राजगढ़ लोकसभा सीट (Rajgarh Lok Sabha Result) से कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) को भारतीय जनता पार्टी के रोडमाल नागर (Rodmal Nagar) से हार का सामना करना पड़ा है. राजगढ़ से दिग्विजय सिंह को 6,12,654 वोट मिले हैं, जबकि रोडमाल नागर को 7,58,743 वोट हासिल हुए हैं. इस तरह दोनों के बीच का अंतर 1,46,089 रहा.
Rajgarh Lok Sabha Result 2024: राजगढ़ से कांग्रेस के दिग्विजय सिंह चुनाव हार गए
Rajgarh Loksabha Seat में Congress की तरफ़ से Digvijaya Singh और BJP की तरफ़ से Rodmal Nagar मैदान में हैं.

2014 के चुनाव में BJP के रोडमाल नागर को कुल 5 लाख 96 हज़ार 727 वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस के नारायण सिंह अंबाले को 3 लाख 67 हज़ार 990 वोट मिले थे.
2019 का नतीजाBJP के रोडमाल नागर को कुल 8 लाख 23 हज़ार 824 वोट मिले. इस बार भी नागर ने जीत हासिल की थी. उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी मोना सुस्तानी को हराया था. मोना को 2019 में 3 लाख 92 हज़ार 805 वोट मिले.
BJP- रोडमाल नागर
कांग्रेस- दिग्विजय सिंह
राजगढ़ लोकसभा सीट देश की चुनिंदा हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है. यहां से BJP ने अपने वर्तमान सांसद रोडमल नागर को फिर प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस पार्टी ने अपने दिग्गज नेता, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को प्रत्याशी बनाया है. दिग्विजय सिंह राजगढ़ संसदीय क्षेत्र 2 बार के सांसद (1984, 1991) रह चुके हैं. यहां मुक़ाबला दिलचस्प हो गया है, क्योंकि BJP प्रत्याशी रोडमल नागर भी इसी सीट से 2 बार सांसद (2014, 2019) चुने जा चुके है. यहां तीसरे चरण में 7 मई को मतदान हुआ था. 2024 लोकसभा चुनाव में यहां पर 75 प्रतिशत के करीब वोटिंग हुई है. ये चुनाव न केवल दिग्विजय की प्रतिष्ठा के लिए, बल्कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण था. इसीलिए दिग्विजय सिंह चुनाव भर क्षेत्र का दौरा करते नज़र आए. लेकिन उनका ये दौरा कोई काम नहीं आया.
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1952 में यहां पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ. तब से अब तक हुए आम चुनावों में कांग्रेस ने इस सीट से 9 बार, जनसंघ-भाजपा ने 6 बार, जनता पार्टी ने दो बार और निर्दलीय उम्मीदवार ने भी 1 एक बार सीट जीती है. राजगढ़ लोकसभा के अंतर्गत 8 विधानसभा आती हैं. ये सीटें हैं चचौरा, राघवगढ़, नरसिंहगढ़, ब्यावरा, राजगढ़, खिलचीपुर, सुसनेर और सारंगपुर. दिग्विजय सिंह राघवगढ़ राजपरिवार से आते हैं. इनमें 6 सीटों पर BJP काबिज है, जबकि 2 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. राघवगढ़ राजपरिवार 8 बार लोकसभा चुनाव जीत चुका है. दिग्विजय सिंह ने 2003 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद चुनावी राजनीति से संन्यास ले लिया था.
राजगढ़ लोकसभा दिग्विजय सिंह का गढ़ माना जाता है, क्योंकि 1984 ,1991 में स्वयं दिग्विजय सिंह लोकसभा चुनाव जीत कर देश की संसद पहुंच चुके हैं. जब 1993 में दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाये गए, तो 1994 के लोकसभा उपचुनाव में उनके भाई लक्ष्मण सिंह राजगढ़ लोकसभा का प्रतिनिध्त्वि कर चुके हैं और 1996, 1998, 1999 के लोकसभा चुनाव जीतकर लक्ष्मण सिंह कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिध्त्वि कर चुके हैं. साथ ही, 2004 में BJP प्रत्याशी के तौर पर लक्ष्मण सिंह इसी सीट का प्रतिनिध्त्वि कर चुके हैं. लेकिन 2009 के आम चुनावो में लक्ष्मण सिंह BJP प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस प्रत्याशी नारायण सिंह अम्बाले से करारी शिकस्त खा चुके हैं. 2014 , 2019 में BJP के रोडमल नागर से कांग्रेस करारी शिकस्त खा चुके हैं, लेकिन ये सीट कांग्रेस के लिए मजबूत मानी जाती है, क्योंकि यहां कांग्रेस अभी तक 8 आम लोकसभा चुनाव व एक लोकसभा उपचुनाव जीत चुकी है.
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