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जब लक्स इंडस्ट्रीज़ के मालिक की बेटी से शादी करने वाले की लाश रेल पटरी पर मिली

कहानी प्रियंका तोड़ी से शादी करने वाले रिज़वान-उर-रहमान की.

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बाईं तरफ रिज़वान की फोटो है. दाहिनी तरफ प्रियंका तोड़ी हैं. प्रियंका अपने परिवार की लक्स इंडस्ट्रीज में ऐड डिपार्टमेंट संभाल रही हैं. रिज़वान की मौत का केस अभी भी चल रहा है.
वो अमीर बिजनसमैन की बेटी. वो साधारण सी आमदनी वाले परिवार का लड़का. वो हिंदू. वो मुसलमान.
रिज़वान-उर-रहमान और प्रियंका तोड़ी. इनकी प्रेम कहानी हर लिहाज से एक फिल्मी लव स्टोरी थी. लेकिन इसकी ऐंडिंग हैपी नहीं रही.
लड़का पढ़ाता था, लड़की उसकी क्लास में पढ़ने आती थी ये कोलकाता शहर की बात है. सेंट जेवियर्स से पढ़ाई खत्म करने के बाद रिज़वान ने ग्राफिक्स की पढ़ाई की. फिर एक प्राइवेट अकैडमी में कंप्यूटर ग्राफिक्स पढ़ाने लगा. रिज़वान के स्टूडेंट्स में एक वो भी थी- प्रियंका तोड़ी. लक्स इंडस्ट्रीज के मालिक अशोक तोड़ी की बेटी. पढ़ते-पढ़ाते रिज़वान और प्रियंका नजदीक आए. प्यार हुआ. शादी करना चाहते थे. लेकिन शादी मुश्किल थी. एक तो माली हालत के बीच पहाड़ जैसा फासला. और उससे भी बड़ी धर्म की दीवार.
अशोक तोड़ी के पास बहुत पैसा था. पैसे की वजह से पहुंच भी बहुत ऊपर तक थी (फोटो: इंडिया टुडे)
अशोक तोड़ी के पास बहुत पैसा था. पैसे की वजह से पहुंच भी बहुत ऊपर तक थी. बाद में उन्होंने हाई कोर्ट को दिए गए हलफनामे में दावा किया कि  न तो उनके परिवार की पुलिस से कोई सांठ-गांठ थी, न ही उन्होंने किसी पुलिस अफसर को कोई फायदा पहुंचाया (फोटो: इंडिया टुडे)

'मैं मुसलमान को दामाद नहीं बना सकता' कोई सूरत नजर नहीं आई, तो रिज़वान और प्रियंका ने चुपचाप शादी कर ली. तारीख थी- 18 अगस्त, 2007. दोनों ने स्पेशल मैरिज ऐक्ट में शादी रजिस्टर कराई. शादी के बाद प्रियंका अपने पिता का महल छोड़कर रिज़वान के छोटे से घर आ गई. उसके घरवालों को पता चला. पिता अशोक तोड़ी कुछ रिश्तेदारों को साथ लेकर बेटी की ससुराल पहुंचे. वहां घुटनों के बल बैठकर बेटी के पांव पकड़ लिए. कहा, नाक कट जाएगी. मेरी इज्जत बचा ले. बोले-
मैं किसी मुसलमान को अपना दामाद नहीं बना सकता. किसी सूरत में नहीं.
प्रियंका-रिज़वान ने पुलिस से मदद मांगी दोनों ने कोलकाता पुलिस को चिट्ठी लिखकर पूरा मामला बताया. कहा, हमारी हिफाजत कीजिए. चिट्ठी में लिखा था-
कुछ अपराधी तत्व हमारे घर आकर हमें धमका रहे हैं. कह रहे हैं कि अगर हम साथ रहे, तो हमको इसकी सजा भुगतनी होगी.
भारत की पुलिस कितनी करप्ट हो सकती है, इसकी एक मिसाल है ये केस. प्रियंका और रिज़वान की मदद करना कोलकाता पुलिस की ड्यूटी थी. लेकिन वो अशोक तोड़ी के साथ मिल गए. उन्होंने रिज़वान को डराया-धमकाया. उन्होंने प्रियंका से कहा कि वो वापस अपने पिता के घर लौट जाए. इल्जाम है कि DCP अजय कुमार ने रिज़वान से कहा था कि अगर वो गिरफ्तार नहीं होना चाहता, तो एक हफ्ते के लिए प्रियंका को उसके पिता के घर भेज दे.
अजय कुमार उस समय कोलकाता पुलिस में DCP थे. इल्जाम है कि इन्होंने धमकी दी थी कि अगर प्रियंका अपने मां-बाप के पास नहीं लौटती, तो रिज़वान को अरेस्ट कर लिया जाएगा. CBI ने इनके ऊपर भी आत्महत्या के लिए उकसाने का केस चलाने को कहा था (फोटो: इंडिया टुडे)
अजय कुमार उस समय कोलकाता पुलिस में DCP थे. इल्जाम है कि इन्होंने धमकी दी थी कि अगर प्रियंका अपने मां-बाप के पास नहीं लौटती, तो रिज़वान को अरेस्ट कर लिया जाएगा. CBI ने इनके ऊपर भी आत्महत्या के लिए उकसाने का केस चलाने को कहा था (फोटो: इंडिया टुडे)

...और प्रियंका-रिज़वान को अलग कर दिया गया 8 सितंबर की बात है. प्रियंका के पास खबर गई कि पापा बीमार हैं. बेटी का दिल. पापा को देखने मायके आ गई. इससे पहले गारंटी के तौर पर उसके अंकल अनिल ने एक बॉन्ड पर साइन करके रिज़वान और प्रियंका को दिया. इसके बाद ही प्रियंका मायके गई. उसे एक हफ्ते में वापस रिज़वान के पास लौटना था. मगर साजिश पहले से तैयार थी. घरवालों ने उसका मोबाइल छीनकर उसे दूर भेज दिया. किसी तरह मौका देखकर प्रियंका ने चुपके से रिज़वान को फोन किया. उसको पूरी बात बताई. फोन के इस तरफ प्रियंका रो रही थी. उधर रिज़वान रो रहा था. प्रियंका ने रिज़वान से कहा-
मेरा इंतजार करना. मुझे भूलना मत. चाहे महीनों लग जाएं, साल लग जाएं, लेकिन तुम मुझे भुलाना मत.
रिज़वान ने वादा किया-
मैं पूरी जिंदगी तुम्हारा इंतजार करूंगा.
वो आखिरी बार था, जब दोनों ने एक-दूसरे की आवाज सुनी. वो फिर कभी नहीं मिले. पुलिस तो किसी और की टीम में खेल रही थी. हार-थककर प्रियंका को वापस लौटा लाने के लिए रिज़वान ने इधर-उधर से मदद हासिल करने की भी कोशिश की. 19 सितंबर को असोसिएशन फॉर प्रॉटेक्शन ऑफ डेमोक्रैटिक राइट्स को भेजी गई चिट्ठी में रिज़वान ने लिखा था-
मैं भारत का एक संजीदा और ईमानदार नागरिक हूं. मैंने हमेशा संविधान की इज्जत की है. एक वयस्क होने के नाते हमने कानून के रास्ते जाकर एक-दूसरे से शादी की. प्लीज, मुझे मेरी बीवी से मिलवाने में मदद कीजिए.
ये चिट्ठी भेजने के दो दिन बाद 21 सितंबर को रिज़वान की लाश एक रेलवे पटरी पर पड़ी मिली. एकदम साफ-सुथरे कपड़ों में. सिर के पीछ बस एक चोट. बाकी सब क्लीन. पुलिस जैसे पहले से तैयार बैठी थी. कह दिया गया कि खुदकुशी का मामला है.
रिज़वान ने कोलकाता के सेंट जेवियर्स से पढ़ाई की थी. उनकी मौत के बाद यहां छात्रों ने 100 दिन से ज्यादा लंबा कैंडल लाइट विरोध प्रदर्शन किया. (फोटो: इंडिया टुडे)
रिज़वान ने कोलकाता के सेंट जेवियर्स से पढ़ाई की थी. उनकी मौत के बाद यहां छात्रों ने 100 दिन से ज्यादा लंबा कैंडल लाइट विरोध प्रदर्शन किया. (फोटो: इंडिया टुडे)

पुलिस से भयंकर गुस्सा थे लोग पूरा कोलकाता सन्न. खूब विरोध प्रदर्शन हुए. अफवाह फैली कि रिज़वान की लाश को मॉर्चरी से गायब कर दिया गया है. ताकि पुलिस इस मामले की जांच को गुमराह कर सके. सबूत मिटाए जा सकें. इस अफवाह के बाद लोग और नाराज हो गए. भीड़ ने कारों और बसों पर पत्थरबाजी की. पुलिस की एक गाड़ी फूंक दी गई. कुछ अधिकारी जख्मी भी हुए. उस समय मुख्यमंत्री थे बुद्धदेव भट्टाचार्य. उनकी सरकार के ऊपर इस केस की निष्पक्ष जांच करवाने और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करने का जबर्दस्त दबाव था. इसी दबाव में अशोक तोड़ी गिरफ्तार भी हुए. लेकिन फिर जमानत पर छोड़ दिए गए.
ये पुलिस की गाड़ी है, जिसमें भीड़ ने आग लगा दी थी. प्रसून मुखर्जी को हटाकर ACP गौतम मोहन चक्रवर्ती को नया कमिश्नर बनाया गया (फोटो: इंडिया टुडे)
ये पुलिस की गाड़ी है, जिसमें भीड़ ने आग लगा दी थी. प्रसून मुखर्जी को हटाकर ACP गौतम मोहन चक्रवर्ती को नया कमिश्नर बनाया गया (फोटो: इंडिया टुडे)

ये कैसा पुलिस कमिश्नर था? प्रसून मुखर्जी. ये जनाब उस समय कोलकाता के पुलिस कमिश्नर थे. रिज़वान की मौत के बाद ऐसे हालात बने कि पुलिस को डिफेंसिव होना पड़ा. सवाल पूछे जाने लगे कि पुलिस ने प्रियंका-रिज़वान का साथ क्यों नहीं दिया? प्रियंका पर वापस उसके मां-बाप के पास जाने का दबाव क्यों बनाया गया? सफाई देते हुए प्रसून मुखर्जी बोले कि बेटी को वापस अपने पास बुलाने की कोशिश कर रहे अशोक तोड़ी की मदद करना पुलिस का फर्ज था. बोले-
23 साल तक उन्होंने (मां-बाप) ने प्रियंका को पाला, उसकी देखभाल की. एक सुबह अगर परिवार को ये पता लगता है कि उनकी बेटी घर छोड़कर किसी अनजान लड़के के साथ जिंदगी बसर करने चली गई है, तो मां-बाप ये मंजूर नहीं कर सकते.
प्रसून मुखर्जी के इस बयान के बाद लोगों का गुस्सा और भड़क गया. जनता के दबाव की वजह से प्रसून मुखर्जी और पुलिस विभाग के चार सीनियर अधिकारियों को हटा दिया गया. रिज़वान की मां की अपील पर ये जांच कोलकाता पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दी गई. यहां भी आत्महत्या के लिए उकसाने का केस बनाया गया. रिज़वान के परिवार का कहना था कि उसकी हत्या की गई है. वो कह रहे थे कि रिज़वान किसी कीमत पर आत्महत्या कर ही नहीं सकता है.
मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य भी रिज़वान के परिवार से मिलने पहुंचे थे. भीड़ ने उनकी कार को खूब घूंसे मारे. इस मामले में लोगों की इतनी नाराजगी की एक वजह हिंदू-मुस्लिम ऐंगल भी था. 2007 में ये तीसरा मामला था, जिसकी जांच CBI को सौंपी गई थी. इसके पहले नंदीग्राम और सिंगुर का तापसी मलिक मर्डर एजेंसी के पास गया था (फोटो: इंडिया टुडे)
मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य भी रिज़वान के परिवार से मिलने पहुंचे थे. भीड़ ने उनकी कार को खूब घूंसे मारे. इस मामले में लोगों की इतनी नाराजगी की एक वजह हिंदू-मुस्लिम ऐंगल भी था. 2007 में ये तीसरा मामला था, जिसकी जांच CBI को सौंपी गई थी. इसके पहले नंदीग्राम और सिंगुर का तापसी मलिक मर्डर एजेंसी के पास गया था (फोटो: इंडिया टुडे)

प्रियंका ने क्या कहा? कुछ दिनों तक प्रियंका चुप रही. फिर जब बोली, तो उसने अपने परिवार के खिलाफ कुछ नहीं कहा. उसका कहना था कि रिज़वान किसी और की नहीं, बल्कि अपने परिवार की वजह से परेशान था. प्रियंका ने रिज़वान के भाई रुकबान-उर-रहमान और अपने पति के एक दोस्त पप्पू पर उंगली उठाई. प्रियंका का कहना था कि 19 नवंबर और 21 नवंबर के बीच जरूर कुछ ऐसा हुआ कि रिज़वान की मौत हुई. उसने पुलिस द्वारा खुद पर दबाव बनाए जाने की बातों से भी इनकार कर दिया. प्रियंका का कहना था कि रुकबान ने उसके (प्रियंका के) और उसके परिवार के बारे में काफी झूठ बोला है.
प्रियंका की बातों पर रिज़वान की मां किश्वर जहां और रुकबान, दोनों ने सख्त ऐतराज किया.
ये अशोक तोड़ी और उनके भाई प्रवीण तोड़ी की तस्वीर है. दोनों इस केस में आरोपी हैं.
ये अशोक तोड़ी और उनके भाई प्रवीण तोड़ी की तस्वीर है. दोनों इस केस में आरोपी हैं.

प्रियंका के पापा ने क्या कहा? जांच चली, तो मामला हाई कोर्ट पहुंचा. रिज़वान की मां किश्वर जहां ने अदालत में याचिका डाली. उनका कहना था कि उनके बेटे रिज़वान की हत्या हुई है. उन्होंने अशोक तोड़ी पर रिज़वान को धमकाने का भी इल्जाम लगाया था. जवाब में अशोक तोड़ी ने हलफनामा दिया. बोले, प्रियंका और रिज़वान की शादी ही नहीं हुई थी. अशोक ने अपने ऊपर लगाए गए इल्जामों को भी खारिज किया. उनके मुताबिक, उनका पुलिस के सीनियर अधिकारियों के साथ कोई नेक्सस नहीं था. उनके मुताबिक, पुलिस ने प्रियंका और रिज़वान को लाल बाजार थाने बुलाकर उनके ऊपर दबाव बनाए जाने की बात भी उन्हें नहीं मालूम थी.
ये तो हुई बात कि प्रियंका के पापा ने क्या कहा. लेकिन इस खबर की डिटेल्स खोजते हुए हमें आर्काइव्ज़ की कुछ खबरें मिलीं. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अशोक तोड़ी ने छोटे-मोटे कारोबार से शुरुआत की. आरोप है कि 90 के दशक में हुई एक क्रिकेट सट्टेबाजी के रैकेट में भी वो शामिल थे. मगर उनके ऊपर कोई केस नहीं दर्ज हुआ. ये भी कहते हैं कि जब प्रसून मुखर्जी बंगाल क्रिकेट असोसिएशन के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे थे, तब अशोक तोड़ी ने उनकी फंडिंग की थी. अगर ये सच है, तो फिर ये नेक्सस नहीं तो और क्या था? इस मामले में स्नेहाशीष गांगुली का भी नाम सुनाई दिया था. स्नेहाशीष, जो कि क्रिकेटर सौरभ गांगुली के बड़े भाई हैं, उनकी अशोक तोड़ी से अच्छी पहचान बताई जाती है. कहा जाता है कि स्नेहाशीष की ही मदद से अशोक तोड़ी का पुलिस के आला अधिकारियों के साथ अच्छा कनेक्शन था.
ये अरिंदम मन्ना के माता-पिता हैं. अरिंदम और रिज़वान की मौत में कई चीजें कॉमन थीं. हालात कहते थे कि ये हत्या हो सकती है. फिर भी इसे आत्महत्या का केस बताया गया (फोटो: इंडिया टुडे)
ये अरिंदम मन्ना के माता-पिता हैं. अरिंदम और रिज़वान की मौत में कई चीजें कॉमन थीं. हालात कहते थे कि ये हत्या हो सकती है. फिर भी इसे आत्महत्या का केस बताया गया (फोटो: इंडिया टुडे)

एक और मौत हुई अरिंदम मन्ना रेलवे पुलिस में सब-इंस्पेक्टर थे. चूंकि रिज़वान की लाश रेलवे पटरी पर मिली थी, सो ये मामला सबसे पहले रेलवे पुलिस के पास ही आया था. अरिंदम इस केस के पहले जांच अधिकारी थी. 11 फरवरी, 2009 को  रेलवे पटरी पर अरिंदम की लाश मिली. अगले ही महीने अरिंदम की शादी होने वाली थी. शरीर की हालत ऐसी थी कि एक नजर देखना मुश्किल था. सिर धड़ से अलग. हाथ टूटा हुआ. बाईं पसली के नीचे गहरा जख्म. दाहिनी आंख निकली हुई. अरिंदम की मौत की जांच CID को सौंपी दई. मगर कुछ खास हुआ नहीं. अरिंदम के पिता चाय की टपरी चलाते थे. उनको यकीन था कि उनके बेटे की हत्या हुई है. अरिंदम की मां मालती के मुताबिक, तोड़ी परिवार उनके बेटे पर दबाव डाल रहा था. अजीब ये है कि रिज़वान की ही तरह अरिंदम की मौत पर भी सबसे पहले हत्या का शक होना चाहिए था. लेकिन दोनों ही मामलों को आत्महत्या माना गया. क्या इन दोनों के बीच कोई लिंक नहीं हो सकता था? क्या ये मुमकिन नहीं था कि अरिंदम इस केस की वजह से बेवजह मारे गए हों? ये सवाल वाजिब लगते हैं. मगर इतने सालों बाद भी इनके जवाब नहीं मिले हैं.
ये प्रियंका तोड़ी हैं. लक्स इंडस्ट्रीज में ऐड डिपार्टमेंट संभालती हैं. एक अवॉर्ड फंक्शन के दौरान जीतने वालों के नाम का ऐलान कर रही थीं, जब ये तस्वीर ली गई (फोटो: ट्विटर)
ये प्रियंका तोड़ी हैं. लक्स इंडस्ट्रीज में ऐड डिपार्टमेंट संभालती हैं. एक अवॉर्ड फंक्शन के दौरान जीतने वालों के नाम का ऐलान कर रही थीं, जब ये तस्वीर ली गई (फोटो: ट्विटर)

केस चलता रहा, प्रियंका फिर नॉर्मल हो गई प्रियंका अपने परिवार के साथ रही. कई बार पब्लिक प्रोग्राम्स में दिखतीं. अवॉर्ड फंक्शन्स में नजर आईं. वो अपने परिवार के बिजनस में हाथ बंटा रही हैं. इनकी वेबसाइट के मुताबिक, ये लक्स इंडस्ट्रिज लिमिटेड के ऐड डिपार्टमेंट की हेड हैं. 2010 में कलकत्ता हाई कोर्ट ने CBI से कहा कि वो इस मामले में मर्डर केस दर्ज करे. अशोक तोड़ी के अलावा उनके भाई प्रदीप, रिश्तेदार अनिल और रिज़वान के दोस्त मोहिउद्दीन पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस चलता रहा. कुछ पुलिस अधिकारियों का भी नाम है केस में. अभी इस केस में फैसला नहीं आया है. हमारे यहां तो वैसे भी सालों-साल केस लड़े जाते हैं.


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