smitha george kerala missing story husband sabu dubai uae
दुबई के मुर्दाघर में लाश, केरल में DNA सैंपल, खत में जालसाजी... 20 साल से गायब स्मिता का केस अब तक नहीं सुलझा
Smitha George Story: साल 2005 में स्मिता अपने पति के पास रहने गई थीं. फिर कथित तौर पर स्मिता का लिखा एक खत सामने आया. जिसमें लिखा था कि वो अपने प्रेमी के पास रहने जा रही हैं. कुछ समय बाद एक लाश मिली. स्मिता के पति पर आरोप लगे. कहानी में देवयानी की भी एंट्री हुई. मामला उलझता गया और साथ ही टूटती गईं स्मिता के परिवार की उम्मीदें.
"डियर साबू, कभी-कभी, मैं चाहती हूं कि मेरे पास पंख हों. और, मैं बस आ सकूं, तुम्हें देख सकूं. जब मुझे तुम्हें देखने का मन होता है, जब मुझे तुम्हारी याद आती है तो मैं हमारी शादी की तस्वीरें देखती हूं. और मुझे ऐसा लगता है जैसे तुम मेरे आसपास ही हो. जब मैं रोज़ चर्च में प्रेयर करती हूं, तो मुझे एक जानी पहचानी ख़ुशबू सी आती है जो मुझे तुम्हारी याद दिलाती है और तुम्हारे होने का एहसास होता है."
प्रेम और प्रेम में होने वाले इंतज़ार से भरी ये बातें लिखी हैं स्मिता ने. जून 2005 में स्मिता ने ये खत अपने पति वालियापरांबिल एंटनी उर्फ़ साबू को लिखा था. तब साबू दुबई में नौकरी करते थे और स्मिता केरल के कोच्चि में रहती थीं. इस खत को लिखे जाने से एक महीने पहले ही दोनों की शादी हुई थी. लेकिन नौकरी के सिलसिले में जल्द ही साबू को देश को छोड़ना पड़ा और स्मिता अकेली पड़ गईं.
स्मिता भी एक नौकरी करती थीं. बाकी काम रूटीन का होता था. इसी बीच इंग्लिश स्पीकिंग क्लासेज भी हो आती थीं. सारी कवायद बस इसलिए थी कि वो दुबई में अपने साबू के पास पहुंच जाएं. साबू को लंबे-लंबे खत लिखे जाते थे. और इनमें हर एक बात का जिक्र होता था. इस बात का भी कि ऑफिस जाने के लिए स्मिता ने कौन सी बस पकड़ी! किस कलीग से स्मिता का झगड़ा हुआ और जब वो साबू के पास पहुंच जाएंगी तो कहां-कहां घूमेंगी, क्या खाएंगी… जो बची रह गई हैं, वो बातें करेंगी.
मई, 2005 में हुई स्मिता और साबू की शादी की फोटो. (फोटो: विशेष इंतजाम)पति के घर से कैसे गायब हुई स्मिता?
ऐसा करते करते शादी को पूरे 4 महीने गुज़र गए. और सितंबर आया. आखिरकार, स्मिता का 55 दिनों का वीज़ा अप्रूव होता है. और स्मिता के सपनों को पंख लग जाते हैं. इन्हीं पंखों के सहारे स्मिता साबू के पास दुबई पहुंच जाती है. लेकिन नियति को शायद कुछ और ही मंज़ूर था! उसे दुबई पहुंचे अभी दो दिन ही हुए थे कि ख़बर आई कि स्मिता साबू के घर से ग़ायब है. और कथित तौर पर साबू के नाम एक लेटर भी छोड़ गई. जिसमें लिखा था,
स्मिता को जानने वाले जिस भी शख्स ये लाइन पढ़ी, उसे विश्वास ही नहीं हुआ. जो स्मिता हर दिन बस साबू के पास जाने के सपने देख रही थी, वो किसी और के पास जाने की बात कैसे लिख सकती थी? कुछ और भी सवाल खड़े हुए. आखिर स्मिता गईं कहां? और क्या उन्हें गायब करने की कोई साजिश हुई?
साबू ने स्मिता के गायब होने की खबर दुबई पुलिस को दी. रिपोर्ट भी लिखी गई. कथित तौर पर स्मिता की तरफ से लिखे गए खत की एक कॉपी केरल पुलिस के पास भेजी गई. इस बीच जानकारी स्मिता के घरवालों को भी दी गई. स्मिता के पिता ए जॉर्ज ने साबू पर आरोप लगाया. पुलिस में शिकायत दर्ज करवाने की कोशिश की. लेकिन शिकायत नहीं लिखी गई. कहा गया कि स्मिता विदेश में गायब हुई हैं, इसलिए शिकायत भी वहीं लिखी जाएगी.
साबू और स्मिता की शादी की फोटो (फोटो: विशेष इंतजाम)
उधर, UAE पुलिस स्मिता को खोज रही थी लेकिन कुछ भी पता नहीं चल रहा था. इसी खोज में 3 साल गुज़रे और 2008 आया. अब स्मिता के परिवार के सब्र का बांध टूटने लगा था और स्मिता के पिता कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाते है. कोच्चि के मैजिस्ट्रेट कोर्ट में मामले की सुनवाई होती है. कोर्ट भारत के विदेश मंत्रालय को आदेश देता है. कहता है कि विदेश मंत्रालय दुबई के अखबारों और टीवी चैनलों में अस्मिता के गुमशुदा होने के विज्ञापन चलवाए.
मामले में आया मोड़
इधर स्मिता की तलाश में एक और क़दम बढ़ाया गया. और उधर साबू UAE से केरल आ चुका था. यहां उसने कोर्ट में स्मिता से तलाक़ लेने की अर्ज़ी डाली. कहा कि स्मिता ने उसको, अपने प्रेमी के लिए छोड़ दिया है और अब उसके वापस आने की कोई उम्मीद नहीं है. तलाक़ मंज़ूर हुआ और साबू ने झट-पट दूसरी शादी कर ली. लेकिन साबू ने केवल बीवी नहीं बदली, बल्कि नौकरी और देश भी बदल लिए. साबू का अगला ठिकाना बना अमेरिका, जहां वो अपनी नई बीवी के साथ चला गया.
देखते ही देखते 2011 आ गया. अब तक स्मिता की कोई खबर नहीं आई थी. ऐसे में स्मिता के पिता ने पास ही एक उद्घाटन में आए केरल के तब के मुख्यमंत्री ओमन चांडी तक अपनी बात पहुंचाई. तब जाकर कहीं केरल पुलिस ने केस दर्ज़ किया और केस को केरल पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंपा गया. ग़ायब होने से पहले कथित तौर पर स्मिता के लिखे हुए ख़त की फॉरेंसिक जांच कराई गई. उसके लिए साबू और स्मिता दोनों के राइटिंग सैम्पल्स को लिया गया. और हैरान करने वाली बात सामने आई. ख़त की लिखावट, साबू की लिखावट से मिल रही थी. न कि स्मिता की लिखावट से. ऐसे में केरल पुलिस को साबू पर ख़त की जालसाज़ी का शक़ हुआ. और 2015 में वो पुलिस की ग़िरफ़्त में था. ख़ैर, 90 दिनों की जेल काटने के बाद उसको ज़मानत मिल गई. लेकिन साबू को देश छोड़ कर जाने की इजाज़त नहीं थी.
शारजाह में गुमनाम लाश
स्मिता को गायब हुए अब एक पूरा दशक गुज़र चुका था. ऐसे में जब भारत में साबू को ग़िरफ़्तार किया गया, तो दुबई में भी ये मामला वापस खुल गया. और कुछ नए और बहुत अहम ख़ुलासे हुए. जैसे पता चला कि 2006 में UAE के शारजाह शहर में एक ग़ुमनाम लाश मिली थी, जो कि साल 2015 में भी वहां के एक मुर्दाघर में रखी थी. ऐसी संभावनाएं जताई गईं कि हो सकता है कि ये लाश स्मिता की हो.
इस मामले को और करीब से जानने के लिए हमने स्मिता के कुछ करीबियों से बात की. उनकी छोटी बहन सजनी के पति अजय जॉर्ज ने हमें बताया,
“स्मिता के पिता के किए हुए वक़ील शम्सुद्दीन हुसैन ने बात हम तक पहुंचाई और UAE पुलिस के कहने पर केरल में स्मिता की मां और पिता के DNA टेस्ट कराए गए. फिर उनको जब उस मुर्दाघर में रखी लाश के DNA से मिलाया गया तो पता चला कि मां से तो DNA मिल रहा है लेकिन पिता से नहीं. जब इन टेस्ट में संतुष्टि नहीं मिली तो UAE की पुलिस ने स्मिता की मां को दुबई बुलाया. मां और बेटी सजनी दुबई पहुंचे. वहां उनका वापस से डीएनए टेस्ट कराया गया और गुमनाम लाश की तस्वीर भी दिखाई गई.”
अजय आगे बताते हैं,
"वो तस्वीरें बिलकुल भी साफ़ नहीं थी कि उनको देख कर पता लगाया जा सके कि वो स्मिता है या नहीं. और जब मां ने उस गुमशुदा लाश को देखने की मांग की तो उनको रोक दिया गया. कहा गया कि लाश तभी दिखाई जाएगी जब DNA मिलेगा. दुबई में 2-3 दिन रुकने के बाद दोनों वापस भारत आ गए. उन DNA टेस्ट्स की रिपोर्ट हमें आज तक नहीं मिली है. पता नहीं ऐसी कोई गुमशुदा लाश थी भी या नहीं.”
मामला जब बहुत आगे बढ़ गया और स्मिता की कोई खोज ख़बर नहीं मिली तो स्मिता के पिता ने बात केरल के हाई कोर्ट तक पहुंचाई और केस में CBI जांच की मांग की. कोर्ट ने स्मिता को खोजने में पुलिस की नाक़ामयाबी की बात कहते हुए 2016 में केस CBI को सौंप दिया.
अहम किरदार की खुदकुशी
इसके बाद CBI ने साबू से पूछताछ की. साथ ही यहां इस कहानी के एक और अहम किरदार की एंट्री होती है. देवयानी की. देवयानी दुबई में एक हाउस हेल्प के तौर पर काम करती थीं. अजय ने बताया कि साबू और देवयानी की दोस्ती काफी पहले की थी. साबू और स्मिता के शादी के पहले की. उन्होंने ये भी बताया कि साबू और देवयानी दुबई में एक ही घर में रहते थे. यहां तक कि जब स्मिता दुबई पहुंचीं तो भी तीनों एक ही घर में रह रहे थे.
स्मिता के घरवालों का आरोप है कि देवयानी और साबू के बीच संबंध थे और इसी के चलते स्मिता को गायब करवा दिया गया. इधर, देवयानी का कुछ और कहना है. उसने CBI में पूछताछ बताया,
“3 सितंबर की रात जब मैं काम से वापस आई तो देखा कि साबू और स्मिता आपस में लड़ाई कर रहे हैं और स्मिता के सिर से खून बह रहा है. घर में उस वक़्त दो और अनजान लोग मौजूद थे. ये सब देखकर मैं डर गई और ये बात किसी को नहीं बताई."
आगे उसने बताया कि स्मिता के कजिन ने उसको मारा और प्रताड़ित किया. जिसके बाद उन सबको जेल भी जाना पड़ा.
इसके बारे में अजय कहते हैं,
“जब स्मिता के गायब होने की खबर आई तो स्मिता के पापा ने दुबई में रहने वाले स्मिता के कजिन, मैक्सन से बात की और कहा कि साबू के घर जाकर एक बार सच्चाई पता लगाए. मैक्सन जब साबू के घर पहुंचा तो देखता है कि घर में देवयानी नाम की एक और महिला रह रही है. ये देखकर मैक्सन को गुस्सा आ गया. दोनों के बीच संबंधों के शक़ के चलते उसने दोनों पर हमला कर दिया. झगड़ा काफी बढ़ गया तो पुलिस पहुंची. और मैक्सन, साबू और देवयानी तीनों को ही ग़िरफ़्तार कर लिया.”
देवयानी के इन बयानों के बाद जून, 2016 में उसका ‘लेयर्ड वॉइस एनालिसिस टेस्ट’ कराया गया. फिर जब उसको पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए अहमदाबाद ले जाया जा रहा था तो उसने कथित तौर पर जान देने की कोशिश की. एक महीने अस्पताल में भर्ती रहने के बाद जुलाई में वो दम तोड़ देती है. और उसके साथ ही दम तोड़ती है इस कहानी की एक अहम कड़ी.
ग़ौर करने वाली बात ये है कि देवयानी के लेयर्ड वॉइस एनालिसिस टेस्ट के रिपोर्ट्स बताते हैं कि स्मिता के गायब होने में उसका हाथ होने की बहुत आशंका है. 2019 में CBI अपनी पूरी जांच की रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंपती है. इसमें साबू के ख़िलाफ़ एक चार्जशीट भी सौंपी जाती है. साबू के खिलाफ दो आरोप लगते हैं. पहला, साबू ने स्मिता के ख़त के साथ जालसाज़ी की. और दूसरा, स्मिता के गायब होने में साबू का हाथ है.
साबू के सारे इल्जाम माफ
नवंबर 2024 में हाई कोर्ट ने केस की सुनवाई के दौरान, दोनों ही आरोपों में साबू को बरी कर दिया है. आरोपों की सच्चाई जांचने के लिए हाई कोर्ट ने लेयर्ड वॉइस एनालिसिस टेस्ट और ब्रेन मैपिंग टेस्ट की रिपोर्ट्स का सहारा लिया. फैसले में कहा,
“साबू को स्मिता के गायब होने की कोई जानकारी नहीं थी. और न ही गायब कराने में कोई हाथ था.”
ख़त की जालसाज़ी के मामले में फैसला सुनाया गया,
“ख़त, पुलिस के पास पहुंचने से पहले कई लोगों से होकर गुज़रा है इसीलिए इसका इलज़ाम साबू पर नहीं लगाया जा सकता. ख़त पुलिस को स्मिता के कजिन मैक्सन ने सौंपा था.”
मतलब, केरल हाई कोर्ट ने ये केस बंद कर दिया है. हालांकि, UAE में अभी भी पुलिस के पास शिकायत दर्ज़ है.
साबू की तस्वीर (फोटो: विशेष इंतजाम)आएगा स्मिता का फोन…
तमाम कानूनी सुनवाइयों और फैसलों के इतर, स्मिता का परिवार अभी भी आस लगाए बैठा है कि स्मिता शायद किसी दिन वापस आएंगी. बेटी का इंतज़ार करते करते पिता ने तो 2023 में इस दुनिया से रुखसत ले ली, लेकिन घर में रखा लैंडलाइन फ़ोन अभी भी वहीं है, उस एक कॉल की इंतज़ार में. स्मिता के घरवालों ने स्मिता के जाने के 20 साल बाद भी उस लैंडलाइन नंबर को चालू रखा हुआ है. घरवालों का कहना है कि ये एकमात्र नंबर है, जो स्मिता को याद है.
जब स्मिता के बारे में उनकी छोटी बहन सजनी से बात की गई तो वो कहती हैं,
“चेची(दीदी) को भगवान पर बहुत भरोसा था. चर्च में कैटेचिज़्म पढ़ाया करती थीं. चर्च जाना उनकी रोज़ की आदतों में शुमार था. पढ़ने में भी अच्छी थीं. बारीक़ियों का ख़ास ध्यान रखती थीं. हमारे परिवार को बचाने के लिए दुबई चली गईं. हमारी उम्र में महज़ दो साल का फ़र्क़ था. फिर भी वो मुझे अपनी बेटी की तरह मानती थीं. हम बेहद क़रीब थे. उसके मन में जो भी होता, वो मुझसे कहतीं. उन्हें पापा से बेहद प्रेम था. पापा अक्सर बीमार रहा करते थे. हमारी देखभाल करना उनके लिए आसान नहीं था. लेकिन वो हमेशा किसी न किसी तरह उनका हाथ बंटाया करतीं. इसी कोशिश में उन्होंने 10वीं के बाद ट्यूशन देना शुरू कर दिया था. और, देखते-देखते 25 बच्चे जोड़ लिए थे. जबकि उस वक़्त उनकी MCA की पढ़ाई भी चल रही थी.”
आज स्मिता को गए पूरे 20 साल यानी दो दशक हो चुके हैं. स्मिता की कोई खबर नहीं लगी है. स्मिता अभी कहां हैं? हैं भी या नहीं? इन सारे सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं. स्मिता से प्यार करने वालों के पास उनकी यादें हैं, उनके कुछ खत हैं और उनकी कुछ तस्वीरें भीं. और एक आस भी है कि आज नहीं तो कल, स्मिता आ जाएंगी. चर्च जाएंगी, बच्चों को ट्यूशन पढ़ाएंगी और फिर से शायद कुछ खत लिखेंगी.
वीडियो: 6 लोग गुमशुदा होने पर जग्गी वासुदेव के ईशा फाउंडेशन पर पुलिस ने हाई कोर्ट को बताया