राजस्थान बजट: अशोक गहलोत ने क्या बड़ी घोषणाएं की हैं?
100 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने वालों को 50 यूनिट फ्री मिलेगी.
राजस्थान की सरकार ने आज 2022-23 के लिए बजट पेश किया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास ही वित्त विभाग भी है, तो उन्होंने ही विधानसभा में बजट भाषण पढ़ा. भाषण के शुरू में ही उन्होंने एक कविता पढ़ी, जिसके लिए श्रेय दिया पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की नेता वसुंधरा राजे को. तो इसके बाद अशोक गहलोत ने हिंदी में बजट में भाषण पढ़ा है. कुल 2 घंटे 56 मिनट का. मतलब काफी लंबा. गहलोत का अब तक का सबसे लंबा बजट भाषण. आपको याद होगा इस बार मोदी सरकार का बजट भाषण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने डेढ़ घंटे में पढ़ दिया था. तो उस लिहाज से गहलोत का बजट भाषण काफी लंबा था. भाषण के कुछ बड़े ऐलान आपको बताते हैं. पहला - राजस्थान सरकार के कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना फिर से बहाल कर दी गई. सबसे ज्यादा चर्चा इसी ऐलान पर हो रही है. और चर्चा क्या गहलोत सरकार की तारीफ हो रही है. इसे सरकारी कर्मचारियों के लिए सौगात कहा जा रहा है. अब ये पेंशन योजना क्या है, इसके बारे में गहलोत के बजट भाषण में 126 नंबर का बिंदू है. वो शब्दश आपको बताते हैं. - विभिन्न राजकीय विभागों में 30-35 वर्षों से कार्य कर जनसेवा करने के उपरांत सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों की वृद्धावस्था में सार-संभाल की जिम्मेदारी उठाने की दृष्टि से सरकार उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन उपलब्ध कराती आयी है. किंतु वर्ष 2004 के बाद सरकार में भर्ती कार्मिकों के लिए नेशन पेंशन स्कीम यानी NPS के अंतर्गत Contributory pension का ही प्रावधान किया गया है. पेंशन के लगातार बढ़ते वित्तीय भार को कम करने की दृष्टि से ऐसा कदम उठाया गया होगा. लेकिन इस नवीन पेंशन स्कीम के कारण अभी से ही कार्मिकों में सेवानिवृत्ति के उपरांत वृद्धावस्था में जीवनयापन के लिए भारी असुरक्षा का भाव उत्पन्न हो गया है, जो कि हमारे लिए चिंता का विषय है. हम सभी जानते हैं कि सरकारी शासन से जुड़े कर्मचारी भविष्य के प्रति सुरक्षित करें, तभी वे सेवाकाल में सुशासन के लिए अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं. इसलिए 1 जनवरी, 2004 और इसके पश्चात नियुक्त हुए समस्त कार्मिकों के लिए भी, आगामी वर्ष से पूर्व पेंशन योजना यानी OPS लागू करने की घोषणा करता हूं. ये बात कही गई है बजट भाषण में. हालांकि अभी तक इस योजना पर पूरी स्पष्टता नहीं है. हमने कई लोगों से इस फैसले को समझने की कोशिश की. कुछ कहा कहना है कि पेंशन स्कीम में 2004 के बाद से कर्मचारियों का जितना पैसा कट रहा था, मतलब NPS में कॉन्ट्रिब्यूशन अब वो वापस मिल जाएगा, और आगे से कटना बंद हो जाएगा. अगर ऐसा होता है तो कर्मचारियों के अकाउंट में कटा हुआ पैसा वापस आएगा और आगे से NPS कटना बंद हो जाएगा तो उनकी तनख्वाह में भी इजाफा हो जाएगी. लेकिन क्या नियम ऐसा ही है. ये कहना अभी मुमकिन नहीं है. जब सरकार की तरफ इस बारे में स्पष्ट नियम ना बन जाएं. बढ़ते हैं अगले ऐलान की तरफ. दूसरा - देश में घरेलू बिजली मुफ्त करने की बहुत चर्चा होती है. आज गहलोत ने इस तरफ एक घोषणा की है. कहा है कि अगले साल से 100 यूनिट प्रतिमाह तक बिजली का उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को 50 यूनिट तक बिजली फ्री मिलेगी. यानी जो उपभोक्ता 100 यूनिट वाले स्लैब में आते हैं. उनके लिए 50 यूनिट फ्री हो जाएंगे और सिर्फ 50 यूनिट का ही पैसा देना पड़ेगा. इसके अलावा जिनके घर में 100 यूनिट प्रति माह से ज्यादा बिजली खर्च होती है, वहां 150 यूनिट तक 3 रुपए प्रति यूनिट तक सब्सिडी दी जाएगी. अभी राजस्थान देश के उन राज्यों में जहां बिजली सबसे महंगी मिलती है. तो इस लिहाज से गहलोत की नई घोषणा थोड़ी राहत भरी कही जा सकती है. तीसरा - शिक्षा के क्षेत्र में भी कई घोषणाएं की हैं. राजस्थान में अभी महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल चलती हैं. हालांकि इनकी संख्या बहुत कम है. अब शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 1-1 हजार इंग्लिश मीडियम स्कूल शुरू करने का ऐलान किया है. इसके अलावा रीट परीक्षा को लेकर भी एक बजट में एक ऐलान है. रीट यानी राजस्थान में सरकारी टीचर बनने की परीक्षा. परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर काफी बवाल पिछले दिनों चल रहा था. जिसके बाद सरकार ने परीक्षा रद्द भी कर दी थी. अब सीएम गहलोत ने बजट भाषण में बताया है कि जुलाई, 2022 में रीट की परीक्षा करवाया जाना प्रस्तावित है. नए सिरे से होने वाली इस परीक्षा के लिए पुराने अभ्यर्थियों से आवेदन शुल्क नहीं लिया जाएगा. रीट परीक्षा में पदों की संख्या 32 हजार से बढ़ाकर 62 हजार कर दी गई है. चौथा - स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ा ऐलान ये है कि गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए हर परिवार के लिए सरकार की तरफ से 10 लाख रुपये तक का बीमा होगा. इसके लिए राजस्थान में चिरंजीवी योजना चल रही है. जिसमें 5 लाख तक का बीमा है, जिसे अब बढ़ाकर 10 लाख तक का कर दिया गया है. पांचवा - एक बड़ा ऐलान पर्यटन को लेकर हुआ है. पर्यटन सेक्टर को उद्योग का दर्जा दिया गया. प्रदेश पर 700 करोड़ का लाभ पड़ेगा. रियायतें और अनुदान मिल सकेगा. पर्यटन विकास कोष की राशि को बढ़ाकर 1 हजार करोड़ कर दिया गया है. पर्यटन विकास के लिए प्रत्येक लिए दो नए पर्यटन स्थल विकसित होंगे. तो ये कुल मिलाकर राजस्थान की बड़ी बजट घोषणाएं हैं. आमतौर पर राज्यों के बजट पर नेशनल मीडिया में इतनी बात नहीं होती है. राजस्थान जैसे राज्यों की तो बिल्कुल कम. लेकिन कई बड़े ऐलानों की वजह से इस बार अशोक गहलोत के बजट को लेकर खूब बज्ज है. मीडिया में भी और सोशल मीडिया.