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ज्यादातर लोग दाहिने हाथ को वरीयता क्यों देते हैं? क्या इसमें दिमाग का भी कुछ 'लोचा' है?

ज्यादातर लोग दाहिने हाथ से काम लेने के आदी होते हैं. ऐसे भी कह सकते हैं कि दाहिने हाथ का इस्तेमाल ज्यादा अच्छे से करते हैं. उनके मुकाबले बाएं हाथ से काम लेने वालों की संख्या काफी कम है. कभी सोचा है इसकी क्या वजहें हो सकती हैं?

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वैज्ञानिक आदिमानव कंकालों के दांत देखकर अनुमान लगाते हैं कि वो दाहिने हाथ का ज्यादा इस्तेमाल करते होंगे. (तस्वीर- Unsplash.com)

‘थ्री इडियट्स’ फिल्म के प्रोफेसर ‘वायरस’ याद हैं? वही जो दोनों हाथों से लिख सकते थे. ऐसे लोगों को एंबीडेक्सट्रस (ambidextrous) कहते हैं. ऐसे लोगों की संख्या दुनिया में सिर्फ 1% के आस-पास है. यानी लगभग सभी इंसान किसी एक हाथ का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं. और ज्यादातर लोग दाहिने हाथ से काम लेने के आदी होते हैं. ऐसे भी कह सकते हैं कि दाहिने हाथ का इस्तेमाल ज्यादा अच्छे से करते हैं. उनके मुकाबले बाएं हाथ से काम लेने वालों की संख्या काफी कम है. कभी सोचा है इसकी क्या वजहें हो सकती हैं?

दोनों हाथों से लिख सकने वाले लोगों को एंबीडेक्सट्रस (ambidextrous) कहते हैं (Image: 3 Idiots)
क्या आदिमानव भी दाहिने हाथ का इस्तेमाल ज्यादा करते थे?

हाथों की ये पहेली सुलझाने के लिए पहले साइंटिस्ट्स ये जानना चाहते थे कि क्या हमारे पूर्वज भी ‘दाहिने’ थे या दाहिने हाथ के इस्तेमाल को ‘वरीयता’ देते थे? इसके लिए देखे गए आदिमानव के दांत. जी हां, दांत देखकर वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया कि आदिमानव भी ‘दाहिने’ रहे होंगे.

दरअसल इसे समझने के लिए पहले वैज्ञानिकों ने आदिमानव कंकालों के हाथ की ऊपरी हड्डी को देखा. पता चला कि दाहिने हाथ की हड्डी बाएं हाथ की हड्डी से थोड़ी बड़ी थी. अनुमान लगाया गया कि आदिमानव भी दाहिने हाथ का इस्तेमाल ज्यादा करते थे. लेकिन इसमें पेच था कि किसी ठोस नतीजे पर पहुंचने जितने पूरे कंकाल नहीं मिले. 

The skeleton of Regourdou 1. Photo credit: Collections Ville de Périgueux, Musée d'Art et d'Archéologie du Périgord: Inv. 85.3. doi:10.1371/journal.pone.0043949.g001
इस आदिमानव कंकाल में दहिने और बाएं हाथ की हड्डी में अंतर देखा जा सकता है (Image: Volpato, Virginie & Macchiarelli, Roberto & Guatelli-Steinberg, Debbie & Fiore, Ivana & Bondioli, Luca & Frayer, David. 2012).

इसका तोड़ निकाला गया दांतों के निशानों से. वैज्ञानिकों ने कंकाल दांतों को जब देखा तो उनमें निशान थे. जो एक खास दिशा की तरफ थे. अनुमान लगाया गया कि वे लोग जब दांतों से मांस वगैरह नोचते होंगे, तो डॉमिनेंट हाथ से ही पकड़कर उसे खींचते होंगे. इससे उनके दांतों में एक खास दिशा की ओर निशान बने. ये निशान इशारा करते थे कि आदिमानव दाहिने हाथ का इस्तेमाल ज्यादा करते थे.

खाने की वजह से दांतों में बने निशान(credit: volpato et al)

इसके अलावा एक सुराग गुफा चित्रों में भी देखने मिलता है. मध्य प्रदेश की भीमबेटका (भीमबैठका) गुफाओं का नाम तो आपने सुना ही होगा. यहां कई तरह की प्राचीन पेंटिंग्स देखने मिलती हैं. कुछ में जानवर बने हैं, कुछ में शिकारी और कुछ में सिर्फ हाथ. 

इन हाथों के गुफा चित्रों को देखकर भी वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया कि शायद आदिमानव ‘दाहिने’ रहे होंगे. दरअसल जो हाथ के निशान दुनिया भर की गुफाओं में बने दिखते हैं, वो ज्यादातर बाएं हाथ के हैं. अंदाजा लगाया गया कि बनाने वाले चित्रकार बायां हाथ रखते होंगे और दाहिने हाथ से उसका चित्र बनाते होंगे. यानी वो दाहिने हाथ का इस्तेमाल ज्यादा करते थे. 

भीमबेटका में बाएं हाथ का चित्र (Image: Wikimedia commons)

इससे लगता है कि इंसानों का दाहिने हाथ का ज्यादा इस्तेमाल करना कोई नई बात नहीं है. लेकिन बंदरों और एप्स जैसे जानवरों के इतर हम इंसान ही ऐसा क्यों करते हैं?

हमारे दिमाग का इसमें क्या ‘हाथ’ है? 

पहले तो ये समझते हैं कि हमारा दिमाग शरीर के बाएं हिस्से और दाएं हिस्से को अलग-अलग कंट्रोल करता है. माने दाहिना हाथ दिमाग के बाएं हिस्से और बायां हाथ दाहिने हिस्से से कंट्रोल होता है. इसे लैटरलाइजेशन कहते हैं. ये जानवरों में भी होता है, लेकिन दूसरे अंगों के लिए, जैसे एक कान से बेहतर सुनना या एक आंख से बेहतर देख पाना. कुछ चिड़िया, मेंढक और मछलियां दाहिने तरफ की आंख की ओर वाले शिकार पर ज्यादा हमला करती हैं.

दिमाग का दायां हिस्सा बायीं तरफ के शरीर पर कंट्रोल रखता है. (Image: www.informedhealth.org)
क्या अनुमान लगाए गए?

1. साइंटिस्ट्स ने अंदाजा लगाया कि हो सकता है, जब इंसानों ने दो पैरों पर चलना शुरू किया, तब वो शिकार और अन्य कामों में एक हाथ को वरीयता देने लगे हों.

2. कुछ ने कहा कि हो सकता है ये एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में पहुंचने वाली चीज हो और हो. लेकिन जब ये देखा गया कि जुड़वा लोग जिनमें एक जैसे जींस होते हैं. वो भी अलग-अलग हाथों का इस्तेमाल कर सकते हैं. तब ये थ्योरी भी इतनी सटीक नहीं बैठी. हाथों की वरीयता का कोई डोमिनेंट जीन भी सामने नहीं आया. कि भईया फलाना जीन की वजह से लोग राइट हैंड या लेफ्ट हैंड होते हैं.

3. एक बात ये कही गई कि हो सकता है हमारे हथियार बनाने का संबंध इससे हो. जब इंसानों ने हथियार बनाना शुरू किया होगा. तब वो दाहिने हाथ का इस्तेमाल ज्यादा करने लगे होंगे. इसके लिए ये कहा गया कि नाम का एक हिस्सा होता है. जो चीजों का आकार बदलने, हथियार और टूल्स बनाने जैसे कामों से जुड़ा होता है. ये हिस्सा ज्यादातर लोगों के दिमाग में बाईं तरफ होता है. 

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 कुछ रिसर्च में दिमाग का BA44 हिस्सा संगीत समझने से जुड़ा भी बताया गया है. 

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जैसा कि हमने बताया कि दिमाग का बायां हिस्सा शरीर के दाहिने हिस्से को कंट्रोल करने में भाग लेता है. और BA44 भी बाईं तरफ होता है तो हो सकता है कि इसकी वजह से इंसान दाहिने हाथ का इस्तेमाल ज्यादा करने लगे हों.

4. एक और थ्योरी ये दी गई कि शायद शुरुआत में सभी इंसान ‘दाहिने’ रहे हों. और बाद में कुछ जेनेटिक फेरबदल या किसी वजह से बाएं हाथ का इस्तेमाल भी करने लगे हों. इसका उन्हें फायदा भी मिला हो सकता है. जैसे लेफ्ट हैंड बल्लेबाजों और लेफ्ट हैंड गेंदबाजों को मिलता है.

ये भी कहा गया कि सभी दाहिने हाथ का इस्तेमाल करने वाले लोगों के बीच बाएं हाथ का इस्तेमाल करने वाले लोगों को फायदा रहता होगा. इसके सबूत देने की भी कोशिश की गई. 2019 की एक रिसर्च में बताया गया कि लेफ्ट हैंड मुक्केबाज राइट हैंड मुक्केबाजों से ज्यादा मैच जीतते हैं.

अनुमान लगाया गया, कि चूंकि लेफ्ट हैंड लड़ाके राइट हैंड लड़ाकों से बेहतर परफॉर्म करते हैं इसलिए आदिमानव के समय में कुछ लोग बाएं हाथ वाले हो गए होंगे और ये अब तक है.

कुल-मिलाकर इस सवाल का ठोस जवाब नहीं है कि दायां बेहतर है या बायां. वैज्ञानिक जानने में लगे हैं. लेकिन अपना शक करता है कि अगर किसी एक हाथ की वरीयता स्थापित हो गई तो वो भेदभाव की एक नई रीत को जन्म ना दे दे.

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