ब्रिटेन का सबसे उम्र में मेडल जीतने वाला बॉक्सर. रिंग में उतरता है. मैक्सिको के बॉक्सर सॉल एलवारेज़ के सामने. छः राउंड के बाद उसकी आंखें खुलती हैं एक अस्पताल में. वो नॉक-आउट किया जा चुका था. उसे अपना स्टेटमेंट किसी और के ज़रिये पहुंचाना पड़ता है. अपने फैन्स, और जर्नलिस्ट्स तक. कि वो ठीक है. उसे कुछ नहीं हुआ. कहता है कि बॉक्सिंग में ये सब होता ही है.
Amir Khan after being knocked-out
आमिर खान. सालों पहले रावलपिंडी की मिट्टी छोड़ मैनचेस्टर में बसने वाली एक पंजाबी राजपूत घर का चिराग. जो अब ब्रिटेन बॉक्सिंग की मशाल बन चुका है.
आमिर खान का नाम सुनते ही पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गौरी का किस्सा याद आता है. मोहम्मद गौरी पहली बार दिल्ली फतह करने के लिए निकला था. पंजाब के कुछ हिस्सों को जीतने के बाद वो दिल्ली की और बढ़ रहा था. लेकिन, पृथ्वीराज चौहान ने उसको रगेद के भगा दिया. लेकिन, गौरी भी आदमी कम नहीं था. फिर से लौटा कुछ दिन के बाद. लौटा, और इस बार चौहान साहब का तख्ता पलट दिया. लेकिन, पृथ्वीराज चौहान भी आदमी थे उस्ताद. वो थी उनकी धनुष बाण चलाने की कला. एक तरह के एकलव्य थे. एकदम कट टू कट. जब गौरी ने उनको जेल में बंद कर दिया, तब चंदबरदाई कहते हैं. चंदबरदाई चौहान साहब के राजकवी थे. कहते हैं, अपना टेलेंट उन्होंने यहां दिखाया. और शब्द भेदी बाण चला दिया. वही वाला जिसमें कवि कहता है, चार बांस चौबिस गज अष्ट अंगुल प्रमाण तापे सुलतान है मत चुको चौहान. और तीर जो है वो जा के सीधे लगा गौरी को. उस्ताद वहीँ निपट लेते हैं. इस किस्से से आमिर कैसे याद आया? बताते हैं. 2004 ओलंपिक्स में ब्रिटेन को सिल्वर मेडल दिलाया. 2004 के फाइनल राउंड में जिससे हारे, उसे अगले ही साल हराया. क्यूबा के किन्डलन.
https://www.youtube.com/watch?v=HEBtLyJLiK0
आमिर खान हाल ही में भारतीय ख़बरों का हिस्सा बने. क्यूंकि अभी-अभी प्रोफ़ेशनल बॉक्सिंग में भर्ती हुए विजेन्दर सिंह को फाइट के लिए चैलेन्ज किया है. हालांकि बॉक्सिंग फेडरेशन के नियमों के मुताबिक़ इन दोनों ही फिलहाल को फाइट नहीं हो सकती है. क्यूंकि आमिर 72.5 किलो वर्ग में फाइट करते हैं जबकि विजेंदर 76 किलो में. ऐसे में विजेंदर वजन घटाएं या आमिर बढ़ायें.
ऐसे में हर कोई यही पूछ रहा है कि ये आमिर खान है कौन? एक आमिर तो फिल्मों में आते हैं, ये बॉक्सिंग वाला कौन है? हमने बताने की कोशिश की है:
आमिर खान, एक ब्रिटश प्रोफेशनल बॉक्सर हैं. पैदा ब्रिटेन में ही हुए हैं. ग्रेटर मेनचेस्टर में.
आमिर के पिता मेनचेस्टर में एक छोटा सा स्क्रैप यार्ड चलाते थे. दिन में स्क्रैप यार्ड और रात में टैक्सी.
आमिर का भाई एक भाई है. हारुन. वो भी बॉक्सर है. 2010 कामनवेल्थ गेम में ब्रॉन्ज़मेडलअपने नाम किया था हारुन ने.
16 साल की उम्र में ही आमिर ने तीन बार स्कूल बॉय चैंपियनशिप जीती थी. तीन जूनियर ए.बी.ए. चैंपियनशिप. जूनियर ओलम्पिक में गोल्ड और यूरोपियन स्टूडेंट चैंपियनशिप में गोल्ड जीत लिया था.
एमेच्योर से प्रोफेशनल में आने के बाद 2 वर्ल्ड चैंपियनशिप जीत चुके हैं.
पाकिस्तानी मूल के अंग्रेजी क्रिकेटर साजिद महमूद इनके चचेरे भाई हैं.
2012 में पाकिस्तानी मूल की ही एक अमेरिकी स्टूडेंट से इन्होंने इंगेजमेंट कर ली.
जिससे 2013 में आमिर ने शादी भी की.
लमाईसा, इनकी बेटी का नाम है. 2014 में पैदा हुई.
चैरिटी वगैरह में भी खूब भाग लेते हैं. 2013 में फ़िलीपिन्स में टाइफून आया था. उसके लिए के फण्ड रेजिंग डिनर किया था. जिससे लगभग 62 लाख रूपये जमा हुए.
अक्टूबर 2007 में खान पर 10 महीने का ड्राइविंग बैन लगाया गया था. साढ़े सात लाख रुपये जुर्माना देना पड़ा. आरोप था, सड़क पार कर रहे एक आदमी को धक्का मार दिया था. जिससे उसका पैर टूट गया. हालांकि, केस के 2 साल के बाद वो आदमी मर गया था.
2012 में वाशिंगटन में लेमोंट पीटरसन के साथ हुई फ़ाइट में डिसीज़न से बहुत नाखुश हुए थे. मामले ने काफ़ी तूल पकड़ा. इनकी टीम का आरोप था कि एक जज ने 10-10 की बराबरी का फ़ैसला दिया था. लेकिन मैच रेफरी के इशारे के बाद इसे 10-08 कर दिया गया. जिसकी शिकायत WBA और IBF को की गयी थी. IBF ने मैच फिर से करने का फैसला भी दिया. लेकिन खान ने केस वापिस ले लिया था. यह कहते हुए कि इसमें मैच एकतरफा होगा. क्योंकि मैच के अधिकारी ही इसमें जुड़े हैं.
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