कुछ दो लाख चालीस हजार वर्ग किलोमीटर में फैला एक टापू. जिसने दुनिया भर के कई देशों में अपनी कॉलोनियां बनाईं. या कहें 400 साल के इतिहास वाला ब्रिटिश साम्राज्य बनाया. जो साल 1922 में अपने चरम पर था. दुनिया ने इससे बड़ा साम्राज्य कभी नहीं देखा. धरती का करीब चौथाई भूभाग और 45 करोड़ लोग, इसके आधीन थे. तभी कहावत चली कि ब्रिटिश साम्राज्य में सूरज कभी नहीं डूबता था.
कोहिनूर हीरा, नगीने वाले अंडे, पिरामिड का खजाना; ब्रिटेन के राजघराने की दौलत हैरान कर देगी
भारत के तमाम राजाओं के खजाने की बेशकीमती चीजों से लेकर मिस्र के पिरामिड्स का खजाना और ग्रीस से नायाब मूर्तियां; दुनिया के किसी भी कोने से जो भी बेशकीमती चीज़ें लूटी गईं, उनमें से ज्यादातर ब्रिटेन के शाही घराने के खजाने में पाई गईं. सबकी सब आज की तारीख में ब्रिटिश म्यूजियम में मौजूद हैं.
इसी सूरज के उजाले में, तमाम लूट को भी अंजाम दिया गया. भारत से तमाम राजाओं की कीमती चीजें, मिस्र से पिरामिड्स का खजाना और ग्रीस से कीमती मूर्तियां; सब आज ब्रिटिश संग्राहलय में मिलते हैं. साल 2022 में ग्रीस के कल्चरल मिनिस्टर ने इसे खुलेआम की गई चोरी बता दिया था. संग्राहलय के अपने तर्क हैं. कभी कोई संधि या कभी किसी दस्तावेज का हवाला देकर, इस सब पर अपना हक बता दिया जाता है.
ब्रिटिश संग्रहालय अकेला नहीं है. जहां दूसरे देशों की बेशकीमती चीज हैं. यहां के राज परिवार के पास भी तमाम ऐसी बेशकीमती चीजें हैं. कोहिनूर हीरा इसका सबसे चर्चित उदाहरण है. जिस पर कई देश अपना दावा ठोंकते रहे हैं. पर यह उस दौलत का छोटा ही हिस्सा है, जिससे ब्रिटिश घराना फला-फूला. इस बारे में शशि थरूर का बयान भी चर्चा में आया था. जब उन्होंने कहा था,
“ब्रिटिश साम्राज्य में कभी सूरज़ नहीं डूबा. क्योंकि अंधेरे में भगवान भी अंग्रेजों पर भरोसा नहीं कर सकते थे.”
मिस्र से लेकर ग्रीस और भारत से लेकर ऑस्ट्रेलिया हर जगह से कीमती चीजों को ब्रिटेन ले जाया गया. कुछ संग्राहलयों में पहुंचा और कुछ कहीं और. पर आज के ब्रिटिश राज परिवार के पास कितनी दौलत बची है? कितने महल हैं? दूसरे देशों के कीमती सामान का क्या हुआ? और ब्रिटिश राज परिवार पैसा कैसे कमाता है?
ब्रिटेन की रानी ‘क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय’ के निधन के बाद. चर्चा राजपरिवार की संपत्ति की भी हुई. कि आखिर कितना पैसा उनके उत्तराधिकारी को दिया जाएगा. फोर्ब्स ने इसका एक अंदाजा भी बताया. रॉयल फर्म की संपत्ति का आंकलन 28 बिलियन डॉलर आंकी. आज के हिसाब से रुपयों में बदलें, तो आंकड़ा कुछ 235 हजार करोड़ रुपये बैठेगा. इसमें बकिंघम पैलेस की कीमत कुछ 41 हजार करोड़ रुपये आंकी गई. वहीं ‘द क्राउन एस्टेट’ यानी जमीन वगैरह के लिए ये आंकड़ा 163 हजार करोड़ रुपये रखा गया.
लेकिन ये मामला इतना सिंपल नहीं है. इसके अलावा भी ब्रिटिश क्राउन यानी राजा के नाम तमाम संपत्ति है. कीमती जेवरात हैं. जिनकी कीमत का अंदाजा लगाना भी एक्सपर्ट्स के लिए मुश्किल है. एक-एक करके इन सब के बारे में जानते हैं.
जमीनद क्राउन एस्टेट - जिसे मोनार्की पी. एल. सी. भी कहा जाता है. एक तरह की कॉर्पोरेशन है, जो आज ब्रिटिश राजा की जमीनों पर आधिकार रखती है. राजा की तरफ से एक इंडिपेंडेंट काउंसिल इसे चलाने में मदद करती है. टेक्लिनिकली वेल्स, उत्तरी आयरलैंड और इंग्लैंड की तमाम जमीनें क्राउन एस्टेट से ही जुड़ी हैं. कुछ ब्रिटिश समुद्र तल पर भी इसका अधिकार है. पर मामला थोड़ा पेचीदा है. क्योंकि इसके मुनाफे का सारा पैसा राजा को नहीं जाता है. बल्कि ये अपना पूरा मुनाफा सरकार को देते हैं. और फिर इस मुनाफे का 25 फीसद, सॉवरेन ग्रांट के नाम पर - राजशाही के कामकाज के लिए दिया जाता है. ताकि तमाम किले और महलों वगैरह की देखभाल की जा सके.
इसी का एक हिस्सा ‘डची ऑफ कार्नवेल’ भी है. जिसकी कीमत कुछ 8 हजार करोड़ आंकी जाती है. और इस पर सीधे राजा का अधिकार होता है. ये भूभाग दक्षिण पश्चिम इंग्लैंड के समुद्र तट से होते हुए, ओवल क्रिकेट ग्राउंड तक फैले हैं.
ऐसी एक जमीन डची ऑफ लैंकास्टर भी है. जिसकी कीमत डची ऑफ कार्नवेल से थोड़ी ही कम बताई जाती है. ये तो हो गईं जमीनें, अब बात करते हैं - ब्रिटिश राजवंश की सबसे जानी पहचानी इमारत की.
बकिंघम पैलेसबकिंघम के ड्यूक के लिए यह महल साल 1703 में बनाया गया था. जो आज ब्रिटिश राजवंश का जाना-माना चेहरा है. साल 1761 में किंग जार्ज तृतीय ने इसे अपने हक में कर लिया. और तब से राजवंश यहीं रह रहा है. यही वह जगह है जहां तमाम लोग, राजा से मिलने आते हैं. यहीं प्रिंसेस डायना की प्रेस से बात-चीत चर्चा में आई थी. जब फोटो खिंचवाते हुए राजकुमारी ने मजाक में कहा था कि यह मेरे ऑफिस यानी महल में एक आम दिन है.
यहीं साल 1982 में एक घुसपैठिया घुसा था. दरअसल रानी सोने ही जा रही थीं. कि माइकल फैगन नाम का एक शख्स ने दीवार फांदी, पाइप से रानी के प्राइवेट अपार्टमेंट में घुसा. फैगन ने रानी से एक सिगरेट भी मांगी. पर फिर रानी ने अलार्म बजाया, जिसके बाद वो पकड़ा गया. उसे महल से एक वाइन की बोतल चुराने के मामले में तो छोड़ दिया गया. लेकिन उसने कार चुराने का एक जुर्म जरूर कबूला. जिसके बाद उसे कड़ी सुरक्षा वाले, एक मेंटल हेल्थ हॉस्पिटल भेज दिया गया. बहरहाल, ये महल ऐसी तमाम वजहों से चर्चा में आता रहता है. ये पर्यटकों का भी पसंदीदा रहा है. और इसकी कीमत करीब पांच बिलियन डॉलर आंकी जाती है.
कोहिनूरक्वीन एलिजाबेथ के मुकुट में लगा, कोहिनूर हीरा. ये किसी परिचय का मोहताज नहीं है. दुनिया में तराशे गए सबसे बड़े हीरों में से एक. हालांकि ये आया कहां से इस बात पर डिबेट है. पर लिखित ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स के मुताबिक, पहले ये मुगल साम्राज्य के मयूर सिंहासन में लगा था. वो सिंहासन, जिसे बनाने का आदेश शाहजहां ने साल 1628 में दिया था. ऐसा सिंहासन जिसमें तमाम कीमती पत्थर जड़े थे. जिसे बनाने में सात साल लगे. दरबारी अहमद शाह लाहौरी इस सिंहासन के बारे में लिखते हैं, बाहरी छतरी को हाथी दांत से बनाया जाने वाला था. जिसमें कीमती नगीने जड़े हों. और कॉलंब में नग जड़े दो मोर. और मोर के बीच एक पेड़ जिस पर रूबी, हीरे और मोती वगैरह जड़े थे.
इन सब में सबसे कीमती शायद कोहिनूर ही था. बहरहाल इस हीरे के भारत से लंदन पहुंचने की कहानी भी है, पर वो कभी और. वहीं अगर इसका कीमत की बात करें, को सीधा जवाब होगा, कीमत लगाना मुश्किल है. दरअसल ये उन चीजों में से है, जो दुनिया में एक ही है. इसके साथ इतिहास और कई देशों के दावे भी जुड़े हैं, जो इसे और कीमती बनाते हैं. कई बार तो इसकी कीमत बीस बिलियन डॉलर लगा दी जाती है. कुल मिलाकर कहें तो बहुत ज्यादा.
किलेबॉलमोरल किला भी राजा की निजी संपत्ति है. जो कि स्कॉटलैंड के एबेर्डीनशायर में मौजूद है. इसे क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय ने खरीदा था. और फिर ये चार्ल्स तृतीय को सौंप दिया गया. यहीं क्वीन एलिजाबेथ ने अपनी आखिरी सांस ली थी. ऐसा ही एक किला विंसर का किला है. आंकी गई 57 करोड़ डॉलर कीमत का विंसर किला, दूसरे विश्व युद्ध में राजसी परिवार की छत बना था. ब्रिटिश राजघराने के कब्जे में ये करीब एक हजार सालों से है.
एक और महल भी है. पैलेस ऑफ वेस्टमिनिस्टर. जिसे बिग बेन के जाने-माने टावर से पहचाना जा सकता है. ये ब्रिटेन का हाउसेज़ ऑफ पार्लियामेंट भी है. लेकिन टेक्निकली ये पूरी इमारत ब्रिटिश राज परिवार के हक में है. और अंग्रेजों की ये संसद, सरकार को लोन में दी गई थी. सदियों से यह इमारत, वहां के ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ और ‘हॉउस ऑफ लॉर्ड्स’ यानी संसद के दो सदनों के तौर पर काम करती रही है.
राजकुमारी की अलग अंगूठीब्रिटिश राजघराने की बात चल ही रही है, तो राजकुमारी डायना की चर्चा भी की जानी चाहिए. या कहें इनकी अंगूठी की चर्चा. दरअसल परंपरा के मुताबिक, अपनी इंगेजमेंट रिंग इन्होंने राज खजाने से नहीं चुनी थी. बल्कि एक जौहरी के यहां से बनवाई थी. इस पर बाद में विवाद भी हुआ. लेकिन लोगों को ये कदम खासा भाया. डायना की पॉपुलैरिटी के बाद इस अंगूठी की भी कीमत बढ़ी और लोगों को बड़े सैफायर नग की ये अंगूठी खूब भाई.
जब राजकुमार विलियम ने कैथरीन को प्रोपोज़ किया, तब अपनी मां की इसी अंगूठी का इस्तेमाल किया था. साल 2014 में इसकी कीमत पांच लाख डॉलर लगाई गई थी. इसकी कल्चरल वैल्यू तो है. पर ये शायद इतनी कीमती नहीं, जितना राजतिलक के समय के गहने जिनमें एक हार और झुमके शामिल हैं. ये रानी विक्टोरिया के समय बनाए गए थे और इनमें कोहिनूर के हीरे के हिस्से भी हैं. रानी एलिजाबेथ 2 ने भी अपने राजतिलक के वक्त इन्हें पहना था. और अपने जीवन काल में कई बार पहनती रही हैं. इनकी कीमत तीन लाख, पौंतालीस लाख हजार डॉलर लगाई जाती है. लेकिन ये तो जवाहरात थे. इनके खजाने में कीमती अंडे भी हैं.
नगीनों वाला अंडाफैबर्ज एक प्रसिद्ध जवाहरात बनाने वाला स्टूडियो था. जिन्होंने कभी प्रसिद्ध फैबर्ज़ अंडे बनाए थे. दरअसल इस्टर के त्योहार में अंडों का खास महत्व होता है. रुस के ज़ार निकोलस द्वितीय ने इन्हें बनवाया था. इन्हें बनाने वाले थे पीटर कार्ल फैबर्ज. इन अंडों को बेहद कीमती माना जाता है. ये कुछ 57 ही बचे हैं. जिनमें से चार ब्रिटिश राज परिवार के पास हैं. और बकिंघम पैलेस में रखे गए हैं.
इसके अलावा राज परिवार से जुड़ा और भी सामान है. जिसकी कीमत आंकना भी मुश्किल है. जैसे कि ब्लैक प्रिंस का रूबी. यह एक मुकुट है जिसमें बेहद बड़ा सुर्ख लाल नगीना जड़ा है. और भी कई कीमती तराशे नगीने इसमें हैं. पर इसकी भी कीमत आंकना मुश्किल है. इस सब से इतर तमाम सोना चांदी. कीमती ड्रेस. तमाम फेमस पेंटिंग, यहां तक कि फेमस पेंटर लियोनार्डो डा विंची के बनाए सैकड़ों चित्र भी इनके पास हैं. कई मुकुट, पार्क और महलों पर भी राज परिवार का निजी हक है. वहीं राजपरिवार को कोई विरासत कर भी नहीं देना पड़ता है. यानी टैक्स में छूट मिलती है.
एक जगह ब्रिटिश संग्रहालय भी है. जहां तमाम देशों से सामान लाकर रखा गया है. हालांकि वो राजपरिवार से अब सीधे संबंधित नहीं है. पर एक वक्त पर इसमें लाया गया सामान जरूर राजपरिवार की देन है.
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