"जिन की ख़ातिर शहर भी छोड़ा जिन के लिए बदनाम हुए आज वही हम से बेगाने बेगाने से रहते हैं"
इस शेर को लिखने वाले शायर हबीब जालिब, पाकिस्तान के लाहौर के रहने वाले हुए. अच्छे शायर थे, लेकिन उनको भविष्य की समझ कहाँ थी. उन्होंने जब ये शेर लिखा था, तब उन्हें भान नहीं था कि दशकों बाद नारंगी बालों वाला एक अमरीकी राष्ट्रपति उनके वतन पर 29 परसेंट का रेसीप्रोकल टैरीफ लगाकर कहेगा - they are kissing my a#%.
लेकिन हबीब जालिब को एक और बात नहीं पता थी. बात ये कि अगर उनका यही शेर दुनिया का सबसे अमीर आदमी पढ़ लेता, तो उसका दिल कितना टूटता. उसे याद आती उस धोखे की, जो व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में बैठे उसके दोस्त ने दिया था. बैकग्राउंड में बादशाह की आवाज आती - इसको सुनकर लौंडे रोयेंगे.
भूमिका समाप्त. आपको कहानी के किरदारों से मिलाते हैं.
नारंगी बालों वाला राष्ट्रपति - डॉनल्ड ट्रम्प दुनिया का सबसे अमीर आदमी - इलॉन मस्क
दोनों की दोस्ती खटाई में. कारण - ट्रम्प के अंडबंड टैरिफ, और इससे होने वाला नुकसान.
तो क्या कहानी है दोनों नेताओं के बीच की? दोस्ती कैसे शुरू हुई? और अब दोनों लोगों ने अपनी डीपी क्यों हटा ली है, इस पर बात करते हैं.
दक्षिण अफ्रीका से शुरू हुआ Elon Musk का किस्सा
28 जून 1971. साउथ अफ्रीका की राजधानी प्रिटोरिया में ईरोल मस्क और माये मस्क को एक संतान की प्राप्ति हुई. नाम रखा - इलॉन रीव मस्क. जूनियर मस्क कुछ समय तक अपने घर में रहे. फिर आगे की पढ़ाई के लिए कनाडा, और अमरीका की यात्रा की. पढ़ाई-लिखाई, काम-धंधे के सफल-असफल प्रयासों के बाद मस्क को साल 2002 में अमरीका की नागरिकता मिली.
पटवारी भर्ती की तैयारी करते इलॉन मस्क (जस्ट किडिंग).
लेकिन साल 2002 में ही मस्क ने एक जरूरी कदम उठाया. उन्होंने स्पेस के क्षेत्र में काम करने के लिए एक कंपनी की नींव रखी. नाम SpaceX. और साल 2004 में मस्क ने Tesla मोटर्स नाम की कंपनी में निवेश किया. बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल हुए. और फिर साल 2008 में मस्क इस कंपनी की सीईओ बने.
अब मस्क दो बड़ी कंपनियों के मालिक थे. बड़ी कंपनियों को चलाने के लिए काफी गुना गणित करना होता है. सरकार की सहायता भी चाहिए होती है. सरकारी ठेके भी चाहिए होते हैं. मस्क इन सबके लिए तैयार थे, लेकिन वो राजनीतिक तौर पर किसी के साथ इनवॉल्व नहीं होना चाहते थे.
इस समय अमरीका में एक बहुत बड़ा शिफ्ट भी हो चुका था. रिपब्लिकन प्रेसिडेंट जॉर्ज डब्ल्यू बुश का 8 सालों का कार्यकाल खत्म हो चुका था, और साल 2008 के चुनाव में डेमोक्रैट प्रत्याशी बराक ओबामा राष्ट्रपति चुने गए थे. ये केवल राजनीतिक बदलाव नहीं था, एक सांस्कृतिक किस्म की करवट भी थी. क्योंकि बराक ओबामा के साथ इस तथ्य की भी आमद हुई थी कि अमरीका के राष्ट्रपति की कुर्सी पर पहली बार कोई ब्लैक समुदाय का व्यक्ति बैठा है. अमरीकी जनता के एक बड़े हिस्से को लगने लगा कि उनके देश का माहौल पहले के मुकाबले अब ज्यादा समावेशी बनेगा.
इस माहौल के बीच इलॉन मस्क ने अपनी एक लाइन बनाई थी - वो सरकारों की उन नीतियों का सपोर्ट करेंगे, जो साइंस, टेक और इनोवेशन के क्षेत्र में काम को बढ़ावा देंगी. लेकिन ये लाइन बहुत धुंधली थी, क्योंकि मस्क का खुद का स्टैन्ड काफी अलग था. की एक रिपोर्ट बताती है कि जब बराक ओबामा पहली बार राष्ट्रपति का चुनाव लड़ रहे थे, तो मस्क उनसे बस हाथ मिलाने के लिए 6 घंटे तक लाइन में खड़े रहे थे.
इस समय Donald Trump क्या कर रहे थे?
जिस समय ये घटनाक्रम हो रहा था, उस समय डॉनल्ड ट्रम्प एक किंचित सफल बिजनेसमैन और एक असफल राजनेता का जीवन जी रहे थे. ट्रम्प ने तो 90 के दशक में बतौर रिपब्लिकन अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया था, ऐसे में उनकी राजनीति की लाइन तो फिक्स हो गई थी. लेकिन साल 2011 आते-आते ये भी समझ आया कि ट्रम्प अब राष्ट्रपति का चुनाव भी लड़ना चाहते हैं.
साल 2012. अमरीका में चुनाव होने थे. और जैसा चुनाव के पहले होता है, महीनों पहले से रिपब्लिकन और डेमोक्रैट पार्टियों के तमाम उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाते हैं. जगह-जगह भाषण देते हैं. चेक करते हैं कि कौन कितने पानी में है. जो भी सबसे कमजोर साबित होता है, वो रेस से हट जाता है. और आखिर में बचते हैं दो ही उम्मीदवार, और उनके बीच होती है फाइनल फाइट.
नौकरी देने की हालत में खड़े ट्रम्प
तो साल 2012 वाले चुनाव में डेमोक्रैट खेमे से बराक ओबामा अच्छी बैटिंग कर रहे थे. डॉनल्ड ट्रम्प ने कहा कि वो रिपब्लिकन वाली साइड से लड़ेंगे. शुरुआती कन्वेंशन्स में हिस्सा भी लिया, लेकिन उस समय के मजबूत रिपब्लिकन नेता मिट रॉमनी की चुनाव पर पकड़ देखकर ट्रम्प ने चुनाव से पीछे हटने का फैसला लिया. और जब चुनाव हुए, तो इलॉन मस्क ने बराक ओबामा के नाम अपना वोट दिया. और बराक ओबामा फिर से ओवल ऑफिस पहुंचे.
इस समय तक ट्रम्प और मस्क के बीच सीधे कोई मुलाकात नहीं हुई थी. दोनों ही अमीर बिजनेसमैन थे, तो दोनों एक दूसरे को जानते भर थे. आमना-सामना नहीं हुआ था. दोनों अपने-अपने कामों में लगे हुए थे.
Trump Musk की पहली मुलाकात
और ऐसे आया साल 2016 का अमरीका का राष्ट्रपति चुनाव. इस बार बराक ओबामा नहीं खड़े थे. डेमोक्रैट खेमे की उम्मीदवार थीं हिलेरी क्लिन्टन. और रिपब्लिकन खेमे ने अपनी लाइन साफ कर ली थी - "इस बार, ट्रम्प सरकार". ट्रम्प अपनी 2012 वाली गलती दुहराना नहीं चाहते थे. इसलिए चुनाव पूरी तैयारी से लड़ा. इस चुनाव में इलॉन मस्क ने हिलेरी क्लिन्टन को वोट दिया. वो हार गईं, और ट्रम्प जीवन में पहली बार व्हाइट हाउस पहुंचे.
मस्क ने हिलेरी को बस अपने राजनीतिक झुकाव की वजह से वोट नहीं दिया था. वो सच में नहीं चाहते थे कि किसी भी हाल में ट्रम्प राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठें. CNBC को दिए एक इंटरव्यू में इलॉन मस्क ने कहा था,
"मुझे ये बहुत मजबूती से लगता था कि वो सही आदमी नहीं हैं. उनका चरित्र अमरीका के साथ फिट नहीं बैठता है."
लेकिन ट्रम्प ने बड़ा दिल दिखाया. राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने दो सदस्यों की आर्थिक सलाहकार समिति बनाई. पहले सदस्य थे Uber के सीईओ ट्रेविस कैलनिक, और दूसरे सदस्य - टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ इलॉन मस्क. ट्रम्प को उनके करीबियों ने मस्क को शामिल करने के खिलाफ सलाह भी दी थी, लेकिन ट्रम्प नहीं माने. मस्क की अमरीकी सरकार में एंट्री हो चुकी थी. ट्रम्प और मस्क की साथ में तस्वीरें सामने आईं. इलॉन मस्क के चाहने वालों ने इसके खिलाफ आवाज भी रखी. कहा कि उन्होंने सरकार का साथ पकड़कर अच्छा नहीं किया. लेकिन मस्क ने सफाई दी. कहा कि वो पर्यावरण और इमिग्रेशन के परिष्कृत कानूनों के लिए आवाज उठाने खातिर सरकार से जुड़े हैं.
कुछ दिनों तक चीजें सामान्य थीं. लेकिन राष्ट्रपति बनते ही डॉनल्ड ट्रम्प के सिर में अमरीका के भलाई के लिए अजीबोगरीब खयाल आने लगे. कभी वो अपने साथ व्यापार करने वाले देशों पर टैक्स लगाते, सैंक्शन लगा देते. तो कभी कहते कि अमरीका और मेक्सिको के बीच लंबी दीवार खड़ी करनी है. किसी न किसी मौकों पर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संगठनों की जरूरत पर सवाल खड़े किए. लेकिन हद तो तब हो गई, जब उन्होंने कहा कि पर्यावरण परिवर्तन एक भ्रम है.
1 जून 2017 की तारीख आई. इस दिन ट्रम्प ने कहा कि अमरीका, पेरिस क्लाइमेट अग्रीमेंट से बाहर निकल रहा है. दरअसल साल 2015 में दुनिया के बहुत सारे देशों के प्रधान फ्रांस की राजधानी पेरिस में मिले थे. और ये तय हुआ था कि सभी देश मिलकर दुनिया को ग्लोबल वार्मिंग जैसी चीजों से बचाएंगे. इसमें सबसे अधिक जिम्मेदारी अमरीका जैसे विकसित देशों की तय हुई थी, जिन्हें उत्पादन के क्षेत्र में ऐसे बदलाव करने थे, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली गैसों का उत्सर्जन कम हो. इसी अग्रीमेंट से ट्रम्प ने बाहर निकलने का ऐलान किया था.
और अगले ही दिन यानी 2 जून 2017 को इलॉन मस्क ने ट्रम्प की समिति से इस्तीफा दे दिया. कहा, "पर्यावरण परिवर्तन एक असली चीज़ है, पेरिस अग्रीमन्ट से बाहर निकलना अमरीका और दुनिया के लिए बिलकुल अच्छा फैसला नहीं था."
ट्रम्प को इस फैसले से चोट जरूर पहुंची थी, लेकिन वो कड़वा घूंट पीकर रह गए थे. हालांकि जनवरी 2020 में CNBC को दिए इंटरव्यू में ट्रम्प ने मस्क की तारीफ की थी. कहा था, "मस्क हमारे समय के सबसे बुद्धिमान लोगों में से एक हैं."
Trump और Musk की पहली लड़ाई!
साल 2020 में एक अलग मौके पर इलॉन मस्क ने अमरीकी राष्ट्रपति को "सनकी" कह दिया. दरअसल, डॉनल्ड ट्रम्प को सूचना मिली कि मस्क अपनी कार कंपनी टेस्ला की फैक्ट्री मेक्सिको में लगाना चाहते हैं. और आपको मालूम ही है कि ट्रम्प मेक्सिको के नाम से चिढ़ जाते रहे हैं. तो ट्रम्प ने मस्क को बुलावा भेजा. दोनों व्हाइट हाउस में मिले. कॉफी, नाश्ते, बीयर वगैरह का भी दौर शायद चला ही होगा. लेकिन दोनों का मुंह फूला ही रहा. राजनीतिक खबरों की पत्रिका Politico ने एक आर्टिकल में सूत्रों के हवाले से लिखा,
"डॉनल्ड ट्रम्प से मिलने के पहले मस्क ने एक व्यक्ति से कहा - ट्रम्प पूरा सनकी है.... ट्रम्प से मीटिंग के दौरान मस्क ने व्हाइट हाउस के बारे में कहा कि वो चीन में दिखे महल के आउटहाउस जैसा दिखता है."
इस मीटिंग के दौरान दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि कोरोनावायरस कोई महामारी नहीं है, बल्कि बस एक आम सर्दी-जुकाम है. दोनों ने ये भी कहा कि लोग बिना वजह घबरा रहे हैं.
साल 2020 में फिर से राष्ट्रपति चुनाव होने थे. ट्रम्प को भरोसा था कि वो फिर से राष्ट्रपति बनेंगे. लेकिन डेमोक्रैटिक पार्टी ने पूर्व वाइस प्रेसिडेंट जो बाइडन को अपना उम्मीदवार बना दिया. ट्रम्प तो पहले ही महाभियोग का सामना कर रहे थे, उनकी पॉपुलरिटी भी गिरने लगी थी. चुनाव हुए. मस्क पर मीटिंग-शीटिंग का कोई फायदा नहीं हुआ था. उन्होंने बाइडन को वोट दे दिया. ट्रम्प औंधे मुंह गिरे, और जो बाइडन राष्ट्रपति के राष्ट्रपति बनने का रास्ता खुला
फिर कैलेंडर में तारीख लगी 6 जनवरी 2021 की. नतीजा तो घोषित हो चुका था, अब बस जो बाइडन की ताजपोशी होनी थी. लेकिन ये ट्रम्प को मंजूर नहीं था. ट्रम्प ने अपने समर्थकों के बीच एक रैली में कहा, "हम सब जमकर लड़े. और आप लोग अब भी नहीं लड़ेंगे, तो शायद हमारे पास देश नहीं होगा." ट्रम्प ने अपने समर्थकों से कहा कि वो शांति और देशभक्ति के साथ अपनी आवाज सभी को सुनाएं. डॉनल्ड ट्रम्प के समर्थकों को "देशभक्ति और शांति" ये दो शब्द समझ ही नहीं आए. और वो US कैपिटल पर हमला बोल बैठे. वो ट्रम्प की हार से क्रोधित थे, और चुनाव पलटने के मूड में थे. तो इनको US कैपिटल में तोड़फोड़ एक अच्छा बहाना लगा था.
US कैपिटल में फसादियों की भीड़ (PTI)
बहरहाल, इस भीड़ को काबू में किया गया. और 8 जनवरी को सोशल मीडिया साइट ट्विटर ने एक फैसला लिया. ट्विटर ने डॉनल्ड ट्रम्प को फौरन बैन कर दिया. कारण गिनाए कि ट्रम्प, सोशल मीडिया के जरिए हिंसा भड़का सकते हैं.
ट्रम्प के ट्विटर से बैन होने की सबसे मुखर आलोचना की इलॉन मस्क ने. फाइनेंशियल टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में मस्क ने कहा था, "ट्रम्प को बैन करना, एक गलत और महामूर्खतापूर्ण निर्णय है."
बैन होने के बाद ट्रम्प अपनी अंटी से पैसा ढीला करके खुद का एक सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म खड़ा कर चुके थे. नाम था - ट्रुथ सोशल. एक्स पर वापसी के बाद भी ट्रम्प की ज्यादा एक्टिविटी अपने ट्रुथ सोशल पर ही बनी रही.
Musk को बहुत जोर से गुस्सा आया!
बहरहाल, समय का पहिया घूमा. बाइडन ने शपथ ली. लेडी गागा ने गाना गाया. और एक डेमोक्रैट सरकार की स्थापना हुई. लेकिन कुछ ही महीनों में बाइडन सरकार और इलॉन मस्क के बीच तनाव शुरू हुए. पत्रिका फॉर्चून में छपी खबर से एक वाकया बताते हैं. लिखा है
"मस्क को लगने लगा कि टेस्ला को उसके मूल राज्य कैलिफ़ोर्निया में अनुचित रूप से निशाना बनाया जा रहा था. इसके चलते एलन मस्क और कंपनी का मुख्यालय 2021 में ऑस्टिन, टेक्सास ट्रांसफर हो गया. इसके बाद मस्क का तत्कालीन राष्ट्रपति जो बाइडन से मोहभंग होने लगा, क्योंकि बाइडन ट्रेड यूनियनों का समर्थन कर रहे थे. ये यूनियन, मस्क की कार कंपनी टेस्ला से अक्सर टकराव में रहते थे."
लेकिन सवाल है कि क्या बाइडन सरकार के नाम पर अब मुंह बिचकाने वाले इलॉन मस्क, डॉनल्ड ट्रम्प के करीब आने लगे थे? ऐसा नहीं है. अभी दोनों के बीच मल्टीलेवल थुक्काफजीहत होनी थी. क्योंकि राजनीति और मुंहफटपना जो न कराए.
जुलाई 2022 में एक अधिवेशन में डॉनल्ड ट्रम्प फ्री स्पीच पर बोल रहे थे. अपने प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल का प्रचार किया. लेकिन इलॉन मस्क पर बोलते हुए कहा - ही इज अ बुलशिट आर्टिस्ट. इस पर मस्क ने एक्स पर अपना जवाब लिखा, "समय आ गया है कि ट्रम्प अपनी टोपी टांगें, और सूर्यास्त की ओर नाव लेकर निकल जाएं. डेमोक्रैट लोगों को भी इस आदमी पर अटैक नहीं करना चाहिए, ताकि इसको ये न लगे कि बचने का एक तरीका बस प्रेसिडेंट बनना है."
ट्रम्प को मिर्च लग गई. गए अपने ट्रुथ सोशल पर. लॉगिन किया. और एक लंबी चौड़ी पोस्ट लिखी. और मस्क के साथ साल 2020 में व्हाइट हाउस में हुई मीटिंग का जिक्र करने लगे,
"एलन मस्क व्हाइट हाउस आए. मुझसे सपने तमाम सब्सिडी वाले प्रोजेक्ट्स के लिए मदद मांग रहे थे — चाहे वो इलेक्ट्रिक कारें हों जो ज़्यादा दूर नहीं चलतीं, ड्राइवरलेस कारें जो दुर्घटनाग्रस्त हो जाती हैं, या फिर रॉकेट जो कहीं नहीं जाते — जिनके बिना वो बेकार होते. वो मुझे बता रहे थे कि वो बड़े ट्रंप समर्थक और रिपब्लिकन हैं. उस समय मैं उनसे कहता कि 'घुटनों के बल गिरो और माफ़ी मांगो,' तो वो ऐसा कर भी देते."
इस पर मस्क ने रिप्लाई किया - LMAO. (इस इंटरनेट शब्दावली का मतलब निकालिए कि पेट पकड़कर हंस रहा हूँ.)
गंदी लड़ाई के बाद Musk और Trump दोस्त कैसे बने?
अक्टूबर 2022. टेस्ला के मालिक ने ट्विटर खरीद लिया. तत्कालीन मालिक से मेल पर वर्क रिपोर्ट मांग ली. ऑफिस में किचन वाला सिंक लेकर चले गए. फुल ऑन गंदगी. इस्तीफे वगैरह का दौर बीता, नई बहाली हुई. और मस्क ने आदेश दिया, जिसके बाद डॉनल्ड ट्रम्प का अकाउंट जिला दिया गया.
समय बीता. साल 2024 में होने वाले चुनाव की आहट शुरू हो चुकी थी. और सबकी निगाहें थीं कि इलॉन मस्क किधर जाएंगे? क्योंकि मस्क जिधर जाते, उनके मालिकाने वाला X भी उधर ही जाता. ऐसे में मार्च 2024 में मस्क ने एक पोस्ट लिखी. और साफ कर दिया कि वो इस साल किसी भी राजनीतिक पार्टी को डोनेट नहीं करने वाले हैं. लेकिन मस्क ने जब ये पोस्ट लिखी, तब कम लोगों को जानकारी थी कि वो फ्लोरिडा जाकर डॉनल्ड ट्रम्प के आवास पर एक मीटिंग कर चुके हैं. फिर आया जुलाई 2024 का महीना. और एक ऐसा घटनाक्रम अनफोल्ड हुआ, जिसने मस्क और ट्रम्प की दोस्ती पक्की करवा दी.
Trump पर फायरिंग (AP)
ट्रम्प एक बार और राष्ट्रपति बनने के लिए ताल ठोक चुके थे. 13 जुलाई 2024 की तारीख. इस दिन डॉनल्ड ट्रम्प, पेंसिलवेनिया के बट्लर में एक रैली को संबोधित कर रहे थे. जब ट्रम्प भाषण दे रहे थे, तभी गोली की आवाज आई. और एक गोली ट्रम्प के कान को छूते हुए निकल गई. इसे ट्रम्प की जान पर हमला कहा गया. ट्रम्प पर हमला होने की तस्वीरें आईं. और कुछ ही मिनटों बाद इलॉन मस्क ने एक्स पर कह दिया कि वो ट्रम्प का पूर्ण समर्थन कर रहे हैं.
फिर एक के बाद एक कुछ खबरें आईं. जैसे -
1 - मस्क ट्रम्प की रैली में शामिल हुए 2 - ट्रम्प फिर से चुने जाएं, इसके लिए मस्क ने 200 मिलियन डॉलर की पॉलिटिकल एक्शन कमिटी बनाई 3 - सोशल मीडिया साइट एक्स पर ट्रम्प का समर्थन करने वाली पोस्ट्स को बढ़ावा दिया गया, भले ही वो फेक न्यूज़ या भ्रामक सूचनाएं हों
चुनाव के समय ही डॉनल्ड ट्रम्प ने साफ कर दिया कि वो जैसे ही चुने जाएंगे, इलॉन मस्क को अपने कैबिनेट का हिस्सा बनाएंगे. और ऐसा हुआ भी. ट्रम्प चुनाव जीते. इलॉन मस्क बने Department of Government Efficiency (DOGE) के सर्वेसर्वा. ध्यान रहे कि ये वही विभाग था, जिस वजह से USAID की फन्डिंग रोकी गई थी. ये फन्डिंग का केस क्या था, जानने के लिए आप नीचे दिए गए वीडियो को देख सकते हैं.
आ गया दोस्ती टूटने का समय
लेकिन सत्ता में आए ट्रम्प पर सच में सनक सवार थी. वो तमाम देशों पर reciprocal tariff लगाना चाहते थे. यानी जैसे को तैसा टाइप का टैक्स. यानी अगर कोई देश अमरीका के बेचे सामान पर X प्रतिशत टैक्स लगाता है, तो अमरीका भी उस देश के भेजे सामान पर X प्रतिशत टैक्स ही लगाएगा. न ज्यादा न कम. ऐसा करने से वो देश, अमरीका के भेजे सामान पर टैक्स कम करने को बाध्य होंगे, अन्यथा उस देश के सामानों की अमरीका में ज्यादा टैक्स की वजह से खपत कम हो जाएगी. यानी ज्यादा टैक्स लगाकर अमरीका को फायदा हो नं हो, लेकिन बाकी देशों का बंटाधार तय है.
2 अप्रैल 2025 को ट्रम्प कुछ ज्यादा ही सीरियस हो गए. व्हाइट हाउस के गार्डेन में बड़ा-सा बोर्ड लेकर आए. और चाँपकर टैरिफ़ लगा दिया. 10, 20, 30, 40, 50... अपनी गणित लगाई, और जिस पर जो मन हुआ, वो टैक्स लगा दिया. कहा कि इससे अमरीका में उत्पादन बढ़ेगा, और लोग अमरीकी अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेंगे.
लेकिन ट्रम्प का ये कदम मस्क को रास नहीं आया. वाशिंगटन पोस्ट की खबर बताती है कि 5 और 6 अप्रैल को टेस्ला मालिक ने डॉनल्ड ट्रम्प के साथ मुलाकात की. आग्रह किया कि वो अपना टैरिफ प्लान वापिस लें, लेकिन ट्रम्प नहीं माने.
5 अप्रैल को मस्क ने इटली के डिप्टी PM मत्तेओ साल्विनी के साथ एक वीडियो कॉल में कहा— "Europe और US के बीच zero-tariff होना चाहिए.” मतलब एक तरह का ट्रांस-अटलांटिक फ्री ट्रेड ज़ोन बने, जिसमें यूरोप और अमरीका एक-दूसरे के उत्पादों पर कोई शुल्क न लगाएं. जबकि ट्रंप उसी दिन EU पर 20 प्रतिशत टैरिफ का एलान कर चुके थे. यानी मस्क और ट्रंप अब खुलकर दो अलग मोर्चों पर खड़े दिख रहे हैं.
इसके पहले 26 मार्च को भी ट्रंप ने 25 फीसद का टैरिफ कार इंपोर्ट और ऑटो पार्ट्स पर लगाया. मस्क ने इसपर एक टिप्पणी की और लिखा—“Tariff impact on Tesla is still significant.” यानी मस्क की कार कंपनी टेस्ला को भी इसकी मार झेलनी पड़ेगी. उनकी चिंता वाजिब थी. 2025 के पहले दो महीनों में उनके कारों की बिक्री पिछले साल के मुकाबले 49 फ़ीसदी गिरी है. मार्च, 2025 में टेस्ला ने अमेरिकी सरकार को एक पत्र भी लिखा था. उसमें साफ़ कहा कि “जब अमरीका टैरिफ लगाता है, तो दूसरे देश भी जवाबी टैरिफ लगाते हैं. इससे सबसे ज़्यादा नुकसान इलेक्ट्रिक कार सेक्टर को होता है.”
लेकिन ट्रम्प अपने चुनावी कैम्पेन में हचककर पैसा लगाने वाले दोस्त की बात नहीं सुन रहे थे, तो वो बात सुन किसकी रहे थे? सुन रहे थे पीटर नवारो की. पीटर नवारो, ट्रंप के पुराने सलाहकार हैं और टैरिफ वाले प्लान के असली मास्टरमाइंड हैं. जब से ट्रम्प के टैरिफ़ लागू हुए हैं, तब से पीटर नवारो पूरे आत्मविश्वास के साथ ट्रंप के इस प्लान का बचाव कर रहे हैं. उन्होंने 3 अप्रैल को अमेरिकी न्यूज़ चैनल CNN पर कहा, “बाजार नीचे जाएगा, लेकिन जल्द ही उभरेगा."
एक्स के एक यूज़र ने नवारो का ये वीडियो रीपोस्ट किया. और, उनकी हार्वर्ड इकोनॉमिक्स पीएचडी की ओर इशारा किया. मस्क ने इस पोस्ट का जवाब दे दिया. जवाब में लिखा—“A PhD in Economics from Harvard is a bad thing, not a good thing.” यानी ये डिग्री फायदा नहीं, नुकसान है.
फिर नवारो बनाम मस्क का एक और वाकया हुआ. दरअसल Fox News से बातचीत में नवारो ने कहा—“मस्क को लगता है कि वो सबकुछ खुद करता है. लेकिन असल में वो एक असेंबलर है, मैन्युफैक्चरर नहीं. यानी बनाता नहीं है. अलग-अलग पार्ट्स जोड़ कर असेम्बल करता है. वो चाहता है सस्ते पार्ट्स चीन से आएं, यूरोप से आएं, और यहां असेंबल हों. हम ऐसा अमरीका नहीं चाहते. हम चाहते हैं कि सामान यहीं बनाए जाएं."
इस पर मस्क ने पलटवार किया. X पर उन्होंने नवारो को लिखा—“Navarro is truly a moron. What he says is demonstrably false.” यानी नवारो सनकी हैं. वो जो कुछ कहते हैं वो निरा झूठ होता है.
लेकिन बहस बड़ी हो गई तब, जब एक खबर सामने आई. Politico ने रिपोर्ट किया कि ट्रम्प आज कल अपने कैबिनेट सदस्यों से बंद कमरे की मीटिंग में कह रहे हैं कि इलॉन मस्क जल्द ही DOGE का प्रभार छोड़ने वाले हैं. Politco की रिपोर्ट का मस्क और व्हाइट हाउस दोनों ने खंडन किया, लेकिन बात आगे चल निकली थी. दी गार्डियन में छपी खबर के मुताबिक, अमरीकी वाइस प्रेसिडेंट जेडी वांस के बयान ने भी कुछ संकेत दिए. कहा कि सरकार से अलग होने के बाद भी इलॉन मस्क "एक दोस्त और सलाहकार" की भूमिका में बने रहेंगे.
जानकारों ने मतलब निकाला - ट्रम्प और मस्क के बीच सब ठीक नहीं चल रहा है. इस थ्योरी पर 8 अप्रैल को मुहर लग गई. इस दिन व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी कैरोलीन लेविट से पत्रकारों ने पूछा कि क्या दोनों जने के बीच लफड़ा चल रहा है? मैडम ने जवाब दिया -
ये कोई रहस्य नहीं है कि टैरिफ और व्यापार पर मस्क और नवारो के विचार अलग-अलग हैं. लड़के तो लड़के ही होते हैं और हम झगड़ा जारी रहने देंगे. (Boys will be boys and we will let the sparring continue.)
Trump का इतिहास है दोस्ती तोड़ने का
Fortune पत्रिका में छपे एक लेख का जिक्र करते हैं, इसमें कहा गया है -
ट्रम्प के पहले कार्यकाल में उपराष्ट्रपति रहे माइक पेंस ने कहा कि 6 जनवरी 2021 को कैपिटल में हुए दंगे में ट्रंप ने उनके परिवार को खतरे में डाल दिया और उन्हें संविधान का उल्लंघन करने के लिए धमकाने की कोशिश की.
ट्रम्प के पूर्व अटॉर्नी जनरल बिल बर ने 2020 के चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली के ट्रंप के झूठे दावों का खंडन किया और बाद में कहा कि ट्रंप को "ओवल ऑफिस के पास भी नहीं होना चाहिए."
ट्रंप के लंबे समय तक वकील रहे माइकल कोहेन ने 2019 में एक हाउस कमेटी को बताया था, “जो लोग ट्रंप का अंधभक्ति से पालन करते हैं, जैसे मैंने किया, उन्हें भी वही अंजाम भुगतना पड़ेगा जो मैं भुगत रहा हूँ.”
और ट्रम्प, ट्रम्प हैं. कतई सत्तालोलुप. नहीं पसंद किसी की छाया में रहना. नहीं पसंद कि उनकी सरकार का कोई उनसे ज्यादा रोशनी बटोर ले. और मस्क हैं अमीर. दोस्त आशीष एक उपमा का इस्तेमाल भी करते हैं - धनपशु. आकंठ अहंकार से ग्रस्त.
वीडियो: Donald Trump का 'जैसे को तैसा टैरिफ' दांव, PM मोदी के सामने बताया पूरा प्लान