ब्रिटिश राजशाही के कई महलों में से एक है लंदन का केंसिंग्टन पैलेस. बड़ा सा महल. बहुत से कमरे. एक बड़ा सा गार्डन. साल 1997 में इस महल के बगीचे में एक रोज़ अजूबा हुआ. बगीचे में फूल खिला करते थे. बहुत से लेकिन फिर भी गिनती के. एक रात आई और बीत गई. अगली सुबह बगीचे में इतने फूल थे कि 5 फुट का एक आदमी उनमें दफन हो सकता था. वजन के हिसाब से लगभग 15 टन फूल. गिनती की जाती तो लगभग 6 करोड़ फूल. एक करोड़ गुलदस्ते. इतने फूल दुनिया में एक जगह पर न कभी देखे गए थे, न कभी आगे देखे गए. लेकिन असल में वो फूलों के खिलने की नहीं, मुरझाने की रात थी. दुनिया की सबसे फेमस राजकुमारी जिन सफ़ेद फूलों पर रश्क करती थी. वे फूल आज उसकी मौत पर भेजे गए थे. ये कहानी है राजकुमारी डायना की (princess diana death). 31 अगस्त 1997 की रात डायना की एक कार एक्सीडेंट में मौत हो गई. लेकिन क्या सच में ये महज़ एक हादसा था? क्या हुआ था उस रात? चलिए जानते हैं.
राजकुमारी डायना की मौत की पूरी कहानी
राजकुमारी डायना की मौत के पीछे क्या कोई साजिश थी?
साल 2017 में HBO में राजकुमारी डायना की जिंदगी पर बनी एक डाक्यूमेंट्री प्रसारित हुई. नाम - Diana, Our Mother: Her Life and Legacy. इस डाक्यूमेंट्री में डायना के बड़े बेटे प्रिंस विलियम कहते हैं,
"मोटर साइकिल में बैठे 30 लोग मेरी मां के पीछे लगे रहते थे. कभी रास्ता बंद कर देते थे. कभी थूक देते, कभी गाली देते. ताकि कोई रिएक्शन आए. कभी-कभी वो मां को रुलाने की कोशिश करते ताकि उनकी तस्वीर खींच सकें".
प्रिंसेज डायना. साल 1981 तक ये नाम डायना फ्रांसिस स्पेंसर हुआ करता था. फिर डायना की शादी प्रिंस चार्ल्स से हो गई. शादी का लाइव प्रसारण हुआ. रिकॉर्ड टूट गए. साढ़े सात सौ करोड़ लोगों ने टीवी पर देखा. चार्ल्स राजकुमार थे. ब्रिटेन के अगले राजा. लेकिन लोगों की नजरें डायना पर चस्पा थीं. उसी दिन अखबारों को समझ आ गया. ये चेहरा नहीं सोने का अंडा देने वाली मुर्गी है. डायना की तस्वीरें खींची गई. इतनी कि जितनी पहले कभी किसी की नहीं खींची गई थी. 90 का दशक आने तक डायना की एक तस्वीर लगभग 80 करोड़ रूपये में बिकने लगी थी. हालांकि ये दाम अभी और आगे जाना था. (princess diana death hindi)
साल 1996. डायना और चार्ल्स का तलाक हो गया. ब्रिटेन के सबसे ताकतवर परिवार में स्कैंडल. तथाकथित पत्रकारों के झुंड के झुंड डायना के पीछे पड़ गए. डायना जहां जाती मोटरसाइकिल का एक जत्था उनके पीछे होता. प्रसिद्धि ने डायना की जिंदगी को नर्क बना दिया. लेकिन ये फिर भी उस नरक से बेहतर जिन्दगी थी जो पिछले 15 साल उन्होंने गुजारी थी. उनका पति किसी और से प्रेम करता था. किसी और से शादी करना चाहता था. डायना से शादी एक समझौता बन गई थी. इसलिए तलाक के बाद डायना ने तय किया कि वो जिन्दगी अपनी शर्तों पर जिएंगी. 1997 का साल आया. उस साल डायना की एक और तस्वीर खींची गई जिसने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए. ये तस्वीर लगभग 500 करोड़ रूपये में बिकी थी. क्या था इस तस्वीर में डायना एक याट पर बैठी थी. लेकिन उनके साथ एक शख्स और था.
इस शख्स का नाम था, डोडी फाएद. इजिप्ट के एक बड़े रईस मुहम्मद अल फायेद के बेटे डोडी, खुद एक फिल्म प्रोडूसर थे. दोनों एक दूसरे को काफी पहले से जानते थे. लेकिन दोनों के बीच नजदीकी बढ़ने की शुरुआत साल 1997 में हुई. अगस्त में दोनों साथ छुट्टी पर इटली गए. यहीं याट पर वो तस्वीर खींची गई, जिसके टूटकर दाम मिले थे. अख़बारों की सुर्खियां दोनों के बीच रिश्तों की सुगबुगाहट से पटी हुई थीं. डायना से मुलाक़ात के वक़्त डोडी एक दूसरी महिला के साथ रिश्ते में थे. ये महिला एक मॉडल थी और उसका दावा था कि उसकी डोडी से सगाई हो चुकी थी. और डोडी ने डायना के लिए उसे छोड़ दिया था.
असलियत जो भी रही हो, अखबारों के लिए मसाला काफी थी. तलाक के बाद एक महिला का किसी पुरुष से रिश्ता और उसमें एक और महिला का एंगल. और इस सबका ब्रिटिश राजपरिवार से कनेक्शन. साल 1997 अगस्त महीने में लन्दन के तमाम पापाराज़ी ओवरटाइम पर थे. डायना की एक झलक मालामाल कर सकती थी. इसलिए सभी इस फिराक में थे कि किसी तरह एक फोटो मिल जाए. डोडी से साथ मिल जाए तो कहने ही क्या. इसी लालच के फेर में अगस्त महीने की 31 तारीख एक भयानक हादसे की गवाह बन गई.
30 और 31 अगस्त के बीच क्या हुआ?सिलसिलेवार तरीके से जानते हैं.
30 अगस्त 1997, शनिवार का दिन. डायना और डोडी का विमान इटली से पेरिस के लिए उड़ान भरता है. दोनों छुट्टियां मनाकर लौट रहे थे. आगे लंदन जाने का प्लान था. लेकिन उससे पहले दोनों के एक दिन पेरिस में गुजारने का फैसला किया.
शाम के साढ़े चार बज़े. पेरिस के रिट्ज होटल के पास एक गाड़ी आकर रुकती है. गाड़ी में से डायना और डोडी फाएद उतरते हैं. होटल डोडी के पिता का था. सुरक्षा कड़ी थी. इसके बावजूद डायना और डोडी को पीछे के रास्ते होटल में दाखिल होना पड़ा. दोनों के लिए एक इम्पीरियल सुइट बुक था. कुछ देर यहां आराम करने के बाद करीब पौने छ बजे, डोडी फाएद होटल से बाहर निकलते हैं. अकेले. डोडी एक मशहूर जौहरी की दुकान में जाते हैं. दो कीमती अंगूठियां होटल तक डिलीवर कर दी जाती हैं.
शाम के सात बजे डोडी और डायना होटल से निकलकर डोडी के घर जाने का फैसला करते हैं. जो होटल से कुछ ही दूरी पर था. 9 बजकर 50 मिनट पर गाड़ी दोनों को लेकर वापस लौटती है. अमेरिकी पत्रकार और लेखक क्रिस्टफर एंडरसन की किताब, The Day Diana Died के अनुसार,
डायना और डोडी ने उस रात पेरिस के मशहूर रेस्त्रां, बेनो पेरिस में रिजर्वेशन कराया था. लेकिन वहां तस्वीर खींचने को लालायित पापरेज़ी इकठ्ठा हो चुके थे. इसलिए दोनों ने रिजर्वेशन कैंसिल कर दिया. और रिट्ज के एक ही रेस्त्रां में जाकर बैठ गए. यहां भी फायेद को शक था कि कस्टमर की शक्ल में फोटो ग्राफर बैठे हुए हो सकते हैं. इसलिए दोनों ने वेटर से कहा कि उनका खाना उनके कमरे में पहुंचा दें. इसके बाद दोनों उठकर अपने कमरे में चले जाते हैं.
रात के 12 बजकर 10 मिनट. कैलेंडर में तारीख बदल चुकी थी. रिट्ज होटल के गेट के सामने एक कार आकर खड़ी होती है. इनमें से एक में डोडी का ड्राइवर बैठा था. पूरा इंतजाम देखकर लगता था कि डोडी और डायना अभी होटल से बाहर आएंगे. पापाराज़ी तस्वीर लेने का इंतजार कर रहे थे. लेकिन जब अगले 10 मिनट तक कोई बाहर नहीं आया, फोटोग्राफर्स समझ गए कि उन्हें झांसा दिया जा रहा है. उनमें से एक को खबर मिलती है कि दोनों पिछले रास्ते से बाहर निकल गए हैं. सारे पापरेज़ी मोटरसाइकिल में सवार होकर डायना का पीछा करना शुरू कर देते हैं.
रात 12 बजकर 20 मिनट पर डोडी और डायना होटल से निकल चुके थे. दोनों एक काली मर्सिडीज में सवार थे. जिसे होटल का एक सिक्योरिटी ऑफिसर हेनरी पॉल चला रहा था. पॉल ने शराब पी रखी थी. और बाद में उसके खून के सैंपल में डिप्रेशन की दवाइयां भी मिली थीं. इन तीनों के अलावा डोडी का एक पर्सनल बॉडीगार्ड भी उनके साथ था. जो सामने वाली सीट पर बैठा हुआ था. होटल से निकलते हुए किसी ने भी सीट बेल्ट नहीं पहनी थी. काली मर्सेडीज कुछ मिनटों तक आराम से पेरिस की सड़कों पर दौड़ती रही. लेकिन फिर अचानक 20-30 मोटर साइकिलों का झुंड उनके पीछे आ गया. डायना को डर था कि कोई दुर्घटना न हो जाए. वो जल्द से जल्द डोडी के घर पहुंचना चाहती थी. कार का ड्राइवर हेनरी पॉल भी यही मंशा रखता था. उसने गाड़ी की स्पीड तेज़ कर दी. पेरिस की सडकों पर पकड़ा पकड़ी का ये खेल एक सुरंग पर जाकर ख़त्म हुआ.
डायना की कार का एक्सीडेंट12 बजकर 23 मिनट पर पापराजी का झुंड सुरंग के अन्दर घुसा. वहां डायना की गाड़ी खड़ी थी लेकिन उसके परखच्चे उड़ चुके थे. गाड़ी एक पिलर से टकराई थी. डोडी फाएद और ड्राइवर की मौत हो चुकी थी. बॉडीगार्ड जिंदा था. उसने ठीक समय पर सीट बेल्ट लगा ली थी. डायना की सांसे चल रही थी लेकिन काफी सारा खून बह चुका था. इस हालत में भी गिद्ध अपने काम में मशगूल थे. चारों तरफ कैमरा के लेंस चमचमा रहे थे. जिन्दगी पैसा थी और मौत भी. ऐसे में कोई तस्वीर खींचने का मौका नहीं छोड़ना था. कुछ मिनटों बाद एक और गाड़ी सुरंग के अन्दर दाखिल हुई. इस गाड़ी में डॉक्टर फ्रेडरिक माये सवार थे. डॉक्टर माये ने फोटोग्राफर्स की भीड़ को हटाते हुए गाड़ी तक पहुंचने की कोशिश की. उन्होंने देखा डायना अभी भी होश में हैं. डॉक्टर माये ने डायना का हाथ पकड़ने की कोशिश की. उनमें होश बाकी था. डायना ने डॉक्टर फाए से कहा, भगवान के लिए मुझे अकेला छोड़ दो. डॉक्टर माए ने तुरंत पुलिस को इत्तिला कर दिया.
पुलिस आई. लेकिन एम्बुलेंस को आने में एक घंटे से ज्यादा का समय लग गया. गाड़ी को काटकर डायना को बाहर निकाला गया. रात के एक बजकर 20 मिनट पर डायना को एम्बुलेंस में डालकर अस्पताल ले जाया गया. रास्ते में ही डायना को दिल का दौरा पड़ा. एम्बुलेंस रोक कर उन्हें CPR दिया गया. जिसके बाद एम्बुलेंस नजदीकी अस्पताल की तरफ बढ़ गई. अस्पताल पहुंचने तक डायना की सांसे चल रही थीं.
इसी बीच रात के 1 बजकर 45 मिनट पर फ़्रांस में ब्रिटेन के राजदूत माइकल जे के पास एक कॉल आता है. जे तुरंत महारानी एलिज़ाबेथ के निजी सचिव को कॉल लगाते हैं. महारानी और पूरा परिवार इस समय बालमोरल कासल में था. रात के दो बजे महारानी को खबर मिली कि उनकी एक्स बहू का एक्सीडेंट हो गया है .उधर पेरिस में ठीक यही समय हुआ था जब डायना को लेकर एम्बुलेंस अस्पताल पहुंची. डॉक्टरों ने तुरंत उनकी सर्जरी शुरू हो गई. डायना को बचाने की तमाम कोशिशें हुई. लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. 31 अगस्त, सुबह के 4 बजे, डॉक्टर ने डायना को मृत घोषित कर दिया.
मौत या हत्या की साजिश?राजकुमारी डायना की मौत महज़ 36 साल की उम्र में हो गई थी. राज परिवार का हिस्सा न होकर भी वो ब्रिटेन की सबसे चर्चित हस्तीं थीं. और लोगों में बहुत लोकप्रिय. BBC की रिपोर्ट्स बताती हैं कि डायना की मौत के बाद उनके लन्दन के निवास स्थान, केंसिंग्टन पैलेस में इतने फूल आए थे कि उन्हें रखने के लिए जगह कम पड़ गई थी. लोग सड़कों पर रो रहे थे. सारा इल्जाम अखबारों पर डाला जा रहा था. लोगों का मानना था कि एक्सीडेंट की वजह वो पापाराज़ी थे, जो डायना के पीछे पड़े थे. अगले कुछ महीने लोगों ने अखबार खरीदने बंद कर दिए थे. हालात ऐसे थे कि एक अखबार को कहना पड़ा कि वो अब कभी पापराजी की तस्वीरें नहीं छापेंगे. इसके बाद भी अखबारों की खरीद में कोई ख़ास तेज़ी नहीं आई.
इस पूरे हंगामे के बावजूद जिस एक शख्स पर डायना की मौत का सबसे नकारात्माक असर हुआ, वो थीं ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ. यहां से हम इस घटना से जुड़ी उस टेरेटरी में दाखिल होते हैं, जो किसी भी हाई प्रोफाइल मौत के साथ नत्थी हो जाती है. यानी कांस्पीरेसी थ्योरी. डायना की मौत, मौत या हत्या या कोई साजिश? इस सवाल को लेकर 30 साल बाद भी किताबें छपती हैं. लेख लिखे जाते हैं. ऐसा मानने वालों की कमी नहीं जो डायना की मौत में गड़बड़ी देखते हैं. क्या इन थियोरीज़ में कोई दम है? ये बात पूरी तरह से शायद ही कभी सामने आए. लेकिन कांस्पीरेसी का तर्क क्या है. ये आपको बता देते हैं.
सबसे पहले बात ब्रिटिश राज परिवार की. साल 1995 में डायना का एक इंटरव्यू बहुत चर्चित हुआ था. जिसमें उन्होंने बोला था, वो लोग मुझे रास्ते से हटाना चाहते हैं. प्रिंस चार्ल्स से अलग होने के कुछ रोज़ बाद डायना ने अपने एक बावर्ची को एक नोट दिया था. इसमें लिखा था- "कोई मेरे एक्सीडेंट की प्लानिंग कर रहा है. मेरी कार का ब्रेक फेल हो सकता है. इसके बाद ही उसके (चार्ल्स) की शादी का रास्ता साफ़ हो पाएगा". चार्ल्स कैमिला पार्कर नाम की एक महिला से शादी करना चाहते थे. जहां तक दोनों की शादी का सवाल था, डायना से तलाक के बाद चार्ल्स उनसे शादी कर सकते थे. कोई कानूनी अड़चन नहीं थी. लेकिन एक बात ये भी सच थी कि ब्रिटेन की जनता की पूरी सहानुभूति डायना के साथ जुड़ी हुई थी. डायना की मौत के बाद भी लोग राज परिवार से काफी नाराज़ थे.
कारण- डायना की मौत के पांच दिन तक महरानी एलिज़ाबेथ ने इस पर कुछ नहीं बोला. और जब बोला तब भी उनका बयान काफी रूखा सूखा था. उस वक्त द एक्सप्रेस नाम के एक अखबार ने अपने फ्रंट पेज पर रानी की तस्वीर छापते हुए हेडलाइन दी थी- 'शो अस यू केयर'.
डोडी के पिता मुहम्मद अल फाएद ने तो सीधा राज परिवार पर हत्या का इलज़ाम लगा दिया. उनके अनुसार डोडी और डायना ये घोषणा करने वाले थे कि दोनों की मंगनी हो गई है. और इसी को रोकने के लिए दोनों की हत्या करा दी गई. मुहम्मद अल फाएद ने प्रिंस फिलिप को इस साजिश का मास्टरमाइंड करार दिया.
कांस्पीरेसी थियोरी का दूसरा सिरा जुड़ता था हत्या की रात के घटना क्रम से. डायना जिस गाड़ी में बैठी हुई थी. उसकी फोरेंसिक जांच से पता चला कि उस पर सफ़ेद पेंट के निशान थे. जो एक दूसरी गाड़ी से खरोंच लगने के कारण लगे थे. पुलिस ने इस गाड़ी को खोजने की बहुत कोशिश की लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. डोडी ने पिता ने जांच कमिटी को दिए अपने बयान में कहा कि सफ़ेद गाड़ी एक फ्रेंच जर्नलिस्ट की थी. और इसी गाड़ी से टक्कर लगने के कारण डायना की कार का एक्सीडेंट हुआ था. पुलिस इस मामले की जांच करती उससे पहले ही उस फ्रेंच जर्नलिस्ट की भी मौत हो गई.
MI-6 का हाथ?हत्या की रात कुछ और चीजें भी संदेहास्पद थीं. मसलन-
होटल और सुरंग के बीच कई CCTV लगे थे. लेकिन एक में भी गाड़ी का वीडियो रिकॉर्ड नहीं हुआ था. यहां तक कि सुरंग के अन्दर भी 14 CCTV लगे थे. लेकिन उनमें से भी कोई फुटेज हासिल नहीं हुआ.
डायना को ले जाने के लिए एम्बुलेंस को आने में एक घंटे से ज्यादा का वक्त लगा था. जबकि अस्पताल वहां से कुछ ही दूरी पर था.
इस मामले में एक शक ब्रिटिश ख़ुफ़िया एजेंसी MI-6 पर भी जताया गया. रिचर्ड टॉमलिंसन नाम के एक पूर्व MI-6 अफसर ने जांच एजंसियों के सामने दावा किया कि गाड़ी का ड्राइवर हेनरी पॉल और बॉडी गार्ड ब्रिटिश इंटेलिजेंस के लिए काम करता था. टॉमलिंसन के अनुसार, MI-6 डायना पर नज़र रख रही थी. और जिस प्रकार डायना की मौत हुई थी. कुछ वैसा ही प्लान MI-6 ने सर्बिया के राष्ट्रपति को मारने के लिए बनाया था. हालांकि टॉमलिंसन के बारे में एक बात ये भी जानने लायक है कि वो खुद MI-6 के ख़ुफ़िया दस्तावेज़ लीक करने के जुर्म में जेल जा चुका था और MI-6 से निकाला जा चुका था.
इनके अलावा और भी बहुत सी थियोरीज़ थीं. मसलन ये दावा कि राजकुमारी डायना प्रेग्नेंट थी. या ये कि उनके शरीर को जल्दबाजी में एम्बाल्म कर दिया गया. या ये कि घटनास्थल को जल्दबाजी में साफ़ किया गया. ऐसा नहीं कि इन सब थियोरीज़ की जांच नहीं हुई. ब्रिटिश पुलिस ने साल 2004 में इन तमाम एंगलों की जांच की. दो साल बाद इस जांच रिपोर्ट के आधार पर ब्रिटेन की एक अदालत ने इस मामले में फैसला दिया. उन्होंने डायना की मौत को महज एक दुर्घटना मानने से इंकार कर दिया. और इसे गैर-इरादतन हत्या करार देते हुए मर्सिडीज और पापाराज़ी को इस मौत का जिम्मेदार ठहराया. अदालत ने तमाम कांस्पीरेसी थियोरीज़ को खारिज किया. लेकिन मानने वालों के तर्क बरकरार हैं.
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