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Sonic Weapon: बिना गोली वाले इस हथियार से निकली आवाज मौत मांगने पर मजबूर कर देती है

सबसे पहले ऐसे हथियार की कल्पना नाज़ी जर्मनी में की गई थी. हिटलर के चीफ आर्किटेक्ट अल्बर्ट स्पीयर ने इस दिशा में रिसर्च शुरू किया था. मकसद एक ऐसी तोप बनाना था जो ध्वनि की तरंगों का इस्तेमाल कर चीजों को नष्ट कर सके.

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सॉनिक वेपन से सुनने की शक्ति कम हो जाती है (Image: Imago/ZUMA Press)

सर्बिया में हजारों लोग राजधानी बेलग्रेड (Protests in Serbia) की सड़कों पर हैं. ये लोग अमेरिकी प्रेसिडेंट डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) के दामाद जैरेड कुशनर (Jared Kushner) के एक रियल-एस्टेट प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं. इसी प्रोटेस्ट के दौरान एक खबर आई कि सर्बिया की पुलिस भीड़ को तितर-बितर करने के लिए एक प्रतिबंधित हथियार 'सॉनिक वेपन' (Sonic Weapon) का इस्तेमाल कर रही है. हालांकि सर्बिया के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर वुसिक (Aleksandar Vucic) ने ऐसे किसी हथियार के इस्तेमाल से इनकार किया है.

सॉनिक हथियार

'सॉनिक' का शाब्दिक मतलब होता है ध्वनि से संबंधित. किसी भी हथियार का मूल काम होता है नुकसान पहुंचाना. इन हथियारों में नुकसान पहुंचाने के लिए ध्वनि की तरंगों (Sound Waves) का इस्तेमाल किया जाता है. ये तरंगें या तो बहुत तेज आवाज करती हैं, या बिल्कुल सुनाई नहीं देतीं. इनसे इंसान की सुनने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है. इस हथियार को इस्तेमाल करने के लिए साउंड एम्पलीफायर नाम के एक डिवाइस से जोड़ा जाता है. साथ जुड़ने पर ये इतनी तेज आवाज छोड़ता है जिसे हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. और न सिर्फ इंसानों को बल्कि हवा में उड़ रहे ड्रोन्स, मशीनें, कंट्रोल सिस्टम्स और कभी-कभी कम ऊंचाई पर उड़ रहे विमानों को टारगेट करने के लिए भी सॉनिक हथियार का इस्तेमाल किया जाता है.

कुछ समय पहले 'असुर' नामक एक क्राइम थ्रिलर वेबसीरीज़ आई थी. इसके दूसरे सीजन में किलर लोगों को मारने के लिए साउंड का इस्तेमाल करता है. इसे साइंस की भाषा में सॉनिक बूम कहा जाता है. असुर में इसी को ‘सॉनिक बम’ कह दिया गया है. 

ये भी जिक्र मिलता है कि सबसे पहले ऐसे हथियार की कल्पना नाज़ी जर्मनी में की गई थी. हिटलर के चीफ आर्किटेक्ट अल्बर्ट स्पीयर ने इस दिशा में रिसर्च शुरू किया था. मकसद एक ऐसी तोप बनाना था जो ध्वनि की तरंगों का इस्तेमाल कर चीजों को नष्ट कर सके. हालांकि इसके प्रोजेक्ट का कोई पुख्ता सबूत नहीं है कि स्पीयर ये हथियार बना रहा था. 

sonic weapon in serbia
सर्बियाई आंतरिक मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराई गई इस तस्वीर में, सर्बियाई जेंडरमेरी अधिकारी 19 मार्च को बेलग्रेड, सर्बिया में अमेरिकी निर्मित लॉन्ग रेंज एकॉस्टिक डिवाइस (LRAD) दिखाते हुए दिखाई दे रहे हैं, ये सर्बिया और कई अन्य देशों में अवैध है. (Serbian Interior Ministry/AP)
काम कैसे करता है?

इस तरह की हथियारों में एक खास तरह के उपकरण का इस्तेमाल होता है जिन्हें ट्रांसड्यूसर्स (Transducers) कहते हैं. ये उपकरण ऊर्जा को एक रूप से दूसरे रूप में बदलने का काम करते हैं. एक सॉनिक वेपन में ऐसे सैकड़ों ट्रांसड्यूसर्स लगे होते हैं. इसकी मदद से हथियार से एक साथ बहुत ज्यादा साउंड एनर्जी निकलती है. इसे चलाने वाले लोगों के पास इसकी क्षमता कम करने और बढ़ाने का ऑप्शन होता है. 

सॉनिक हथियारों को इस्तेमाल करने के कई तरीके हैं. ये इस पर निर्भर करता है कि हथियार को किस इलाके में, किस तरह के काम के लिए इस्तेमाल किया जाना है. आमतौर पर ये हथियार तीन तरह के होते हैं.

  • Long-range Acoustic Device को शॉर्ट में LRAD कहा जाता है. इस डिवाइस को अमेरिकन कंपनी Genasys ने बनाया था. इस वेपन री रेंज 8900 मीटर है. इससे एक निश्चित दिशा में ध्वनि की तरंगों को छोड़ा जाता है. ये आवाज 160 डेसिबल (160Db) तक होती है. आमतौर पर जेट इंजन की आवाज 130-140 डेसिबल होती है. बंदूक से गोली चलने पर करीब 150 डेसिबल की आवाज निकलती है. इंसान के कान को 120Db से ऊपर की आवाज नुकसान पहुंचाती है. ऐसे में इस हथियार से निकलने वाली तरंगें काफी दूर तक लोगों को बहरा बना सकती हैं.
  • Mosquito: जैसा की इसके नाम से जाहिर है, इसमें मच्छर के कांसेप्ट का इस्तेमाल किया है. इस डिवाइस में बहुत ही 'हाई पिच' साउंड का इस्तेमाल किया जाता है. हम ये जानते हैं कि किसी भी तरह के कंपन (Vibration) से आवाज पैदा होती है. पिच को ऐसे समझिए कि जब कंपन बहुत ज्यादा तेज हो, तब तरंगें इतनी तेजी से निकलती हैं कि वो सुनाई नहीं देतीं. मच्छर जब अपने पंख फड़फड़ाता है तो उससे आवाज निकलती है जिसकी पिच ज्यादा है, पर सुनाई वो पास आने पर ही देती है. Mosquito डिवाइस का असर अधिकतर कम उम्र के लोगों पर होता है. क्योंकि 30 साल की उम्र के बाद इंसान की क्षमता कम होनी शुरू हो जाती है. ऐसे में ये वेपन कम उम्र के लोगों को काबू करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. लोगों को इसकी वजह से कान और सिर में दर्द, चक्कर आना जैसी दिक्कत होने लगती है.
  • Infrasonic: इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट कहती है कि सॉनिक वेपंस की कड़ी में ये सबसे नई तकनीक है. इसमें लोगों पर बहुत ही कम फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल किया जाता है. आवाज तो सुनाई नहीं देती पर इससे कान, सिर आदि में दर्द और तालमेल की कमी जैसी समस्या आती है.
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न्यू यॉर्क सिटी में प्रोटेस्ट कर रहे लोगों पर सॉनिक वेपन ताने खड़ा पुलिसकर्मी, तस्वीर नवंबर 2022 की है. (PHOTO-Wikipedia)
स्वास्थ्य पर असर

इस तरह के हथियार इंसानी शरीर को भारी नुकसान पहुंचाते हैं. खासकर इंसान के सुनने की शक्ति पर. ये इस पर निर्भर करता है कि व्यक्ति कितनी देर तक उस हथियार की रेंज में था, हथियार से उसकी दूरी कितनी थी. LRAD हथियार की वजह से कई दिनों तक कानों में घंटियां बजने जैसी आवाज सुनाई देती है. साथ ही सिरदर्द, वर्टिगो, पसीना आना या मिचली आना जैसी समस्या भी हो सकती है.

बेलग्रेड, सर्बिया में 15 मार्च, 2025 को कथित तौर पर इसके इस्तेमाल की बात सामने आई थी. प्रदर्शन में मौजूद एक चश्मदीद Ivana Ilic Sunderic ने समाचार एजेंसी NPR को बताया,

“वहां शांति और सुकून था और फिर हमने कुछ ऐसा सुना जो हम नहीं देख पाए. लगा जैसे कोई आवाज हमारी ओर आ रही हो, एक सनसनाहट सी महसूस हो रही थी. लोग फुटपाथ की ओर भागने लगे. उन्हें लगा कि सड़क पर कुछ हमारी ओर बढ़ रहा है.”

सर्बिया की राजधानी में ऐसे कई लोग हैं जो इस तरह के नए हमले की बात बता रहे हैं. लेकिन सर्बिया की सरकार लगातार इसे नकार रही है. इसकी एक वजह ये है कि सर्बिया में इन हथियारों के इस्तेमाल पर रोक है.

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