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हेती में गैंगवॉर के पीछे की क्या वजह है?

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हेती में गैंगवॉर के पीछे की क्या वजह है?

हेती में गैंगवॉर और भीड़तंत्र ने मिलकर मुल्क को खाई में धकेल दिया है. घटना 24 अप्रैल 2023 की है. हेती की राजधानी पोर्ट ओ-प्रिंस की सड़क पर एक मिनीबस चली जा रही थी. उसकी मंज़िल संदिग्ध थी. इसी वजह से चाल भी. रास्ते में एक चेकपॉइंट नज़र आया तो ड्राइवर ने थोड़ी दूर पहले ही बस खड़ी कर दी. पुलिस को गतिविधि पर शक़ हुआ. उन्होंने तलाशी ली तो अंदर ख़तरनाक हथियार मिले. बस में मौजूद 13 लोगों को अरेस्ट कर लिया गया. वे सभी क्रिमिनल गैंग्स के मेंबर थे. पुलिस उन्हें थाने ले जाने की तैयारी में थी. इसी बीच में एक अजीब वाकया घटा. मौके पर मौजूद लोगों की संख्या अचानक से बढ़ने लगी. ये भीड़ अपने साथ कुल्हाड़ी, चाकू, टायर, केरोसिन तेल लेकर आई थी. उसने पहले क्रिमिनल्स को पुलिस के चंगुल से छुड़ाया. फिर पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी. उसके बाद लाशों को सड़क पर घसीटा गया और फिर केरोसिन तेल डालकर आग लगा दी गई. ये सब पुलिस की मौजूदगी में हुआ. लेकिन वे मूकदर्शक बनकर रह गए.

हेती में क्रिमिनल गैंग्स का आतंक कोई नई बात नहीं है. लेकिन लोगों का ऐसा आक्रोश पहले कभी नहीं दिखा था. इस घटना का ब्यौरा सुनकर हमें अंग्रेज़ी फ़िल्म ‘द फ़र्स्ट पर्ज’ का एक डायलॉग याद आ गया. क्या?'

If we want to save our country, we must release all our anger in one night. 

यानी, अगर हमें अपने मुल्क को बचाना है, तो हम सबको एक रात में अपना सारा गुस्सा निकालना होगा.

हेती के लोगों ने अपना गुस्सा निकालना शुरू कर दिया है. हालांकि, ये एक रात या एक दिन में तो कतई रुकने वाला नहीं है.

अब सवाल ये आता है कि, हेती इस स्थिति तक पहुंचा कैसे?

इसके सवाल में कई और सवाल सामने आते हैं.

मसलन, कैसे एक भरे-पूरे हेती को औपनिवेशिक देशों ने बर्बाद कर दिया? कैसे ज़बरदस्ती के मुआवाजे ने हेती को हमेशा के लिए कर्ज़ के जाल में फंसा दिया? और, कैसे ये मुल्क विदेशी प्रभुत्व की लड़ाई में पिसकर बर्बाद हो गया? अगर मूल वजह तलाशने जाएं तो इसमें अमेरिका, फ़्रांस, स्पेन जैसे देशों का काला चिट्ठा खुलता है. 

फिलहाल, हम हालिया संकट पर लौटते हैं.

जिसकी चिनगारी जुलाई 2021 में भड़की थी. तब क्या हुआ था? 07 जुलाई की रात कुछ हथियारबंद लोग राष्ट्रपति आवास में दाखिल हुए. वहां उन्होंने हेती के तत्कालीन राष्ट्रपति जुवेनेल मोइज़ की हत्या कर दी. मोइज़ 2016 से पद पर थे. कार्यकाल पूरा होने के बाद भी उन्होंने चुनाव नहीं होने दिया था. उनके ऊपर तानाशाही के आरोप भी लग रहे थे. हालांकि, उनकी हत्या ने माहौल को और बिगाड़ दिया. मोइज़ को कम से कम संसद और जनता का सपोर्ट था. उनके बाद प्रधानमंत्री एरियल हेनरी कार्यवाहक राष्ट्रपति बने. हेनरी को मोइज़ जैसा सपोर्ट नहीं है. चुनाव कराने को लेकर उनके ख़िलाफ़ लगातार प्रोटेस्ट भी हो रहे हैं. इस समय हेनरी हेती में इकलौते ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्हें लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुना गया है. लेकिन राष्ट्रपति के तौर पर नहीं. इसलिए, अधिकांश जनता उन्हें वैध राष्ट्रपति नहीं मानती.

और क्या समस्याएं हैं?

- हेती 19वीं सदी की शुरुआत में आज़ाद हो चुका था. हालांकि, उसे इस आज़ादी की भारी कीमत चुकानी पड़ी. फ़्रांस ने बदले में लगभग पांच हज़ार करोड़ रुपये मांगे थे. ये कर्ज़ चुकाने में हेती की हालत ख़राब हो गई. कई दफा ऐसा हुआ कि ये कर्ज़ सालभर के बजट का आधा हिस्सा खा जाता था. इसने हेती को कभी उबरने नहीं दिया.

- फिर 20वीं सदी में हेती तानाशाही और सैन्य तख़्तापलट से जूझता रहा. सबसे ख़तरनाक तानाशाह हुआ, पापा डॉक. उसने 1957 से 1971 तक शासन चलाया. उसी ने गैंग कल्चर को भी बढ़ावा दिया था. पर्सनल फायदे के लिए लोगों को आपस में लड़ाया. उसके बाद सत्ता उसके बेटे बेबी डॉक के पास आई. दोनों का शासन हेती को अंधकार-युग में ले गया

- 2010 में हेती में भयानक भूकंप आया. इसमें तीन लाख लोग मारे गए. लाखों विस्थापित हुए. इंफ़्रास्ट्रक्चर बुरी तरह तबाह हो गया. उसका असर आज तक दिखता है. हेती की कुल आबादी का आधा हिस्सा विदेशी मदद पर निर्भर हो चुका है. इसके चलते हेती को ‘Aid state’ या एनजीओ कैपिटल भी कहते हैं. मोइज़ की हत्या के बाद 2021 में भी एक भूकंप आया. इसने स्थिति और ख़राब कर दी.

- मोइज के समय से ही गैंग्स अलग-अलग हिस्सों पर क़ब्ज़े के लिए लड़ रहे थे. उनकी हत्या के बाद गैंग्स को फैलने का मौका मिल गया. वे वर्चस्व के लिए आपस में लड़ने लगे. पुलिस के अंदर पहले से लड़ाई चल रही थी. उनके पास संसाधन भी नहीं थे. नतीजा, गैंग्स का ख़तरा बढ़ता चला गया.

अभी क्या हालात हैं?

- हेती की आबादी लगभग 01 करोड़ 14 लाख है. यूएन की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें से 47 लाख लोग भुखमरी की कगार पर हैं.

- 2022 से ही देश में ख़सरे का ख़तरा भी बढ़ा है. लेकिन इलाज के लिए ज़रूरी अस्पतालों और डॉक्टरों की भारी कमी है. गैंग की हिंसा के कारण कई बड़े अस्पतालों को बंद करना पड़ा है.

लोगों का गुस्सा क्यों भड़का?

लोग लंबे समय से बुनियादी समस्याओं से परेशान चल रहे हैं. उसके ऊपर से गैंग्स का कहर जारी है. ये गैंग्स बच्चों को किडनैप कर उनसे हथियार ढुलवाते हैं. बच्चियों का बलात्कार करते हैं. बेगुनाह नागरिकों पर हमले करते हैं. जब मन हो तब लूटपाट भी मचाते हैं. जब ये सब हो रहा होता है, तब पुलिस या तो अपराधियों के साथ होती है या चुपचाप देखती रहती है.
इसी वजह से अब आम लोगों ने ख़ुद लड़ने का फ़ैसला किया है. मीडिया रपटों के अनुसार, राजधानी के इलाकों में विजिलांते ग्रुप्स बन रहे हैं. ये लोग हथियारों से लैस होकर अपने मोहल्लों की सुरक्षा करते हैं. 24 अप्रैल को हुई मॉब लिंचिंग भी इसी प्रोसेस का हिस्सा थी. कुछ लोग इसे भीड़तंत्र का नाम देकर इसकी आलोचना कर रहे हैं. जबकि कुछ का कहना है कि इसके अलावा कोई रास्ता नहीं दिखता है. हेती इसी तरीके से सुरक्षित रह सकता है.

आगे का रास्ता क्या है?

यूएन के सेक्रेटरी-जनरल अंतोनियो गुतेरेस हेती में स्पेशल फ़ोर्स भेजने की अपील कर चुके हैं. ये काम सिक्योरिटी काउंसिल के ज़रिए होगा.
कई देशों ने हेती में इंडिविजुअल कैपिसिटी में सैन्य मदद भेजने की पहल भी की है. हालांकि, उस मदद को लागू करने के लिए एक कार्यरत सरकार या सिस्टम ज़रूरी है. जिसकी हाल-फिलहाल में कोई उम्मीद नज़र नहीं आ रही.

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