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54 साल बाद खुलने जा रहा है उस मर्डर का राज, जिसने दुनिया को हिला दिया था

सबसे ताकतवर इंसान को दिनदहाड़े उसके ही लोगों के बीच कत्ल कर दिया गया था.

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पत्नी जैकलीन के साथ बैठे जे एफ कैनेडी. इस तस्वीर के लिए जाने के कुछ ही मिनट बाद कैनेडी को गोली मार दी गई थी.

एक था राजा, एक थी रानी राजा मर गया, खतम कहानी

ये कहानी अच्छी थी. कम से कम, खत्म तो होती थी. राजा मरा, कहानी खत्म. कई कहानियां अमृत पीकर आती हैं. खत्म नहीं होतीं. ऐसी ही एक कहानी है. बहुत साल पहले हुई थी. तकरीबन 54 साल पहले. नवंबर का एक दिन था. दुनिया का सबसे ताकतवर राजा घूमने निकला. प्रजा से मिलने. साथ में थी रानी. पूरा तामझाम. लाव-लश्कर. कुछ गलत हो ही नहीं सकता था. फिर एकाएक एक गोली आई. धड़धड़ाती हुई. सिर में लगी. धाड़. फिर दूसरी गोली आई. गले में लगी. राजा का सिर एक ओर लुढ़क गया. रानी की गोद में. राजा खत्म हो गया. उसकी कहानी खत्म नहीं हुई मगर. चलती रही, चलती रही. इतना चली कि इस एक कहानी से कई कहानियां बन गईं.


 
राष्ट्रपति कैनेडी का काफिला. कोई सोच भी नहीं सकता था कि ये कैनेडी का आखिरी दिन साबित होगा.
राष्ट्रपति कैनेडी का काफिला. कोई सोच भी नहीं सकता था कि ये कैनेडी का आखिरी दिन साबित होगा.

कैनेडी की मौत के राज से पर्दा उठने ही वाला है ऊपर जो लिखा है, उसमें बस एक शब्द रिप्लेस करना है. राजा के बदले राष्ट्रपति लिखना है. दुनिया का सबसे ताकतवर राजा माने अमेरिकी राष्ट्रपति. वो इंसान, जिसके हाथ में अमेरिका की दादागिरी का रिमोट होता है. जॉन एफ कैनेडी. ये मर्डर दुनिया की सबसे सनसनीखेज राजनैतिक हत्याओं में से एक था. इतने साल हो गए, इसकी मिस्ट्री नहीं सुलझी. इस मुद्दे पर अमेरिका का ऑब्सेशन समझ लीजिए. जितने मुंह, उतनी बातें. कयास लगाते हुए एक-आध पीढ़ी निपट गई. इतने सालों बाद अब जाकर इस राज से पर्दा उठने वाला है. कैनेडी की हत्या से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक होने जा रही हैं. डॉनल्ड ट्रंप ने इसके लिए ओके बोल दिया है.
राष्ट्रपति जे एफ कैनेडी के अंतिम संस्कार के समय ताबूत के पास उनकी पत्नी और बेटी.
राष्ट्रपति जे एफ कैनेडी के अंतिम संस्कार के समय ताबूत के पास उनकी पत्नी और बेटी.

अमेरिका को 'कैनेडी असेसिनेशन' पर बात करने की लत लग गई 22 नवंबर, 1963. कैनेडी अपनी पत्नी जैकी के साथ खुली लिमोजिन में बैठे थे. लोगों का जमावड़ा लगा था. ऐसा आमतौर पर तो होता नहीं. राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री जैसे लोग सात पिटारों के अंदर बंद रहते हैं. राष्ट्रपति भी ऐसा-वैसा नहीं. अमेरिका का. उसी के लोगों के बीच यूं उसे कत्ल कैसे किया जा सकता था? ये नामुमकिन भी मुमकिन हो गया मगर. ली हार्वे ओसवाल्ड नाम के शख्स पर कैनेडी की हत्या का आरोप लगा. जांच हुई. पाया गया कि ओसवाल्ड ने अकेले ही इस मर्डर को अंजाम दिया. इस जांच रिपोर्ट पर लोगों ने कभी भरोसा नहीं किया मगर. मिस्टर प्रेसिडेंट को ऐसे कैसे मारा जा सकता था? उस दिन के बाद अमेरिका को इस मुद्दे की लत लग गई.
कैनेडी की मौत हमेशा एक मिस्ट्री बनी रही. जांच हुई. दोषी का नाम भी सबको पता है. फिर भी, ये मामला हमेशा से अनसुलझा ही माना जाता रहा है.
कैनेडी की मौत हमेशा एक मिस्ट्री बनी रही. जांच हुई. दोषी का नाम भी सबको पता है. फिर भी, ये मामला हमेशा से अनसुलझा ही माना जाता रहा है.

साजिशों के कई किस्से सालों से दोहराये जा रहे हैं आपने 'नैशनल ट्रेजर' देखी है. आए दिन टीवी पर आती रहती है. इसमें निकोलस केज वाइट हाउस के बगीचे में एक बच्चे से मिलते हैं. वो बच्चा कैनेडी की मौत की थिअरीज डिस्कस कर रहा है. अमेरिका में ये सदाबहार मुद्दा है. इसकी बात छिड़ते ही हर कोई जासूस बन जाता है जैसे. कुछ अपनी ही जांच एजेंसी CIA को घसीटते हैं. कुछ को रूस का हाथ दिखता है. ये साजिशों का ऐंगल खोजना अब भी जारी है. इनमें से कुछ कॉन्सपिरेसी थिअरीज सबसे ज्यादा हाथो-हाथ ली जाती हैं. इनमें से टॉप चार थिअरीज पर थोड़ी नजर डालिए:
पहली थिअरी: रूस के KGB ने कराई हत्या ये शीत युद्ध का दौर था. अमेरिका और रूस, दोनों एक-दूसरे को काटने पर तुले रहते थे. क्यूबन मिसाइल क्राइसिस का नाम सुना होगा. जिसके मारे पूरी दुनिया का बीपी बढ़ गया था. इसमें अमेरिका ने रूस पर दबाव बनाया. रूस को क्यूबा के अंदर तैनात किए अपने मिसाइल हटाने पड़े. इसके बाद रूस और चिढ़ा हुआ था. इस समय रूस के राष्ट्रपति थे निकिता क्रुसचेव. जब कैनेडी की हत्या हुई, तो रूस का खूब नाम आया. लोग कहते, क्रुसचेव ने मरवाया है. अपनी जासूसी एजेंसी KGB के हाथों. KGB कितनी दुर्दांत थी, इसके तो खूब किस्से हैं. बहरहाल, रूस का हाथ साबित नहीं हुआ.
ये तस्वीर कैनेडी को गोली मारे जाने के तुरंत बाद की है. उनकी पत्नी कार के पीछे की ओर लपकती दिख रही हैं. कैनेडी का शरीर कार की सीट पर पड़ा है.
ये तस्वीर कैनेडी को गोली मारे जाने के तुरंत बाद की है. उनकी पत्नी कार के पीछे की ओर लपकती दिख रही हैं. गोली लगने के बाद कैनेडी का शरीर कार की सीट पर पड़ा है. सुरक्षाकर्मी दौड़कर उनकी ओर आ रहे हैं.

दूसरी थिअरी: CIA ने ही करा दी अपने राष्ट्रपति की हत्या सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी. ऐब्रिविऐशन समझो, तो CIA. अमेरिका का खुफिया विभाग. जिसके जिम्मे विदेशों में ताका-झांकी करने का जिम्मा होता है. इसके ऊपर भी उंगलियां उठती हैं. लोग कहते हैं कि क्यूबा और वामपंथ को लेकर कैनेडी के रुख से CIA खुश नहीं थी. और भी कई बातों को लेकर उसकी कैनेडी से असहमति थी. हो ये रहा था कि उस दौर में CIA जी-जान से फिदेल कास्त्रो को हटाने की कोशिश कर रहा था. फिदेल कास्त्रो क्यूबा के लीडर थे. CIA ने कास्त्रो को मरवाने के लिए सब झोंक दिया था. कैनेडी की हत्या से पहले ही CIA का एक ऑपरेशन नाकाम हुआ. इसे 'बे ऑफ पिग्स इनवेजन' कहते हैं. इस ऑपरेशन के दौरान कैनेडी ने हवाई मदद देने से इनकार कर दिया था. कई लोग मानते हैं कि इस वाकये के बाद CIA कैनेडी से नाउम्मीद हो गया. उसने सोचा, कैनेडी किसी काम के नहीं. सो खुद ही उन्हें रास्ते से हटा दिया.
29 मई, 1917 को ब्रुकलिन स्थित इसी घर में जॉन एफ कैनेडी पैदा हुए थे.
29 मई, 1917 को ब्रुकलिन स्थित इसी घर में जॉन एफ कैनेडी पैदा हुए थे.

तीसरी थिअरी: माफिया ने कैनेडी को मरवाया लोगों के बीच ये वाला ऐंगल भी काफी लोकप्रिय है. उनके मुताबिक, CIA ने माफिया के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची. लोग कहते हैं कि माफिया ने क्यूबा में खूब पैसा लगाया था. कास्त्रो के कारण उस निवेश पर पानी फिरने वाला था. धंधा बंद होने की नौबत आ गई थी. ऐसे में कास्त्रो को हटाना माफिया की जरूरत बन गया. इस थिअरी को तब और हवा मिली, जब CIA के माफिया के साथ मिलकर काम करने की जानकारी सामने आई. सरकारी दस्तावेजों से पता चला कि CIA ने कास्त्रो को हटाने के लिए सच में माफिया की मदद ली थी. हालांकि, कैनेडी की हत्या में माफिया के शामिल होने का तो कोई सबूत नहीं मिला कभी. सबूत न मिलने से क्या होता है? ताज महल को तेजोमहालय और काबा के काले पत्थर को शिवलिंग मानने वालों को कौन सा सबूत मिला कभी? लोग कहते हैं कि कैनेडी को मरवाने के लिए कास्त्रो के विरोधियों, माफिया गुटों और CIA ने हाथ मिलाया.
कैनेडी म्यूजियम के बाहर बनी जॉन एफ कैनेडी की प्रतिमा.
कैनेडी म्यूजियम के बाहर बनी जॉन एफ कैनेडी की प्रतिमा.

चौथी थिअरी: क्यूबा से बाहर निकाले गए कास्त्रो विरोधियों ने कराई हत्या ये भी एक थिअरी हैं. इसके सेंटर में हैं कास्त्रो के वो विरोधी, जो क्यूबा से देश-निकाला झेल रहे थे. कहते हैं, उन्होंने हत्या कराई. 'बे ऑफ पिग्स' के नाकाम हमले का जिक्र यहां भी आता है. कहते हैं कि कास्त्रो के विरोधियों को अमेरिका से बड़ी उम्मीदें थीं. देर-सबेर अमेरिका कास्त्रो को ठिकाने लगा देगा. इनको भी 'बे ऑफ पिग्स' में मिली नाकामयाबी से मायूसी हुई. कैनेडी से भी नाउम्मीद हो गए. इनको लगता कि (बतौर थिअरी) कैनेडी कास्त्रो को हटाने में पूरा ध्यान नहीं दे रहे हैं. उन्हें लगने लगा था कि कैनेडी के रहते कास्त्रो का खात्मा संभव नहीं होगा. लोग कहते हैं कि इसी मनोस्थिति में ये धड़ा अमेरिकी कट्टरपंथियों से मिला. एक गुप्त मीटिंग हुई. इसमें कैनेडी की हत्या करने का प्रस्ताव पास हुआ. इस मीटिंग के एक महीने बाद नवंबर में कैनेडी का मर्डर कर दिया गया.
 ये तस्वीर 7 अगस्त, 1960 की है. इसमें जॉन एफ कैनेडी पत्नी जैकलीन के साथ अपनी नाव में नजर आ रहे हैं.
ये तस्वीर 7 अगस्त, 1960 की है. इसमें जॉन एफ कैनेडी पत्नी जैकलीन के साथ अपनी नाव में नजर आ रहे हैं.

कैनेडी मर्डर से जुड़ी फाइलें इसी हफ्ते पब्लिक होने जा रही हैं. देखते हैं, क्या सामने आता है. हम जो अब तक जानते हैं, वो ही सच बना रहेगा? या फिर कुछ नया सामने आएगा? ये सब पता चलेगा, फाइल्स के सामने आने पर. हम उसकी भी खबर लाएंगे. आपके लिए. जानने का मन करे, तो पढ़ लीजिएगा. कैनेडे के मर्डर का पूरा किस्सा आप यहां क्लिक करके
पढ़ सकते हैं.


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