The Lallantop

टीवी पर पति की मौत की ख़बर पढ़ने वाली एंकर ने चुप्पी तोड़ी

'मेरे पति मेरी ज़िंदगी थे. उन्होंने मुझे खुश रहना सिखाया.'

post-main-image
यूट्यूब स्क्रीन शॉट
अपने पति की मौत की ख़बर बेइंतेहा सब्र के साथ पढ़ने वाली टीवी एंकर सुप्रीत कौर. बेहद कम शब्दों में अपने ख़याल ज़ाहिर करती हैं. ये नहीं बतातीं कि जब 8 अप्रैल को वो मनहूस ख़बर आई और उन्हें लाइव न्यूज़ में पढ़नी पड़ी, तब उनके अंदर क्या चल रहा था. शायद कभी बता भी न पाएं. ऐसे लम्हे बस हो जाते हैं ज़िंदगी में. कोई ख़ास घड़ी आप चुनते हैं, जब अपने कर्तव्य को अपनी पर्सनल ट्रेजेडी से ऊपर रखा जाता है. ये सोच के नहीं होता, बस हो जाता है. उसे बयां करना यकीनन मुश्किल है. हिंदुस्तान टाइम्स ने सुप्रीत कौर से बात की और जानना चाहा उनके सब्र के पीछे की प्रेरणा को. उस सब्र के राज़ को जिसने पहले उनके साथियों को और फिर पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया. छत्तीसगढ़ के प्राइवेट न्यूज़ चैनल IBC-24 में न्यूज़ एंकर सुप्रीत कौर से जब कहा गया कि उनके ऑन एयर बेइंतेहा सब्र के मुज़ाहिरे के बाद दुनिया भर में उनकी तारीफें हो रही हैं, तो प्रतिसाद (प्रतिक्रिया) में उनके चेहरे पर कोई भाव नहीं आते. ख़ाली निगाहों में कोई चमक नहीं उभरती. अपने पति हर्षद गावडे की बेवक्त मौत ने उनकी ज़िंदगी को जैसे रोक के रख दिया है. उस न्यूज़ रूम में जहां उन्होंने अपने पेशे के लिए पूरा डेडिकेशन दिखाते हुए उनकी मौत की ख़बर पढ़ी थी. अपने पति को याद करते हुए सुप्रीत कहती हैं,
'जब कभी वो मुझसे पूछते कि तुम कहां हो, तो मैं कहती, टीवी देख लो पता चल जाएगा. मैं बहुत रिज़र्व नेचर की थी, उन्होंने मुझे अपने खोल से बाहर निकाला. वो मेरी ज़िंदगी थे. उन्होंने मुझे सिखाया कि खुश कैसे रहा जाता है. उन्होंने हमेशा मेरी पत्रकारिता की तारीफ़ की. मैं हर उस शख्स की शुक्रगुज़ार हूं, जो इस मुश्किल वक़्त में मेरे साथ है.'
सुप्रीत कौर के परिवार वालों से पता चला कि चार साल पहले एक रोड एक्सीडेंट में ही सुप्रीत अपने पिता को खो चुकी हैं. सुप्रीत ज़्यादा कुछ नहीं कहना चाहतीं. उनकी फैमिली मीडिया में आई उन ख़बरों से नाराज़ है, जिनमें उनकी एक बेटी होने की बात कही गई है. हकीकत में उनकी कोई औलाद नहीं है. ये था वो लम्हा: https://www.youtube.com/watch?v=23eboSocmlA
सुप्रीत कौर भिलाई से हैं. दो साल पहले उनकी हर्षद गावडे से शादी हुई थी. रायपुर में, जहां उनका न्यूज़ चैनल है, एक मकान किराए पर लेकर रह रही हैं. हर्षद गावडे की 8 तारीख को अपने दो दोस्तों के साथ एक रोड एक्सीडेंट में मौत हो गई थी. जब इनपुट से ख़बर आई, तो लाइव न्यूज़ पढ़ रही सुप्रीत को अंदाज़ा लग गया था कि ये उनके पति के बारे में है. उन्होंने सपाट चेहरे से ख़बर पढ़ दी. उनके सब्र का बांध टूटा ज़रूर, लेकिन न्यूज़ रूम से बाहर आकर.
उनके एम्प्लायर भी उनसे काफी प्रभावित हैं. IBC-24 के एडिटर-इन-चीफ रवि कान्त मित्तल ने कहा कि हमें उन पर गर्व है. हमारा संस्थान हमेशा उनके साथ खड़ा है. सुनने में आया है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमण सिंह जल्द ही सुप्रीत से मिलने जाएंगे. अपने काम को वरीयता देने का ये जज़्बा दुर्लभ तो है ही, इस वजह से भी ख़ास है कि ये एक भयंकर त्रासदी के बीच उपजा. और उससे ज़्यादा ख़ास है सुप्रीत का इसे एक ‘मौक़ा’ न बनाने का खामोश फैसला. त्रासदियों को बेच कर लाइम लाइट में आने का चलन जहां ज़ोरों पर हो, वहां संभावनाओं के बावजूद उसे नकार देना सुप्रीत को बेहद उजली रोशनी में पेश करता है. उनका सब्र जितना साहसिक था, उतनी ही प्रभावी है उनकी खामोशी. सलाम है!
ये भी पढ़ें:

एंकर ने टीवी पर खुद के ही पति की मौत की खबर पढ़ी

नन्ही बच्ची ने पिता को ख़त लिखा, पढ़कर सेंटी हो जाएंगे

अकेली मां अपने बच्चे की खुशी के लिए क्या-क्या नहीं करती