भारत (India) में 09 और 10 सितंबर को होने वाली G20 Leaders Summit की लल्लनटॉप कवरेज शुरू हो चुकी है. इस सीरीज़ में हम G20 के 20 सदस्य देशों के बारे में सब कुछ बताएंगे. आज कहानी सऊदी अरब (Saudi Arabia) की.
G20 Summit में शामिल हो रहे सऊदी अरब की पूरी कहानी ये है
इतिहास, भूगोल और इकॉनमी से लेकर भारत के साथ रिश्तों तक, सऊदी अरब के बारे में सारा ज्ञान यहां मिलेगा.
कहानी बताएं, उससे पहले सऊदी अरब का नक़्शा जान लीजिए.
सऊदी अरब वेस्ट एशिया के मुहाने पर बसा है. एरिया के मामले में वेस्ट एशिया का सबसे बड़ा देश. इसका पश्चिमी किनारा रेड सी यानी लाल सागर से मिलता है. रेड सी पार करते ही अफ़्रीका शुरू हो जाता है. सऊदी अरब की ज़मीनी सीमा 8 देशों से मिलती है- जॉर्डन, इराक़, कुवैत, बहरीन, क़तर, यूएई, ओमान और यमन. जमीनी सीमा का विस्तार 4 हजार 272 किलोमीटर है, जबकि तटीय सीमा 2 हजार 640 किलोमीटर लम्बी है. नक़्शे के बाद अब कुछ और जरुरी बातें.
-कुल आबादी -03 करोड़ 60 लाख.
-धर्म के हिसाब से 93 फीसदी से अधिक लोग इस्लाम मानते हैं. 90 फीसदी सुन्नी. बाकी शिया. 04 फीसदी ईसाई. बाकी में दूसरे धर्मं.
-आधिकारिक भाषा- अरबी.
-राजधानी- रियाद. यही सबसे बड़ा शहर भी है. नई दिल्ली से रियाद की दूरी -लगभग 3 हजार किलोमीटर.
इस्लाम का पवित्र शहर मक्का सऊदी अरब में स्थित है. सातवीं सदी की शुरुआत में मक्का में इस्लाम का उदय हुआ. और कुछ ही सालों के भीतर एशिया से लेकर यूरोप तक फैल गया. मक्का और मदीना इस्लाम के दो सबसे पवित्र स्थल बन गए. 1932 को शाही आदेश के तहत किंगडम ऑफ़ सऊदी अरब की स्थापना की गई. इब्न सऊद पहले बादशाह थे. इन्हीं के परिवार ने आगे चलकर सऊदी अरब पर राज किया. चार साल बाद 1938 में सऊदी अरब में तेल के कुओं की खोज हुई. अमेरिका के साथ सऊदी अरब के रिश्ते बने. सऊदी अमेरिका को तेल देता था. और बदले में अमेरिका ने सऊदी अरब को मिलिट्री सपोर्ट मुहैया कराया. 1991 में सऊदी अरब ने अमेरिका के साथ मिलकर खाड़ी के युद्ध में हिस्सा लिया. और अमेरिका से लगातार हथियार लेता रहता है.
पैसे वाली बातसऊदी अरब की मुद्रा सऊदी रियाल है. यहां की जीडीपी 01 ट्रिलियन डॉलर यानी लगभग 82 लाख करोड़ रुपये है =. इंटरनैशनल मॉनिटरी फ़ंड (IMF) के मुताबिक, साल 2023 के लिए सऊदी अरब की GDP ग्रोथ रेट 3.1 है.
निर्यात -
2021 में लगभग 2 लाख 10 हजार करोड़ रुपए.
आयात -
2021 में लगभग 1 लाख 26 हज़ार करोड़ रुपए.
भारत सऊदी अरब को क्या निर्यात करता है?
खनिज तेल, कार्बनिक पदार्थ, रेलवे वगैरह के उपकरण, मशीनरी, न्यूक्लियर रिएक्टर, बायलर, चीनी, लोहा, इस्पात, प्लास्टिक, एल्यूमिनियम, तांबा आदि.
भारत सऊदी अरब से क्या आयात करता है?
क्रूड पेट्रोलियम, इलेक्ट्रिक मशीनरी, टेक्सटाइल, फ़ूड प्रोडक्ट्स, टाइल्स आदि.
1947 में भारत और सऊदी अरब के बीच डिप्लोमेटिक संबंध स्थापित हुए. साल 1955 में सऊदी अरब के किंग सऊद बिन अब्दुल-अजीज पहली बार 17 दिन के लंबे दौरे पर भारत आए. इसके बाद अगले साल तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू वहां गए. उनके बाद इंदिरा गांधी, फिर मनमोहन सिंह और फिर साल 2016 में PM मोदी सऊदी अरब के दौरे पर गए. जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर सऊदी अरब, पाकिस्तान को सपोर्ट करता दिखता है. हालांकि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने पर पाकिस्तान ने सऊदी से इस मामले में प्रतिक्रिया देने की गुजारिश की थी. लेकिन सऊदी अरब ने इस मामले पर कोई स्टैंड नहीं लिया. उल्टा सऊदी की मीडिया में लिखा गया है कि धारा 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में बेहतरी के प्रयास हुए हैं.
पॉलिटिकल सिस्टमसऊदी अरब में राजतंत्र है. इसे चलाने वाली फ़ैमिली को ‘हाउस ऑफ़ सऊद’ के नाम से जाना जाता है. इस शाही परिवार में 15 हज़ार से अधिक सदस्य हैं. इन सदस्यों का ताल्लुक पहले सऊदी स्टेट के संस्थापक मोहम्मद बिन सऊद से है. लेकिन धन-दौलत और वैभव के बड़े हिस्से पर दो हज़ार सदस्यों का नियंत्रण है. ये सदस्य आधुनिक सऊदी किंगडम के संस्थापक अब्दुल अजीज़ के वंशज हैं. सऊदी की सत्ता और संसाधनों पर इसी परिवार का नियंत्रण है. इसी वजह से हाउस ऑफ़ सऊद को दुनिया के सबसे अमीर शाही परिवार में गिना जाता है. सऊदी अरब में सबसे बड़ा पद है राजा का. उसके बाद क्राउन प्रिंस का नंबर आता है. क्राउन प्रिंस ही सऊदी अरब में अगले राजा बनते हैं. इस राजशाही पर उलेमाओं का भी कुछ प्रभाव रहता है.
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सरकार की कमान-सऊदी अरब की कमान मोहम्मद बिन सलमान (MBS) के हाथों में हैं. साल 2017 में उन्हें क्राउन प्रिंस और फिर सितंबर 2022 में सऊदी अरब का प्रधानमंत्री बनाया गया.
-31 अगस्त 1985 को जन्मे मोहम्मद बिन सलमान सऊदी के वर्तमान किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज के बेटे हैं.
-साल 2015 में सऊदी के किंग अब्दुल्लाह की मौत के बाद सलमान बिन अब्दुल अजीज किंग बने थे. उन्होंने फ़ौरन MBS को रक्षा मंत्री नियुक्त कर दिया. MBS ने यमन के सिविल वॉर में सैन्य हस्तक्षेप शुरू कर दिया. इसी वक़्त MBS को सऊदी की तेल कंपनी आरामको (Aramco) का इंचार्ज बनाय गया. वो सऊदी अरब की नीतियां बनाने वाली संस्था काउंसिल ऑफ़ इकॉनमिक एंड डेवलपमेंटल अफेयर्स के भी प्रमुख हैं.
- सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खशोगी अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट के लिए कॉलम लिखा करते थे. उन्हें सऊदी शाही परिवार के खिलाफ माना जाता था.साल 2018 में जमाल खशोगी की तुर्की में सऊदी अरब के वाणिज्यिक दूतावास के बाहर हत्या कर दी गई थी. इसका आरोप MBS के एजेंट्स पर लगा था.
- क्राउन प्रिंस बनने के बाद मोहम्मद बिन सलमान सऊदी अरब के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने को प्राथमिकता दे रहे हैं. उन्होंने सऊदी अरब में महिलाओं की आजादी समेत कई चीजों पर पाबंदियों में कुछ ढील दी है.
MBS सितंबर 2022 से सऊदी में राजनीतिक नेतृत्व के शीर्ष पर हैं.
- उनकी विचारधारा उदारवादी है, बीते कुछ सालों में सऊदी अरब में ऐसा प्रचार किया गया है.
- MBS की एक छवि निर्दयी राजकुमार की भी है. सत्ता के शीर्ष तक जाने के संघर्ष में उन्होंने अपने ही भाइयों को जेल में डाला है. उनके क्राउन प्रिंस बनने के बाद यमन में सऊदी अरब के हमलों में हजारों लोग मारे गये हैं.
- MBS ख़ुद को आधुनिक इस्लाम का नेता साबित करना चाहते हैं.
- MBS और व्लादिमीर पुतिन अच्छे दोस्त माने जाते हैं.
- PM मोदी और MBS के बीच मुलाकात हो चुकी है. जून के महीने में दोनों के बीच टेलीफोनिक वार्ता भी हुई. सूडान में फंसे भारतीयों को जेद्दा के रास्ते भारत आने में सहयोग करने के लिए PM मोदी ने, मोहम्मद बिन सलमान को धन्यवाद कहा था.
सऊदी अरब तेल का उत्पादन करने वाले सबसे बड़े संगठन OPEC का हिस्सा है.
इस्लाम की वहाबी विचारधारा की शुरुआत सऊदी अरब से हुई थी.
अमेरिका पर हुए 9/11 हमलों में शामिल अधिकतर आतंकी सऊदी अरब से थे.
ओसामा बिन लादेन का जन्म भी यहीं हुआ था.
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