भारत के राष्ट्रपति को कितनी सैलरी और सुविधाएं मिलती हैं?
क्या राष्ट्रपति को सैलरी पर टैक्स देना पड़ता है?

कानपुर में राष्ट्रपति ने सैलरी पर टैक्स को लेकर बात कही थी. फाइल फोटो- आजतक
देश के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद 25 जून को अपने गृह जिले कानपुर देहात पहुंचे थे. वहां झींझक रेलवे स्टेशन पर उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए अपनी सैलरी के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि उन्हें पांच लाख रुपये महीना सैलरी मिलती है, लेकिन इसमें से पौने तीन लाख रुपये महीना टैक्स देना होता है. राष्ट्रपति ने कहा कि जो पैसा उनके हाथ तक पहुंचता है उससे अधिक तो उनके अधिकारियों को मिलता है. टीचर्स को मिलता है. ट्विटर पर ये वीडियो आते ही लोग राष्ट्रपति की सैलरी और उनको मिलने वाले भत्तों की चर्चा करने लगे. सवाल पूछने लगे कि क्या राष्ट्रपति को भी टैक्स देना होता है. तो चलिए आपको बताते हैं राष्ट्रपति को मिलने वाली सैलरी और भत्तों के बारे में.
राष्ट्रपति की सैलरी कितनी होती है?
भारत के राष्ट्रपति का पद देश का सर्वोच्च पद है. उन्हें भारत का प्रथम नागरिक कहा जाता है. राष्ट्रपति देश की तीनों सेनाओं के प्रमुख भी होते हैं. साल 2017 तक राष्ट्रपति का वेतन 1.50 लाख रुपये प्रतिमाह था. ये वेतन देश के बड़े ब्यूरोक्रेट्स और कैबिनेट मंत्रियों से भी कम था. इसलिए 2017 में इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये प्रतिमाह किया गया था. राष्ट्रपति के जीवनसाथी को भी 30 हजार रुपये महीना सेक्रेटरी सहायता के रूप में दिए जाते हैं. सैलरी के अलावा राष्ट्रपति को कई तरह के भत्ते और अन्य सुविधाएं दिए जाते हैं. इनमें मुफ्त चिकित्सा, आवास, यात्राएं आदि शामिल हैं. आपको बता दें कि राष्ट्रपति के निवास, स्टाफ, मेहमानों और भोजन आदि पर सालाना करीब 22.5 मिलियन खर्च किए जाते हैं.
अन्य क्या सुविधाएं मिलती हैं
- राष्ट्रपति को हर महीने 5 लाख रुपये सैलेरी मिलती है जिस पर उन्हें किसी तरह का कोई टैक्स नहीं चुकाना होता है. - भारत के राष्ट्रपति के पास दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्रपति भवन है. ये पांच एकड़ में फैला हुआ है. राष्ट्रपति के पास 5 लोग सचिव के रूप में काम करते हैं और राष्ट्रपति भवन में करीब 200 लोग काम करते हैं. - राष्ट्रपति बेहतरीन छुट्टियां भी मना सकते हैं. इसके लिए दो रिट्रीट बिल्डिंग्स हैं. हैदराबाद में राष्ट्रपति निलायम और शिमला वाली रिट्रीट बिल्डिंग. हालांकि राष्ट्रपति और उनके जीवनसाथी पूरी दुनिया में जहां चाहें वहां फ्री में यात्रा कर सकते हैं. - राष्ट्रपति के कारवां में 25 गाड़ियां होती हैं. राष्ट्रपति के पास खास बॉडीगार्ड होते हैं जिनको प्रेसीडेन्शियल बॉडीगार्ड कहा जाता है. इनकी संख्या 86 होती है. - राष्ट्रपति के पास मर्सिडीज बेंज गाड़ी भी होती है जो बेहद सुरक्षित होती है. इसमें उनकी सुरक्षा के लिए खास तरह के इंतजाम किए गए हैं. - राष्ट्रपति को फ्री इलाज, आवास और उपचार (आजीवन) की सुविधाएं भी मिलती हैं. - सेक्रेटरियल असिस्टेंस के अलावा राष्ट्रपति के जीवनसाथी को ट्रेन या हवाई जहाज से फ्री सफर की सुविधा भी दी जाती है. - रिटायर होने के बाद भी राष्ट्रपति को कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं. उन्हें 1.5 लाख रुपये पेंशन के तौर पर दिए जाते हैं और रहने के लिए बंगला दिया जाता है. - साथ ही स्टाफ पर खर्च करने के लिए 60 हजार रुपये महीना दिया जाता है. दो फ्री लैंडलाइन और एक मोबाइल भी दिया जाता है.
राष्ट्रपति कोविंद की सैलरी कम क्यों हुई?
दरअसल साल 2020 में कोरोना महामारी का प्रकोप देखते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और तमाम जनप्रतिनिधियों ने एकमत होकर अपनी सैलरी 30 फीसदी घटाने पर सहमति जताई थी. यानी फिलहाल राष्ट्रपति को 30 फीसदी घटी हुई सैलरी मिल रही है. इसका मतलब है कि उनके वेतन में से डेढ़ लाख रुपये प्रतिमाह दान के रूप में जा रहे हैं. इस कारण राष्ट्रपति का वेतन कम हो गया है. बता दें कि साल 2017 में सैलरी बढ़ने से पहले भारत के राष्ट्रपति को 1.5 लाख रुपये बतौर वेतन मिलते थे. ये पैसे साल 2008 में बढ़ाए गए थे. उससे पहले साल 2008 तक राष्ट्रपति को 50 हजार रुपये की मासिक सैलरी मिलती थी.