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प्रोफेसर पर जानलेवा हमले के मामले में हो चुकी है पूछताछ, ED के घेरे आए भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य के बारे में आप ये नहीं जानते होंगे

Who Is Chaitanya Baghel: चैतन्य बघेल, भूपेश बघेल के चार बच्चों में से एक हैं और एकमात्र बेटे हैं. इन दिनों वो परिवार की सब्जी की खेती की देखभाल करते हैं. क्या है चैतन्य बघेल की पूरी कहानी?

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ED ने चैतन्य बघेल को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है. (फ़ोटो - Facebook/Chaitanya Baghel)

चैतन्य बघेल (Chaitanya Baghel) छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के बेटे हैं. 10 मार्च की सुबह से ही वह चर्चा में हैं. फिलहाल, जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के दायरे में आ गए हैं. आरोप है कि उन्हें ‘शराब घोटाले’ (Chhattisgarh Liquor Scam) की आय से फायदा मिला. इसी को लेकर ED ने कार्रवाई करने की बात कही है.

मामले में ताज़ा अपडेट यह है कि चैतन्य बघेल को समन जारी किया गया है. 11 मार्च को उन्हें इस मामले में पूछताछ के लिए ED के ऑफिस बुलाया गया है. इससे पहले, एक प्रोफेसर पर हुए जानलेवा हमले के मामले में भी उनसे पूछताछ की गई थी.

कौन हैं चैतन्य बघेल?

चैतन्य बघेल, भूपेश बघेल के चार बच्चों में से एक और उनके एकमात्र बेटे हैं. इन दिनों वह परिवार की सब्जी की खेती की देखभाल करते हैं. बताया जाता है कि 2013 में जब भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रमुख का पद संभाला, तब से चैतन्य बघेल खेती-किसानी में सक्रिय हैं.

इससे पहले, वह रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े हुए थे और अपार्टमेंट बनाने और बेचने का काम भी करते थे. चैतन्य MBA कर चुके हैं और भिलाई में अपने पिता भूपेश बघेल और मां मुक्तेश्वरी बघेल के साथ रहते हैं. घर के कामों की ज़िम्मेदारी चैतन्य संभालते हैं, जबकि बाहरी काम भूपेश बघेल देखते हैं.

चैतन्य इससे पहले साल, 2023 में चर्चा में आए थे, जब उनकी शादी हुई थी. उस साल 6 फ़रवरी को ख्याती वर्मा से उनकी शादी रायपुर में हुई थी. चूंकि, तब भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री थे, तो कई राज्यों के पूर्व-मुख्यमंत्री और कांग्रेस के बड़े नेताओं ने इस शादी में शिरकत की थी.

राजनीति से दूरी

चैतन्य बघेल कांग्रेस के सदस्य ज़रूर हैं, लेकिन फिलहाल उनके पास छत्तीसगढ़ कांग्रेस में कोई पद नहीं है. उन्होंने राजनीति से दूर रहने का विकल्प चुना है. हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में उनके राजनीति में उतरने की संभावना जताई जा रही थी.

भूपेश बघेल पहले से पाटन विधानसभा क्षेत्र के विधायक थे. अगर वह लोकसभा चुनाव जीतते, तो उन्हें विधायक पद छोड़ना पड़ता. कांग्रेस से जुड़े सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ऐसे में चैतन्य बघेल को पाटन विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाने की संभावना थी. लेकिन भूपेश बघेल लोकसभा चुनाव हार गए, जिससे चैतन्य के राजनीति में आने की योजना टल गई.

छत्तीसगढ़ के पत्रकार देवेश तिवारी बताते हैं कि चैतन्य पाटन की जनता से बातचीत ज़रूर करते हैं, लेकिन उन्हें राजनीतिक रूप से सक्रिय न होने के निर्देश दिए गए हैं. देवेश तिवारी के अनुसार,

अगर चैतन्य बघेल को किसी राजनीतिक काम के लिए कहा जाता है, तो वह जवाब देते हैं कि इस बारे में पहले भूपेश बघेल से बात करनी होगी. मुख्यमंत्री रहते भी भूपेश बघेल ने स्पष्ट कर दिया था कि चैतन्य किसी भी सरकारी अधिकारी से सीधे बात नहीं करेंगे.

प्रोफेसर पर जानलेवा हमले मामले में पूछताछ

अब ED ‘शराब घोटाले’ की जांच करने के लिए चैतन्य बघेल के घर पहुंची है. लेकिन यह पहला मौका नहीं है जब कानूनी एजेंसियों ने उनसे पूछताछ की हो. 2023 में छत्तीसगढ़ पुलिस ने हत्या की कोशिश के एक मामले में चैतन्य से पूछताछ की थी. जुलाई 2024 में, खूबचंद बघेल पीजी कॉलेज के प्रोफेसर विनोद शर्मा पर हथियारबंद लोगों के एक समूह ने हमला किया था. दुर्ग के SP जितेंद्र शुक्ला ने बताया था कि चैतन्य बघेल से पूछताछ इसलिए की गई थी ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनका इस मामले से कोई संबंध है या नहीं, क्योंकि जांच के दौरान उनका नाम सामने आया था.

वीडियो: भूपेश बघेल के बेटे के घर छापा, 14 ठिकानों पर ED की रेड जारी, 'शराब घोटाले' से जुड़ा है मामला