The Lallantop

G20 के देश: हिटलर के गुरू मुसोलिनी के देश इटली की कहानी

इटली रोमन साम्राज्य का जन्मस्थान है. जो अपने चरम पर इतिहास के सबसे बड़ा और ताक़तवर साम्राज्य था. इटली की मौजूदा राजधानी रोम का इतिहास 2700 साल पुराना है. दुनिया के पुराने शहरों में से एक.

post-main-image
बाएं से दाएं: मेलोनी, मोदी और मुसोलिनी (फोटो - PTI/विकी)

09 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में G20 Leaders Summit आयोजित होने वाली है. उससे पहले हम G20 परिवार के सदस्यों (G20 Countries) से आपका परिचय करा देते हैं. आज कहानी इटली की.

नक्शेबाज़ी

दक्षिणी यूरोप में बसा है इटली. देश का बड़ा हिस्सा भूमध्य सागर से लगता है. ज़मीनी सीमा फ्रांस, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया, स्लोवेनिया के साथ लगती है. इसके अलावा इटली का एक प्रांत स्विट्ज़रलैंड में पड़ता है (कैम्पियोन) और पेलागी द्वीप भी इटली के ही अधीन है.

कुल आबादी, 5 करोड़ 91 लाख है. अधिकांश आबादी रोमन कैथोलिक है, क़रीब 74 फ़ीसदी. 15 प्रतिशत लोग नास्तिक हैं. बचे 10% में नॉन-कैथलिक क्रिश्चियन, मुसलमान और अन्य.

इटली की आधिकारिक भाषा इतालवी है. लेकिन कई क्षेत्रीय भाषाएं भी बोली जाती हैं. जैसे सिसिलियन, नीपोलिटन और सार्डिनियन.

इटली का क्षेत्रफल 3,01,340 वर्ग किलोमीटर है.

इटली रोमन साम्राज्य का जन्मस्थान है. जो अपने चरम पर इतिहास का सबसे बड़ा और ताक़तवर साम्राज्य था. इटली की मौजूदा राजधानी रोम का इतिहास 2700 साल पुराना है. दुनिया के पुराने शहरों में से एक.

हवाई मार्ग से नई दिल्ली से रोम की दूरी लगभग साढ़े 6 हज़ार किलोमीटर है. जाने में 13 से 15 घंटे लग सकते हैं.

हिस्ट्री का क़िस्सा

> रोमन सम्राज्य का प्रभुत्व बताने के लिए एक अलग वीडियो बनाना पड़ेगा. केवल एक पंक्ति बताते हैं. रोमन साम्राज्य की नींव रखने वाले ऑगस्टस सीज़र ने एक दफ़ा कहा था, “I found Rome a city of bricks and left it a city of marble." 

> हम आपको केवल टाइमलाइन बता देते हैं. साम्राज्य की स्थापना 27 ईसा पूर्व में हुई थी. इतिहास का सबसे बड़ा साम्राज्य था और ब्रिटेन से लेकर उत्तरी अफ्रीका से लेकर मध्य पूर्व तक फैला हुआ था. 400 साल बाद पश्चिमी रोमन साम्राज्य का पतन हो गया और इटली कई छोटे राज्यों और शहरों में बंट गया. 

> फिर सदियों तक इटली में राजनीतिक अस्थिरता और युद्ध का दौर रहा. इसी बीच ट्रेड भी शुरू हुआ. 

> इटली को वापस चीन्हा गया 14वीं सदी में. पुनर्जागरण (Renaissance) के चलते. साहित्य, कला, संस्कृति और विचार का आंदोलन.

इटली का रेनेसा पूरे यूरोप में फैला और आधुनिकता का प्रसार हुआ. 

> सदियों अलग-अलग रहने के बाद इटली वापस इटली बना 1861 में. कुछ दशा-दिशा तय हो पाती, इससे पहले ही 20वीं सदी आ गई. और यूरोप के लिए 20वीं सदी का आगमन कैसा था, हम सबको मालूम है.

> पहले विश्व युद्ध की शुरूआत में इटली ने कोई पाला नहीं पकड़ा था. 1915 में युद्ध में दाख़िल हुआ. फ़्रांस, यूके, रूस वाले ऐलाइड पावर्स की तरफ़ से. तीन साल तक भीषण युद्ध किया. बहुत ख़ून बहाया. जंग तो ऐलाइड पावर ने जीत ली, इटली बड़ी ताक़त बन के उभरा भी. लेकिन उसे जो इलाके देने का वादा किया गया था, वो मिले नहीं. इससे देश में असंतोष फैल गया. इसी असंतोष ने 1920 के दशक में फासीवाद की चिंगारी को हवा दी.

> 1922 में बेनिटो मुसोलिनी सत्ता में आया और फासीवादी तानाशाही की स्थापना की. 1919 में नेशनल फासिस्ट पार्टी बनाने से पहले मुसोलिनी एक पत्रकार और समाजवादी था. फासीवादी पार्टी ने इटली को उसके कथित पूर्व गौरव को बहाल करने और एक मज़बूत राष्ट्र बनाने का वादा किया था. मुसोलिनी घंघोर तानाशाह था. प्रेस की सेंसरशिप, असहमति का दमन और हिंसा के साथ शासन चलाया. 

> हिटलर के साथ हाथ मिला लिया और कूद गया दूसरे विश्व युद्ध में. शुरू में तो इटली और जर्मनी ने मोर्चा टाइट रखा था. लेकिन जब पाला सामने वाली पार्टी का भारी पड़ने लगा और ऐलाइज़ पावर ने इटली पर आक्रमण कर दिया, तब मुसोलिनी को इस्तीफ़ा देने को मजबूर किया गया. मुसोलिनी देश छोड़ कर भाग रहा था. तब युद्ध और फ़ासीवाद के विरोधियों ने उसे पकड़ा और मार कर बीच चौक पर उल्टा टांग दिया. मुसोलिनी के राज को इटली के इतिहास का अंधेर युग कहते हैं.

> युद्ध के बाद इटली में राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता थी. लोगों के बीच मत बटे हुए थे - राजशाही या गणतंत्र? 1946 में एक जनमत संग्रह हुआ और 54% लोगों ने गणतंत्र की स्थापना के लिए मतदान किया. पहली सरकार बनाई क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक पार्टी (डीसी) ने. जो अगले 40 बरसों में ज़्यादातर समय तक सत्ता में रही. DC एक सेंटर-राइट पार्टी थी, ईसाई मूल्यों और सामाजिक कल्याण का समर्थन करने वाली. 

> 60 के दशक में देश में आर्थिक विकास और समृद्धि का दौर आया. इटली एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनने लगा. हालांकि, राजनीतिक अस्थिरता और सामाजिक अशांति बनी हुई थी. कारण था, विचारधारा की लड़ाई.

> चुनांचे 70 के दशक में कई आतंकवादी हमले हुए, राजनीतिक हत्याएं हुईं. वामपंथी और दक्षिणपंथी, दोनों के चरमपंथी समूहों पर हमले के आरोप लगे. उस वक़्त देश भी आर्थिक मंदी के दौर से गुज़र रहा था.

> 80 में सत्ताधारी पार्टी डीसी की लोकप्रियता घटने लगी. पार्टी को भ्रष्ट और अक्षम के रूप में देखा गया और अंततः इसकी जगह कई वाम दलों ने ले ली. 

> 1993 में इटली यूरोपीय संघ में शामिल हो गया. इस शिरकत से देश की अर्थव्यवस्था और समाज पर बड़ा प्रभाव पड़ा. 2000 के दशक में अर्थव्यवस्था और राजनीति में सुधार हुआ. लेकिन जैसे ही अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ, बेरोज़गारी कम हुई, देश 2008 के वित्तीय संकट की चपेट में आ गया. 

> रिपब्लक बनने के बाद से 74 सालों में इटली में 68 सरकारें बनीं. कोई एक वजह नहीं, बल्कि अलग-अलग जुड़े राजनीतिक और सामाजिक कारणों का नतीजा है.

इटालियन माफ़िया

इटली की बात हो और माफ़िया का ज़िक्र न आए, तो बात पूरी नहीं होगी. 18वीं शताब्दी में इटली के सिसिली में एक सीक्रेट आपराधिक संगठन का इजाद हुआ. उस समय, सिसिली स्पैनिश शासन के अधीन था. बहुत ही ग़रीब और अराजक क्षेत्र था. डाकुओं और भ्रष्ट अधिकारियों से ख़ुद को और अपने परिवार को बचाने के लिए कुछ लोग एकजुट हुए और ख़ुद को कहा 'माफ़िया'.

अगले कुछ दशकों में माफ़िया का प्रभाव बढ़ा. वसूली, डकैती और तस्करी सहित कई तरह की अवैध गतिविधियों में शामिल हो गए. सरकार और पुलिस में भी अपनी पैठ बना ली. 20वीं सदी की शुरुआत में माफिया भरपूर उभरा. इतालवी सरकार लगातार माफिया से निपटने के लिए काम करती रही है. चुनौतियों के बावजूद, सरकार ने हाल के सालों में कई हाई-प्रोफ़ाइल गिरफ्तारियां कीं. 

पैसे की बात

इटली की करेंसी, यूरो है. 1 यूरो = 89.23 रुपया.

इंटरनैशनल मॉनिटरी फ़ंड (IMF) के मुताबिक़, जीडीपी 2.16 ट्रिलियन डॉलर है. भारतीय रुपये में लगभग 180 लाख करोड़ रुपये.

प्रति व्यक्ति आय, क़रीब 27 लाख रुपये के आस-पास है.

लेन-देन

2022 में भारत और इटली के बीच द्विपक्षीय व्यापार 10.49 बिलियन यूरो (89 हज़ार करोड़ रुपये) का हुआ. इटली भारत का 17वां सबसे बड़ा व्यापारिक पार्टनर है.

भारत इटली को क्या बेचता है? 2022 में भारत ने इटली को लोहा, कच्चा लोहा, स्टील, रसायन, पेट्रोलियम उत्पाद, जूता, चमड़ा और गाड़ी मिलाकर 4.82 बिलियन यूरो का सामान बेचा था.

इटली, भारत को क्या बेचता है? 2022 में इटली से भारत का आयात 5.67 बिलियन यूरो का था. मशीनरी, रसायन, दवाएं, गाड़ियां, यहां तक कि फल और सब्जियां भी.

हम आयात ज़्यादा करते हैं. सो इटली संग होने वाले व्यापार में हमें होता है व्यापार घाटा.

सामरिक रिश्ते

भारत और इटली के रिश्ते मज़बूत और मैत्रीपूर्ण हैं. कुछेक जानकार इस रिश्ते का इतिहास रोमन साम्राज्य से बताते हैं. दोनों देशों के बीच व्यापार, संस्कृति और शिक्षा के क्षेत्र में घनिष्ठ संबंध रहे हैं.

1947: भारत की आज़ादी के तुरंत बाद भारत और इटली ने राजनयिक संबंध स्थापित किए.
1953: भारतीय प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इटली का दौरा किया. 
1960: इटली के राष्ट्रपति एंटोनियो सेगनी ने भारत का दौरा किया.
1971: भारत और इटली ने सांस्कृतिक सहयोग पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किये.
1981: इंदिरा गांधी ने इटली का दौरा किया.
1988: इतालवी प्रधान मंत्री जियोवानी गोरिया ने भारत का दौरा किया.
1995: इटली के राष्ट्रपति ऑस्कर लुइगी स्कल्फ़ारो भारत आए.
1998: इटली के प्रधान मंत्री रोमानो प्रोदी भी भारत आए.
2005: राष्ट्रपति कार्लो अज़ेग्लियो सिआम्पी ने भारत का दौरा किया.
2007: इटली के प्रधान मंत्री रोमानो प्रोदी ने भारत का दौरा किया.
2009: भारतीय प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह एल'अक्विला में 35वें जी8 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली गए थे.
2014: इटली के प्रधानमंत्री माटेओ रेन्ज़ी ने भारत का दौरा किया.
2017: PM नरेंद्र मोदी ने इटली का दौरा किया.
2018: इटली के राष्ट्रपति सर्जियो मैटरेल्ला ने भारत का दौरा किया. 
2022: बीते साल, नरेंद्र मोदी रोम में जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली गए.
2023: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए इतालवी प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी का स्वागत किया. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इतालवी प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी (फोटो - विदेश मंत्रालय)

इन उच्च-स्तरीय यात्राओं के अलावा, दोनों देशों के बीच मंत्रियों, अधिकारियों और व्यापारिक नेताओं के स्तर पर कई बैठकें हुई हैं.

पॉलिटिकल सिस्टम

> इटली एक संसदीय गणतंत्र है. सरकार का मुखिया प्रधान मंत्री होता है, जिसे संसद चुनती है. राष्ट्रपति राज्य का प्रमुख होता है लेकिन उसकी मुख्य भूमिका औपचारिक होती है. कुछ-कुछ भारत जैसा सिस्टम है.

> संसद के दो सदन है: चैंबर ऑफ डेप्युटीज़ और सीनेट. चैंबर ऑफ डेप्युटीज़ में 630 सदस्य, जो प्रपोर्शनल रिप्रेज़ेंटेशन से चुने जाते हैं. सीनेट में 315 सदस्य हैं, जो प्रत्यक्ष चुनाव और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व के संयोजन से चुने जाते हैं. 

> चैंबर ऑफ़ डेप्युटीज़ में जिसके पास बहुमत होगा, सरकार उस पार्टी या गठबंधन की बनती है. 

> इटली में भी भारत की तरह ही बहुदलीय व्यवस्था है. दो मुख्य पार्टियां हैं - डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडी) और फाइव स्टार मूवमेंट (एम5एस) हैं.

सरकार की कमान

प्रधानमंत्री, जॉर्जिया मलोनी. राष्ट्रपति, राष्ट्रपति मत्तारेला.

जॉर्जिया कौन? एक पंक्ति का परिचय: एक बेपरवाह पिता और सपनों से भरी मां की बेटी, पेशे से पत्रकार, तानाशाह मुसोलिनी को आदर्श बताने वाली नौजवान कार्यकर्ता और मस्जिदों के ख़िलाफ़ मुहिम चलाने वाली राजनेता. 2022 के चुनाव इटली के लिए अजूबा था. क्योंकि देश की सत्ता में लगभग आठ दशक बाद किसी धुर-दक्षिणपंथी शासक की वापस हुई. तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी की नेशनल फ़ासिस्ट पार्टी से सहोदर-भाव रखने वाली 'ब्रदर्स ऑफ़ इटली' ने आम चुनावों में अप्रत्याशित सफलता हासिल की.

> रोम और जॉर्जिया मेलोनी की तासीर मिली-जुली रही है. जनवरी 1977 में रोम के एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्म हुआ. पिता रोम छोड़कर चले गए. 11 साल की उम्र तक जॉर्जिया कभी-कभार पिता से मिलने जाती रहीं. फिर उन्होंने वो रिश्ता हमेशा के लिए खत्म कर दिया.

> जॉर्जिया और उनकी बहन एरियाना को मां ने अकेले संभाला. उनका पेट भरने के लिए उन्होंने हर तरह की नौकरी की. जब वो थोड़ी बड़ी हुई, तब उन्होंने बार में ड्रिंक्स परोसने से लेकर दूसरे के घरों में बच्चा संभालने तक का काम किया. 

> 90 के दशक में - जब पूरी दुनिया में राजनैतिक उठापटक मची हुई थी, कम्युनिस्ट विचारधारा मरणासन्न स्थिति में पहुंच गई थी, इटली में लेफ़्ट और सेंटर-लेफ़्ट पार्टियों का दबदबा ढीला पड़ने लगा, भ्रष्टाचार की वजह से जनता का भरोसा सरकार से उचटने लगा - मुसोलिनी के कुछ वफ़ादारों की बनाई पार्टी मूविमेंतो सोशिएल इतालियानो (MSI) का असर जॉर्जिया मेलोनी पर पड़ा. उन्होंने अपने पास घट रही राजनैतिक हलचल को क़रीब से देखा. एक दिन वो सीधे पार्टी के दफ़्तर पहुंच गईं और बोलीं, मुझे पार्टी का मेंबर बनना है. 15 साल की उम्र में ही मेलोनी ने रास्ता पकड़ लिया. तब से पार्टी के बड़े-छोटे पदों पर रहीं.

> 1996 में चुनाव प्रचार के दौरान मेलोनी ने कैमरे पर कहा था, 'मुझे लगा है मुसोलिनी एक सधे हुए राजनेता था. उन्होंने जो कुछ किया, इटली के लिए किया.' हालांकि, अब मेलोनी इससे बचती हैं. 

> मेलोनी की जीत से यूरोप चिंतित क्यों हुआ? मेलोनी और उनकी पार्टी की नस्लवादी और धुर-दक्षिणपंथी विचारधारा के चलते. उनकी पार्टी हार्ड-लाइनर है. और, कहा जाता है कि जॉर्जिया मेलोनी की राजनैतिक समझ इसी पाठशाला से उपजी है. वो कहती रहीं है कि प्रवासियों की वजह से इटली की अपनी पहचान खत्म हो जाएगी. वो विदेशी माता-पिता से इटली में पैदा हुई संतान से नागरिकता और सरकारी लाभ का अधिकार छीनने की वक़ालत करतीं है. 

फ़ैक्ट्स

- इटली दुनिया का पांचवां सबसे आकर्षक पर्यटन देश है. हर साल 6 करोड़ से ज़्यादा लोग घूमने जाते हैं. कोलोसियम, पीसा की झुकी मीनार और ट्रेवी फाउंटेन देखने जाते हैं.

- देश की राजधानी रोम दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक है. शहर का इतिहास 2,700 साल पुराना है. इटली में दुनिया का सबसे पुराना विश्वविद्यालय - 1088 में स्थापित हुआ बोलोग्ना विश्वविद्यालय भी है.

- इटली के अंदर दो संप्रभु देश भी हैं: दुनिया का सबसे छोटा देश वेटिकन सिटी और 5वां सबसे छोटा देश सैन मैरिनो.

- वाइन का एक प्रमुख उत्पादक है, दुनिया के कुछ सबसे प्रसिद्ध अंगूर के बागान यहीं हैं.

- इतालवी व्यंजन दुनिया में सबसे मशहूर व्यंजनों में से एक हैं. औसत इतालवी हर साल 25 किलो से ज़्यादा पास्ता खाता है.

फ़ुटनोट्स

- इटली G7 और G20 का सदस्य है.वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख प्लेयर है.

- 2020 की COVID-19 महामारी इटली के लिए एक बड़ी चुनौती रही है. 1,30,000 से ज़्यादा मौतों के साथ देश महामारी से सबसे ज़्यादा प्रभावित देशों में से एक रहा है.

वीडियो: दुनियादारी: इटली के कुख्यात माफ़िया गिरोह की पूरी कहानी