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US प्रेसिडेंट के दावेदार रामास्वामी कौन हैं, जिनका मस्क ने समर्थन कर ट्रंप को भी चौंकाया?

विवेक रामास्वामी ने इसी साल 21 फरवरी को फॉक्स न्यूज़ के एक शो में USA के प्रेसिडेंट की पोस्ट के लिए अपनी दावेदारी का ऐलान किया था. वे चीन को अमेरिका का दुश्मन मानते हैं और चीन पर किसी भी तरह की आर्थिक निर्भरता के खिलाफ हैं.

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विवेक रामास्वामी बायो मेडिकल इंडस्ट्री से जुड़े बिजनेसमैन हैं. (फोटोसोर्स- vivek2024.com)

अमेरिका में अगले साल के आखिर तक राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Election) होने हैं. कई चेहरे रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से उम्मीदवारी के लिए मैदान में हैं. इन्हीं में से एक हैं- भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी (Vivek Ramaswamy). 38 साल के करोड़पति बिजनेसमैन विवेक जोर-शोर से अपने प्रचार में जुटे हैं. इस बीच उनकी तारीफ़ एलन मस्क (Elon Musk) ने की है.

कुछ दिनों पहले विवेक ने पत्रकार टकर कार्लसन को एक इंटरव्यू दिया था. इंटरव्यू के इस वीडियो को X (पूर्व में ट्विटर पर) पर शेयर करते हुए एलन मस्क ने लिखा है कि वह (विवेक रामास्वामी) एक होनहार उम्मीदवार हैं. मस्क के इस ट्वीट के बाद विवेक की सोशल मीडिया पर खूब चर्चा है. कहा जा रहा है कि मस्क की ये तारीफ़ विवेक के बड़ा काम आने वाली है.

कौन हैं विवेक रामास्वामी?

असल में अमेरिका में टू-पार्टी सिस्टम है. रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी. हर चार साल में इन दोनों पार्टियों के दो अधिकृत उमीदवारों के बीच राष्ट्रपति पद के लिए चुनावी भिड़ंत होती है. लेकिन इन दोनों पार्टियों के अंदर भी कई प्रत्याशी दांव खेलते हैं. उनके बीच भी प्रचार-प्रसार की होड़ और प्रतियोगिता होती है. तब कहीं एक पार्टी एक कैंडिडेट फाइनल करती है. 38 साल के विवेक रामास्वामी रिपब्लिकन पार्टी के सबसे कम उम्र के उम्मीदवार हैं, जो राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी का चेहरा बनना चाहते हैं. रिपब्लिकन पार्टी के कैंडिडेट्स की लिस्ट में वो तीसरे नंबर पर हैं. रेटिंग्स के लिहाज से उनके पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसैंटिस का नाम आता है. हालांकि, बीते कुछ वक़्त से विवेक का ग्राफ सुधर रहा है.

विवेक के अलावा भी दो भारतीय मूल के लोग रिपब्लिकन पार्टी की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति बनने की रेस में हैं. इनके नाम हैं- निकी हेली और हर्षवर्धन सिंह.

दरअसल, 38 साल के विवेक रामास्वामी ने इसी साल 21 फरवरी को फॉक्स न्यूज़ के एक शो में USA के प्रेसिडेंट की पोस्ट के लिए अपनी दावेदारी का ऐलान किया था. वे चीन को अमेरिका का दुश्मन मानते हैं और चीन पर किसी भी तरह की आर्थिक निर्भरता के खिलाफ हैं. विवेक ने 9/11 हमले को लेकर तत्कालीन अमेरिकी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि अमेरिकी सरकार ने इस हमले को लेकर असली सच छिपाए हैं. विवेक ने ये भी आरोप लगाया कि 9/11 हमले में सउदी अरब सरकार शामिल थी.

विवेक के माता-पिता मूल रूप से केरल के रहने वाले हैं. अमेरिका जाकर बस गए. विवेक की पैदाइश भी अमेरिका के ओहायो की है. उन्होंने  हार्वर्ड और येल जैसी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज से पढ़ाई की. हार्वर्ड से बायोलॉजी में ग्रेजुएट डिग्री लेने के बाद साल 2014 में विवेक ने रोइवेंट साइंसेज नाम की बायोफार्मास्यूटिकल कंपनी शुरू की. और बाद में उन्होंने स्ट्राइव एसेट मैनेजमेंट फर्म बनाई. ऐसा माना जाता है कि विवेक को आर्थिक मामलों की अच्छी समझ है. वो किताबें लिखने के भी शौक़ीन हैं. उनकी एक मशहूर किताब है- ‘वोक, इंक: इनसाइड कॉर्पोरेट अमेरिकाज सोशल जस्टिस स्कैम’. ये किताब बेस्टसेलर रही है.

अमेरिका में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए प्रतिद्वंद्वियों के बीच टीवी डिबेट, पब्लिक स्पीच वगैरह होते हैं. हर कैंडिडेट, अमेरिका और उसके लोगों की बेहतरी के लिए अपनी सोच सार्वजानिक रूप से बताता है. अपनी नीतिगत सोच और इरादों को जाहिर करता है. जिसके आधार पर लोग उस कैंडिडेट के बारे में राय बनाते हैं. ये प्रक्रिया, लंबी और कई चरणों में होती है. 23 अगस्त को रिपब्लिकन पार्टी की टीवी डिबेट्स शुरू हो रही हैं, इसके बाद से उम्मीदवारों के बीच असली रेस शुरू हो जाएगी.

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