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कौन हैं कल्पना सोरेन, जिनके झारखंड की CM बनने की चर्चा है?

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन पर ED की गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. ऐसे में कहा जा रहा है कि वो मुख्यमंत्री की कुर्सी अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को सौंप सकते हैं. हालांकि फिलहाल वो इससे इनकार कर रहे हैं.

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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन. (फाइल फोटो- PTI)

बिहार से टूट कर जन्म लेने वाला झारखंड क्या बिहार का राजनीतिक इतिहास दोहराने जा रहा है? क्या झारखंड में कुछ वैसा ही होने वाला है जैसा बिहार में 26 साल पहले हुआ था? जब लालू यादव जेल गए थे और उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान कर दिया था.

दरअसल, अवैध माइनिंग केस में 30 दिसंबर को ED ने सोरेन को सातवां समन जारी किया. और लिखा - अब तक जारी किए गए समन पर आपने एक भी बार दफ्तर आकर अपना बयान नहीं दर्ज कराया है. इसलिए आपको आखिरी मौका दिया जा रहा है. 7 दिन के भीतर बयान दर्ज कराने के लिए समय और स्थान तय करें. लेकिन सोरेन ने अब तक कोई जवाब नहीं किया था. चूंकि ईडी ने अपने आखिरी समन में साफ कर दिया था कि ये 'आखिरी मौका' है, लिहाजा इसके बाद सोरेन के पास बहुत सारे ऑप्शन बचने नहीं वाले हैं.

इस दौरान मीडिया में ऐसी खबरें चलने लगीं कि सोरेन सीएम की कुर्सी से इस्तीफा दे सकते हैं, क्योंकि उनके खिलाफ ईडी का गिरफ्तारी वॉरंट जारी हो सकता है. तो वो सीएम की कुर्सी पर नहीं रहेंगे तो कौन रहेगा? नाम चल रहा है उनकी पत्नी कल्पना सोरेन का. इस खबर को और हवा मिली गांडेय के विधायक और झामुमो नेता सरफराज अहमद के इस्तीफे से. 1 जनवरी को जब सरफराज अहमद ने इस्तीफा दिया तो कहा कि उन्होंने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है, लेकिन उनके मन में राज्य का भविष्य चल रहा है. इसके बाद कयास सामने आए - क्या ये सीट कल्पना सोरेन के लिए खाली की गई है?

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कल्पना सोरेन के बारे में

कल्पना सोरेन मूल रूप से ओडिशा के मयूरभंज की रहने वाली हैं. हालांकि, उनका जन्म रांची में हुआ और उन्होंने स्नातक तक की पढ़ाई यहीं से की. साल 2006 में हेमंत और कल्पना का विवाह हुआ. झारखंड के सबसे चर्चित राजनीतिक घराने की बहू कल्पना, खुद राजनीति से दूर रहती हैं. पति पिछले चार साल से राज्य के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन कल्पना उनके साथ राजनीतिक कार्यक्रमों में नज़र नहीं आतीं.

कल्पना एक बिज़नेस वुमन हैं. सोहराए प्राइवेट लिमिडेट नाम की कंपनी उनके नाम से दर्ज है. उनका अपना एक प्ले ग्रुप भी है. उन पर भी अवैध जमीन का एक केस दर्ज है. रांची में हरमू रोड पर सोहराय भवन स्थित है. सोहराय भवन जिस जमीन पर बना है वो कल्पना सोरेन के नाम है. लेकिन ये जमीन ट्राइबल लैंड में आती है. यानी आदिवासी जमीन है जिसे बाहर का कोई व्यक्ति नहीं खरीद सकता. इस जमीन को लेकर मुकदमा चल रहा है.

इसके अलावा अप्रैल 2022 में पूर्व मुख्यमंत्री और फिलहाल ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास, हेमंत सोरेन पर पद का दुरुपयोग करते हुए पत्नी के बिज़नेस को बढ़ावा देने का आरोप भी लगा चुके हैं. आरोप के मुताबिक 11 एकड़ औद्योगिक भूमि को कल्पना सोरेन की सोहराय प्राइवेट लिमिटेड के नाम कर दिया गया. जिस दौरान ये आवंटन हुआ, उद्योग मंत्रालय हेमंत सोरेन के पास ही था.

कहा जाता है कि कल्पना का अपना फ्रेंड सर्किल है. उन्हें अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना ज्यादा पसंद है. लेकिन अगर हेमंत सोरेन उन्हें अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करते हैं तो कल्पना के जीवन में बड़ा बदलाव आ सकता है.

लेकिन कल्पना को सीएम बनाने के लिए हेमंत सोरेन को अपने पिता शिबू सोरेन का आशीर्वाद लेना होगा. पिता की सहमति के साथ उन्हें परिवार की सहमति की भी जरूरत होगी. ये देखने वाली बात है कि अगर कल्पना झारखंड की सीएम बनतीं हैं तो क्या ये परिवार के बिखराव का कारण बनेगा और इससे हेमंत सोरेन के लिए कोई राजनीतिक संकट खड़ा होगा. अभी उनकी बड़ी भाभी सीता सोरेन और छोटे भाई बसंत सोरेन भी विधायक हैं. बसंत सोरेन के खिलाफ भी संपत्ति का सही ब्योरा नहीं देने का केस चुनाव आयोग में चल रहा है.

इस बीच 2 जनवरी को एक तस्वीर सामने आई जिसमें हेमंत अपने पिता से मिलने पहुंचे थे. अटकलें हैं कि हेमंत ने शिबू सोरेन को कल्पना के नाम पर राज़ी कर लिया है.

कल्पना को सीएम हेमंत सोरेन क्या बोले?

3 जनवरी को पीटीआई से बातचीत में हेमंत सोरेन ने कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने की संभावनाओं को खारिज कर दिया. लेकिन उन्होंने इस बात पर कुछ नहीं कहा कि झारखंड के राजभवन में पहुंचे सीलबंद लिफ़ाफ़े में इस्तीफा है या नहीं.

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