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जब तवायफें महेंदर मिसिर की जमानत की खातिर जीवन भर की कमाई न्योछावर करने पहुंच गईं

किस्से महेंदर मिसिर के.

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भोजपुरी साहित्य में गायकी की जब-जब चर्चा होती है, महेंदर मिसिर की पुरबी सामने खड़ी हो जाती है.
महेंदर मिसिर का जन्म बिहार के सारण के मिश्रवलिया में 16 मार्च 1886 को हुआ था. महेंदर बचपन से ही पहलवानी, घुड़सवारी, गीत, संगीत में तेज थे. उनको विरासत में संस्कृत का ज्ञान और आसपास के समाज में अभाव का जीवन मिला था, जिसमें वह अपने अंत समय तक भाव भरते रहे. इसीलिए उनकी रचनाओं में देशानुराग से लेकर भक्ति, श्रृंगार और वियोग के कई दृश्य मिलते हैं. भोजपुरी साहित्य में गायकी की जब-जब चर्चा होती है, महेंदर मिसिर की पुरबी सामने खड़ी हो जाती है.