय रैना से हुई, और दोनों ने शादी कर ली. हालांकि ये शादी मुश्किलों से भरी थी. और जल्द ही सुनंदा को इस रिश्ते में घुटन होने लगी.
1991 में उन्होंने ये रिश्ता तोड़ते हुए सुजीत मेनन नाम के एक मलयाली बिजनेसमैन से शादी कर ली. इस शादी से उन्हें एक बेटा हुआ. मार्च 1997 में सुजीत की एक कार एक्सीडेंट में मौत हो गई. सुजीत की मौत को भी डिप्रेशन और आत्महत्या से जोड़कर देखा गया. हालांकि सुनंदा ने ऐसी किसी बात से इंकार करते हुए सिर्फ इतना कहा कि सुजीत आर्थिक समस्या से गुजर रहे थे.
सुजीत की मौत के बाद सुनंदा का पूरा ध्यान अपने बेटे शिव पुष्कर मेनन की तरफ था. पिता की मौत के बाद शिव को बोलने में कुछ दिक्कतें आनी लगी. इसलिए सुनंदा उसे अच्छी मेडिकल सुविधाएं देने के लिए कनाडा चली गई. 2011 में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि वो अपने बेटे को एक्टिंग की दुनिया में लाना चाहती थीं. इसलिए उन्होंने शिव का दाखिला अनुपम खेर एक्टिंग स्कूल में करवाया.
इन सालों में सिंगल मदर रहते हुए उन्होंने अपना बिजनेस भी एस्टब्लिश किया. श्रीनगर के एक होटल में फ्रंट डेस्क रिसेप्शनिस्ट से शुरुआत करते हुए उन्होंने दुबई का रुख किया. और वहां एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी की शुरुआत की. उन्होंने फैशन शो आर्गेनाईज करना शुरू किया. और इस दौरान उन्होंने ऐश्वर्या राय के साथ भी काम किया. ऐश्वर्या तब मॉडलिंग में अपना हाथ आजमा रही थीं. पति की मृत्यु के बाद उन्होंने कनाडा में नौकरी की. और फिर दुबई में ज्वेलरी का काम शुरू किया. इस दौरान उन्होंने न सिर्फ अपने पति का जमा हुआ क़र्ज़ चुकाया बल्कि अपने पिता और भाई को भी सपोर्ट किया.
जिन्हें '50 करोड़ की गर्लफ्रेंड' कहा गयाधीरे-धीरे अपना बिजनेस बढ़ाते हुए उन्होंने दुबई में काफी सारे प्रॉपर्टीज अपने नाम की. ऐसी डिटेल किसी मर्द के नाम से जुड़े तो उसे एक सक्सेसफुल बिजनेसमैन कहा जाता है. लेकिन सुनंदा के केस में ये सब बातें स्कैंडल की तरह बताई गईं. सुनंदा का नाम साल 2010 में पहली बार मीडिया में आया. मामला IPL से जुड़ा था. रॉनडेवू स्पोर्ट्स वर्ल्ड नाम की एक कंपनी थी. जिसमें सुनंदा को 70 करोड़ की स्वेट इक्विटी मिली थी. स्वेट इक्विटी का मतलब कंपनी का वो हिस्सा जो आपको अपनी मेहनत की एवज में मिलता है.
साल 2010 में रॉनडेवू स्पोर्ट्स वर्ल्ड ने कोच्ची टस्कर्स केरला नाम की एक IPL फ्रैंचाइज़ी खरीदी. अब इसमें पेंच ये था कि सुनंदा को इस कंपनी का डायरेक्टर IPL की बोली से सिर्फ 18 दिन पहले बनाया गया था. इसलिए सुनंदा पर अनियमिताओं के आरोप लगे. हालांकि ये आरोप सुंनदा के साथ साथ शशि थरूर पर भी लगे. सुनंदा इस समय कांग्रेस सांसद और विदेश राज्य मंत्री हुआ करते थे. इसलिए उन पर अपने पद के अनैतिक उपयोग का आरोप लगा.
इस मामले में तब गुजरात के मुख्यमंत्री और साल 2023 में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक बयान काफी विवादित हुआ था. 29 अक्टूबर 2012 को एक चुनावी रैली संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “इस देश में कभी किसी ने 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड देखी है?”. मोदी का इशारा सुनंदा की तरफ था. इस केस में थरूर को अपने पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था.
सुनंदा और थरूर की की पहली मुलाक़ात कुछ साल पहले दुबई में हुई थी. उस वक्त थरूर शादी शुदा थे. लेकिन इस मुलाकात के बाद जल्द ही थरूर ने अपने पुराने रिश्ते को चार विराम दे दिया. थरूर और सुनंदा साथ दिखाई देने लगे. और 2010 में दोनों ने शादी कर ली. हालांकि सुनंदा के लिए दुबई से दिल्ली का ये सफर आसान नहीं था. वरिष्ठ पत्रकार कावेरी बामजई लिखती है ”दिल्ली हर चीज माफ़ कर सकती है, लेकिन शख्सियत से भरी एक राजनेता की पत्नी को कभी माफ़ नहीं कर सकती”.
यही सुनंदा के साथ भी हुआ. सुनंदा खुद एक काबिल महिला थी और उनके अपने शब्दों में “उन्हें किसी काम के लिए कभी किसी आदमी से मदद लेने की जरुरत महसूस नहीं हुई थी”. लेकिन दिल्ली आते ही वो एक हाई प्रोफाइल नेता की पत्नी हो गई. जिसके चलते उनके हर कदम पर मीडिया नजर बनाए रखती.
पाकिस्तानी पत्रकार से ट्विटर झड़पअब देखिए साल 2014 में क्या हुआ. 31 दिसंबर 2013 की रात. सुनंदा गोवा में एक न्यू ईयर की पार्टी में मौजूद थीं. इस दौरान उन्होंने अपनी दोस्त से कहा. “मेरे पास सिर्फ दो साल जिंदगी के बचे हैं. मुझे सब काम तेज़ी से करना होगा”. ठीक 17 दिन बाद ये बात लगभग भविष्यवाणी साबित हो गई. 17 जनवरी की शाम सुनंदा दिल्ली के लीला पैलेस होटल के कमरा नंबर 345 में मृत पाई गई. हालांकि इससे दो दिन पहले से सुनंदा का नाम ख़बरों में छाया हुआ था. क्यों?
15 जनवरी के रोज़ शशि थरूर के ट्विटर ट्विटर अकाउंट से कुछ स्क्रीनशॉट्स पोस्ट हुए. इन स्क्रीनशॉट्स में थरूर और पाकिस्तान की जर्नलिस्ट मेहर तरार के बीच कुछ मेसेज थे. मेसेजेज़ 'पर्सनल' थे और उसमें मेहर ने ये लिखा था कि वो शशि से प्यार करती हैं. शशि थरूर ने थोड़ी ही देर में कहा कि उनका ट्विटर अकाउंट हैक हो गया था और इसके बाद उनका अकाउंट डी-एक्टिवेट हो गया. मेहर तरार ने 2013 में शशि थरूर का इंटरव्यू किया था. और अपने एक आर्टिकल में शशि थरूर की तुलना शाहरुख़ खान से की थी.
2014 में असित जॉली और भावना विज-अरोड़ा ने इण्डिया टुडे में सुनंदा पर एक रिपोर्ट लिखी थी. रिपोर्ट के अनुसार सुनंदा को थरूर और तरार की बढ़ती नजदीकियों का पता था और उन्होंने अपनी एक दोस्त से इसका जिक्र भी किया था. हालांकि सुनंदा के कहने पर थरूर ने मेहर तरार से बातचीत बंद भी कर दी थी. फिर 15 जनवरी 2014 को एक फ्लाइट के दौरान सुनंदा को पता चला कि थरूर अभी भी मेहर तरार से कांटेक्ट में हैं. उन्होंने अपनी एक दोस्त को बताया कि थरूर ने तरार का नंबर हरीश के नाम से सेव किया था. हालांकि कोई राजनेता अपनी निजी जिंदगी में क्या करता है. ये पूरी तरह उसकी निजिता का मसला है. लेकिन चूंकि इस केस में ये डिटेल्स महत्वपूर्ण है, इसलिए हम दर्ज़ कर रहे.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार शशि ने तरारा से अपने रिश्ते तोड़ लिए थे. लेकिन तरारा फिर भी उनको मेसेज किये जा रहे थे. इस चक्कर में दोनों पति पत्नी के बीच काफी बहस भी हुई. 16जनवरी को सुनंदा पुष्कर और मेहर तरार के बीच ट्विटर पर जम कर तू-तू मैं-मैं हुई. सुनंदा ने मेहर पर उनके पति को स्टॉक करने के आरोप लगाये और मेहर को ISI एजेंट तक कह डाला. मेहर ने कहा कि सुनंदा अपना मानसिक संतुलन खो चुकी हैं.
उसी रोज़ सुनंदा और शशि थरूर ने एक जॉइंट स्टेटमेंट रिलीज़ किया. जिसे थरूर के फेसबुक पेज पर शेयर किया. इस स्टेटमेंट में लिखा था कि दोनों पति पत्नी के बीच सब कुछ ठीक है. नोट में ये भी लिखा था कि सुनंदा की तबीयत ख़राब हैं. और वो आराम कर रही हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार सुनंदा को ल्यूपस एरिथिमाटोसस नाम की बीमारी थी.
केस कई बार पलटाइसके अगले रोज़ शाम को जब शशि थरूर होटल पहुंचे तो उन्होंने देखा कि सुनंदा सो रही हैं. उन्होंने सुनंदा को उठाने की कोशिश की. सुनंदा मर चुकी थीं. थरूर ने दिल्ली पुलिस को कॉल किया. पुलिस आई. सुनंदा के शव का पोस्टमार्टम किया गया. सुनंदा पुष्कर का पोस्टमार्टम एम्स में हुआ था. वहां के डॉक्टर्स ने बताया कि सुनंदा के शरीर पर 12 से ज़्यादा निशान थे. इसमें से एक उनके गाल पर था जो ये बताता था कि उनके चेहरे को तेज़ चोट पहुंची और साथ ही इंसानी दांतों से काटे जाने का एक निशान उनके बायें हाथ पर था. उनके शरीर में ऐसा कुछ भी नहीं मिला जिससे ये कहा जा सकता कि सुनंदा की मौत दवाइयों के ओवरडोज़ से हुई थी. उनके शरीर में 'एल्प्राज़ोलम' (एक एंटी-एन्ग्ज़ाइटी ड्रग) की नाममात्र मात्रा में मौजूदगी मिली थी. डॉक्टर्स ने ये भी कहा कि उनकी मौत गैर-प्राकृतिक और अचानक हुई.
सुनंदा के पोस्टमार्टम को जिन डॉक्टर्स के पैनल ने किया था, उसके लीडर का नाम था डॉक्टर सुधीर गुप्ता. सुधीर ने लिखित रूप में ये बताया कि उनपर 'मामले को सुलटाने' और झूठी रिपोर्ट तैयार करने का दबाव बनाया जा रहा है. इसके बाद सुधीर गुप्ता ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि सुनंदा की देह पर 15 निशान थे जिसमें एक भी उनकी मौत का ज़िम्मेदार नहीं हो सकता. 10 अक्टूबर 2014 को इस केस की जांच कर रही टीम ने निष्कर्ष दिया कि सुनंदा की मौत पॉइज़निंग से हुई है. हालांकि ये साफ नहीं था की ये ज़हर था कौन सा, किसने दिया या खुद लिया.
अब तक ये मामला राजनैतिक रंग भी ले चुका था. भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने बयान दिया कि इस केस में SIT के गठन के लिए वो एक जनहित याचिका दाल सकते हैं. स्वामी ने 2017 में PIL दायर की. हालांकि कोर्ट ने उसे ठुकरा दिया. इस बीच साल 2015 में इस मामले में बड़ा मोड़ आया, जब दिल्ली के तत्कालीन पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी ने कहा कि सुनंदा पुष्कर की हत्या हुई थी. दिल्ली पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज़ किया.
शशि थरूर पर केस दर्ज़अभी तक इस सवाल का जवाब नहीं मिला था कि सुनंदा की मौत किस ज़हर से हुई. कुछ रिपोर्ट्स में अंदेशा लगाया गया कि सुनंदा की मौत पोलोनियम नाम के ज़हर से हुई है. इस बात को पुख्ता करने के लिए विसरा के नमूने वाशिंगटन भेजे गए. FBI की लैब में विसरा की जांच हुई. लेकिन इस रिपोर्ट में भी कुछ पुख्ता सामने नहीं आया. 4 साल चली जांच के बाद मई 2018 में पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट जमा की. 3 हज़ार पन्ने की चार्जशीट में शशि थरूर पर अपनी पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने और क्रूरता बरतने का आरोप लगाया गया था. थरूर ऐसे किसी भी आरोप से इंकार करते रहे. 3 साल चले केस के बाद 18 अगस्त 2021 को थरूर को बाइज्जत बरी कर दिया गया. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पुलिस इस बात को साबित नहीं कर पाई कि ये आत्महत्या का मामला है. इस मौके पर शशि थरूर ने एक ट्वीट करते हुए लिखा,
“ये मेरे लिए एक दुःस्वप्न के ख़त्म होने जैसा है, मैंने “मैंने दर्जनों निराधार आरोपों और मीडिया की बदनामी का धैर्यपूर्वक सामना किया है, भारतीय न्यायपालिका में मेरे कायम विश्वास के चलते मैं ऐसा कर पाया, जो आज सही साबित हुआ है. हमारी न्याय प्रणाली में, अक्सर प्रक्रिया ही सजा बन जाती है”.
अब जानते हैं साल 2023 में ये केस कहां पहुंचा है. इस केस में आख़िरी खबर दिसंबर 2022 में आई थी. दिल्ली पुलिस ने स्पेशल कोर्ट के निर्णय के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल की है. मामला अभी भी कोर्ट में है. सुनंदा के ऊपर लिखी किताब, ‘द एक्स्ट्राआर्डिनरी लाइफ एंड डेथ ऑफ सुनंदा पुष्कर’ की लेखिका सुनंदा मेहता लिखती हैं कि ना ही सुनंदा के बेटे ने, न ही उनके परिवार ने कभी इस केस में थरूर के ऊपर कोई उंगली उठाई या शक किया. चूंकि क़ानून में गुंजाइश है कि हर केस सॉल्व होना जरूरी नहीं. लेकिन जैसा कि शुरुआत में हमने बताया था, इंटरनेट की अदालत को ये मंजूर नहीं. इसलिए सुनंदा और उनके जैसे तमाम केसों में कॉन्सपिरेसी थियोरी अमर है.
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