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बचपन का ट्रॉमा, मां की गालियां... कहानी 'डॉर्क कॉमेडी किंग' समय रैना की, जिनका समय अब ठीक नहीं चल रहा

Samay Raina जब अपने स्कूल में पहले दिन पहुंचे तो उनको मां की गाली दी गई. फिर एक दिन एक कॉलेज में मंच से उन्होंने वही गाली दी. जिस गाली को वो अपने बचपन के ट्रॉमा से जोड़ते हैं, उसको उन्होंने चुटकुला बनाकर पेश किया. और लोगों ने खूब तालियां बजाईं.

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समय रैना ने लेटेंट के सारे एपिसोड डिलीट कर दिए हैं.

समय रैना को जेल में डालो, उसे बैन करो, वो अश्लील है…” ऐसे कितने ही बयानों से सोशल मीडिया पटा पड़ा है. ऐसा कहने वालों में कई नेता भी शामिल हैं. 'इंडियाज गॉट लेटेंट' (Samay Raina Controversy) शो में पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया (Ranveer Allahbadia) के एक जोक पर विवाद इतना बढ़ा कि अब समय रैना के सभी पुराने चुटकलों को अश्लीलता के सामाजिक मानकों पर तौला जा रहा है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि समय ने कई मौकों पर ‘अश्लील’ या ‘पॉलिटिकली इनकरेक्ट’ जोक्स किए. जिसे दर्शक या उनके फैन डार्क जोक बता रहे. 

लेकिन सवाल है कि एक कॉमेडियन यहां तक पहुंचा कैसे कि देश के तमाम मीडिया संस्थानों के प्राइम टाइम शो में उसकी चर्चा हो रही है. उसको बैन करने की मांग होने लगी… उनके बहाने डार्क ह्यूमर का तिया-पांचा समझाया जा रहा है. कुछ लोग तो क्रिएटर्स के लिए सेंसरशिप लाने की भी मांग कर रहे हैं. 

"कश्मीरी हूं, पत्थर खाने का अनुभव है"

रैना के कॉन्टेंट के साथ जो टैग सबसे पहले और सबसे ज्यादा मजबूती से चस्पा हुआ, वो था जम्मू-कश्मीर. “मैं तो कश्मीर से हूं, मुझे पत्थरबाजी या पत्थर खाने का अनुभव है…” समय के ऐसे चुटकुले वायरल हुए. ऐसे चुटकुले हमेशा से बहस के केंद्र में रहे हैं. इसपर हंसने वालों और विरोध करने वालों की अपनी-अपनी दलीलें हैं. बावजूद इसके जोक को पचा लिया गया. कारण ये रहा हो कि समय खुद भी जम्मू-कश्मीर से ताल्लुक रखते हैं. उनका जन्म एक कश्मीरी पंडित परिवार में हुआ.

Samay Raina Childhood Photo
समय रैना के बचपन की तस्वीर.

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समय के पिता राजेश रैना पेशे से पत्रकार हैं. वो अपने X बायो में ‘ग्रुप एडिटर’ लिखते हैं. 1990 के दौर में कश्मीर का माहौल ऐसा बना कि कश्मीरी पंडितों को वहां से पलायन करना पड़ा. समय रैना एक पॉडकास्ट में कहते हैं,

जब मैं स्कूल में था, मेरे पापा कहते थे कि कश्मीर में उस समय जो कुछ भी हुआ, उसके कारण उनको वो जगह छोड़नी पड़ी. इसलिए उनकी पढ़ाई-लिखाई ठीक से नहीं हुई. लेकिन वो हमेशा कहते थे कि उनको अपने बच्चे को अच्छे स्कूल में पढ़ाना है.

राजेश के X प्रोफाइल पर नजर डालने पर ये समझ आता है कि वो कश्मीरी पंडितों के मामलों से अब भी जुड़े हैं. और उनकी बातें करते रहते हैं. उन्होंने शुरुआती पढ़ाई-लिखाई के लिए समय का एडमिशन आज के तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के ‘रमादेवी पब्लिक स्कूल’ में कराया. इसके बाद समय रैना, ‘हैदराबाद पब्लिक स्कूल’ पहुंचे. अपने स्कूल के दिनों के अनुभव की बात करते हुए समय बताते हैं,

पहले मैं जिस स्कूल में था, वो हैदराबाद के बिल्कुल आइसोलेटेड जगह पर था. रामोजी फिल्मसिटी के पास मेरा स्कूल था. वहां से सीधे मैं एक बड़े स्कूल में आ गया. मुझे याद है कि मेरे घरवाले बहुत मुश्किल से स्कूल की फीस का इंतजाम कर पाते थे. सबसे आखिरी तारीख को फीस जमा होता था.

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Samay Raina in KBC
समय रैना हाल ही में KBC में शामिल हुए थे. (तस्वीर: इंस्टाग्राम)
“बचपन से तय होती है जवानी”

ऐसे कई रिसर्च हैं जिनमें ये साबित किया जा चुका है कि किसी व्यक्ति का पूरा जीवन कैसा होगा, ये तय होता उसके बचपन से. बचपन के इमोशनल और मानसिक अनुभव से व्यक्ति की पर्सनालिटी की नींव पड़ती है. बकौल समय रैना उन्हें स्कूल में रंग के कारण रेसिज्म का सामना करना पड़ा. कश्मीर में पैदा हुआ एक लड़का हैदराबाद के एक स्कूल में पढ़ रहा था. समय बताते हैं कि अलग दिखने के कारण बाकी बच्चे उनको बुली किया करते थे. अपने स्टैंड अप शो में गालियों से शायद ही कभी परहेज करने वाले समय जब स्कूल में पहले दिन पहुंचे, तो उनका स्वागत भी मां की उसी गाली से ही किया गया था. वो बताते हैं,

स्कूल में मेरा पहला दिन था. पहले ही दिन मेरे बगल में बैठे लड़के ने मुझे मां की गाली दी. मैं अकेले बैठता था क्योंकि कोई भी मेरे साथ बैठना ही नहीं चाहता था. मेरे साथ मारपीट की जाती थी. स्कूल के बच्चों से दोस्ती करने के लिए मैंने तेलुगु सीखी. इसके बावजूद मुझे रोज ही बुली किया जाता. धीरे-धीरे ‘Cool’ दिखने के लिए मैंने बुली होने पर हंसना शुरू कर दिया था. लेकिन अंदर ही अंदर मैं रोता था. मैं अपनी मम्मी को भी ये सब नहीं बताता था. उनके सामने खुश दिखने की कोशिश करता था. 

Samay Raina Childhood Photo
समय रैना का एक इंस्टा पोस्ट जिसमें उनकी एक पुरानी तस्वीर लगी है.
चुटकलों की परिभाषा की नींव ऐसे पड़ी

बुली किए जाने के डर से समय अपने क्लास के बच्चों से कम ही बात करते थे. दोस्त बनाने के लिए जूनियर्स से बात करते. समय उनको चुटकुले सुनाते और इसके लिए वो गूगल पर ‘एडल्ट जोक्स’ जैसे कीवर्ड सर्च करते थे. यहीं से कॉमेडी से एक जुड़ाव सा हो गया. 

आगे की पढ़ाई के लिए वो महाराष्ट्र पहुंचे. पुणे स्थित ‘पीवीजी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी’. कोर्स चुना प्रिंटिंग इंजीनियरिंग. डिग्री तो ले ली लेकिन कभी खुश नहीं रहे. इसी दौरान शौकिया तौर पर ओपन माइक शुरू कर दिया.

अगस्त 2017 तक समय कॉमेडियन्स के सर्कल में पहुंच गए थे. वो अनिर्बान दासगुप्ता और अभिषेक उपमन्यु जैसे स्टैंड अप कॉमेडियन्स के लिए शो 'ओपन' करने लगे थे. स्टैंड अप कॉमेडी की दुनिया में शो ‘ओपन’ करने का मतलब है, मंच पर परफॉर्मर के आने से पहले उसके नाम की घोषणा करना. इस दौरान कुछ मिनटों के लिए चुटकुले सुनाने का भी मौका होता है.

शो ओपन करते-करते स्टैंड अप कॉमेडियन्स के नेटवर्क में रैना की अच्छी पहचान हो गई. और फिर उन्होंने पुणे से मुंबई का रुख किया. कॉमेडी की दुनिया में हाथ जो आजमाना था. 

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"मैं समय हूं"

2019 में समय ने अमेजन प्राइम पर आने वाले कॉमेडी शो ‘कॉमिकस्तान’ के सीजन 2 में हिस्सा लिया. तब तक देश में कॉमेडी के इस जॉनर के लिए दर्शकों की ठीक-ठीक संख्या तैयार हो गई थी. समय ने इस शो में भी ‘डार्क’ और ‘अश्लील’ कॉमेडी का तड़का लगाया. देश में तब भी ऐसा करने वाले कई कॉमेडियन थे और अब भी हैं. बहरहाल, समय रैना ने ये शो जीत लिया. इसके बाद देश-दुनिया में उनके शोज होने लगे. 2019 में उन्होंने ‘मैं समय हूं’ नाम का शो किया.

Mai Samay Hoon
समय रैना के शो ‘मैं समय हूं’ का पोस्टर.
कोरोना और शतरंज

फिर आया साल 2020. दुनिया को एक महामारी ने जकड़ लिया. लॉकडाउन लगा था. किसी भी तरह के शो पर रोक थी. AIB शुरू करने वाले तन्मय भट्ट ने समय को एक यूट्यूूूूब चैनल बनाने और उस पर शतरंज खेलने की सलाह दी. समय ने ऐसा ही किया. बहुत ही कम समय में लोगों ने उनके लाइव स्ट्रीम को देखना और उससे जुड़ना शुरू कर दिया. शतरंज खेलते वक्त अपने अंदाज में चुटकुले भी सुना दिया करते थे. शतरंज, वो भी कॉमेडी के तड़के के साथ. हिट फॉर्मूला बन गया. 

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समय इनोवेट करने लगे. चैरिटी तक के लिए पैसे जुटाए. चैनल पर नामी-गिरामी लोग आने लगे. क्रोएशियाई शतरंज खिलाड़ी ‘एंटोनियो रेडिक’ से लेकर इंडियन ग्रैंडमास्टर विदित गुजराती. उनकी पहचान एक सीरियस शतरंज खिलाड़ी के तौर पर होने लगी. फिर आया मॉमेंट ऑफ ग्लोरी. ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद उनकी लाइव स्ट्रीम का हिस्सा बने. इसके बाद हुई कॉमेडियन ऑन बोर्ड (COB) की शुरुआत. अब चेस खेलने कॉमेडियन्स पहुंचने लगे. 

Samay Raina with Vishwanathan Anand and Gukesh
विश्वनाथन आनंद और गुकेश के साथ समय रैना. (तस्वीर: इंस्टाग्राम)
कॉमेडी छोड़कर ग्रैंडमास्टर बनने का सपना

चेस को लेकर समय लगातार प्रयोग कर रहे थे. चेस टूर्नामेंट का आयोजन कराया. खुद का प्लेटफॉर्म bmsamay.com शुरू किया. फोकस हमेेशा व्यूज पर था. वायरल होने के लिए वायरल लोगों का सहारा लेते. इतनी ख्याति मिल गई कि कॉमेडी छोड़कर फुल टाइम चेस प्लेयर बनने की सोचने लगे. वो भी ग्रैंड मास्टर.

इन तीन चुटकुलों ने करियर उठा दिया

इससे पहले कि समय कॉमेडी छोड़ते, उनके तीन चुटकुलों ने सोशल मीडिया के एल्गोरिद्म में जगह बना ली. पहला चुटकुला मां की गाली से जुड़ा था. मौका था एक कॉलेज में परफॉर्मेंस का. समय मंच पर पहुंचे और बोले- ऑर्गेनाइजर्स ने कहा है कि गाली नहीं देना है, वरना उनकी प्लेसमेंट रुक जाएगी. पर समय ने अपनी सुनी. मां की गाली देते हुए कहा कि वो किसी की प्लेसमेंट की चिंता नहीं करते. तालियों से पूरा ऑडिटोरियम गूंज उठा.

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दूसरा मौका तब था जब समय रैना, मशहूर रैपर रफ्तार के साथ लाइव स्ट्रीम में थे. समय ने रफ्तार से पूछा, क्या आपके नाना-नानी जिंदा हैं. मेरे नाना तो नींद में ही मर गए. इस पर रफ्तार ने कहा कि ये ज्यादा अच्छा है. इस पर समय ने कहा,

नहीं, नहीं… नाना ने तो आवाज लगाई थी. हमलोग नींद में थे.

हास्य की दुनिया में इसी को डार्क कॉमेडी कहते हैं.

मतलब कि उन विषयों पर चुटकुले बनाना जिसके बारे में लोग खुल के बात नहीं करते. जैसे- मौत, पीरियड्स, अबॉर्शन, रेसिज्म, ट्रॉमा, डिप्रेशन, हादसा और तलाक आदि. इस जॉनर के साथ एक दिक्कत है जिसका बखान मशहूर ‘लंगड़ा त्यागी’ ने कालजयी रचना ‘ओमकारा’ में किया था. धागे के इधर डार्क कॉमेडी और धागे के उधर इनसेंसिटिव. कुल मिलाकर यह जॉनर विद्वानों के बीच आज भी विमर्श का विषय है.

तीसरा चुटकुला- दो हजार रुपये के चक्कर में एक बच्चे का ट्रेन से कटकर मर जाना है. वो बोलते हैं- मैंने एक छोटे बच्चे को दो हजार रुपये दिए. उसके लिए कुछ बच्चों में झगड़ा होता है. एक बच्चा प्लेटफॉर्म से नीचे गिर जाता है और उस पर ट्रेन चढ़ जाती है. अब आती है असली डार्क लाइन,

मेरे दो हजार वसूल हो गए. इतना मजा कहां मिलता. 

इंटरनेट ट्रेंड्स को देखें तो वायरल होना, किसी भी कॉमेडियन के करियर के लिए बड़ा मौका होता है. समय के इन चुटकुलों के मीम्स कटने लगे. खूब कटे. ग्राफ बढ़ गया. ‘किंग ऑफ डॉर्क कॉमेडी’ का लेबल चस्पा कर दिया गया. हालांकि, समय की राय अलग है. वो कहते हैं,

मैंने कभी नहीं कहा कि मैं डॉर्क कॉमिक हूं. लेकिन इन तीन चुटकुलों (जो ऊपर बताए गए) के कारण मुझे ये लेबल मिल गया. मेरे लिए डार्क का मतलब है ‘चुल्ल’. यानी एक्सट्रोवर्ट होना. मतलब कि बिना किसी हिचकिचाहट कुछ भी कह देना.

बहरहाल, चेस का खेल धीमा हो गया और कॉमेडी का तेज… समय ‘रोस्ट कॉमेडी’ में भी हाथ आजमाने लगे. मतलब कि किसी का मजाक उड़ाना, उसी के सामने.

कुशा कपिला विवाद

जून 2024 में कॉमेडियन आशीष सोलंकी ने एक यूट्यूब वीडियो रिलीज किया. वीडियो उनके शो ‘प्रिटी गुड रोस्ट शो’ का था. कुशा कपिला भी पहुंची थीं. रोस्ट ही रोस्ट का माहौल था. बारी आई समय रैना की. और ये रोस्ट काफी पर्सनल हो गया. उन्होंने कुशा को 'गोल्डडिगर' कहा. उनकी बॉडी पर कॉमेंट किया. उनके तलाक का मजाक बनाया. शो से ज्यादा समय वायरल हो गए. उनकी आलोचना होने लगी. वैसे विवाद के बाद वीडियो से वो हिस्सा काट दिया गया.

Kusha Kapila
कॉमेडियन और एक्ट्रेस कुशा कपिला. (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

लगभग एक महीने बाद कुशा ने इस पर अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि वो वहां दोस्ती के नाते गई थीं. और उनको बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि ऐसा होगा. मौजूदा गूगल ट्रेंड्स के आंकड़े देखें तो यही प्रतीत होता है कि समय रैना का नाम कुशा कपिला विवाद से हमेशा के लिए जुड़ गया है.

Samay Raina Kusha Kapila
गूगल पर समय रैना से जुड़े सर्च.

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इंडियाज गॉट लेटेंट

आशीष सोलंकी के रोस्ट शो से समय बदनाम तो हुए लेकिन उनका नाम भी हुआ. उन्होंने इस कल्चर को आगे बढ़ाया. और इस बार आम लोगों के रोस्ट होेने की बारी थी. 14 जून, 2024 को ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ का पहला एपिसोड आया. कुछ ही दिनों में ये वीडियो यूट्यूब के ट्रेंडिंग सेक्शन में चला गया. चर्चा होने लगी तो ये बात भी सामने आई कि ये एक अमेरिकन शो ‘किल टोनी’ की नकल है. 

दूसरा एपिसोड आया, तीसरा आया… और पूरा सोशल मीडिया उनके एपिसोड्स के क्लिप्स से भर गया. एपिसोड्स ट्रेंड होना आम बात हो गई. सोशल मीडिया पर शो के अलग-अलग हिस्सों पर चर्चा होने लगी. 

रोस्ट करने की जिम्मेदारी सिर्फ समय की नहीं थी. हर एपिसोड के लिए जजों का नया पैनल रहता जो रोस्ट करते और खुद भी रोस्ट होते. कॉमेडी के धुरंधर बैठते. म्यूजिक इंडस्ट्री के साथ बॉलीवुड का तड़का भी लगता. रैपर बादशाह, एक्टर सिद्धांत चतुर्वेदी, अनुभव सिंह बस्सी, तन्मय भट्ट, रैपर रफ्तार जैसे लोग आए. वायरलिटी का भी ध्यान रखा गया. राखी सावंत, दीपक कलाल, पूनम पांडे और उर्फी जावेद को भी जगह मिली.  

लोग यहां आते और 1 मिनट के समय में जोक सुनाते, गाना गाते, कविता सुनाते, डांस करते… कुछ लोग तो कुछ भी कर देते. इसके बाद शुरू होता कॉन्टेंट बनाने का काम. शो के जज परफॉर्मर्स को ग्रिल करते. उनका मजाक बनाते. परफॉर्मर्स को भी ये अंदाजा होता कि उनके साथ ये सब होना है. इसलिए कई मौकों पर वो भी तैयार दिखते. रोस्ट कॉमेडी के साथ डार्क कॉमेडी और गालियों वाले चुटकुले परोसे जा रहे थे. अमूमन अपने प्लेटफॉर्म पर नपा-तुला बोलने वाले जज भी इस मंच पर कुछ ज्यादा ही खुल जाते. सबसे बड़ा उदाहरण तो रणवीर इलाहाबादिया का ही है. एक उदाहरण गायक राहगीर का भी है.

मीम्स काटने वालों ने भी कोई मौका नहीं छोड़ा. किसी भी बात पर बैकग्राउंड म्यूजिक लगाया और वायरल इंडस्ट्री में योगदान कर दिया. मसलन कि एक लड़की ने बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के डिप्रेशन पर चुटकुला कहा. वो भी वायरल हो गया. नमन अरोड़ा और ‘ये मूर्ख अपनी छवि सुधार’ वाले केशव झा जैसे परफॉर्मर्स को तो अलग पहचान मिल गई.

चेस की लाइव स्ट्रीमिंग से समय को एक चस्का लगा था. मेंबरशिप का गेम. कीमत मात्र 59 रुपये प्रति महीने. और फैन्स इतने कि मोटी कमाई होने लगी. लोग शो को लाइव देखने के लिए 2000 रुपये का टिकट खरीदने लगे.

6 महीने में शो के 12 एपिसोड रिलीज हुए. व्यूज के मामले में सारे के सारे हिट साबित हुए. कई एपिसोड ऐसे भी थे जिसने शुरुआती एक से दो घंटे में ही मिलियन का आंकड़ा छू लिया. उनके शो में आने के लिए बहुत सारे लोगों ने अप्लाई करना शुरू कर दिया. शो पर नजर कई OTT प्लेटफॉर्म्स की भी थी. वो चाहते थे कि समय यही काम यूट्यूब छोड़ उनके यहां करें. मोटा पैसा भी ऑफर किया. इस पर समय रैना का दावा है,

कई OTT वाले मेरे पीछे पड़े हैं कि लेटेंट हमारे प्लेटफॉर्म पर ले आओ. लेकिन मुझे मेंबरशिप से अच्छा पैसा मिल रहा है. और OTT पर ले जाऊंगा तो वो रोक-टोक करेंगे.

समय ने लेटेंट के वीडियो के लिए एक एक्सक्लूसिव ऐप भी लॉन्च किया. 24 घंटे के भीतर ही ये भी हिट साबित हुआ. ऐप ने गूगल प्ले स्टोर पर टॉप 50 में और एप्पल स्टोर पर टॉप 5 में जगह बना ली. इस दौरान समय ने एक जरूरी बात कही थी कि ये ऐप इसलिए लाया गया क्योंकि वो किसी गाइडलाइन को फॉलो नहीं करना चाहते. वो चाहते हैं कि उनके शो में लोग बिना किसी रोक-टोक के जो चाहें वो बोलें.

इस शो से इतर समय अपने स्पॉन्सर्स के साथ एक अलग तरह की कॉमेडी करने लगे. अपने स्पॉन्सर्स का ही मजाक बनाना. मसलन कि वो जोमैटो के एक इवेंट में स्विगी का टीशर्ट पहनकर पहुंच गए. अनएकेडमी के इवेंट में जाकर उन्हीं का मजाक बना आए. उनका ये रूप लेटेंट में भी दिखा था. शो के स्पॉन्सर्स के साथ भी कुछ ऐसा हो रहा था. लेकिन कभी भी किसी ब्रांड ने सार्वजनिक रूप से शिकायत नहीं की. वजह समय की सोशल मीडिया पर पकड़ रही.

सबकुछ ठीक चल रहा था. ऐसा मान लेते हैं. पब्लिक वीडियो एन्जॉय कर रही थी और समय पैसा कूट रहे थे. पैनल गेस्ट और कंटेस्टेंट वायरल हो रहे थे. हालांकि, कुछ लोग दबी जुबान में ये जरूर कहते कि इस वक्त समय बारूद के ढेर पर चल रहे हैं. 

नकल किए गए जोक ने काम खराब कर दिया

समय ने जिस शो को नकल करके बनाया था, रणवीर इलाहाबादिया ने उसी शो पर एक चुटकुले की नकल कर दी. इलाहाबादिया ने यूट्यूब चैनल ‘ट्रूथ और ड्रंक’ पर आने वाले ‘ओजी क्रू’ शो से एक जोक कॉपी किया. और उसे हूबहू समय रैना के शो में सुना दिया. बस यहीं बवाल शुरू हो गया. इलाहाबादिया मूल रूप से कॉमेडियन नहीं हैं. उन्होंने माफी भी इसी तर्क को आधार बनाकर मांगी.

अब हम आपको उसी जोक का मिलता जुलता वर्जन पढ़ाते हैं. मशहूर कॉमेडियन कपिल शर्मा ने जो सुनाया वो जोक कुछ ऐसे था,

कई तो इतने शौकीन होते हैं, सुबह 2 बजे ही उठ जाते हैं. क्रिकेट देखने के लिए. क्रिकेट का मैच शुरू होना होता है 4 बजे. फिर ये मां-बाप की कबड्डी देखकर सो जाते हैं.

कुल मिलाकर जिसका जो काम वो उसी को भाए. पर मामले ने तूल पकड़ लिया था. नेशनल हेडलाइन तब बनी जब दो राज्यों के मुख्यमंत्रियों की एंट्री हुई. फिर सोशल मीडिया, मेनस्ट्रीम मीडिया और पुलिस. सब अपना अपना रोल बखूबी निभाने लगे. 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा की आलोचना के बाद, समय रैना, रणबीर इलाहाबादिया सहित इस शो से जुड़े लोगों पर कई मामले दर्ज हो गए. अलग-अलग राज्यों में इनके खिलाफ FIR कराई गई. कॉमेडियन सुनील पाल ने तो एक टीवी डिबेट में चिल्ला-चिल्ला कर कहा कि समय रैना एक ‘शैतान’ है.

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इलाहाबादिया ने माफी मांगी. बाद में समय रैना ने भी एक बयान जारी किया और ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ के सारे एपिसोड यूट्यूब से हटा लिए गए. लेकिन दोनों सोशल मीडिया के ‘हीरो’ और मीडिया के ‘विलेन’ कहा रहे हैं. बहुत दिनों बाद कॉमेडियन और कॉमेडी पर इतनी चर्चा हुई है. हमने कपिल शर्मा की कॉल वाली गाली-गलौच देखी. मुनव्वर फारुकी को जेल जाते देखा. वीर दास के 'टू इंडिया' पर हुआ बवाल देखा. लेकिन मामला कानून बनाने तक नहीं पहुंचा. बात संसद तक नहीं पहुंची.

‘गंभीरता’ बनी रहे. कॉमेडी ना हो.  

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