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MLA के घर गोली चलाने वाले पूर्व विधायक प्रणव सिंह के कारनामों की लिस्ट, 'तमंचे पे डिस्को' भी कर चुके हैं

Kunwar Pranav SIngh Champion कभी कांग्रेस में रहे, कभी बीजेपी में, कभी निष्कासित भी रहे, लेकिन जहां भी रहे विवादों के साथ रहे. ज्यादातर विवाद फायरिंग, हवाई फायरिंग, कभी किसी को धमकाने से जुड़े हैं. विधायक जी के वीडियो कुछ महीनों में वायरल हो ही जाते हैं.

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उत्तराखंड के पूर्व विधायक प्रणव सिंह की 2019 के वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट.

गणतंत्र दिवस की शाम से उत्तराखंड का एक वीडियो देशभर में वायरल हो रहा है. इसमें एक पूर्व विधायक, एक मौजूदा विधायक के घर पर ताबतोड़ फायरिंग कर रहे हैं. फायरिंग करने वाले विधायक का नाम प्रणव सिंह है. पूरा नाम है कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन. कभी कांग्रेस में रहे, कभी बीजेपी में. कभी निष्कासित भी रहे, लेकिन जहां भी रहे विवादों के साथ रहे. ज्यादातर विवाद फायरिंग, हवाई फायरिंग, कभी किसी को धमकाने को लेकर हुए. (पूर्व) विधायक जी के वीडियो कुछ महीनों में वायरल हो ही जाते हैं. तो एक नज़र डालते हैं, गलत बयानी और कारस्तानियों के लिए 'प्रसिद्ध' कुंवर प्रणव सिंह की विधानसभा से लेकर जेल यात्रा तक पर.

प्रणव सिंह उत्तराखंड विधानसभा में 20 साल से विधायक रहे. 2002 से 2012 तक लक्सर सीट से विधायक रहे. इसके बाद से वो खानपुर सीट से विधायक रहे. 2002 में प्रवण निर्दलीय विधायक थे. तब उन्होंने कांग्रेस की निर्वाचित सरकार को समर्थन दिया था. इसके बाद वो 2007 में कांग्रेस में शामिल हो गए. प्रणव सिंह एनडी तिवारी, विजय बहुगुणा और हरीश रावत के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस का हिस्सा रहे.

2016 में जब हरीश रावत की सरकार गिरी तो उसका हिस्सा प्रणव सिंह भी रहे. 2016 में कांग्रेस के 9 विधायकों ने सरकार के बजट में ही साथ नहीं दिया था. तब हरीश रावत सरकार का अस्तित्व संकट में आ गया था. विजय बहुगुणा और हरक सिंह रावत की अगुवाई में कांग्रेस के 9 विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया था, जिससे हरीश रावत की सरकार गिर गई थी. इनमें प्रणव सिंह भी शामिल थे.

लेकिन प्रणव सिंह सिर्फ हरीश रावत के लिए नहीं, बीजेपी के नए-नवेले सीएम बने त्रिवेंद्र सिंह रावत के लिए भी सिरदर्द बन गए. 2017 में सिंह बीजेपी के टिकट पर विधायक बने और त्रिवेंद्र रावत की सरकार बनी. सरकार बने साल भर भी नहीं बीता था और सिंह ने अपनी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर प्रदेश में भ्रष्टाचार के आरोप लगा दिए. पार्टी और प्रदेश सरकार दोनों की किरकरी हुई. उन्होंने तब के पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से भी मुलाकात की. खबरों के मुताबिक तब मामला सुलझाने के लिए त्रिवेंद्र सिंह रावत को दिल्ली की फ्लाइट पकड़नी पड़ी थी.

प्रणव सिंह ने सिर्फ त्रिवेंद्र रावत ही नहीं, केंद्रीय मंत्री को भी नहीं छोड़ा. 2019 के आम चुनाव होने वाले थे. प्रणव सिंह अपनी पत्नी के लिए लोकसभा का टिकट मांग रहे थे. तब उन्होंने तत्कालीन मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को 'प्रवासी पक्षी' बताया था. इसका जवाब पार्टी के किसी नेता के पास नहीं था.

विवादों से गहरा नाता

- 2019 में एक वीडियो वायरल हुआ. प्रणव सिंह अपने समर्थकों के साथ शराब पीते हुए हाथों में राइफल और पिस्टल लहराते फिल्मी गानों पर झूमते नज़र आए. वीडियो में प्रणव चैंपियंन दोनों हाथ में पिस्टल लिए थे और साथ ही मुंह में बंदूक दबाकर फिल्मी गाने पर डांस कर रहे थे. वीडियो बीजेपी के लिए शर्मिंदगी का विषय बन सकता था. हालांकि पार्टी बच गई क्योंकि कुछ ही दिन पहले उन्हें अनुशासनहीनता के चलते निलंबित किया गया था.

- 23 जून, 2019 को बीजेपी ने सिंह को 3 महीने के लिए निलंबित किया था. NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें चैंपियन नई दिल्ली में उत्तराखंड निवास में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के एक पत्रकार को धमकी देते हुए दिखाई दे रहे थे. इससे पहले भी, झबरेडा के पार्टी विधायक देशराज कर्णवाल के साथ उनका लंबे समय तक सार्वजनिक रूप से वाकयुद्ध चला था. और इससे भी पहले वो अपनी ही पार्टी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा चुके थे.

- 2015 में कांग्रेस सरकार के दौरान तत्कालीन कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के देहरादून में यमुना कॉलोनी स्थित आवास पर एक पार्टी के दौरान उन पर हवाई फायरिंग के आरोप लगे थे.

- नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक 2011 में रुड़की के एक होटल के मालिक पर फायरिंग करने का भी आरोप लगा. चैंपियन पर तत्कालीन विधायक और मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के समर्थकों ने मारपीट का मुकदमा दर्ज कराया था.

- प्रणव सिंह पर आचार संहिता के उल्लघंन के भी आरोप लग चुके हैं. 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान सिंह अपना नामांकन भरने हथियार बंद समर्थकों के साथ पहुंच गए थे.

- प्रणव सिंह पर मगरमच्छ मारने के आरोप भी लग चुके हैं. नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सिंह पर 2003 में मगरमच्छ के शिकार का आरोप लगा था.

उमेश सिंह से क्या अदावत?

2022 उत्तराखंड चुनाव में प्रणव सिंह ने अपनी जगह अपनी पत्नी कुंवरानी देवयानी को खानपुर सीट से चुनाव लड़वाया था. लेकिन वो निर्दलीय उमेश कुमार से हार गईं. प्रणव सिंह के लिए ये राजनीतिक लड़ाई बदलकर वर्चस्व की लड़ाई बन गई. बताया जा रहा है पिछले कई दिनों से दोनों नेता सोशल मीडिया पर एक दूसरे पर छींटाकशी कर रहे थे. जो बाद में गोलीबारी में तब्दील हो गई. फिलहाल विधायक और पूर्व विधायक दोनों पुलिस की गिरफ्त में हैं.

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