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क्या होगा जब पुरुष बनने बंद हो जाएंगे और सिर्फ महिलाएं बचेंगी

साइंस बहुत डेवलप हो गया है. इतना कि उसने पुरुषों की लास्ट डेट बता दी है.

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मनुस्मृति
मनुस्मृति

हमें वो टीचर सबसे प्यारा होता है, जो बड़ी बातें चुटकियों में समझा देता है. मनुस्मृति उसी टीचर जैसी हैं. पर असल में टीचर नहीं हैं, वैज्ञानिक हैं. इज़राइल में कैंसर जीन थेरेपी पर रीसर्च कर रही हैं. लल्लनटॉप की दोस्त हैं और बहुत प्यार से लिखती हैं. इस बार मनुस्मृति उस रिसर्च के बारे में बता रही हैं, जिसके मुताबिक एक वक्त आएगा, जब पुरुष बनने ही बंद हो जाएंगे.



मेरी एक सहेली ब्लॉगर है और वो इस साल A to Z Challenge में महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर लिख रही हैं. जब Y लेटर की बारी आई, तो उन्होंने पूछा कि Y से किस पर लिखूं? मैंने बातों-बातों में कहा कि Y क्रोमोज़ोम पुरुष बनाता है और रिसर्च के मुताबिक ये लगातार टूट रहा है. रिसर्च बताते हैं कि कुछ हज़ार साल में आदमी बनेंगे ही नहीं. हम मज़ाक-मज़ाक में बतकही करने लगे कि पुरुषों ने महिलाओं का इतना उत्पीड़न किया है कि प्रकृति भी तंग आकर पुरुषों को बनाने वाली Genes को नेस्तेनाबूत करने में लग गई है. मर्द नहीं होंगे, तो लड़कियां-औरतें सेफ़ रहेंगी, क्राइम कम हो जाएंगे वगैरह वगैरह. मेरी सहेली इस टॉपिक में इंट्रेस्टेड हुईं और उन्होंने अपना ब्लॉग लिख डाला. आप इसे यहां क्लिक करके
पढ़ सकते हैं.

अपनी सहेली का ब्लॉग पढ़ने के बाद मैंने सोचा कि क्यों न लल्लनटॉप के अपने दोस्तों को भी इस Y क्रोमोज़ोम के बारे में बताया जाए!

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हमारी बॉडी में 23 क्रोमोज़ोम का जोड़ा होता है. जोड़े में से एक मम्मी से तो दूसरा पापा से मिलता है. जहां 22 क्रोमोज़ोम पेयर्स नर और मादा दोनों में होते हैं, वहीं तेइसवां जोड़ा अगर XY हुआ तो नर बनता है और अगर XX हुआ तो मादा बनती है. तो हर नर में भी मादा का क्रोमोज़ोम X होता ही है. जहां करोड़ों बरसों में X बना रहा है, वहीं Y क्रोमोज़ोम का लगातार क्षय हुआ है.

तो कोई पुरुष भले अपनी शक्तिमान वाली ताकत किसी महिला पर आजमा ले, लेकिन उसकी मर्दानगी को कोड करने वाली Genes पहले से कम हो गई हैं और वक्त के साथ टूटने के कारण देखने में भी छोटी रह गई हैं.

वैसे तो आपको याद होगा, लेकिन अगर भूल गए हैं, तो रीवाइज़ कर लीजिए. किसी भ्रूण के डेवलप होते समय पिता से X क्रोमोज़ोम (XX) आया है, तो लड़की पैदा होती है और अगर Y क्रोमोज़ोम (XY) आता है, तो लड़का पैदा होता है.

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यानी पापा की बॉडी ही तय करती है कि बेटा पैदा होगा या बेटी. पर अगर किसी फैमिली में बेटी पैदा हो और फैमिली को पसंद न आए, तो सुनना तो मम्मी को ही पड़ता है. पापा तो अकड़े खड़े रहते हैं. चाहे आप भगवान को मानने वाले हों या प्रकृति को, लेकिन इस पूरे प्रॉसेस में इंसान का कोई रोल ही नहीं है. X या Y क्रोमोज़ोम का सेलेक्शन बहुत ही रैंडम होता है.

अगर लोगों को इतनी सी बात समझ में आ जाए, तो क्या ही बात हो. लॉजिक को प्रसाद समझकर एक्सेप्ट कर लेते, तो बहुत सारे लोग कन्या हत्या या भ्रूण हत्या के पाप से बच जाते.

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हाल ही में हुए एक रिसर्च के मुताबिक 46 लाख सालों में पुरुष बनाने वाला Y क्रोमोज़ोम रहेगा ही नहीं. हालांकि, विज्ञान ने काफी प्रगति कर ली है और संभवत: पुरुषों के बने रहने के नायाब तरीके निकाल ही लिए जाएंगे. लेकिन आज की तारीख में ऐसा सोचना कि ऐसा भी समय आएगा, ये अकल्पनीय है. आफ्टरऑल, अच्छे पुरुष भी हमारे आस-पास हैं.

लेकिन अगर पुरुष वाकई समय के साथ कम होने लगे, तो महिलाएं पुरुषों के अत्याचारों से संभवत: अधिक सुरक्षित होंगे. और जैसा कि चुटकुले चलते हैं कि अगर सभी देशों के सरपंच पुरुष नहीं, महिलाएं हों, तो सब लड़ाई-झगड़े खत्म हो जाएंगे. फिर देश एक-दूसरे से सिर्फ ईष्या करेंगे. :)




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