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महादेव एप: CM बघेल पर घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाने वाला कौन है?

CM भूपेश बघेल ने खुद पर लगे सभी आरोपों को झूठा बताया है.

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शुभम सोनी (बाएं) ने छत्तीसगढ़ के सीएम बघेल पर घोटाले मे शामिल होने का आरोप लगाया है.

5 नवंबर की रात 10 बजकर 43 मिनट पर बीजेपी के ऑफिशियल एक्स अकाउंट से शुभम सोनी का वीडियो जारी हुआ. कैप्शन में लिखा था कि 'महादेव बेटिंग एप मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पूरी तरह लिप्त हैं. एप के मालिक शुभम सोनी ने दुबई से वीडियो जारी कर बताई सारी सच्चाई.'

इंट्रो में ही इस शख्स ने अपना नाम शुभम सोनी बताया और दावा किया कि ये महादेव बुक एप का मालिक है. और सबूत के तौर पर इसने अपने आईडी कार्ड भी दिखाए. दी लल्लनटॉप इस वीडियो और इस वीडियो में दिखाई/बताई गई सामग्री की पुष्टि नहीं करता. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक शुभम सोनी महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले के मुख्य आरोपियों में से एक है. शुभम ने दावा किया है कि भूपेश बघेल के राजनीतिक विनोद वर्मा  प्रोटेक्शन के लिए हर महीने उससे 10 लाख रुपये लेते थे. और विनोद वर्मा ने ही रायपुर में उसकी मुलाकात सीएम भूपेश बघेल से करवाई थी. इसके अलावा उसने भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये देने का दावा किया

उसके दो दिन पहले जारी हुए शुभम सोनी के बयान और उसके आरोपों पर सीएम भूपेश बघेल ने X पर प्रतिक्रिया दी उन्होंने लिखा 'पहली बात तो यह कि मैं इस व्यक्ति को नहीं जानता और न मैं कभी इससे उस तरह मिला हूं, जैसा कि वह दावा कर रहा है. वह किसी सभा समारोह का हिस्सा रहा हो तो मैं नहीं कह सकता. दूसरी बात यह है कि यह व्यक्ति दावा कर रहा है कि वह ‘महादेव ऐप’ का मालिक है. आश्चर्य की बात है कि यह बात महीनों से इस मामले की जांच कर रही एजेंसी ईडी को भी अभी तक पता नहीं थी और दो दिन पहले तक ईडी उसे मैनेजर बता रही थी.'

ये आरोप-प्रत्यारोप की बात हो गई. अब संक्षेप में इस मामले का तियां-पांचा समझते हैं और जानते हैं कि ये  महादेव एप है क्या? महादेव एप लोगों से अलग-अलग किस्म के गेम्स में सट्टा लगवाता है. किस तरह के गेम्स?  क्रिकेट, टेनिस, बैडमिंटन, फूटबाल जैसे फील्ड और कोर्ट गेम्स. और पोकर, तीन पत्ती, ड्रैगन टाइगर नाम के ताश के खेल. ये सिर्फ ऑनलाइन गेम्स तक सीमित नहीं है. इस ऐप ने लोगों से भारत में होने वाले चुनावों में भी सट्टा लगवाया - जैसे कौन कितनी सीट जीतेगा टाइप सट्टा? सट्टा सही हुआ तो जीतेंगे, गलत हुआ तो हारेंगे. 100 रुपये का लगाया तो आप जीतने पर आपको 100 रुपये मिलेंगे. हारने पर आपको 100   रुपये देने होंगे.
जब ये ऐप लॉन्च हो गया तो लोगों ने धीरे-धीरे पैसा लगाना शुरू किया. धीरे-धीरे ऐप का कारोबार बढ़ने लगा तो लोग उसी लाइन पर मूर्ख बनने लगे, ठगे जाने लगे. माने शुरू में थोड़ा पैसा लगाओ तो प्रॉफ़िट. बाद में आदत लग गई और मोटा पैसा लगा दिया तो डूबना तय. फिलहाल ये एप काम कैसे करता है और इस मसले की जांच में बॉलीवुड के कौन-कौन से सितारे ED की रडार पर हैं.

अब सवाल ये कि इस महादेव बेटिंग ऐप केस में भूपेश बघेल का नाम कैसे आया? जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि इस केस में ED की कार्रवाई पिछले कई महीनों से चल रही है. अगस्त के महीने में ED ने छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में छापे मारे. छापों के बाद ED ने   चार लोगों को हिरासत में लिया. राज्य की पुलिस में काम करने वाले ASI चंद्रभूषण वर्मा, स्थानीय निवासी सतीश चंद्राकर और अनिल दम्मानी और सुनील दम्मानी नाम के दो भाईयों को, जिनके बारे में ईडी ने कहा कि ये हवाला ऑपरेटर हैं.  ED ने कहा कि ASI चंद्रभूषण वर्मा महादेव ऐप के लोगों का ग्राउंड पर मौजूद लायज़न था. यानी वो महादेव ऐप के लोगों की बिनाह पर ताकतवर और रसूखदार लोगों से मीटिंग करता था.

ED की ऐसी ही छापेमारी 2 नवंबर को भी हुई. जिसकी जानकारी 3 नवंबर को ED की ओर से जारी की गई प्रेस रिलीज में दी गई. इसमें लिखा था कि उन्हें इनपुट मिला था कि महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रमोटर छत्तीसगढ़ में होने वाले चुनाव के लिए कैश डिलीवर कर रहे हैं. इसके आधार पर ED ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया और असीम दास नाम के व्यक्ति को पकड़ा, जिसके पास से 5.39 करोड़ रुपये कैश मिले. ED का कहना है कि असीम दास ने बयान दिया है कि उसे कैश बघेल नाम के राजनेता को देने के लिए दिए गए थे, जिसका इंतजाम महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटरों ने किया. ED ने ये भी दावा किया कि CM भूपेश बघेल को महादेव ऐप वाले भी पैसे देते आए हैं और अब तक 508 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं.  ED के मुताबिक एजेंट असीम दास से पूछताछ और उसके पास से बरामद फोन की फॉरेंसिक जांच के अलावा शुभम सोनी के जरिए भेजे गए ईमेल की जांच में ये बात सामने आई है. यानी कि जो ED महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाले में अब तक छत्तीसगढ़ CM ऑफिस से जुड़े अधिकारियों का नाम ले रही थी. उसने सीधे-सीधी इस घोटाले में भूपेश बघेल का नाम खींच लिया. हालांकि ED ने ये भी कहा कि भूपेश बघेल को पैसे दिए गए या नहीं, ये जांच का विषय है.

3 नवंबर के दिन भूपेश बघेल ने X पर ईडी के इन आरोपों का खंडन करते हुए लिखा- "'महादेव ऐप' की कथित जांच के नाम पर ईडी ने पहले मेरे करीबी लोगों को बदनाम करने के लिए उनके घर छापे डाले और अब एक अनजान से व्यक्ति के बयान को आधार बनाकर मुझ पर 508 करोड़ लेने का आरोप लगा दिया है. ईडी की चालाकी देखिए कि उस व्यक्ति का बयान जाहिर करने के बाद एक छोटे से वाक्य में लिख दिया है कि बयान जांच का विषय है. अगर जांच नहीं हुई है तो एक व्यक्ति के बयान पर प्रेस रिलीज जारी करना न केवल ईडी की नीयत को बताता है बल्कि इसके पीछे केंद्र सरकार की बदनीयती को भी जाहिर करता है."

भूपेश बघेल का ये भी कहना है कि ED के जरिए कांग्रेस की सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. फिलहाल ED की ओर से इस मामले में और क्या एक्शन हुए हैं बताते हैं. आज तक की एक रिपोर्ट के मुताबिक  ED का दावा है कि उसने महादेव एप के कुछ बेनामी बैंक खातों का भी पता लगाया है, जिनमें 15.59 करोड़ रुपये रखे गए थे. उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के प्रावधानों के तहत फ्रीज कर दिया गया है. इसके साथ ही ED ने एक पुलिसकर्मी भीम यादव को भी गिरफ्तार किया है. ED का कहना है कि भीम यादव ने पिछले तीन सालों में अवैध रूप से दुबई की यात्रा की और महादेव एप के प्रमोटर रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर से मुलाकात की.

रवि उप्पल और सौरभ. छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर के रहने वाले इन दो लोगों की ऑनलाइन सट्टेबाजी की लत ने कैसे महादेव एप की नींव रखी थी. कई मीडिया रिपोर्ट्स ये कहती हैं कि महादेव बैटिंग एप की शुरुआत करने वाले रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर हैं. तो इस पूरे प्रकरण में शुभम सोनी का रोल क्या है?  यहां एक बात नोट करने वाली है कि 21 अक्टूबर को ED ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी. जिसमें सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल समेत 14 लोगों को आरोपी बनाया गय़ा था? इसके बाबत ED ने एक प्रेस नोट जारी किया कहीं भी शुभम नाम के व्यक्ति का कोई जिक्र नहीं था. ये नाम अब चुनाव के बीचोबीच आया.

चुनाव के ऐन पहले इस घोटाले में भूपेश बघेल का नाम कांग्रेस को कैसे प्रभावित करेगा, वो नतीजों में सामने आ ही जाएगा. लेकिन भी तो बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से लेकर काडर तक भूपेश बघेल के खिलाफ क्या बयानबाजी हो रही है.

केंद्र सरकार ने महादेव बेटिंग एप समेत अवैध सट्टेबाजी वाले 22 ऐप और वेबसाइट्स को ब्लॉक करने का आदेश दिया है. ED की सिफारिशों के बाद इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी अधिनियम की धारा 69ए के तहत आदेश जारी किया है. आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर का कहना है कि सट्टेबाजी ऐप के जरिए होने वाली अवैध गतिविधियों के खिलाफ भूपेश बघेल सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. जबकि उनके पास अधिकार था.

लेकिन मध्य प्रदेश  भी एक राज्य है जहां लड़ाई फंसी हुई है. और सवालों के घेरे में हैं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और उनके बेटे. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है. दावा किया जा रहा है कि वीडियो केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर का है. इसमें एक व्यक्ति के जरिए देवेंद्र को भैया और गुरुजी कहकर संबोधित किया जा रहा. वीडियो में त्यागी सरनेम वाले आरबीआई के एक रिटायर्ड कमिश्नर का जिक्र हो रहा है जिसके जरिए 100 करोड़ देने की बात हो रही है. राजस्थान-पंजाब की एक पार्टी से 39 करोड़ रुपये की डील होने की बात चल रही है. लेकिन हम यहां एक बात साफ करना चाहेंगे कि इस वीडियो की पु्ष्टि लल्लनटॉप नहीं करता है.

इस वीडियो में डीएचएल नामक एक फर्म कंपनी का भी नाम लिया गया है. इसके अलावा मोहाली के एक लैंड डीलर के माध्यम से पैसे को मंगाया जाने की बात की जा रही है. कथित तौर पर देवेंद्र से बात करता हुए व्यक्ति उनकी पत्नी के नाम पर एक पार्सल दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने की जानकारी देता है. जिसके जवाब में कहा जा रहा है कि एड्रेस प्रूफ वीके कृष्णा मेनन मार्ग की बजाए उनके घर का है.

वीडियो वायरल होने के बाद देवेंद्र सिंह तोमर ने मुरैना जिले के सीविल लाइंस थाने में आवेदन देकर एक शिकायत दर्ज कराई. इसमें वीडियो को वायरल करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई. साथ में आईटी एक्ट 69 ए के तहत सभी सोशल मीडिया चैनल से वीडियो को हटाने और उससे जुड़े सभी यूआरएल को ब्लॉक करने की भी मांग की गई है. पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 469 के तहत एक एफआईआर दर्ज की है.

देवेंद्र सिंह तोमर का कथित वीडियो सामने आने के बाद बीजेपी की तरफ से आधिकारिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. न ही देवेंद्र सिंह तोमर का इस मुद्दे पर कोई बयान मीडिया में आया है. वहीं, कांग्रेस ने वायरल वीडियो वाले मुद्दे को लेकर भाजपा पर हमला बोल दिया है. काग्रेंस पार्टी के आईटी विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने सोमवार प्रेस कांफ्रेंस करके इस मामले में देवेंद्र सिंह तोमर को गिरफ्तार करने और मामले की सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ट जजों से जांच कराने की मांग के साथ ही नरेंद्र सिंह तोमर को मंत्रिमंडल से हटाने की भी मांग की है.

मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और सीएम फेस कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने भी इस मामले की जांच ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स विभाग से कराने की मांग की है.

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बड़े बेटे देवेंद्र हॉकी इंडिया के एसोसिएट वाइस प्रेजिडेंट है. दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश से पहली बार किसी को इसकी जिम्मेदारी दी गई है. इसके अलावा वे मध्य भारत हॉकी संघ के अध्यक्ष पद पर की भी जिम्मेदारी संभालते हैं. देवेंद्र ने दो सीटों, मुरैना की दिमनी विधानसभा सीट और ग्वालियर पूर्व सीट के लिए अपनी दावेदारी ठोकी थी. लेकिन भाजपा ने उनके पिता नरेंद्र सिंह तोमर को दिमनी से चुनाव मैदान में उतार दिया और ग्वालियर से माया सिंह को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश कार्य समिति के सदस्य रह चुके देवेंद्र को इस बार विधानसभा का टिकट नहीं मिला. वे अपने पिता के चुनाव प्रचार का मोर्चा संभाले हुए हैं. इस केस में जो भी अपडेट होगा, हम आपको ज़रूर बताएंगे.