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ये फोटोज देखकर पानी की अगली बूंद बर्बाद करने से पहले सौ बार सोचेंगे

आज वर्ल्ड वॉटर डे है.

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चीन में तालाब सूख जाने से मर गई मछली, फोटो: रॉयटर्स
पानी. सुबह उठते ही पॉटी जाने से लेकर रात को सोने से पहले दवा खाने तक जिस की जरूरत पड़ती है वो है पानी. पानी, जिसका कोई विकल्प है ही नहीं. इस गोले पर जमीन से ज्यादा पानी है. लेकिन आपके इस्तेमाल के लिए पानी कम ही है. गोले के 1.4 करोड़ क्यूबिक किलोमीटर इलाके में पानी ही पानी है. जिसमें से सिर्फ 2 लाख क्यूबिक किलोमीटर में फैला पानी ही पीने लायक है.

हर साल गंदा पानी पीने और इस्तेमाल करने से 8 लाख लोग मर जाते हैं.

यूएन के मुताबिक, औसतन दुनिया के हर 6 में से एक इंसान पानी की मुसीबत झेल रहा है. पानी की मुसीबत का मतलब साफ पानी तक पहुंच न होना. 1992 में यूनाइटेड नेशन्स की जनरल असेंबली में ये फैसला लिया गया कि अब से हर साल 22 मार्च को 'विश्व जल दिवस' मनाया जाएगा. इसका मकसद था, लोगों को चेताना कि अब नहीं जागे तो सब मरोगे.
दुनिया के हर महाद्वीप में, हर देश में पानी पर संकट कभी न कभी बना रहता है. पानी नहीं होगा तो क्या होगा, ये आप इन तस्वीरों को देखकर समझ सकते हैं. इसको देखिए और पानी जरा भी बर्बाद करने से पहले सोचिए. 'एक हमारे ही पानी बचाने से क्या होगा', ये सोचना ही बेवकूफी है. क्योंकि हर कोई ही ऐसा ही सोचेगा तो हालत बद से बदतर होते जाएंगे. ऐसा सोचिए कि आज आप पानी बचाएंगे, कल आपको देखकर कोई और फिर परसों और भी कई लोग. वैसे भी हम लोग 'ट्रेंडिंग' के पीछे चलते हैं. इस ट्रेंड की शुरूआत आप खुद से कीजिए.
आज ही जाइए, घर में जितनी टोंटी चू रही हो, उसको ठीक कराइए. कित्ता पैसा लगेगा? 200 या 300. क्या ये थोड़े से पैसे आपकी जान से ज्यादा कीमती हैं? कल जब ब्रश करिएगा तो दांत में दातून रगड़ते वक्त पानी बंद कर दीजिएगा, वॉशिंग मशीन में पानी लगा कर भूल जाने की आदत अब बदल डालिए. कितना आसान है न पानी बचाना. बस 'पानी की तरह पैसे बहाना' जैसी कहावतों में जिस तरह पानी को इतना कम वैल्यू दिया गया है, वो वाली मेंटलिटी बदलनी है. वरना पानी का न होना, कितना खौफनाक है. ये आप भी अच्छी तरह से समझते हैं.

#1 सोमालिया में प्यास से बेहाल बच्चे को पानी पिलाती औरत.

फोटो: रॉयटर
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#2 इजिप्ट में गंदे तालाब से पानी भर कर ले जाती बच्ची. फोटो 2009 की है.

फोटो: रॉयटर
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#3 ब्राजील में पानी की कमी से मर गई एक गाय. तस्वीर 2014 की है.

फोटो: रॉयटर
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#4 जिम्बॉब्वे में सूख चुके कुएं से पानी भरती औरत.

फोटो: रॉयटर
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#5 रूस में पानी के लिए अपनी बारी का इंतजार करती बच्ची, तस्वीर 2014 की.

फोटो: रॉयटर
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#6 यमन में पानी भरने के लिए पाइप छीनता बच्चा, फोटो 2015 की है.

A boy fights for his turn to fill a jerrycan with water from a public tap, amidst water shortages in Sanaa May 13, 2015. A five-day humanitarian truce in Yemen appeared to be broadly holding on Wednesday, despite reports of some air strikes overnight by Saudi-led forces and continued actions by the country's dominant Houthi group in the east. REUTERS/Mohamed al-Sayaghi
फोटो: रॉयटर

#7 बांग्लादेश में गंदे पानी से भर चुके ट्यूबवेल से पीने का पानी भरते लोग.

फोटो: रॉयटर
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#8 पोएर्टो रिको में गड्ढे से पानी भरती औरतें, तस्वीर 2014 की.

फोटो: रॉयटर
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#9 इथोपिया में गड्ढे का गंदला पानी इस्तेमाल करता बुजुर्ग, 2016 में खींची गई थी ये तस्वीर.

A man washes his hand with running water from a dug-out-trench in the drought stricken Somali region in Ethiopia, January 26, 2016. The drought relief effort in Ethiopia needs about $500 million to fund programmes beyond the end of April to support 10.2 million people facing critical food shortages this year, the U.N. World Food Programme said on Thursday. Picture taken January 26, 2016. REUTERS/Tiksa Negeri
फोटो: रॉयटर

#10 भारत में गुजरात के नटवरगढ़ गांव में एक ही कुएं से पानी निकालने के लिए उमड़ी भीड़. फोटो 2003 की है.

फोटो: रॉयटर
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