
नरगिस.
ये कहानी वहां से शुरू होती है जब सुनील दत्त सीलोन रेडियो में बतौर रेडियो जॉकी काम किया करते थे. तब एक्टिंग से उनका कोई लेना-देना नहीं था. लेकिन यहीं पर उनका नरगिस से पहली बार मिलना हुआ. उन्हें रेडियो के लिए नरगिस का इंटरव्यू लेने का काम सौंपा गया. तब वे भारत की बहुत बड़ी एक्ट्रेस हो चुकी थीं. राज कपूर के साथ उनकी जोड़ी फिल्मों में बहुत हिट थी. इंटरव्यू के दौरान अपने सामने नरगिस को देखकर सुनील दत्त इतने नर्वस हो गए कि उनसे एक भी सवाल नहीं पूछ पाए. हालत ये हुई कि सुनील दत्त की नौकरी जाते-जाते बची.
दूसरी बार नरगिस और सुनील दत्त की मुलाकात बिमल रॉय की फिल्म 'दो बीघा ज़मीन' के सेट पर हुई. नरगिस वहां बिमल रॉय से मिलने आई थीं और सुनील दत्त वहां काम की तलाश में पहुंचे थे. सुनील को देखते ही नरगिस को पिछला वाकया याद आ गया. वो उन्हें देखकर मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गईं. इसके बाद महबूब खान की फिल्म 'मदर इंडिया' में सुनील दत्त को नरगिस के बेटे का रोल मिला.

फिल्म मदर इंडिया में मां और बेटे के रोल में नरगिस और सुनील दत्त.
शूटिंग के दौरान सुनील बार-बार नरगिस के सामने नर्वस हो जाते थे और एक्टिंग नहीं कर पाते थे. लेकिन नरगिस ने इस दौरान उनकी काफी मदद की जिससे वो सहज होकर एक्टिंग कर सके. नरगिस की इस दरियादिली की वजह से सुनील दत्त को उनसे बहुत लगाव सा हो गया.
कहा जाता है कि इसमें जो रोल सुनील दत्त को मिला था वो इससे पहले दिलीप कुमार को ऑफर किया गया था. लेकिन दिलीप कुमार ने इस रोल को करने से मना कर दिया क्योंकि वो नरगिस के बेटे का रोल नहीं करना चाहते थे. दिलीप ने कहा कि नरगिस तो मेरी हीरोइन है, मैं उसके बेटे का रोल कैसे कर सकता हूं. हालांकि डायरेक्टर महबूब खान ने दिलीप कुमार को डबल रोल ऑफर किया. उन्होंने कहा था कि बाप और बेटे दोनों का रोल आप कर लीजिए लेकिन दिलीप कुमार नहीं माने.फिर एक घटना घटी जिसने हमेशा के लिए सुनील दत्त और नरगिस को करीब ला दिया. ये हुआ था गुजरात के बिलिमोर गांव में. 'मदर इंडिया' का सेट था. वहां एक सीन को फिल्माए जाने के लिए चारों ओर पुआल बिछाए गए थे. सीन को फिल्माने के लिए पुआलों में आग लगाई गई. देखते-देखते आग चारों ओर फैल गयी. नरगिस सीन करने के दौरान आग में फंस गईं. सुनील दत्त अपनी जान पर खेलकर नरगिस को बचाने के लिए आग में कूद पड़े. उन्होंने नरगिस को बचा लिया लेकिन खुद काफी जल गए. वो इतने ज़्यादा जल गए थे कि बार-बार बेहोश होने लगे. अस्पताल में भर्ती कराया गया.

अस्पताल में सुनील दत्त की खबर लेते हुए नरगिस.
नरगिस रोज़ अस्पताल जाकर उनकी देखभाल करतीं. आग वाले हादसे के बाद नरगिस का नज़रिया सुनील दत्त की ओर से पूरी तरह बदल गया था.
इसी बीच सुनील दत्त की बहन बीमार पड़ गईं. वे बंबई में किसी डॉक्टर को नहीं जानते थे. बिना सुनील दत्त को बताए नरगिस उनकी बहन को लेकर अस्पताल चली गईं और इलाज करवाया. सुनील दत्त पहले से ही नरगिस को चाहते थे लेकिन इस घटना के बाद उन्होंने तय कर लिया कि जिंदगी बितानी है तो उन्हीं के साथ. फिर वो नरगिस को प्रपोज़ करने से खुद को रोक नहीं पाए. नरगिस को उन्होंने प्रपोज़ किया और नरगिस ने उसे स्वीकार भी कर लिया. उसके बाद दोनों ने शादी कर ली.

सुनील दत्त और नरगिस बेटे संजय दत्त के साथ.
नरगिस की लाइफ के कुछ और किस्से भी जानते हैंः
#1. अपने बेटे संजय की डेब्यू फिल्म नहीं देख पाईं:संजय दत्त की पहली फिल्म 'रॉकी' 1981 में अप्रैल-मई में रिलीज़ होने वाली थी. नरगिस तब बीमार चल रही थीं. उन्हें कैंसर था. वो संजू की फिल्म देखने को बेचैन थीं. बेटे संजू से उन्होंने कहा था कि उनकी तबीयत खराब रही और स्ट्रेचर पर भी ले जाना पड़ा, तब भी वो फिल्म ज़रूर देखेंगी. फिल्म 8 मई को रिलीज़ होनी थी लेकिन 3 मई को ही नरगिस की मौत हो गई. जिस दिन फिल्म का शो था उस दिन एक सीट नरगिस के लिए खाली रखी गई थी.
#2. डॉक्टर्स ने सुनील दत्त को दी नरगिस को मारने की सलाह:
नरगिस को कैंसर की बीमारी थी. उनकी पूरी बॉडी में बहुत दर्द रहता था. डॉक्टर्स ने इसीलिए सुनील दत्त को सलाह भी दी कि वो नरगिस का लाइफ सपोर्ट सिस्टम हटा दें. लेकिन सुनील दत्त ने ऐसा करने से मना कर दिया. वे आखिरी पल तक उनके साथ रहे.
#3. जब नाराज होकर मास्को टूर छोड़कर भारत आ गईं:
अपनी लोकप्रिय फिल्मों से राजकपूर और नरगिस की जोड़ी काफी मशहूर हो चुकी थीं. रूस में भी इनकी फिल्में काफी मशहूर थीं. एक बार नरगिस, राजकपूर के साथ मास्को गईं. लेकिन लोगों ने उन्हें स्वतन्त्र रूप से महत्व न देकर राजकपूर की हीरोइन जितनी ही तवज्जो दी. पूरा सम्मान न पाकर नरगिस को बुरा लगा और वो बीच में ही मास्को से इंडिया लौट आईं.
#4. राजकपूर से 20 साल बाद जब मुलाकात हुई:
सुनील दत्त से शादी होने के बाद नरगिस अपनी ज़िन्दगी में पूरी तरह व्यस्त हो गईं. पहले उन्होंने राज कपूर के साथ 'आवारा', 'श्री 420' और 'बरसात' जैसी करीब 16 फिल्में की थीं. लेकिन बाद में वे राज कपूर से नहीं मिलीं. फिर करीब 20 साल बाद जब राज कपूर ने बेटे ऋषि कपूर की सगाई के बाद बंबई के देवनार बंगले पर पार्टी दी तो उसमें नरगिस को भी बुलाया. इस तरह 20 साल बाद दोनों की मुलाकात हुई. सुनील दत्त और संजय दत्त भी इस पार्टी में मौजूद थे.
और पढ़ें: इंडिया की ये फिल्म ब्राजील की राष्ट्रपति ने भीड़ में बैठ देखी है, हम बैन कर रहे हैं
आमिर ख़ान फिल्म के हीरो थे, पर ये एक्टर 1 लाइन बोलकर भी ज्यादा याद रहा
पावेल कुचिंस्की के 52 बहुत ही ताकतवर व्यंग्य चित्र
बाला: वह डायरेक्टर जो एक्टर्स की ऐसी तैसी करता है और वे करवाते हैं
मेहदिए के गाने सुनो एडेल का स्कायफॉल भूल जाओगे!
गैंग्स ऑफ वासेपुर की मेकिंग से जुड़ी ये 24 बातें जानते हैं आप!
वो एक्टर, जिनकी फिल्मों की टिकट लेते 4-5 लोग तो भीड़ में दबकर मर जाते हैं
ऊपर अल्लाह नीचे धरती, बीच में तेरा जुनून, रे सुल्तान, रे सलमान!
शंकर: वो डायरेक्टर, 23 साल में जिसकी एक भी फिल्म नहीं पिटी!
कृष्ण जन्माष्टमी पर ये एक फिल्म जरूर देखनी चाहिए!
‘पप्पी नाम है हमारा, लिख के बताएं कि दे के?’ एक पात्र और ठहाके बेशुमार..