जिनेन्द्र पारख
जिनेन्द्र पारख ने हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, रायपुर से वकालत की पढ़ाई की है. छत्तीसगढ़ के गांव राजनांदगांव से आते हैं. इनकी रुचियों में शुमार है – समकालीन विषयों पर पढ़ना, लिखना, इतिहास पढ़ना एवं समझना. छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रामचन्द्र सिंहदेव की याद में उन्होंने दी लल्लनटॉप के लिए एक लेख लिखा है. सारी फोटोज़ भी जिनेन्द्र पारख ने ही उपलब्ध करवाई हैं.
छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता
रामचन्द्र सिंहदेव (13 फरवरी, 1930 - 20 जुलाई, 2018) का निधन हो गया. वे
कोरिया जिले के
बैकुंठपुर में जन्मे. जन-जन उन्हें ‘कोरिया नरेश’ के नाम से जानता था और छत्तीसगढ़ के आम जन के ह्रदय में उनके लिए विशेष स्थान था. जीवन के अंतिम पड़ाव में भी एक युवा जैसी सोच और हिम्मत के लिए मशहूर थे. राजनीति में एक मंझे हुए कुशल खिलाड़ी जिन्हें पराजित करना असंभव था इसलिए उन्हें अपराजेय योद्धा के नाम से भी जाना जाता था.
देश के
पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेसी नेता
अर्जुन सिंह कॉलेज में उनके जूनियर रहे थे. स्वच्छ राजनीति का चेहरा रहे रामचंद्र सिंहदेव ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा छत्तीसगढ़ के रायपुर के ही राजकुमार कॉलेज से पूरी की. कोरिया नरेश के नाम से मशहूर रामचंद्र इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए इलाहाबाद चले गए, जहां उन्होंने लाइफ साइंस में पीएचडी की.

रामचंद्र सिंह देव अपने पिता के स्वर्गवास के बाद कोरिया आ गए. इसके पहले
कोलकाता में कारोबार करते थे, बाद में उन्हें लगा कि अपने प्रदेशवासियों के लिए कुछ किया जाए. इसकी वजह से वे राजनीति में आये और कोरिया से चुनाव लडे़. वे लगातार 6 बार कांग्रेस से विधायक रहे और 4 बार मंत्री भी रहे. उन्हें विरोधियों के मुकाबले 75-80% वोट मिले. रामचंद्र सिंह देव ने मंत्री रहते हुए कभी सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल नहीं किया. वे अपने आस-पास पुलिस का पहरा भी पसंद नहीं करते थे.
# खून से रंगी शर्ट लेकर किया था प्रचार -
कांग्रेस पार्टी से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले डॉ. रामचन्द्र सिंहदेव को साल 1990 के चुनाव में कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया. वे निर्दलीय लड़े. इस चुनाव में उन्होंने खून से रंगी शर्ट लेकर प्रचार किया. प्रचार का ये अंदाज पूरे देश में चर्चा का विषय रहा. इस चुनाव में भी उन्होंने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की.
रामचन्द्र सिंहदेव द्वारा खींची गई नर्गिस की तस्वीर
# बड़े बड़े अधिकारी भी थे इनके कायल -
पहली बार अविभाजित मध्य प्रदेश के रहे मुख्यमंत्री गोविंद नारायण सिंह ने उन्हें मंत्री बनाया था. जब कोरिया महाराज दिसंबर 2000 में नवगठित छत्तीसगढ़ राज्य के पहले वित्त मंत्री बनाए गए और जब सारे मंत्री बड़े-बड़े और आलीशान बंगले रहने के लिए ढूंढ रहे थे तब सिंहदेव ने तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी अरूण कुमार को बुलाकर कहा कि उन्हें ऐसा घर दिया जाए जो सबसे छोटा हो, चाहे उसमें दो कमरे हों. वे राजकुमार होकर भी फक्कड़ की तरह रहे और मस्तमौला जीवन जिए. नए और छोटे राज्य के पहले वित्त मंत्री के रूप उनके वित्तीय प्रबंधन के छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी भी कायल रहे.
सिंहदेव जी का घरएक बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जब छत्तीसगढ़ आए तो उन्होंने सिंहदेव की तारीफ करते हुए कहा था कि मुझे उनकी इस योग्यता का पता नहीं था वरना मैं भी उन्हें अपना वित्त मंत्री ही बनाता.
# पसंद नहीं था राजा साहब सुनना -
राजनीतिक गलियारों में सभी लोग सिंहदेव को कुमार साहब ही बुलाते हैं. हालांकि वे इसे अक्सर पसंद नहीं करते थे. एक बार विधानसभा में किसी मुद्दे पर बहस चल रही थी. राज्य में भाजपा की सरकार बन गई चुकी थी. विपक्ष के विधायक के रूप में सिंहदेव तर्क रख रहे थे, तब मंत्री बृजमोहन अग्रवाल उन्हें बार-बार राजा साहब-राजा साहब कहकर टोकाटाकी कर रहे थे. इससे सिंहदेव चिढ़ गए. उन्होंने कहा कि - अरे क्या राजा साहब-राजा साहब कर रहे हो. खत्म हो गए राजा. खत्म हो गए रजवाड़े. इस पर पूरे सदन में जोरदार ठहाका लगा था.
नेता रामचन्द्र सिंहदेव (13 फरवरी, 1930 - 20 जुलाई, 2018)राज परिवार से होने के बाद भी उन्हें घमंड छू भी नहीं सका. वे सरलता व सहजता से सभी से मिलते थे.
# स्वाभिमान से नहीं करना चाहते थे समझौता -
सन 2008 में कोरिया महाराज ने राजनीति से संन्यास ले लिया. वे चुनावों में
पैसे और शराब बांटने का विरोध करते थे और इन्हीं चीजों से नाराज होकर उन्होंने राजनीति छोड़ दी थी. कुमार साहब के अनुसार अब राजनीती में धनबल एवं बाहुबल का प्रचलन बढ़ गया है, वे हमेंशा कहते कि जनहित की राजनीति ख़त्म होते जा रही है.
रामचन्द्र सिंहदेव के साथ मेरी एक मुख्तसर मुलाकात
# नरगिस के थे फैन -
कोरिया महाराज ने अपने घर की दीवारों को मशहूर अभिनेत्री
नरगिस की तस्वीरों से सजा रखा था. नरगिस के तारीफ करते हुए हमेशा कहते थे -
She is a Classical beauty.
रामचन्द्र सिंहदेव द्वारा खींची गई नर्गिस की एक और फोटोकहते हैं कि फोटोग्राफी रामचंद्र सिंहदेव के रग-रग में बसती थी.बीते जमाने में फ़िल्म अदाकारा नरगिस के वे इतने बड़े फैन थे कि उनकी तस्वीरे लेने अक्सर वो
मुम्बई जाया करते थे. इसी बीच वो भी दौर आया जब सिंहदेव सन 1950 में नर्गिस की एक बेहतरनी फोटो खींची जिसके बाद वे पूरे देश में चर्चित हो गए. कुछ साल पहले रायपुर आईं नरगिस की बेटी और एक्टरर संजय दत्तर की बहन प्रिया जब छत्तीसगढ़ के दौरे पर आई थी, तब उन्होंने नरगिस की खुद की खींची एक पुरानी तस्वीर उन्हें भेंट की था.
कुमार साहब का निधन एक बड़ी क्षति है, वो हमेशा कहते थे एक ज़िन्दगी है और इसे पूरे स्वाभिमान के साथ जीना चाहता हूं. अपने सिद्धांत के साथ समझौता करना मेरी फितरत में नहीं है.
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