1 मार्च 1982 को बिहार के सिवान में जन्मे डॉ. पाण्डेय के नाटक, रंगमंच और सिनेमा विषय पर नटरंग, सामयिक मीमांसा, संवेद, सबलोग, बनास जन, परिंदे, जनसत्ता, प्रभात खबर जैसे प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में तीन दर्जन से अधिक लेख/शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं. दिल्ली सरकार द्वारा ‘हिन्दी प्रतिभा सम्मान(2007)’ से सम्मानित डॉ. पाण्डेय दिल्ली सरकार के मैथिली-भोजपुरी अकादमी के कार्यकारिणी सदस्य रहे हैं. उनकी हिंदी प्रदेशों के लोकनाट्य रूपों और भोजपुरी साहित्य-संस्कृति में विशेष दिलचस्पी है. वे वर्तमान में सत्यवती कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय) के हिंदी-विभाग में सहायक प्रोफेसर हैं. यह लेख मुन्ना के. पाण्डेय ने हबीब तनवीर की पुण्यतिथि के मौके पर लिखा था. आज उनके जन्मदिन पर दी लल्लनटॉप इसे फिर पाठकों के लिए लेकर आया है.
'पीपली लाइव' को दार्शनिक ऊंचाई देने वाले 'चोला माटी के हे राम' गाने का हबीब तनवीर से क्या कनेक्शन है?
हबीब तनवीर: एक रंगऋषि एक रंगधुनि!

बहादुर कलारिन, हबीब तनवीर की बेहद प्रसिद्द रचना है. (तस्वीर: आउटलुक)