यूपी की राजनीति में नजर रखने वाले बताते हैं कि एक समय ऐसा भी था कि जब यूपी में आलाकमान के दो 'फेवरेट नेता'थे. योगी आदित्यनाथ और बृजभूषण शरण सिंह. दोनों के बीच भी काफी प्रगाढ़ संबंध रहे हैं. लेकिन कहा जाता है कि योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद बीते कुछ सालों में दोनों नेताओं के बीच दूरियां धीरे-धीरे बढ़ती गईं.
क्या बृजभूषण सिंह और CM योगी आदित्यनाथ के बीच कोई तल्खी है? ये बयान क्या कह रहे?
कयास लगाए जा रहे हैं कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बृजभूषण सिंह के बीच संबंध मधुर नहीं हैं. क्योंकि जब बृजभूषण से पूछा गया कि क्या सीएम योगी आपके नेता हैं, तो उन्होंने जवाब घुमा-फिरा कर दिया, लेकिन योगी को अपना नेता एक भी बार नहीं माना.

बृजभूषण शरण सिंह को बीजेपी ने टिकट भले ना दिया हो, पर उनके चर्चे कम नहीं हो रहे हैं. इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू की उनकी क्लिप चर्चा में हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बृजभूषण सिंह के बीच संबंध मधुर नहीं हैं. क्योंकि जब उनसे पूछा गया कि क्या सीएम योगी आपके नेता हैं, तो उन्होंने जवाब घुमा-फिरा कर दिया, लेकिन योगी को अपना नेता एक भी बार नहीं माना.
बृजभूषण ने कहा क्या था?अपनी चुनावी कवरेज के दौरान इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई बृजभूषण सिंह से बात कर रहे थे. बृजभूषण कैसरगंज से बीजेपी के सांसद हैं और इसी सीट से बीजेपी उम्मीदवार करण भूषण सिंह के पिता भी हैं. इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 'दबादबा है, दबदबा रहेगा' कहने वाले बृजभूषण का टिकट तो काटा, लेकिन बदले में टिकट दिया गया उनके ही बेटे को.
राजदीप- पिछले एक साल में क्या पीएम मोदी ने आपको फोन किया या आपने उनसे बात करने की कोशिश की?
बृजभूषण- नहीं. ना पीएम मोदी ने फोन किया ना मैंने बात करने की कोशिश की.
राजदीप- जब आपका टिकट कटा तो आपने आपको किसी बड़े नेता ने फोन किया?
बृजभूषण- मैंने जेपी नड्डा से बात की.
राजदीप- क्या नरेंद्र मोदी अभी भी आपके नेता हैं?
बृजभूषण- हां, नरेंद्र मोदी मेरे नेता हैं.
राजदीप- क्या योगी जी अभी भी आपके नेता है?
बृजभूषण- मोदी जी हमारे नेता हैं (सिर हिलाते हुए).
राजदीप- योगी जी?
बृजभूषण- बस जो मन लगाना हो लगा लीजिए.
इस बातचीत से ये संकेत गया कि सांसद बृजभूषण सिंह और सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच संबंध उतने तो मधुर नहीं हैं, जितने एक ही पार्टी में रहते हुए दो बड़े नेताओं से अपेक्षित रहते हैं. बृजभूषण की तरफ से ऐसा बयान पहली बार नहीं आया है. एक नज़र उनके कुछ बयानों पर.
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# साल 2022 में यूपी के कई इलाकों में बाढ़ आई थी. गोंडा में भी बाढ़ ने लोगों को बेहाल किया था. सांसद बृजभूषण इलाके के दौरे पर थे. मीडिया से बात की तो जिला प्रशासन के साथ-साथ यूपी की योगी सरकार को भी सुना गए. 14 अक्टूबर, 2022 को आजतक पर छपी खबर के मुताबिक पत्रकारों ने उनसे पूछा था कि प्रशासन बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए बड़े-बड़े दावे कर रहा है, लेकिन जमीन पर कुछ दिख नहीं रहा. इस पर बृजभूषण ने जवाब दिया,
“जिला प्रशासन के बारे में मत ही पूछिए तो अच्छा है. पहले कोई भी सरकार होती थी तो बाढ़ से पहले एक बैठक होती थी. हमको नहीं लगता कि इस बार कोई बैठक हुई है.”
बृजभूषण और योगी आदित्यनाथ के संबंधों के लिहाज से ये बयान ध्यान खींचता है. उन्होंने पहले की सरकार नहीं, 'सरकारों' कहा. साल 2017 से तो यूपी में बीजेपी की सरकार है, लेकिन उससे पहले लंबे समय तक बसपा या सपा की सरकारें थीं. यानी मायावती, मुलायाम या अखिलेश की सरकार. और यहां जिस सरकार को बृजभूषण घेर रहे थे वो बीजेपी के नेतृत्व वाली योगी आदित्यनाथ सरकार थी.
# राम मंदिर निर्माण के दौरान अयोध्या में बैरिकेडिग को लेकर बृजभूषण ने योगी सरकार पर कई बार सवाल उठाए. 7 जुलाई, 2022 को छपी न्यूज़ 18 की खबर के मुताबिक बृजभूषण ने कहा,
“सुरक्षा के नाम पर तमाशा बंद करो, क्योंकि बंदिशों के कारण दुकानदार भूखे ही मर रहे हैं और मंदिरों में भी आरती भोग की समस्या खड़ी हो रही है.”
# 19 अगस्त, 2023 को दैनिक भास्कर में छपी खबर के मुताबिक बृजभूषण ने कहा कि जो गरीब हैं, वो अयोध्या ना जाएं. मन की किससे बात कहूं. ये नो एंट्री का दर्द, अगर सबसे ज्यादा कोई झेल रहा है तो अयोध्या-फैजाबाद के निवासी झेल रहे हैं. इस इलाके के रहने वाले झेल रहे हैं.
# पिछले साल बृजभूषण ने यूपी में बुलडोज़र ऐक्शन पर सवाल उठा दिए. 14 अक्टूबर, 2023 को छपी टीवी9 भारतवर्ष की खबर के मुताबिक बृजभूषण ने कहा था,
“जिस वक्त अवैध निर्माण हुआ, उस वक्त का कलेक्टर कौन था, उस वक्त का एसडीएम कौन था, किसने नक्शा पास किया? ऐसे कई सवाल हैं जिनको भी देखा जाना चाहिए. वैसे लोगों को क्यों नहीं पकड़ा जाना चाहिए. अगर उन लोगों ने गलत काम किया तो उनको सजा क्यों नहीं मिलनी चाहिए? अवैध निर्माण होने के चलते उसे गिराया गया है. तर्क ये भी दिया जाता है कि वह मकान या भवन सरकारी जमीन, नजूल या फिर ग्राम सभा की जमीन पर बना हुआ है. लेकिन सवाल है कि पहले इसे क्यों नहीं रोका जाता?”
हालांकि जब बृजभूषण बुलडोजर ऐक्शन पर सवाल उठा रहे थे, उसी वक्त उन्होंने सीएम योगी को क्लीन चिट भी दे दी थी. कहा था कि बुलडोजर ऐक्शन के लिए सीएम योगी जिम्मेदार नहीं हैं बल्कि ये कार्रवाई अधिकारियों की देन है. बकौल बृजभूषण ये ना तो पार्टी या सरकार की पॉलिसी में शामिल है और ना ही ऐसा को कोई एजेंडा है. बुलडोजर नीति सिर्फ अधिकारियों की मुहिम का नतीजा है.
बुल्डोजर ऐक्शन पर सवाल उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में उठाए. लेकिन उसका कनेक्शन कुछ महीने पहले का था. दरअसल, पिछले साल 5 फरवरी को बृजभूषण के भतीजे सुमित भूषण के खिलाफ नजूल की 3 एकड़ जमीन पर कब्जा करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था. उनके साथ 8 अन्य लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया. और साथ ही उस जमीन पर बने अवैध निर्माण को भी बुलडोज़र से ध्वस्त कर दिया गया.
वीडियो: BJP ने कैसरगंज सीट से बृजभूषण सिंह का पत्ता काटा, बेटे को टिकट मिलने पर क्या बोले?