समर वेकेशन्स. मिलेनियल्स के लिए समर वेकेशन के टाइम का मतलब था, बल्ला लिए मैदान में धोनी बनने का टाइम. घूमने जाने का टाइम. सोफे पर पसर के घंटों कार्टून देखने का टाइम. रसना, रूह-अफ़ज़ा का टाइम. नागराज, डोगा का टाइम. और बिना किसी रोक-टोक सुपर मारियो खेलने का टाइम.
सुपर मारियो. ज्यादातर इंडियन मिलेनियल्स के जीवन का पहला वीडियो गेम करैक्टर है. इसीलिए बेहद स्पेशल है. नॉस्टैल्जिया का प्रमुख हिस्सा है. वीडियो गेम के साथ वो फ्री आने वाली अनगिनित नाइन इन वन वाली कैसेट, जिसमें असल में सिर्फ चार गेम होते थे ( 9999999999 in one) का मेन हीरो. मारियो.

टीवी पर मारियो विडियो गेम खेलते बच्चों का सुंदर चित्र. (सोर्स- jasinski)
10 मार्च. इस दिन विश्व भर में मारियो डे मनाया जाता है. वैसे ना तो 10 मार्च को मारियो लॉंच हुआ था, और ना ही मारियो का इस दिन बर्थडे होता है. फ़िर क्यों मनाते हैं ? इसका जवाब तारीख में ही छुपा हुआ है. आइये डीकोड करते हैं.
दस मार्च को अंग्रेज़ी में ज़्यादातर कैलेंडर्स में कुछ यूं लिखा जाता है. MAR10. जो कि देखने में MARIO लिखा हुआ लगता है. पहले तो सिर्फ कुछ अमेरिकी फैन्स ने ही 10 मार्च को मारियो डे मानाने की प्रथा शुरू की थी. बाद में दुनिया भर में फैले मारियो फैन्स ने इसे अपना लिया. और फ़िर मारियो गेम बनाने वाली कंपनी ने भी इस दिन को ऑफीशियल मारियो डे घोषित कर दिया. तब से हर 10 मार्च को मारियो डे मनाया जाता है. इस दिन मारियो से जुड़े गेम्स और बाकी प्रॉडक्ट्स पर कंपनी भारी छूट भी देती है.

हैप्पी मारियो डे(सोर्स- मारियोविकी)
तो चलिए इस मारियो डे के पावन अवसर पर आपको नॉस्टैल्जिया के सागर में गोते लगवाते हैं और आपके बचपन के फेवरेट वीडियो गेम करैक्टर सुपर मारियो से अच्छे से रूबरू करवाते हैं. #किस कंपनी ने बनाया सुपर मारियो गेम?

डवलपिंग कंपनी के लोगो के साथ मारियो. (पिक्चर सोर्स -निनटेंडो)
'सुपर मारियो ब्रदर्स' गेम निनटेंडो नाम की एक जापानी कंपनी ने बनाया है. इस कंपनी की शुरुआत 1889 में फुसाजीरो यामूची ने ताश के पत्ते बनाने वाली कंपनी के रूप में की थी. बाद में ये कंपनी चेस, शोगी, गो, महजोंग नाम के कार्ड और बोर्ड गेम्स बनाने लगी. कुछ सालों बाद निनटेंडो ने इलेक्ट्रॉनिक खिलौने बनाना भी शुरू कर दिया. 1977 में निनटेंडो ने अपना पहला वीडियो गेम कंसोल लॉन्च किया था. आज निनटेंडो विश्व की प्रतिष्ठित गेम डेवलपिंग कंपनियों में से एक है. #मैन बिहाइंड मारियो

प्राण और वाल्ट डिज्नी अपने बनाए किरदारों के साथ.
मारियो का करैक्टर बनाया है शिगेरु मियामोटो ने. कुछ किरदार उसके रचयिता से भी बड़े हो जाते हैं. इतने बड़े कि रचनाकार की पहचान बन जाते हैं. जैसे मरहूम प्राण साब के रचे चाचा चौधरी उनकी और डायमंड कॉमिक्स की पहचान बने. वाल्ट डिज्नी का रचा मिक्की माउस उनकी और डिज्नी एम्पायर की पहचान बना.
ऐसे ही आज पूरे वर्ल्ड में शिगेरु मियामोटो की पहचान मारियो है. शिगेरु का बनाया मारियो आज निनटेंडो कंपनी का ऑफिशियल मैस्कॉट भी है.

मारियो के रचेता शिगेरू मियामोटो . (पिक्चर- हाइपबीस्ट)
16 नवंबर 1952 को जन्मे शिगेरू बचपन में कॉमिक्स फील्ड के आर्टिस्ट बनना चाहते थे. लेकिन एक दिन उन्होंने 'स्पेस इन्वेडर्स' गेम खेला. उस गेम का उन्हें ऐसा चस्का लगा कि वीडियो गेम इंडस्ट्री में ही करियर बनाने की ठान ली. 1977 में निनटेंडो में प्लानिंग डिपार्टमेंट में बतौर आर्टिस्ट नियुक्त हुए थे. आज निनटेंडो के सीनियर डायरेक्टर हैं. #डिज़ाइनिंग मारियो क्या आपने सोचा है कि अपना मारियो हमेशा ओल्ड स्कूल हिमेश रेशमिया की तरह कैप क्यों पहने रहता है? नहीं भाई, मारियो ‘नाम है तेरा-तेरा' का फैन नहीं हैं, बल्कि कैप पहनने के पीछे इसके क्रिएटर मियामोटो जी का आलस है.

एवोल्यूशन ऑफ़ मारियो (सोर्स - निनटेंडो )
दरअसल मिड एटीज़ में जब शिगेरू मियामोटो मारियो का करैक्टर डिज़ाइन कर रहे थे, तब उन्हें इसके बाल डिज़ाइन करने में बड़ी मुश्किल हो रही थी. क्यूंकि ये बेहद डिटेलिंग वाला काम था और उस वक़्त आज की तरह हाईटेक सॉफ्टवेयर्स भी नहीं थे.
तो मियामोटो जी ने वही किया, जो कोई भी नार्मल आदमी तब करता है जब उसके बाल बिगड़े होते हैं. मियामोटो ने मारियो को पहना दी कैप. और तब से मारियो कैप पहने हुए है. शिगेरू सर ने मारियो की बड़ी-बड़ी मूछें भी इसलिए बनाईं थीं, ताकि मारियो का चेहरा मूछों से ढक जाए और उन्हें उसके फेशियल एक्सप्रेशन ना डिज़ाइन करने पड़ें. #डेब्यू एज़ अ जंपमैन

डंकीकोंग गेम का सीन.
मारियो ने भी अपने नवाज़ भाई से कम स्ट्रगल नहीं किया है लाइफ़ में. मारियो भाई भी पहले साइड करैक्टर ही थे. बाद में मेन हीरो बने हैं. मारियो का डेब्यू हुआ था 1981 में रिलीज़ हुए 'डंकीकोंग' में. इस गेम में लीड करैक्टर था डंकीकोंग. जिसके चंगुल से मारियो प्रिंसेस को बचाने की कोशिश करता रहता था. डंकीकोंग के किरदार की प्रेरणा मियामोटो को 'ब्यूटी एंड द बीस्ट' और 'किंग कोंग' से मिली थी. # मारियो बना माफ़िया

डंकीकोंग जूनियर गेम का सीन.
1982 में लांच हुए 'डंकीकोंग जूनियर' गेम में मारियो नायक से खलनायक बन जाता है. वो डंकीकोंग को कैद कर लेता है और उसमें बेल्ट ही बेल्ट बजाने लगता है. गेम में डंकीकोंग का बेटा डंकीकोंग जूनियर अपने डैडी को बचाने आता है. #स्टोरी बिहाइंड दी नेम

मारियो सीगेल (पिक्चर सोर्स- स्काईन्यूज़)
शिगेरु मियामोटो ने पहले मारियो का नाम मिस्टर वीडियो रखा था. बाद में उन्होंने मिस्टर वीडियो से नाम बदल कर जंपमैन रख दिया. इस नाम के पीछे उनका लॉजिक था कि ये किरदार उछल कर चलता है 'डंकीकोंग' गेम में. लगता है मियामोटो सर 'कीप इट सिंपल' फिलॉसफी में कुछ ज़्यादा ही यकीन रखते थे. ख़ैर, जंपमैन से मारियो बनने के पीछे बड़ी मज़ेदार कहानी है.
तो हुआ ये कि निनटेंडो कंपनी ने 1980 में अमेरिका में ऑफिस किराये पर लिया था. इस ऑफिस के मालिक का नाम था मारियो सीगल. उस वक़्त निनटेंडो कंपनी की हालत कुछ ज़्यादा ही खस्ता चल रही थी. ऑफिस का किराया तक नहीं निकाल पा रहे थे. कई महीने का किराया पेंडिंग हो गया.
एक दिन जब ऑफिस में 'डंकीकोंग' गेम कि मीटिंग चल रही रही थी तब ऑफिस के मालिक मारियो सीगल गुस्से में बीच मीटिंग में घुस आए और निनटेंडो अमेरिका के उस वक़्त के प्रेसिडेंट मिनोरु आराकावा से उनके पूरे स्टाफ़ के सामने लताड़-लताड़ के किराया मांगने लगे. प्रेसिडेंट आराकावा की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई. इससे पहले उनकी इज़्ज़त के पूरे लडडू बंटते, उन्होंने मारियो सीगल को ऑफर दे दिया कि हम इस जंप मैन करैक्टर को आपका नाम दे देंगे. अगर आप हमारा किराया माफ़ कर दोगे तो. मारियो सीगल मान गए और ऑफ़र स्वीकार कर लिया. एंड रेस्ट इज़ हिस्ट्री. दुखद बात ये है कि 2018 में मारियो सीगल जी का देहांत हो गया. #इन एंड एज़ सुपर मारियो

बड़ी यादें जुड़ी होंगी आपकी इस होमस्क्रीन से.
सितंबर 1985 में 'सुपर मारियो ब्रदर्स' लॉन्च हुआ. यही वो गेम है जो हम सब ने अपने बाल-काल में दबा के खेला है. इसी गेम से अपने मारियो भाई का स्ट्रगल खत्म हुआ और वो गेमिंग जगत के सुपरस्टार बन गए. इस गेम ने वीडियो गेम जगत को, जो उस वक़्त 1983 के मार्केट क्रैश की वजह से नेस्तानबूद था, बेहद ज़रूरी बूस्ट दिया. निनटेंडो कंपनी जो उस वक़्त डांवाडोल चल रही थी, 'सुपर मारियो ब्रदर्स' की बदौलत गेमिंग इंडस्ट्रीज़ के शीर्ष पर पहुंच गई. अब तक 'सुपर मारियो ब्रदर्स' की 33 करोड़ से ऊपर कॉपियां बिक चुकी हैं. ये गेम विश्व के सबसे ज़्यादा बिकने वाले टॉप 5 गेम्स में एक है. मारियो अब तक 'मारियो कार्ट','मारियो गोल्फ़' जैसे 30 से ऊपर गेमों में फ़ीचर कर चुका है. अगर पूरी मारियो फ़्रेंचाइज़ की बात करें तो अब तक 100 करोड़ से ऊपर की सेल हो चुकी है. #आपका मारियो करता क्या है

एक मेहनती इंसान मारियो.
अजी बहुत मेहनती पुत्तर है हमारा मारियो. मारियो जी 'डंकीकोंग'(1981) में कारपेंटर था. जहां वो कंस्ट्रक्शन साइट पर रहता था. 1985 में 'सुपर मारियो ब्रदर्स' में मारियो को प्लम्बिंग लाइन में ज़्यादा स्कोप लगा. तो करियर स्विच कर लिया. और प्लम्बर बन गया. इसीलिए तो पूरे गेम में पाइपों में बड़े आराम से घुसता-निकलता रहता है. अब समझे? #घर में और कौन-कौन है

जुड़वा भाई मारियो और लुइगी. (पिक्चर- निनटेंडो )
मारियो भाई फिलहाल तो सिंगल हैं. रेडी टू मिंगल हैं. इसलिए प्रिंसेस को बचाने के लिए सिर पर कफ़न बांध कर निकल जाते हैं. खैर दैट्स पर्सनल. बाकी फैमिली में इनका सिर्फ एक जुड़वा भाई है लूइगी. इन्ही की तरह प्लंबिंग लाइन में है वो भी. #क्या थी गेम की कहानी

स्टेज पार करने पर सम्मान में पटाखे नहीं बजे तो क्या फ़ायदा.
गेम तो खूब खेला है आपने. पर क्या गेम की कहानी पता है कि आखिर क्यों इतने सारे लोग मारियो को मारने के लिए बम बंदूक लेकर इलाका धुंआ किए रहते थे? कौनसी गैंग के लोग थे? आखिर लफड़ा क्या था भाई? हम बताते हैं. कहानी पूरी फिल्मी है बॉस.
तो जहां आपने वीर योद्धा मारियो बन कर घंटो लड़ाइयां की हैं, उस जगह का नाम था मशरुम किंगडम. वहां सब अपना प्यार, मोहब्बत भाईचारे से रहते थे. लेकिन एक दिन दुष्ट कछुओं के देश कूपा का राजा बाउज़र मशरूम किंगडम पर हमला कर देता है. हां जी वो स्टेज की लास्ट में हरे कलर का आग उगलने वाला कोई ड्रेगन ब्रैगन नहीं था, बल्कि एक खूंखार कछुआ बाउज़र था. जिसे उसकी प्रजा किंग कूपा बुलाती थी.

एवोल्यूशन ऑफ़ किंग कूपा (सोर्स - निनटेंडो )
अपने काले जादू की शक्तियों से किंग कूपा पूरे मशरुम किंगडम के मासूम लोगों को पत्थर का बना देता है. उसके इस डेंजर जादू का तोड़ सिर्फ मशरूम किंगडम के राजा की बेटी प्रिंसेस पीच के पास होता है. लेकिन प्रिंसेस को बाउज़र पहले ही धोखे से कैद करके किसी महल में बंद कर देता है.

प्रिंसिस पीच आपने और हमने इन्हीं को ढूँढने में घंटों लगाये हैं.
अगल-बगल के देशों में मशरूम किंगडम पर कब्जे की बात फैल जाती है. उड़ते-उड़ते बात पहुंचती है इटली मारियो के पास. मारियो और उसका भाई लूगी 'अंदाज़ अपना अपना' के अमर -प्रेम की तरह उस वक़्त थोड़ी कड़की में चल रहे होते हैं. ये भी उनकी तरह सोचते हैं कि प्रिंसेस पीच को बचाकर हीरो बनने का बढ़िया मौका है. क्या पता प्रिंसेस खुश होकर शादी कर ले. और ये वहां के राजा बन जाएं. बस फिर क्या दोनों प्रिंसेस को बचाने आ जाते हैं मशरूम किंगडम.
यहां से आप मारियो बन कर गेम खेलते हो और प्रिंसेस को बचाने निकल पड़ते हो. (अगर आप छोटे भाई या बहन हो, तो शर्तिया आपको लुइगी बन कर खेलना पड़ता होगा. है ना ?) #गेमिंग कास्ट जिन्हें आप अपनी ज़ुबान में कछुआ, बत्तख, मेंढक, खरगोश, घोंघा, ड्रेगन, बंदर, बिल्ली और पता नहीं क्या-क्या उलूल-जुलूल नामों से बुलाते आ रहे हो, उनके असली नाम क्या हैं आज आपको बता ही देते हैं.
गूम्बा

ये पहले मशरूम किंगडम के निवासी थे लेकिन बाद में किंग कूपा के साथ मिल गए. इनका डिज़ाइन एक मशरूम पर बेस्ड था.