साल 2002 तक इंडिया में इंग्लिश पिक्चरों के नाम पर 'टाइटैनिक' और 'जुरासिक पार्क' दो ही फिल्मों के नाम लोगों को रटे थे. वो भी इसलिए क्योंकि सेट मैक्स वाले 'सूर्यवंशम' के बीच में कभी-कभी चला दिया करते थे. इसी दौर में एक और हॉलीवुड फ़िल्म रिलीज़ हुई 'स्पाइडरमैन'. फ़िल्म अमेरिका में सुपरहिट गई. उस वक़्त रोमांटिक और कॉमेडी फ़िल्मों के दौर में आई ये सुपरहीरो फ़िल्म खासतौर से बच्चों के बीच खूब सफ़ल हुई. बस तब से टोबी मैग्वायर, जिनका उस वक़्त तो नाम भी नहीं पता था, हमारे लिए पीटर पार्कर बन गए. दो साल बाद 2004 में 'स्पाइडरमैन-2' और 2007 में ‘स्पाइडरमैन-3’ रिलीज़ हुईं. इन तीनों फिल्मों को सैम रैमी ने डायरेक्ट किया था.

"कौन हूं मैं ?? मैं हूं स्पाइडरमैन"
सेट मैक्स पर हर दूसरे हफ्ते ये तीन 'स्पाइडरमैन' फ़िल्में देखते बड़े हुए मिलेनियल्स को पहला झटका लगा 2012 में. जब डायरेक्टर मार्क वेब ने ‘स्पाइडरमैन’ को रीबूट किया. अपनी फ़िल्म ‘द अमेज़िंग स्पाइडरमैन’ से. इस फ़िल्म में एंड्रयू गारफ़ील्ड ने स्पाइडरमैन का रोल किया था. एंड्रयू भी 'स्पाइडरमैन'के रोल में पसंद किए गए लेकिन नॉस्टैल्जिक मिलेनियल्स को कतई नहीं भाए. क्योंकि हमें तो स्पाइडरमैन कॉस्ट्यूम में टोबी को देखने की ही आदत थी. 2014 में मार्क की ‘अमेजिंग..’ सीरीज़ की दूसरी और आखिरी फ़िल्म आई ‘द अमेजिंग स्पाइडरमैन-2’.
स्पाइडरमैन फैन्स कम्युनिटी दो टुकड़ों में और जल्द ही तीन टुकड़ो में बंट गई. क्योंकि 2015 में स्पाइडरमैन करैक्टर का मालिकाना हक रखने वाली कंपनी सोनी पिक्चर्स और ‘स्पाइडरमैन’ करैक्टर की क्रिएटर कंपनी मार्वल का आपसी करार हो गया. 2015 तक स्पाइडरमैन के राइट्स सोनी पिक्चर्स के पास थे. इस करार के बाद 2015 में मार्वल की ‘कैप्टन अमेरिका: सिविल वॉर’ फ़िल्म में इंग्लिश एक्टर टॉम हॉलैंड बतौर स्पाइडरमैन इंट्रोड्यूस हुए. क्योंकि टॉम, टोबी और एंड्रयू के जूतों में पैर और जाले में हाथ डालने आए थे. उन्हें भयंकर हीट मिली. लेकिन नई जनरेशन का नया स्पाइडरमैन टिका रहा.
चलो दिल पे पत्थर रखकर मान लिया कि टॉम भी अच्छा कर रहे हैं, लेकिन मिलेनियल प्रजाति के लिए तो टोबी ही असल स्पाइडरमैन रहेंगे. क्योंकि हमारे लंचबॉक्स पर भी स्पाइडरमैन टोबी चिपके थे. हमारे स्कूल बैग पर भी टोबी ही छपे थे. अलमारी पर स्टीकर भी टोबी का ही लगा होता था. लेकिन दुखद बात ये है कि टोबी मैग्वायर के जीवन में स्पाइडरमैन का रोल सबसे बड़ा वरदान और सबसे बड़ा शाप साबित हुआ. क्यों, क्या, कैसे? का जवाब आपको मिलेगा आगे टोबी की कहानी में. # पढ़ाई अधूरी रह गई टोबियास विंसेंट मैग्वायर. 27 जून 1975 को जब टोबी का जन्म हुआ, तब उनके माता-पिता खुद टीनएज में थे. टोबी के जन्म के वक़्त टोबी की मां की उम्र 18 और पिता की उम्र 20 साल की थी और दोनों ने उस वक़्त तक शादी नहीं की थी. आगे की भी नहीं. टोबी जब दो साल के हुए तब ही उनके माता-पिता अलग हो गए. जिस कारण उनका बचपन कभी मां के साथ, तो कभी पिता के साथ अलग-अलग शहरों में गुज़रा.
बचपन से ही टोबी को कला क्षेत्र में जाने का मन था लेकिन अभिनय कला में नहीं, पाक कला में. टोबी बचपन में शेफ़ बनना चाहते थे. उन्होंने अपनी ये इच्छा मां को बताई. मां ने टोबी को 100 डॉलर देते हुए कहा कि पैसे चाहिए तो उन्हें ड्रामा क्लास जॉइन करनी पड़ेगी. टोबी मान गए और रोज़ाना ड्रामा क्लास लेने लगे.
बचपन में टोबी के घर की माली हालत ठीक नहीं थी. कई दफ़ा उन्हें अपने रिश्तेदारों के यहां सोफे पर सोना पड़ता था. कई बार शहर बदलना पड़ता था. बार-बार शहर बदलने के कारण टोबी को स्कूल बदलने पड़ते, जिस कारण उनके दोस्त छूट जाते. नई जगह नए लोग. नौंवी क्लास तक तो ऐसे ही चला. फिर टोबी तंग आ गए. नाइंथ क्लास कंप्लीट कर टोबी ने स्कूल छोड़ दिया और एक्टिंग लाइन में करियर बनाने का तय कर लिया.

ब्लू आईज़ वाले टोबी.
# टाइटैनिक वाला दोस्त टोबी सबसे पहले 'द विज़ार्ड' में स्क्रीन पर बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट आए थे. टोबी ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काफ़ी काम किया. वो अपनी कद-काठी और आवाज़ से अपनी असल उम्र से छोटे दिखा करते थे. इस वजह से जब वोअपने मिड ट्वेंटीज़ में थे, तब भी टीन एजर्स के रोल किया करते थे. साल 2000 तक टोबी ने काफी सारे ऐड्स और छोटे-मोटे शोज़ और फ़िल्मों में काम कर लिया था. बचपन में जहां-जहां टोबी ऑडिशन देने जाया करते थे, उन्हें वहां उनका हमउम्र एक लड़का मिला करता था. धीरे-धीरे दोनों की दोस्ती हो गई. ऐसी दोस्ती हुई कि दोनों फ़िल्म में काम पाने में एक दूसरे की मदद किया करते थे. अगर किसी को भी फ़िल्म में रोल मिल जाए, तो वो कोशिश करता था कि किसी तरह उसके साथी को भी फ़िल्म में जगह मिल जाए. टोबी के इस साथी से आप सब भली भांति परिचित होंगे क्योंकि वो साथी और कोई नहीं लियोनार्डो डीकैप्रियो थे.
लियो और टोबी की दोस्ती के बहुत से किस्से हैं. जैसे सन 90 में टीवी पर आने वाले शो 'पैरेंटहुड' के लिए पहले लियोनार्डो सिलेक्ट हो गए थे जिसके बाद लियो के कहने पर इस शो में गेस्ट रोल में टोबी को भी ले लिया गया था. ऐसे ही रॉबर्ट डी नीरो की फ़िल्म 'दिस बॉयज़ लाइफ' में लियोनार्डो को मेन टीन रोल मिल गया था, बाद में फ़िर लियो ने अपने दोस्त के करैक्टर में टोबी को कास्ट करवा दिया था. इत्तफाक की बात ये थी कि इस फ़िल्म में लियो के करैक्टर का नाम टोबी था.

लेफ्ट में लियोनार्डो डी कैपरियो हैं. राइट में टोबी हैं.
# शराब की ऐसी लत कि काम भी ठुकरा दिया सन 1995 तक टोबी का एक्टिंग करियर ठीक-ठाक चलने लगा था. लेकिन उनकी लाइफस्टाइल बिगड़ती जा रही थी. वो धीरे-धीरे हार्ड पार्टी टाइप लाइफस्टाइल में कुछ साथी एक्टर्स के साथ घुसते जा रहे थे. और इस हद तक घुसते जा रहे थे कि खुद फ़िल्में छोड़ने लगे थे. 1995 में टोबी ने 'एम्पायर रिकार्ड्स' के डायरेक्टर से कहकर खुद को रिलीज़ करवाया था. इस वक़्त तक टोबी फिल्म के काफ़ी सीन्स शूट भी कर चुके थे. टोबी के कहने पर बाद में फ़िल्म से टोबी के सारे सीन डिलीट कर दिए गए थे.
टोबी उस वक़्त तक शराब की लत के गंभीर रूप से शिकार बन गए थे. लेकिन जल्द ही टोबी को अहसास हो गया कि इस तरीके से उनकी लाइफ और करियर दोनों तबाह हो जाएंगे. टोबी ने इस लत से पीछा छुड़ाने का तय कर लिया और रिकवरी प्रोग्राम का हिस्सा बन गए. तब से लेकर आज तक टोबी एकदम सोबर ज़िंदगी जी रहे हैं.
शराब छोड़ने के लगभग आठ साल बाद टोबी के पास स्पाइडरमैन का रोल आया था.

'डार्क वेब'
# दी ग्रेट गैम्बलर टोबी शराब से तो टोबी ने पीछा छुड़ा लिया लेकिन नया शौक पाल लिया. पोकर का शौक. ताश के पत्तों का खेल. टोबी कई बड़े कैसिनो के टूर्नामेंट में हिस्सा लेते रहते हैं. टोनी बहुत ही आला दर्जे के पोकर खिलाड़ी हैं. इस खेल से ही वो कई मिलियन डॉलर की कमाई कर लेते हैं. टोबी कितने कमाल पोकर खिलाड़ी हैं, इसका अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं कि फ़िल्म 'मौलीज़ गेम' में प्लेयर एक्स का करैक्टर टोबी से ही इंस्पायर्ड था. खबरों के मुताबिक टोबी और मौली अर्ली 2000 तक हॉलीवुड में पोकर गेम्स ऑर्गनाइज़ करते आ रहे थे. कभी-कभी तो इस गेम में 10 मिलियन डॉलर जैसी बड़ी रकम भी दाव पर लग जाती थी. लेकिन जल्द ही पुलिस को हॉलीवुड में चल रहे इन पोकर गेम्स की भनक लग गई और छापे मार पुलिस ने ये सब बंद करवा दिया. टोबी समेत कई लोगों पर केस भी दायर किया गया था.

टोबी मैग्वायर.
# क्या स्पाइडरमैन 2 से टोबी को निकाल दिया गया था? स्पाइडरमैन ट्रियोलॉजी की सबसे सफ़ल फ़िल्म 2004 में रिलीज़ हुई 'स्पाइडरमैन 2' मानी जाती है. इस फ़िल्म के कई सीन 'सिनेमैटिक ब्रिलियंस' की कैटेगरी में आते हैं. लेकिन इस फ़िल्म से टोबी ऑलमोस्ट बाहर हो गए थे. यहां तक कि टोबी की जगह जैक जिलेनहाल नेक्स्ट स्पाइडरमैन के लिए फाइनल भी हो गए थे. टोबी को निकाले जाने को लेकर उस वक़्त कई अफवाएं भी उड़ी थीं. कई रिपोर्ट्स में छपा था कि टोबी को उनकी शराब की लत की वजह से निकाला जा रहा है, तो कई रिपोर्ट्स में उनके खराब रवैये को इसका जिम्मेदार बताया जा रहा था. लेकिन असल वजह क्या थी ये टोबी ने एक इंटरव्यू के दौरान बताई. टोबी ने बताया कि दरअसल उस वक़्त उनकी बैक को लेकर काफ़ी इश्यूज़ चल रहे थे. उनकी कमर में बेहद दर्द रहता था और वो नहीं चाहते कि शूटिंग के दौरान वो गंभीर रूप से चोटिल हो जाएं. लेकिन कुछ समय बाद उन्हें आराम मिल गया था और उन्होंने शूटिंग रिज्यूम कर ली थी. सालों बाद ही सही जैक जिलेनहाल भी मिस्टेरियो का किरदार निभाकर स्पाइडरमैन फिल्म का हिस्सा बन ही गए.

'स्पाइडरमैन 3' का सीन
# अमिताभ बच्चन के साथ काम कर चुके हैं काम टोबी 2013 में फ़िल्म आई थी 'द ग्रेट गैट्स्बी'. इस फ़िल्म में लियोनार्डो डी कैप्रियो, टोबी और अपने बच्चन साब भी थे. टोबी जब फ़िल्म की प्रमोशन के लिए इंडिया आए थे तब उन्होंने अमिताभ के साथ काम करने के अपने अनुभव के बारे में NDTV से बातचीत में कहा था,
"उनके साथ काम करना मेरे लिए बहुत ही गर्व की बात थी. इतने बड़े आइकॉन के साथ एक कमरे में होना ही बड़ी बात है, मैं तो बाद में उनके साथ सीन भी शूट करता था. वो मेरे लिए बहुत ही खूबसूरत वक़्त था. उनका करैक्टर बहुत ही इंटरेस्टिंग और सरप्राइज़िंग था. मैं किसी और को अब वो करैक्टर प्ले करते हुए सोच भी नहीं सकता. वो बहुत ही प्रतिभावान, जेंटल इंसान हैं. उनके साथ काम करना मेरा सौभाग्य रहा."टोबी को शायद बच्चन साब का साथ शायद इसलिए भी पसंद आया होगा क्योंकि दोनों बहुत हद तक एक जैसा जीवन जीते हैं. टोबी भी बच्चन साब की तरह सिर्फ़ वेजेटेरियन खाना खाते हैं. साथ ही टोबी भी नियम से रोज़ योगा किया करते हैं. इतने कमाल अभिनेता होने के बावजूद टोबी के साथ वही हुआ, जो 'हैरी पॉटर' वाले डैनियल रैडक्लिफ के साथ हुआ. लोगों के लिए टोबी को दूसरे किरदारों में एक्सेप्ट करना मुश्किल हो गया. लोगों ने टोबी को पीटर पार्कर के अलावा किसी और किरदार में पसंद नहीं किया. जिसका असर ये हुआ कि डायरेक्टर्स ने टोबी को फिल्मों में कास्ट करना बंद कर दिया और इस तरीके से टोबी के करियर का सबसे बड़ा किरदार उनके लिए वरदान के साथ-साथ शाप भी बन गया.
2013 में आई 'द ग्रेट गैट्स बाय' में अमिताभ और टोबी ने साथ में काम किया था.