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क्या ऋचा चड्ढा के ट्वीट से गलवान के शहीदों का अपमान हुआ है?

किस बात पर ऋचा चड्ढा के खिलाफ FIR हो गई?

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ऋचा चड्ढा के वायरल ट्वीट की फोटो (साभार: आजतक)

आज बात एक ट्वीट की, जिसे सेना के मनोबल पर चोट बताया जा रहा है. शुरू से शुरू करते हैं. 27 अक्टूबर को भारतीय सेना हर साल इन्फेंट्री डे के रूप में मनाती है. क्योंकि 1947 में जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तानी सेना से बचाने के मिशन में भेजे गए भारतीय सैनिकों का विमान 27 अक्टूबर 1947 को ही श्रीनगर में लैंड हुआ था. इसके बाद भारतीय सेना के सिख रेजिमेंट ने एक बड़े सैन्य अभियान को अंजाम दिया था. जिसने युद्ध की दिशा बदल दी थी और पाकिस्तानी सेना को खदेड़ दिया था.

इस साल 75वें इंफेंट्री डे के मौके पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जम्मू-कश्मीर में थे. यहां उन्होंने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि PoK में पाकिस्तान, लोगों पर अत्याचार कर रहा है. उसे उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. हमने कश्मीर का विकास कार्य शुरू कर दिया है. लेकिन हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक हम गिलगित-बाल्टिस्तान तक नहीं पहुंच जाते. इसके अलावा बीते 3 नवंबर को हिमाचल की एक चुनावी रैली में जब भीड़ की ओर से PoK चाहिए की गूंज उठी तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोगों से धैर्य रखने की बात कही थी.

इसके बाद आती है तारीख 22 नवंबर. इस दिन भारतीय सेना के नॉर्दन कमांड के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 1994 रेजोल्यूशन का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय सेना किसी भी तरह की कार्रवाई के लिए तैयार है. जैसा सरकार का निर्देश होगा. उसी हिसाब से काम किया जाएगा. साथ ही उन्होंने पड़ोसी देश को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सीजफायर का उल्लंघन किया गया तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. ये दोनों देशों की जिम्मेदारी है कि सीमा पर शांति बनी रहे.

PoK पर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी के बयान को एक सोशल मीडिया यूजर ने ट्वीट किया. जिसे रीट्वीट करते हुए बॉलीवुड एक्ट्रेस रिचा चड्ढा ने लिखा,

‘Galwan says hi’

और यहीं से सारे विवाद की शुरुआत हुई. ट्वीट से जाहिर होता है कि ऋचा देश को गलवान में हुई घटना की याद दिला रही हैं. उनके इस ट्वीट पर लोगों ने जमकर गुस्सा निकाला. क्योंकि जून 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन की सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे. सोशल मीडिया पर रिचा चड्ढा के खिलाफ गलवान में शहीद हुए जवानों का मज़ाक बनाने का आरोप लगने लगा.

इस मसले पर रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर इस तरह की टिप्पणी ठीक नहीं है. इस तरह के कमेंट से सेना के जवानों के मनोबल पर भी असर पड़ता है. मामला आगे बढ़ा तो रिचा चड्ढा के ट्वीट के खिलाफ राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आने लगीं. वहीं गलवान में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों के परिजनों की भी रिचा चड्ढा के बयान पर प्रतिक्रिया आई है. शहीद के परिजन का कहना है कि जिन सैनिकों ने गलवान में अपना बलिदान दिया उनके परिवारों के बारे में ऋचा चड्ढा ने कभी बात नहीं की, तो फिर वे अब किस हक से ऐसी टिप्पणी कर रही हैं.  

बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार ने रिचा चड्ढा के ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा,

"यह देखकर दुख हुआ. हमें अपने सशस्त्र बलों के प्रति कृतघ्न नहीं होना चाहिए. वो हैं तो हम हैं."

सेना पर दिए बयान को लेकर रिचा चड्ढा के खिलाफ मामला पुलिस तक पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने दिल्ली पुलिस से तो फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने मुंबई पुलिस से रिचा चड्ढा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. हालांकि विवाद बढ़ने के बाद रिचा चड्ढा ने अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया और माफी भी मांगी. उन्होंने कहा- 

'ट्वीट से मेरा उद्देश्य सेना का अपमान करने का नहीं था. मेरे तीन शब्दों को विवाद में घसीटा गया. अगर किसी को भी बुरा लगा हो तो माफी चाहती हूं. मेरे नानाजी खुद फौज में थे और लेफ्टिनेंट कर्नल की पोस्ट पर थे. भारत-चीन युद्ध में उनके पैर में गोली लगी थी. मेरे मामाजी भी पैराट्रूपर थे.'


ये तो हो गई ट्वीट पर हो रहे विवाद की बात. अब ये भी समझ लेते हैं कि PoK की वर्तमान स्थिति क्या है और सरकार की क्या तैयारी है? इस पर इंडिया टुडे से जुड़े शिव अरूर का कहना है कि POK की जनता में फिलहाल पाकिस्तान सरकार के खिलाफ काफी गुस्सा है. सेना के नॉर्दन कमांड के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी के बयान का मतलब है कि भारतीय सेना इतनी सक्षम है कि वो POK को अपने अधिकार मे ले सकती है इसके लिए उन्हें सिर्फ सरकार की मंजूरी चाहिए. लंबे समय से POK को लेकर भी देश में सवाल उठ रहे हैं और रक्षा मंत्री के हालिया बयान पर सेना ने ऐसा कहा है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी के बयान के क्या मायने हैं? क्या इस तरह के बयान पहले भी आते रहे हैं? इस पर शिव अरूर का कहना है कि हर साल सेना के बड़े अधिकारी और रक्षा मंत्री प्रेस कांफ्रेंस और भाषण में POK का जिक्र जरूर करते हैं. पत्रकारों के सवाल करने पर सेना का हर बार यही जवाब होता है कि सेना सक्षम है उन्हें बस आदेश का इंतजार है.

2020 की हिंसक झड़प के बाद अभी गलवान की क्या स्थिति है? 
इंडिया टुडे से जुड़े शिव अरूर ने बताया कि 2020 की हिंसक झड़प के बाद गलवान, हॉट स्प्रिंग आदि इलाकों में बफर ज़ोन बन गया है. पहले से अब हालात काफी शांत हैं, लेकिन भारत और चीन के बीच का तनाव अभी भी खत्म नहीं हुआ है क्योंकि अभी भी चीनी सैनिक बड़ी संख्या में सीमा पर तैनात हैं. इसी वजह से भारतीय सेना भी वहां डटी हुई है. 

वीडियो: गलवान पर ऋचा चड्ढा का ट्वीट हक़ीक़त से कितनी दूर?