दिल्ली के Rau's IAS Study Circle की बेसमेंट लाइब्रेरी में बारिश के पानी घुस जाने से तीन छात्र घुटकर मर गए. श्रेया यादव, तान्या सोनी और नेविन डाल्विन की मौत के बाद से कोचिंग संस्थाओं पर सुरक्षा और मेनटेनेंस को लेकर सवाल उठ रहे हैं. सवाल कि क्या बेसमेंट में क्लास या लाइब्रेरी चलाने की अनुमति है? अगर हां, तो क्या शर्ते हैं? और, क्या राऊ IAS कोचिंग इन शर्तों को पूरा करती है?
Rau's IAS हादसे के सबक, क्या बेसमेंट में क्लास या लाइब्रेरी चला सकते हैं?
छात्रों के प्रदर्शन के बीच पुलिस, सरकार और दिल्ली नगर निगम (MCD) लगातार कार्रवाई कर रही हैं. मगर सवाल तो है. सवाल कि क्या बेसमेंट में क्लास या लाइब्रेरी चलाने की अनुमति है?
- क्या कोई कोचिंग संस्थान बेसमेंट में क्लास चला सकता है?
यूनिफ़ाइड बिल्डिंग बाय-लॉज़ 2016 के मुताबिक़, स्कूल/कॉलेजों जैसी शैक्षणिक बिल्डिंग्स में बेसमेंट या सेलर रूम को पढ़ने-पढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. बशर्ते वो सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करें. इसके लिए उन्हें अग्निशमन विभाग और अन्य वैधानिक निकायों से मंज़ूरी लेनी होती है और समय-समय पर अपडेट करना होता है.
- बेसमेंट बनाने के नियम क्या हैं?
दिल्ली के लिए यूनिफ़ाइड बिल्डिंग बाय-लॉज़ (UBBL) कहते हैं कि बेसमेंट बनाने, री-डेवलप करने के लिए कुछ ज़रूरी शर्तें हैं:
- किसी भी बेसमेंट में हर हिस्से की ऊंचाई - फ़र्श से बीम तक - कम से कम 2.4 मीटर होनी चाहिए. पर्याप्त वेंटिलेशन होना चाहिए.
- बेसमेंट के ऊपर ग्राउंड फ्लोर का अधिकतम फ़िनिश लेवल 1.5 मीटर होना चाहिए और इसे आसपास के औसत ज़मीनी स्तर के संबंध में मापा जाएगा.
- ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए कि सतह पर जो नाली बह रही है, उसका पानी बेसमेंट में न घुस सके.
- बेसमेंट की दीवारें और फर्श वॉटर-टाइट होने चाहिए. इस तरह डिज़ाइन किए जाने चाहिए कि आसपास की मिट्टी और नमी का कोई असर न पड़े. अगर मिट्टी में नमी है, तो डिज़ाइन में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए और पर्याप्त वॉटर प्रूफिंग के उपाय किए जाने चाहिए.
- बेसमेंट तक जाने के लिए जो सीढ़ियां हों, उसका रास्ता मेन बिल्डिंग तक जाना चाहिए.
- एक से ज़्यादा बेसमेंट वाली सभी इमारतों को फ़ायर क्लीयरेंस चाहिए.
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- क्या ओल्ड राजेंद्र नगर के राऊ IAS स्टडी सर्कल ने इन नियमों का उल्लंघन किया?
इंडिया टुडे के इनपुट्स के मुताबिक़, राऊ कोचिंग वाले अपने बेसमेंट को लाइब्रेरी के तौर पर इस्तेमाल कर रहे थे. हालांकि, सिविक अधिकारियों का कहना था कि इसे स्टोर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.
इसी महीने की शुरुआत में कोचिंग सेंटर को अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) मिला था और इसमें तीन मंज़िला इमारत, इमारत के नीचे एक स्टिल्ट पार्किंग और एक बेसमेंट के लिए मंज़ूरी दी गई थी. बेसमेंट, जिसे स्टोर के तौर पर इस्तेमाल किया जाना था. यानी नियमों का उल्लंघन हुआ है.
क़रीब महीने भर पहले एक छात्र ने दिल्ली नगर निगम में शिकायत दर्ज कराई थी कि कोचिंग सेंटर्स के बेसमेंट का अवैध रूप से लाइब्रेरी और स्टडी सेंटर के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है. मगर उसकी किसी ने नहीं सुनी.
कोचिंग सेंटर के मालिक ने ख़ुद स्वीकारा है कि संस्थान के बेसमेंट में पानी निकलने की कोई सुविधा नहीं थी. ये भी बताया गया है कि इसमें केवल एक ही रास्ता है, जाने और निकलने के लिए.
छात्रों के प्रदर्शन के बीच पुलिस, सरकार और दिल्ली नगर निगम (MCD) लगातार कार्रवाई कर रही हैं. रविवार, 28 जुलाई को इलाक़े में कुल 13 कोचिंग सेंटर्स को सील कर दिया, जो नियमों का उल्लंघन करते हुए बेसमेंट में चल रहे थे. अब Drishti IAS, Vajiram एंड रवि जैसे चर्चित कोचिंग सेंटर्स को भी सील कर दिया गया है.
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