संजय कुंडू (Sanjay Kundu IPS) हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के पुलिस महानिदेशक (DGP). काफी समय से चर्चा में हैं. इन पर एक होटल कारोबारी को धमकाने का आरोप लगा है. मामला हिमाचल हाई कोर्ट पहुंचा और कोर्ट ने इन्हें और एक अन्य IPS शालिनी अग्निहोत्री को पद से हटाने का आदेश दे दिया. मंगलवार, 2 जनवरी को हिमाचल सरकार ने DGP संजय कुंडू को उनके पद से हटा दिया. CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कुंडू को DGP के पद से हटाकर प्रधान सचिव बना दिया.
हिमाचल HC ने DGP को हटाया, SC ने वापस बुलाया, कारोबारी पर 'हमला और धमकी' का केस है क्या?
हिमाचल प्रदेश के DGP Sanjay Kundu को पद से हटाने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है, कहा- कुंडू को पक्ष रखने का मौका मिले. लेकिन यहां तक बात कैसे पहुंची? एक बिजनेसमैन ने DGP पर क्या-क्या आरोप लगाए? क्यों उसे 14 बार DGP की कॉल आई थी?

हिमाचल हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ संजय कुंडू सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए. बुधवार, 3 जनवरी को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 3 जजों की पीठ ने मामले की सुनवाई की. कुंडू के वकील मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि हाई कोर्ट ने उन्हें नहीं सुना. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को कहा कि संजय कुंडू को भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाए. और हाई कोर्ट DGP की याचिका (रिकॉल एप्लीकेशन) पर फिर विचार करे. ये भी कहा कि हाई कोर्ट दो हफ्ते के अंदर इस मामले में अपना फैसला सुनाए. सुप्रीम कोर्ट ने संजय कुंडू और एसपी शालिनी अग्निहोत्री को पद से हटाए जाने के आदेश पर दो हफ्ते के लिए रोक लगा दी है.
आखिर मामला है क्या?इस पूरे मामले को समझने के लिए हमने हिमाचल की राजधानी शिमला के पत्रकार विकास शर्मा से बात की. विकास इंडिया टुडे में कार्यरत हैं. उन्होंने दी लल्लनटॉप को बताया कि ये कहानी शुरू होती है हिमाचल के कांगड़ा जिले से. यहां के एक कारोबारी हैं निशांत शर्मा. निशांत का कांगड़ा के पालमपुर में होटल का कारोबार है. हरियाणा के गुड़गांव में भी उनका बिजनेस है. निशांत के कुछ बिजनेसेज में सचिन श्रीधर नाम के एक कारोबारी पार्टनर थे. कुछ समय पहले दोनों के बीच कथित तौर पर कारोबार को लेकर कुछ विवाद हो गया था. निशांत का आरोप है कि इसके बाद सचिन ने उसपर कुछ हमले करवाए.

निशांत ने कांगड़ा में एक प्रेस कांफ्रेंस कर बताया था कि उन पर 25 अगस्त, 2023 को गुरुग्राम में हमला हुआ जिसमें वो और उनका ढाई साल का बेटा घायल हो गए थे. हमले की CCTV फुटेज मौजूद है, जिसकी जांच हरियाणा पुलिस कर रही है. निशांत के मुताबिक, गुरुग्राम में हुए हमले के 2 महीने बाद, 27 अक्टूबर 2023 को धर्मशाला के मैक्लोडगंज में उनपर हमला हुआ. कुछ लोगों ने उनका रास्ता रोककर धमकी भी दी. इस धमकी के अगले ही दिन, 28 अक्टूबर को उन्होंने कांगड़ा पुलिस को शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने FIR ही दर्ज नहीं की.
ये भी पढ़ें:- कोर्ट ने सजा काट रहे शख्स को खानदान बढ़ाने के लिए परोल दे दी और कहा…
DGP Sanjay Kundu का नाम कैसे आया?इस दौरान कारोबारी निशांत शर्मा का कहना था कि उन्हें हिमाचल के DGP संजय कुंडू के ऑफिस से 14 बार फोन किया गया. पालमपुर के डीएसपी और एसएचओ ने भी उन पर DGP से बात करने का दबाव बनाया. जब उन्होंने DGP से बात की, तो DGP ने उन्हें शिमला आने के लिए कहा. निशांत शर्मा के मुताबिक DGP संजय कुंडू की ओर से उन्हें धमकाया जा रहा है. और कुंडू ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि हिमाचल के एक रिटायर्ड IPS अधिकारी, सचिन श्रीधर के रिश्तेदार हैं. उनके कहने पर ही DGP धमकी दे रहे हैं.

DGP संजय कुंडू ने निशांत शर्मा के इन आरोपों पर उनके खिलाफ एक FIR दर्ज करवाई. DGP ने निशांत पर उनका नाम मामले में जबरन घसीटने, उन्हें बदनाम करने और उनकी छवि खराब करने की कोशिश का आरोप लगाया. ये केस छोटा शिमला पुलिस थाने में दर्ज कराया गया.
कैसे मामला हाई कोर्ट तक पहुंचा?इंडिया टुडे से जुड़े विकास शर्मा के मुताबिक कई हफ्ते गुजरने के बाद भी पुलिस ने निशांत शर्मा की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद निशांत ने हिमाचल हाई कोर्ट को एक ईमेल भेजा. जिसमें कहा गया था कि उन्हें और उनके परिवार को जान का खतरा है. निशांत ने कोर्ट से मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि उन्हें प्रभावशाली लोगों से सुरक्षा की जरूरत है. 16 नवंबर, 2023 को हाई कोर्ट ने इस ईमेल का स्वत: संज्ञान लिया. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रेवाल दुआ की डबल बेंच ने कांगड़ा और शिमला जिलों के SP से मामले पर रिपोर्ट तलब की.
हाई कोर्ट की इस जवाबतलबी के बाद कांगड़ा पुलिस ने मैक्लोडगंज थाने में एक FIR दर्ज की. निशांत शर्मा की शिकायत के 21 दिन बाद उन्हें धमकी देने के आरोप में ये FIR 2 अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई. हाई कोर्ट के आदेश पर इस FIR की जांच कांगड़ा की एसपी शालिनी अग्निहोत्री खुद कर रही थीं, लेकिन पुलिस 2 महीने बाद भी निशांत शर्मा को धमकाने वाले लोगों की पहचान नहीं कर पाई.

इस मामले में 26 दिसंबर, 2023 को हिमाचल हाई कोर्ट में फिर सुनवाई हुई. इसमें चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस ज्योत्सना रेवाल दुआ की पीठ ने एक अंतरिम आदेश जारी किया. कहा कि संजय कुंडू की तरफ से निशांत शर्मा को बार-बार फोन कॉल किए गए. कुछ पुलिसकर्मियों को भी निशांत के सर्विलांस में लगाया गया. कोर्ट ने माना कि कांगड़ा की एसपी शालिनी अग्निहोत्री ने निशांत शर्मा की शिकायत पर सही से जांच नहीं की.
ये भी पढ़ें:-CJI चंद्रचूड़ के इंटरव्यू में सुप्रीम कोर्ट के 4 बड़े फैसलों के बारे में क्या पता चल गया?
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में आगे कहा कि न्याय केवल होना ही नहीं चाहिए, बल्कि दिखना भी चाहिए कि हुआ है. ताकि इसका समाज में स्पष्ट संदेश जाए. कोर्ट ने हिमाचल सरकार के गृह सचिव को निर्देश दिया कि केस की निष्पक्ष जांच के लिए इन दोनों अफसरों को उनके मौजूदा पदों से हटाया जाए.
अब सुप्रीम कोर्ट ने संजय कुंडू की DGP के पद पर बहाली कर दी है. लेकिन, गेंद फिर हिमाचल हाई कोर्ट के पाले में पहुंच गई है, नजरें उसी पर आकर टिक गई हैं. देखते हैं कि हाई कोर्ट अगली सुनवाई में क्या फैसला सुनाता है.
वीडियो: CAA लागू! अब सरकार को कौन से कागज दिखाने होंगे?
