यूपी पुलिस ने कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना को एनकाउंटर (Anil Dujana Encounter) में मार गिराया. यूपी STF के मुताबिक ये एनकाउंटर मेरठ में हुआ है. अनिल दुजाना ग्रेटर नोएडा का रहने वाला था. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दुजाना का काफी खौफ था. रिपोर्ट्स के अनुसार, UP STF और दुजाना के बीच सीधी मुठभेड़ हुई.
गैंगस्टर अनिल दुजाना की कहानी, जिसके ससुर ने दुश्मन से मुकाबले के लिए उससे बेटी ब्याह दी थी
यूपी पुलिस की STF ने गुरुवार को एक एनकाउंटर में अनिल दुजाना को मार गिराया.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अनिल दुजाना की कुख्यात माफिया सुंदर भाटी और उसके गैंग से रंजिश चलती थी. इस रंजिश में कई हत्याएं हो चुकी हैं. 2012 में अनिल दुजाना और उसके गैंग ने सुंदर भाटी और उसके करीबियों पर AK-47 जैसे हथियारों से हमला किया था. दोनों गैंग्स के बीच सरकारी ठेकों, सरिया की अवैध तरीके से चोरी, टोल के ठेकों को लेकर लड़ाई होती थी.
अनिल दुजाना इस साल 10 अप्रैल को ही रिहा हुआ था. रिपोर्ट्स के अनुसार, रिहा होते ही उसने गौतमबुद्ध नगर में अपने खिलाफ गवाही दे रहे लोगों को धमकियां दी थीं. इस पूरे घटनाक्रम पर UP STF के चीफ अमिताभ यश का बयान आया है. उन्होंने कहा,
"अनिल दुजाना एक कुख्यात अपराधी है, हमारी मेरठ यूनिट ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है. इसके ऊपर 18 से ज़्यादा मर्डर केसेज हैं. जैसे ही आगे की डिटेल मिलेंगी उसके अनुसार जानकारी दी जाएगी."
पर दुजाना गांव का एक आम लड़का, कैसे गैंगस्टर बना? बताते हैं.
दुजाना गांव से आया अनिल
यूपी के बुलंदशहर में बादलपुर थाना क्षेत्र है. इस इलाके के दुजाना गांव में एक कुख्यात अपराधी सुंदर नागर उर्फ़ सुंदर डाकू हुआ करता था. 70-80 के दशक में सुंदर का दिल्ली तक खौफ था. कहा जाता है सुंदर ने इंदिरा गांधी को भी हत्या की धमकी दी थी. लेकिन गांव के लोग उसे मसीहा मानते थे. आर्मी में नौकरी कर रहा सुंदर पारिवारिक विवादों की वजह से अपराधी बन गया था. एक पुलिस मुठभेड़ में सुंदर दुजाना को मार गिराया गया. इसी दुजाना गांव का रहने वाला है अनिल नागर उर्फ़ अनिल दुजाना. पुलिस रिकॉर्ड में अनिल दुजाना पर सबसे पहला मामला 2002 में गाजियाबाद के कवि नगर थाने में दर्ज हुआ. तब उस पर हरबीर पहलवान की हत्या का आरोप लगा. इसके बाद अनिल दुजाना का नाता अपराध से जुड़ता चला गया.
पश्चिमी यूपी में गैंगवार
पश्चिमी यूपी में गैंगवॉर की शुरुआत महेंद्र फौजी और सतबीर गुर्जर की आपसी अदावत से हुई. इसके बाद सुंदर भाटी और नरेश भाटी के बीच गैगवॉर छिड़ गई. ये दोनों सतबीर गुर्जर के ही चेले थे. 2004 में सुंदर भाटी ने नरेश भाटी की हत्या कर दी. नरेश भाटी का भाई रणदीप और भांजा अमित कसाना इसका बदला लेना चाहते थे. जिसमें साथ दिया अनिल दुजाना ने. अब तक अनिल दुजाना भी पश्चिमी यूपी में जाना जाने लगा था.
नवंबर 2011 में साहिबाबाद स्थित भोपुरा में सुंदर भाटी के किसी रिश्तेदार की शादी थी. रणदीप, अनिल दुजाना और अमित कसाना ने एके-47 से ताबड़तोड़ फायरिंग की, तीन लोग मारे गए लेकिन सुंदर भाटी तब भी बच गया. इस तिहरे हत्याकांड में अनिल दुजाना जनवरी 2012 में पकड़ा गया और उसे जेल भेज दिया गया. अनिल ने जेल से ही गैंग को चलाना शुरू कर दिया. बाहर रणदीप भाटी और अमित कसाना उसके ऑर्डर फॉलो कर रहे थे.

2022 में फिर कैसे पकड़ा गया?
जनवरी 2021 में अनिल दुजाना जमानत पर बाहर आया था. हालांकि, पुराने केसों में पेशी पर न पहुंचने के चलते कोर्ट ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर रखा था. 6 जनवरी 2022 को अनिल दुजाना को फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था. साथ में उसके दो साथी सचिन गुर्जर और रकम सिंह भी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ गए थे. दुजाना पर 18 मर्डर सहित कुल 60 केस दर्ज थे. उस पर रासुका भी लग चुका है. यूपी पुलिस ने उस पर 75,000 रूपये का इनाम भी रखा था. क्राइम ब्रांच ने अनिल को पकड़कर बताया था कि वो दिल्ली के मंडावली इलाके या कड़कड़डूमा कोर्ट कॉम्पेक्स में किसी की हत्या करने वाला था. इनपुट्स सही थे और वक़्त रहते अनिल दुजाना को गिरफ्तार कर लिया गया.
जेल से ही चला रहा था गैंग
जेल से ही अनिल के इशारे पर बाहर मर्डर हो जाते थे. उसे सुंदर भाटी से बदला लेना था. भाटी ने जनवरी 2014 में दुजाना के घर पर हमला करवा दिया. ताबड़तोड़ फायरिंग की गई जिसमें अनिल के भाई जय भगवान की मौत हो गई. अनिल के पिता ने सुंदर भाटी समेत आठ लोगों को इस मामले में नामजद कराया. बाद में दुजाना गैंग ने जय भगवान की मौत का बदला लेने के लिए सुंदर भाटी के गुर्गे राहुल की हत्या कर दी. जनवरी 2021 में अनिल दुजाना जमानत पर बाहर आ गया.
अनिल दुजाना की शादी
अनिल दुजाना की शादी की कहानी भी रोचक है. उसने 2019 में बागपत की रहने वाली पूजा से सगाई की थी. 2021 में जमानत पर बाहर आने के बाद अनिल ने सूरजपुर कोर्ट में 18 फरवरी को पूजा से शादी कर ली. दरअसल पूजा के पिता लीलू का बागपत के ही एक शख्स राजकुमार से 40 बीघा ज़मीन का विवाद चल रहा था. राजकुमार ने अपनी दो बेटियों की शादी कुख्यात अपराधी हरेंद्र खड़खड़ी और उसके भाई से कर दी थी. उसके बाद राजकुमार के मुकाबले पलड़ा कमजोर न हो जाए, इसलिए पूजा के पिता ने अपनी बेटी के लिए हरेंद्र से भी ज्यादा नामी अपराधी अनिल दुजाना को तलाश कर लिया और शादी कर दी.

2002 में लगा हत्या का आरोप
अनिल नागर उर्फ अनिल दुजाना नोएडा के बादलपुर इलाके के दुजाना गांव का रहने वाला था. पुलिस रिकॉर्ड में अनिल दुजाना पर सबसे पहला मामला 2002 में गाजियाबाद के कवि नगर थाने में दर्ज हुआ. इसके बाद अनिल दुजाना का नाता अपराध से जुड़ता चला गया.
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