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एपी सिंह कौन हैं? जो हाथरस वाले 'भोले बाबा' की पैरवी के लिए खड़े हो गए

Hathras Stampede मामले में स्वयंभू बाबा सूरज पाल उर्फ 'भोले बाबा' ने बताया है कि AP Singh कोर्ट में उनका पक्ष रखेंगे. निर्भया केस, हाथरस गैंगरेप केस फिर सीमा हैदर केस. इन मामलों में वकील रहे एपी सिंह का विवादों से पुराना नाता है.

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एपी सिंह हाथरस गैंगरेप केस में आरोपियों के वकील रह चुके हैं. (फ़ोटो - PTI)

हाथरस भगदड़ मामले में अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है. जिनके कार्यक्रम में ये हादसा हुआ, वो स्वयंभू बाबा सूरज पाल उर्फ 'भोले बाबा' अभी भी फरार है. बाबा ने 4 जुलाई को एक बयान जारी किया. इसमें उन्होंने बताया कि ये भगदड़ कुछ असामाजिक तत्वों ने मचाई. बयान में उन्होंने ये भी कहा कि मामले में असामाजिक तत्वों के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट के वकील अजय प्रकाश सिंह उनकी तरफ़ से पैरवी करेंगे (Surajpal has appointed Advocate AP Singh to represent him legally) . एपी सिंह के नाम के एलान के बाद से ही लोगों ने उनके पुराने लड़े केस याद किए. ये एपी सिंह वही हैं, जिन्होंने 2012 में निर्भया केस में आरोपियों की तरफ़ से और 2020 में हाथरस गैंगरेप केस के आरोपियों के पक्ष में केस लड़ा था.

इन दोनों ही मामलों में देश में बहुत हंगामा हुआ था. आरोपियों के ख़िलाफ़ पूरा देश खड़ा हो गया था. ऐसे में एपी सिंह द्वारा आरोपियों की पैरवी किए जाने पर उनकी बहुत आलोचना हुई थी. इसके अलावा एपी सिंह इन मामलों पर बोलते हुए भी कई बार विवादों में रहे. एपी सिंह निर्भया के चरित्र पर भी सवाल उठा चुके हैं. वहीं, निर्भया केस में उनके खिलाफ सड़कों पर उतरे लोगों का उन्होंने मज़ाक भी उड़ाया था. ऐसे में जानना ज़रूरी हो जाता है कि आख़िर कौन हैं एपी सिंह.

मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले एपी सिंह दिल्ली में रहते हैं. वो सुप्रीम कोर्ट में वकालत करते हैं. कानून की डिग्री लखनऊ यूनिवर्सिटी से ली. बाद में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की. कानूनी करियर शुरू हुआ 1997 में. उन्होंने वकालत की शुरुआत ही सुप्रीम कोर्ट से की. उनकी कानूनी दलीलें निचली अदालतों, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चर्चा का विषय रही हैं. उनके कुछ चर्चित मामलों के बारे में बात करते हैं.

निर्भया केस में कमेंट को लेकर विवाद

साल 2013. जगह दिल्ली का साकेत कोर्ट. निर्भया मामले की सुनवाई चल रही थी. इस दौरान 2 आरोपियों की तरफ़ से एपी सिंह पेश हुए. अपना पक्ष रखते हुए उन्होंने पूछा कि निर्भया देर रात अपने पुरुष दोस्त के साथ क्या कर रही थीं? बाद में एक इंटरव्यू में भी उन्होंने कोर्ट रूम में किए अपने बर्ताव को डिफेंड किया. उन्होंने कहा,

“मुझे ये क्यों नहीं पूछना चाहिए कि लड़की इतनी रात को लड़के के साथ क्या कर रही थी? ये सबूत का हिस्सा है. मैंने ये नहीं कहा था कि उनके बीच भाई-बहन का रिश्ता था या वे राखी मनाने के लिए बाहर गए थे. मैंने बस इतना कहा कि वे दोस्त हैं. हो सकता है, उनके समाज में प्रेमी-प्रेमिका का रिश्ता होता हो, लेकिन जिस संस्कृति से मैं आता हूं, वहां ऐसा नहीं होता.”

उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक उनके ख़िलाफ़ आवाज़ें उठीं. एपी सिंह ने निर्भया के लिए न्याय की मांग को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों का भी मज़ाक उड़ाया था. उन्हें 'मोमबत्ती, धूपबत्ती और अगरबत्ती' कहा था.

इंडिया टुडे की ख़बर के मुताबिक़, पीड़िता के लिए निकाले जा रहे कैंडल मार्च का मज़ाक उड़ाते हुए एपी सिंह ने कहा था,

"मेरे माता-पिता सरल लोग हैं, बहुत आध्यात्मिक. वो टीवी नहीं देखते थे. इसीलिए उन्हें विरोध प्रदर्शनों, जंतर-मंतर, रामलीला मैदान, मोमबत्ती, धूपबत्ती, अगरबत्ती आदि के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं थी."

एपी सिंह का सबसे विवादित कमेंट साकेत कोर्ट द्वारा सभी आरोपियों को दोषी करार दिए जाने के बाद आया था. उस वक़्त कोर्ट के अंदर जज पर चिल्लाते हुए एपी सिंह ने कहा था कि उन्होंने ‘झूठ’ का समर्थन किया है. उनका कहना था,

"ये फ़ैसला राजनीतिक दबाव और वोट बैंक की राजनीति के तहत लिया गया है."

कोर्ट के बाहर पत्रकारों से एपी सिंह ने कहा था,

"अगर मेरी बेटी या बहन शादी से पहले यौन संबंध बनाती है और ख़ुद का अपमान करती है. ऐसे काम करके अपना मान-सम्मान और चरित्र खोती है, तो मैं ऐसी बहन या बेटी को अपने फ़ॉर्महाउस पर ले जाऊंगा और अपने पूरे परिवार के सामने उस पर पेट्रोल डालकर उसे आग लगा दूंगा."

एपी सिंह निर्भया केस के आरोपियों की फांसी टालने के लिए कई बार कोर्ट का दरवाजा खटखटाते रहे. हालांकि वो कभी कामयाब नहीं हो पाए. देश भर में हो रही अपनी आलोचना पर उन्होंने एक बार कहा था कि अगर किसी आरोपी या दोषी के पास कोई कानूनी उपाय मौजूद है, तो उसके वकील का ये संवैधानिक दायित्व है कि वो इसका फ़ायदा उठाए. उनका कहना था कि आम जनता को बचाव पक्ष के वकीलों पर ग़ैर-ज़िम्मेदाराना कमेंट करने से बचना चाहिए.

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हाथरस गैंगरेप केस में आरोपियों के वकील बने

हाथरस गैंगरेप मामले में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने एपी सिंह को आरोपियों की पैरवी के लिए चुना था. अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजा मानवेंद्र सिंह ने इसे लेकर एक प्रेस रिलीज जारी की थी. इसमें उन्होंने बताया था कि एपी सिंह से हाथरस मामले में आरोपियों की पैरवी करने को कहा गया है.

सीमा हैदर मामले का भी हिस्सा रहे

2023 में सीमा हैदर अपने चार बच्चों के साथ अवैध रूप से भारत में अपने प्रेमी सचिन के साथ रहने आईं. वो चर्चा में तब आईं, जब जुलाई, 2023 में भारतीय अफ़सरों ने उन्हें उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में सचिन मीणा के साथ रहते हुए पाया था. उस समय एपी सिंह, भारत में सीमा हैदर और सचिन मीणा के वकील बने थे. एपी सिंह ने सीमा हैदर से उनके प्रेमी सचिन मीणा के ग्रेटर नोएडा के घर पर मुलाक़ात की थी. साथ ही, राष्ट्रपति से सीमा को भारतीय नागरिकता देने की अपील भी की थी.

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