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G20 के देश: तीन-तीन देशों के गुलाम रहे, भारत से महज 2 साल पहले आजाद हुए इंडोनेशिया की कहानी

इंडोनेशिया साउथ ईस्ट के देशों में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है

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दुनियाभर में इंडोनेशिया टूरिज्म के लिए जाना जाता है (फोटो सोर्स- आजतक)

दिल्ली में G20 Leaders Summit का मंच सज गया है, लीडर्स का आना भी शुरू हो गया है. इस जलसे से पहले हम G20 परिवार के सदस्यों (G20 Countries) से आपका परिचय करा देते हैं. आज कहानी दुनिया के सबसे बड़े द्वीप समूह और साउथ ईस्ट के टूरिज्म डेस्टिनेशंस में सबसे ख़ास इंडोनेशिया (Indonesia) की.
कहानी बताएं, उससे पहले नक़्शा जान लीजिए.

नक्शेबाजी

इंडोनेशिया एक बड़ा द्वीपसमूह है. हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के बीच. इंडोनेशिया की जमीनी सीमा पापुआ न्यू गिनी, पूर्वी तिमोर और मलेशिया के साथ मिलती है. जबकि इसकी समुद्री सीमा सिंगापुर, फिलीपींस, ऑस्ट्रेलिया और भारत के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से मिलती है.

इंडोनेशिया दुनिया का चौथा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है. आबादी 27 करोड़ से कुछ ज्यादा है. यहां सबसे ज्यादा आबादी (करीब 85 फीसद) मुस्लिमों की है. इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता है. यहीं से मुल्क की सरकार चलती है. नई दिल्ली से जकार्ता की दूरी लगभग 7 हजार किलोमीटर है. घड़ी पर इंडोनेशिया भारत से 1 घंटे और 30 मिनट आगे है. जब भारत में सुबह के 8 बजते हैं तब इंडोनेशिया में सुबह के 9 बजकर 30 मिनट का समय होता है. 

हिस्ट्री का क़िस्सा

1512 की बात है तब पुर्तगाली इंडोनेशिया के द्वीपों पर पहली बार पहुंचे थे. ये वहां गए थे जायफल, लौंग और काली मिर्च जैसे मसालों के लिए. इसके बाद 17वीं सदी की शुरुआत में डच ईस्ट इंडिया कंपनी (VOC) इंडोनेशिया पहुंची. उस समय इंडोनेशिया अलग-अलग हिस्सों में बंटा हुआ था. तब जावा और कुछ दूसरे द्वीपों पर डच कंपनी का प्रभाव था. 1799 में VOC दीवालिया हो गई. इसके बाद डच सरकार ने कंट्रोल अपने हाथों में ले लिया. कुछ समय बाद ब्रिटिश भी आए. मगर वे लंबे समय तक शासन नहीं कर पाए. जिन इलाकों पर उनका कब्जा था, उन्हें 1816 में डच सरकार के हवाले कर दिया. डचों ने अलग-अलग बिखरे द्वीपों को भी जीतकर एक साथ मिलाया. इंडोनेशिया पर डचों का शासन 1942 तक चला. 1942 में यहां के अधिकांश इलाकों पर जापान ने क़ब्ज़ा कर लिया. लेकिन स्थानीय लोगों के तगड़े और लंबे विरोध के बाद अगस्त 1945 में जापान ने सरेंडर कर दिया. और उसकी सेना इंडोनेशिया छोड़कर चली गई. इसके दो दिन बाद ही स्थानीय राष्ट्रवादी नेता सुकर्णो ने देश की आज़ादी की घोषणा कर दी. सुकर्णो इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति बने. हालांकि, कुछ इलाकों में बचे डच इसके लिए तैयार नहीं थे. उन्हें इंडोनेशिया की आज़ादी स्वीकार करने में चार बरस लग गए. 1949 में डच सरकार (नीदरलैंड्स) ने इंडोनेशिया से अपना बोरिया-बिस्तर पूरी तरह समेट लिया.

1945 में संविधान अपनाने के बाद से इंडोनेशिया एक धर्मनिरपेक्ष देश है. यहां लोकतांत्रिक व्यवस्था है. लेकिन संविधान छह धर्मों को मान्यता देता है- इस्लाम, प्रोटेस्टैंटवाद, कैथोलिक धर्म, हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और कंफ्यूशियसवाद. इंडोनेशिया की सरकार किसी विशेष धर्म को बढ़ावा नहीं देती है और यहां के कानून के लिए सभी धर्म समान हैं. इंडोनेशिया एक विकासशील देश है. लेकिन यहां कानून और भ्रष्टाचार को लेकर कुछ चिंताएं बनी रहती हैं.

पैसे वाली बात

करेंसी का नाम है, इंडोनेशियाई रुपिया (Rp) 
इंटरनैशनल मॉनिटरी फ़ंड (IMF) के मुताबिक जीडीपी 1.39 ट्रिलियन डॉलर है. भारतीय रुपये में लगभग 115 लाख करोड़ रुपये. प्रति व्यक्ति आय लगभग 4 लाख रुपये है. भारत से लगभग 2 गुना.

लेन-देन-

साल 2021 में भारत ने लगभग 72 हज़ार करोड़ रुपये का निर्यात किया.
क्या निर्यात किया गया?
खनिज तेल, कार्बनिक रसायन, दवाइयां, तेल, चीनी, वाहन, जहाज, नावें, मांस, अनाज, फल, बिजली के उपकरण, न्यूक्लियर रिएक्टर, लोहा, स्टील आदि.

इसी अवधि में इंडोनेशिया ने 1 लाख 20 हज़ार करोड़ रुपये का सामान भारत को बेचा.
क्या-क्या बेचा?
खनिज तेल, जानवर, लोहा, स्टील, कई रासायनिक पदार्थ, रबड़, कीमती धातुओं के यौगिक, टिन, लकड़ी, कोकोआ, बिजली के उपकरण, खाद, प्लास्टिक, कॉफ़ी, चाय, वाहन आदि.

द्विपक्षीय रिश्ते

भारत, इंडोनेशिया का 12 वां सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है. आसियान देशों में इंडोनेशिया भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है. 
साल 1951 से भारत और इंडोनेशिया के बीच डिप्लोमैटिक रिलेशन हैं. G20 के अलावा दोनों देश आसियान और इंडियन ओशियन रिम एसोसिएशन के भी सदस्य हैं.
साल 1955 में गुट निरपेक्ष आंदोलन के शुरुआती 5 संस्थापक नेताओं में प्रधानमंत्री नेहरु और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो शामिल थे.
साल 1991 में भारत ने लुक ईस्ट पॉलिसी को अपनाया. इसका उद्देश्य इंडोनेशिया सहित साउथ ईस्ट एशिया के देशों के साथ रिश्ते बेहतर करना था.
साल 2002 में भारत और इंडोनेशिया ने एक फ्रेमवर्क एग्रीमेंट पर साइन किए. इसका उद्देश्य आर्थिक साझेदारी बढ़ाना था. 
साल 2018 में भारत और इंडोनेशिया के बीच स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप को लेकर सहमति बनी.
जनवरी 2011 में इंडोनेशियाई प्रेसिडेंट युधोयोनो भारत के गणतंत्र दिवस के समारोह में मुख्य अतिथि थे. उनके इस दौरे पर दोनों देशों के बीच कई समझौते हुए. इसके बाद साल 2013 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, इंडोनेशिया के दौरे पर गए. फिर नवंबर 2014 में PM नरेंद्र मोदी 25वें आसियान समिट में इंडोनेशियाई प्रेसिडेंट जोको विडोडो से मिले. भारत और इंडोनेशिया एक साथ कई युद्धाभ्यास भी कर चुके हैं.

पॉलिटिकल सिस्टम

इंडोनेशिया में प्रेसिडेंशियल सिस्टम है. राष्ट्रपति इंडोनेशिया और उसकी सरकार का प्रमुख होता है. कार्यकाल 5 साल का होता है. राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति अधिकतम दो कार्यकाल तक पद पर रह सकते हैं. 1945 में आजादी की घोषणा के बाद संविधान अपनाया गया. उसमें अब तक 4 बार संशोधन हो चुका है. MPR (मजेलिस पर्मुस्यावरतन राक्यत) इंडोनेशिया में सर्वोच्च विधायी निकाय है, उसी तरह जैसे अपने यहां संसद है. इसके दो सदन हैं- DPR (दीवान पेरवाकिलन राक्यत), जो हाउस ऑफ़ रिप्रेजेन्टेटिव्स है. और DPD (दीवान पेरवाकिलन डेराह), जो रीजनल रिप्रेजेन्टेटिव काउंसिल है. DPR में 575 सदस्य होते हैं. जो पांच साल के कार्यकाल के लिए वोटिंग के जरिए चुने जाते हैं. जबकि DPD में 136 सदस्य होते हैं, जो तीन साल के लिए चुने जाते हैं. कैबिनेट की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और वह MPR के प्रति उत्तरदायी है. कैबिनेट मंत्रियों और दूसरे अधिकारियों से बनती है. न्यायपालिका सरकार की कार्यकारी और विधायी संस्थाओं से स्वतंत्र है. इंडोनेशिया की सबसे ऊंची अदालत सुप्रीम कोर्ट होती है.

सरकार की कमान

इंडोनेशिया की सरकार की कमान, जोको विडोडो के हाथ में है. वो इंडोनेशिया के राष्ट्रपति हैं. मई 2019 में जोको दूसरी बार इंडोनेशिया के राष्ट्रपति बने. 2019 में ये पहली बार था जब इंडोनेशिया में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, MPR के लिए एक साथ इलेक्शन हुए. इसे दुनिया के इतिहास के सबसे जटिल वन-डे बैलट इलेक्शंस में से एक कहा गया. इसमें इंडोनेशियन डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ स्ट्रगल (PDI-P) की तरफ से उम्मीदवार रहे जोको विडोडो ने गेरिन्द्र पार्टी के उम्मीदवार रिटायर्ड जनरल प्राबोवो सुबियांतो को हराया. और पांच साल के लिए एक बार फिर से राष्ट्रपति बने. इससे पहले भी साल 2014 के चुनाव में उन्होंने प्राबोवो को हराया था.

फ़ैक्ट्स-

- जोको विडोडो की पैदाइश जून, 1961 में इंडोनेशिया के जावा की है. वे देश के 7 वें राष्ट्रपति हैं.
-विडोडो के पिता लकड़ी का सामान बेचते थे. और परिवार सोलो नदी के किनारे बनी अवैध झोपड़ियों में रहा करता था. विडोडो इंडोनेशिया में जमीनी नेता के तौर पर जाने जाते हैं.
- लोगों के बीच वो जोकोवी के नाम से मशहूर हैं.
-साल 2005 में जोकोवी, इंडोनेशियन डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ स्ट्रगल के सदस्य बने. और सुराकार्ता से मेयर बने. उनके मेयर बनने के बाद शहर में अपराध कम हुआ, विदेशी टूरिस्टों की तादाद बढ़ी. मेयर के पद पर रहने के दौरान उन्होंने सैलरी नहीं ली थी. 
-2010 में जोकोवी दुबारा मेयर बने. उन्हें इंटरनेशनल सिटी मेयर्स एसोसिएशन की तरफ से तीसरे सबसे अच्छे मेयर की रैंक दी गई. 
-2012 में जकार्ता का गवर्नर रहने के दौरान, मीडिया में उनकी तुलना अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से की गई. क्योंकि वे कुछ-कुछ बराक ओबामा की तरह दिखते हैं, साथ ही उनकी राजनीति भी गैर-पारंपरिक रही है, ओबामा की ही तरह. 
-2014 में इंडोनेशियन डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ स्ट्रगल ने उन्हें राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया. जुलाई में चुनाव हुआ. 53 फीसद से ज्यादा वोट जोकोवी को मिले और उन्होंने प्राबोवो को हराया. 20 अक्टूबर, 2014 को विडोडो पहली बार देश के राष्ट्रपति बने.
-राष्ट्रपति बनने के बाद विडोडो ने करप्शन को रोकना अपनी पहली प्राथमिकता बताया था. उन्होंने विदेशी निवेश बढाने के लिए कोशिशें कीं. इंडोनेशिया के लिए एक 9 पॉइंट्स का प्लान बनाया, जिसका मुख्य उद्देश्य सरकारी सेवाओं को बेहतर करना, भूमि सुधार लाना और देश के लोगों के लिए सस्ते घर उपलब्ध करवाना था.

फुटनोट्स

इंडोनेशिया से जुड़े कुछ रोचक तथ्य:
-इंडोनेशिया दुनिया के सबसे बड़े द्वीप समूहों में से एक है, इसमें 17 हजार से ज्यादा द्वीप हैं.
-बहासा इंडोनेशिया की आधिकारिक भाषा है, लेकिन भारत की ही तरह यहां 700 से ज्यादा क्षेत्रीय भाषाएं हैं. 
-दुनिया के सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से कुछ इंडोनेशिया में हैं. 
-दुनिया का सबसे बड़ा फूल और सबसे बड़ी छिपकली इंडोनेशिया में पाई जाती है.

वीडियो: दुनियादारी: इंडोनेशिया एक्स्ट्रा मैरिटल सेक्स पर बैन क्यों लगा रहा है? बाली टूरिज्म पर क्या असर पड़ेगा?