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39 साल के अन्नामलाई में ऐसा क्या है? जिसके लिए BJP ने NDA में टूट भी कबूल कर ली

2024 का लोकसभा चुनाव सिर पर है. सीधा NDA और INDIA के बीच मुकाबला है. दोनों अपने-अपने कुनबे को बढ़ाने में लगे हैं. ऐसे में तमिलनाडु में BJP का नाता AIADMK से टूटना बड़े झटके जैसा है. इसकी वजह बने पूर्व IPS और BJP नेता K Annamalai. हैं कौन ये? बड़े मशहूर हैं इनके किस्से.

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अन्नामलाई महज 36 साल की उम्र में IPS की जॉब से इस्तीफा देकर पॉलिटिक्स में आ गए थे | फाइल फोटो: इंडिया टुडे/PTI

26 जुलाई 2016 की बात है. कर्नाटक के उडुपी ज़िले के पुलिस मुख्यालय के बाहर आम लोग प्रदर्शन कर रहे थे. खूब भीड़ थी. पुलिस मुख्यालय के बाहर पुलिस के विरोध में प्रदर्शन तो आम बात है, लेकिन लोगों का ये प्रदर्शन वहां के SP अन्नामलाई कुप्पुसामी (Annamalai Kuppusamy) के समर्थन और उनके तबादले के विरोध में था. लेकिन अगर ऐसा एक बार हुआ होता तो कोई बड़ी बात नहीं होती. लेकिन दोबारा 16 अक्टूबर 2018 को कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले के पुलिस मुख्यालय के बाहर भी ऐसा ही प्रदर्शन हुआ. इस बार भी इसी एसपी के समर्थन में और इनके तबादले के विरोध में. लोगों का कहना था कि ऐसा ईमानदार अफसर मिलना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है.

अन्नामलाई (k. Annamalai) के लिए कहा जाता था कि वो जहां भी जाते लोगों के चहेते बन जाते. वो काम ही कुछ ऐसा करते थे. 17 जून 2015 की बात है. अन्‍नामलाई को कर्नाटक के उडुपी का एसपी बने हुए सिर्फ छह महीने ही हुए थे. यहां 17 साल की बच्ची की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी. उस बच्ची की मां ने अन्नामलाई ने पूछा- "क्या तुम मेरी बच्ची को वापस ला पाओगे?"

एक अखबार को दिए एक इंटरव्यू में अन्नामलाई ने कहा था-

“इसका जवाब देना बहुत मुश्किल था. एक मां की आंखों में देखकर जवाब देना, जिसकी 17 वर्षीय बेटी के साथ रेप हुआ हो और फिर हत्या कर दी गई हो. मैंने उनसे कहा, नहीं, मैं ऐसा नहीं कर सकता. लेकिन मैं यह सुनिश्चित कर सकता हूं कि वो सबके दिलों में रहे, सबको याद रहे."

IPS अन्नामलाई ने जो शब्द कहे थे उन्हें पूरा करने पर काम शुरू किया. अन्नामलाई ने बिंदूर तालुका में दसवीं कक्षा की परीक्षा में टॉप करने वाली छात्राओं के लिए पीड़िता के नाम पर अक्षत देवाडिगा छात्रवृत्ति की शुरुआत की. जिसके तहत हर साल 10 हज़ार रुपए की राशि दी जाती है.

पूर्व IPS अन्नामलाई (बाएं) (फाइल फोटो)

 27 मार्च 2015 को उडुपी पुलिस ने एक “सुरक्षा” ऐप भी लॉन्च किया. इस ऐप के तहत कोई भी व्यक्ति पुलिस को शिकायत दर्ज कर सकता. साथ ही उस शिकायत पर क्या काम हो रहा है वो भी देख सकता था. इसके अलावा लोग अपनी शिकायत सीधे SP को भेज सकते थे. ये वहां के लोगों के लिए ये एक बड़ा फ़ैसला था, जिसे आम लोगों ने खूब सराहा. इस ऐप को लॉन्च करने वाले खुद तत्कालीन एसपी अन्नामलाई ही थे. अब बताइये ऐसे व्यक्ति को जनता क्यों नहीं प्यार करेगी.

लेकिन अब अन्नामलाई चर्चा में क्यों?

दरअसल, अन्नामलाई अब तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष हैं और उनकी वजह से NDA गठबंधन में बड़ा बवाल हो गया है. उनसे नाराज होकर ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) ने BJP से नाता तोड़ लिया है. AIADMK के नेता तमिलनाडु में BJP प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई के हालिया बयानों से नाराज थे. हाल ही में अन्नामलाई ने द्रविड़ आइकन सीएन अन्नादुरई पर टिप्पणी की थी. 11 सितंबर को उन्होंने आरोप लगाया कि अन्नादुरई ने साल 1956 में मदुरै में एक कार्यक्रम में हिंदू धर्म का अपमान किया था. अन्नामलाई के मुताबिक अन्नादुराई को अपनी टिप्पणी के बाद मदुरै में छिपना पड़ा और जब तक माफी नहीं मांगी, तब तक वो बाहर नहीं आ सके.

BJP प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई के इस बयान को लेकर AIADMK में भारी नाराजगी थी. उसके वरिष्ठ नेताओं ने अन्नामलाई से माफी मांगने को कहा था. लेकिन, बीजेपी स्टेट प्रेसिडेंट का का साफ़ कहना था कि उन्होंने कुछ गलत नहीं बोला है, इसलिए माफ़ी नहीं मांगेगे. सूत्रों के मुताबिक इसके बाद AIADMK की तरफ से अन्नामलाई के इस्तीफे की मांग की गई, जिसे लेकर BJP में सहमति नहीं बनी. और कुल मिलाकर गठबंधन टूट गया.

देखा जाए तो गठबंधन टूटना BJP के लिए बड़े झटके जैसा है, लेकिन फिर भी पार्टी अन्नामलाई के साथ मजबूती से खड़ी है. आखिर अन्नामलाई में ऐसा क्या है, जो BJP उनकी कुर्बानी नहीं देना चाहती? आज बात इस पूर्व IPS से BJP अध्यक्ष बने के. अन्नामलाई की.

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जब अपने प्रयास से बड़ा दंगा रुकवा दिया

हमने शुरुआत में आपको अन्नामलाई के उड्डपी वाला किस्सा सुनाया. उनके ऐसे ही कई किस्से कर्नाटक और तमिलनाडु में फेमस हैं. एक किस्सा और सुनाते हैं. बात कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले की है. साल 2017 में अन्नामलाई यहां के एसपी थे. इसी साल दिसंबर में यहां सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया. एक विवादित धार्मिक स्थल में दूसरे समुदाय के कई हज़ार लोगों ने जबरन घुसने की कोशिश की. उस वक़्त शायद बहुत बड़ा बवाल हो जाता अगर अन्नामलाई न होते. वो खुद दंगा रोकने के लिए कई दिनों तक गली-गली घूमे. पीस कमेटी का गठन किया और लगातार घर-घर जाकर दोनों समुदायों के लोगों से बातचीत की.

पूर्व आईपीएस अन्नामलाई अपने साथी पुलिसकर्मियों के साथ (फाइल फोटो)

इस मेहनत का नतीजा ये निकला कि चंद दिनों में शहर की गलियों में फिर से अमन चैन कायम हो गया. और ये सब हुआ एसपी अन्नामलाई के व्यक्तिगत प्रयासों के चलते. बताते हैं कि जब उनकी पोस्टिंग उडुपी जिले में थी, तब ही उन्होंने क़ुरान का अध्ययन भी कर लिया था. इस्लाम की ये नॉलेज चिकमंगलूर में उनके बहुत काम आई. इससे उन्हें दंगा रोकने और मुस्लिम समुदाय के लोगों का विश्वास जीतने में काफी मदद मिली.

लाखों की नौकरी छोड़ आईपीएस बने

तमिलनाडु BJP अध्यक्ष अन्नामलाई ने कोयंबटूर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी. उसके बाद MBA करने IIM लखनऊ पहुंच गए. एक इंटरव्यू में अन्नामलाई ने इसपर बात भी की. IIM लखनऊ मिलने पर कहते हैं,

“उत्तर प्रदेश मिलना मेरे लिए सदमे से कम नहीं था. सुना था कि वहां, लोग 5 रुपये के लिए मर्डर तक कर देते थे. लेकिन जब मैं वहां गया तो मेरी ये सोच हमेशा के लिए बदल गई...'

फिर IPS ज्वाइन क्यों किया? इस सवाल का जवाब देते हुए अन्नामलाई ने कहा,

‘मैंने कभी इतनी गरीबी नहीं देखी थी, यहां तक कि कल्पना भी नहीं की थी कि जीवन इस तरह भी हो सकता है. इसने मुझे झकझोर दिया और तब मैंने अपनी ज़िंदगी के आगे के सफर के बारे में सोचा. तब मैंने सोचा कि पैसा प्राथमिकता नहीं हो सकता. मैं एक ऐसा जीवन चाहता था, जहां मैं लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकूं. सिविल सेवा मुझे ऐसा करने का एक तरीका लगा. मैंने बहुराष्ट्रीय कंपनी में प्लेसमेंट के बजाय सिविल सेवा की परीक्षा दी. आईएएस मेरी पहली पसंद थी, लेकिन मेरे नंबर कम आए. मैं आईपीएस बन गया. मैं वर्दी में खुश था.’

फिर IPS छोड़ राजनीति में क्यों आए?

साल 2019 में पुलिस सेवा से इस्तीफा देते वक्त अन्नामलाई बेंगलुरु दक्षिण के डीसीपी थे. तब उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था,

“मैंने 10 साल पुलिस की सेवा की. मुझे लगता हैं एक व्यक्ति अपने जीवन में सिर्फ़ तीन महत्वाकांक्षाएं पूरी कर सकता है. पुलिस सेवा में मुझे जो करना था वो मैंने हासिल कर लिया है. अब आगे का रास्ता तय करुंगा.”

इसके बाद अन्नामलाई 25 अगस्त 2020 को बीजेपी में शामिल हुए. तमिलनाडु के करूर जिले से आने वाले और एक साधारण कृषि परिवार में जन्मे अन्नामलाई कोंगु-वेल्लार जाति के हैं. इनकी जाति आज़ादी के वक़्त तो अगड़ी जातियों में आती थी, लेकिन 1975 से इसे बैकवर्ड जाति का दर्ज़ा दे दिया गया.

BJP ज्वाइन करते के. अन्नामलाई (फाइल फोटो)

बीजेपी ने 9 जुलाई, 2021 को महज 36 साल की उम्र में अन्नामलाई कुप्पुसामी को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया. अन्नामलाई के लिए ये किसी बड़ी कामयाबी से कम नहीं था. जब ऐसा हुआ था तो जानकारों ने इसे बीजेपी की बैकवर्ड जातियों को लुभाने वाला कदम बताया था. इसके बाद अप्रैल 2021 में तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव हुए. चुनाव नतीजा देखें तो BJP को अन्नामलाई को अध्यक्ष बनाने से कोई बड़ा फायदा नहीं हुआ. पार्टी 20 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिसमें से उसे चार पर जीत हासिल हुई. उसका वोट शेयर 2.6 परसेंट रहा. अन्नामलाई भी इस चुनाव में अरवाकुरुच्ची सीट से उम्मीदवार थे, लेकिन उन्‍हें 24,300 वोटों से हार का सामना करना पड़ा.

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