बीनू चौधरी गले में मंगलसूत्र, लाल लिपस्टिक लगाती थी. जब बूढ़ों की तरफ आंख मार कर ठुमके मारती तो टेंटों में बैठे मर्दों की आंखे फटी की फटी रह जाती थीं.

एक रागनी
में बीनू ने कहा था "हसणा हसाणा ही जिंदगी हो सै". और बस फिर वो हंसाती रही लोगों (मर्दों) को. अपने जोक्स और रागनियों
से.
आप इन स्टेज पर नाचने-गाने वालियों के चकाचौंध दुनिया के अलावा इनके जिंदगी के डर-डिप्रेशन को भी जान लो. जब बीनू को मारा गया तब आंख मारने पर फ़िदा भीड़ में बैठने वाले दीवानों ने कोई हंगामा नहीं किया. एक दो न्यूज़पेपर में खबर छाप दी गई. स्टेज किसी के इंतज़ार में नहीं रुकता. बीनू गई तो सपना आगई. सपना चली जाएगी तो कोई और आएगी. आओ जाने बीनू के बारे में. जो न्यूज़पेपर्स ने नहीं छापा.
कन्वेंशनल रागनी
से सेक्सुअल जोक्स पर
जब वो रागनीकम्पटीशन में आई थी तब कन्वेंशनल रागनी
ही गाती थी. बाद में उसने देखा कि लोग एक सेक्शुअल जोक पर इतने पैसे लुटा रहें हैं. एक छोटा सा इशारा कर दो और लोगों के बटुए खाली. लख्मीचंद की रागनियों
में लोग भी कम इंटरेस्ट लेने लगे थे. फिर उसने "सेक्शुअल जोक्स" का ट्रेंड चालू कर दिया. आदमियों के ग्रुप्स में ऐसे जोक्स मारना हमेशा से रहा है. वो बड़े सहज तरीके से बोल कर निकल लेते हैं. औरतों ने ये बातें खुलकर बोली नहीं. लेकिन बीनू चौधरी बिस्तर की सारी बातें स्टेज पर ले आई. औरत के मुंह से ये सब सुनना आदमियों की फंतासी रही होगी.
बिस्तर की बातें ले आई स्टेज पर
जो बातें शायद एक पत्नी भी पति से शेयर नहीं करती हो. वो बातें बीनू ने ठहाके मार-मार कर बताईं. आदमियों के लिंग से लेकर उनके सेक्स करने के तरीकों तक का मजाक उड़ाया. इतनी आसानी से वो हजारों मर्दों के बीच सेक्स की बात बोलकर हंस देती. बूढ़ों की धोती से निकलती 'चीज' पर कमेंट मार देती. फौजी के सारा टाइम फ़ौज में रहने से 'प्यार की भूखी' पत्नी की भूख का भी जिक्र कर देती. 'हॉट एंड सेक्सी बीनू चौधरी रागनी" नाम से वीडियोज यूट्यूब पर हैं. वहां आपको ये जोक्स मिल जाएंगे.बीनू चौधरी 'उतरातली' रागनी
गाती थी. ऐसी रागनियों
में सिंगर्स जोड़े का रोल करते हैं. सिंगर्स में एक आदमी और एक औरत होती है. दोनों शादीशुदा 'बातों' पर गाते हैं.
घटियापना वर्सेज संस्कारीपना
लोगों को लगता है कि बीनू चौधरी लिमिट क्रॉस कर गयी थी. उसी ने इस भद्दे ट्रेंड को शुरू किया था. इस बात पर लोगों की राय अलग हो सकती है. अगर आठ-नौ साल पहले सेक्स के जोक्स मारना भद्दा था तो रोका क्यूं नहीं गया? वो घर-घर जाकर तो सुनाने गयी नहीं होगी. पंडालों में बैठी हजारों की भीड़ के सामने जब बीनू सेक्स के जोक्स सुनाती थी तो 80 साल के बुड्ढे तक ठठाकर हंसते थे. वरना वो समाज जो ऑनर किलिंग्स के लिए बदनाम है वो ऐसे 'वाहियातपने' को कैसे पनपने देता?
सिडक्टिव लुक्स से रिझाती थी भीड़ को
बीनू सिडक्टिव लुक देती हुई बोल देती "मौसम देखिये कितना कसुता सै, किम्मे करण का जी नहीं हो रया कै?" वो भीड़ की आंखो में आंखे डाल कर गाती तो भीड़ पागल हो जाती. शायद पति (मर्द) वो सब लाइव देख पाते थे जितना अंग्रेजी फिल्मों में छूट जाता था. वो पतियों (मर्दों) की कल्पना की उड़ान भरवा देती थी.हरियाणा का ट्रांसफॉर्मेशन और बीनू के ठुमके
जब बीनू का टाइम चल रहा था तब हरियाणा में भी तगड़े वाला ट्रांसफॉर्म हो रहा था. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे. उस वक़्त खेतों में कोठियां खड़ी हो रही थीं. जमीनें बिक रही थीं. लोगों के पास उड़ाने को पैसा था. ये पैसा उड़ा बीनू के साथलों पर थपकी मार के उछलने पर. धीरे-धीरे बीनू को पब्लिक रागनियों से ज्यादा प्राइवेट पार्टियों में बुलाया जाने लगा. फॉर्म हाउसों में वो जाती. दस-पन्द्रह लोग पैसे इकठ्ठे करके बीनू को बुला लेते.बीनू के लिए चल गई थी गोलियां
एक बार बीनू को किसी पार्टी में गाने बुलाया. बीस-पचीस लोगों की कोई पार्टी चल रही थी. अचानक दो गुट बन गए. गोलियां चल गईं. इस इंसिडेंट में एक लड़का मारा गया. बीनू को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा. वो गाती रही. ऐसे जोक्स मारती रही और पैसे बटोरती रही.पैसों के चक्कर में पाली दुश्मनी
2012 में हरिद्वार के एक ढाबे पर किसी ने बीनू पर गोली दाग दी. गोली लगते ही वो मर गई. बाद में दिल्ली पुलिस ने मारने वाले को एक मेट्रो स्टेशन पर पकड़ लिया. उसने बताया कि बीनू को मारने की सुपारी उसके एक्स लवर ने दी थी. फिर संदीप नाम के उस आदमी को पकड़ा गया. उसने बीनू के प्यार से लेकर लड़ाई तक की सारी बातें बक दीं. उसको डर था कि बीनू उसको मरवा सकती है. इससे पहले वो मारा जाये, उसने बीनू का ही खेल खत्म करवा दिया. दो लाख देकर बीनू को गोली मरवा दी. बीनू ने उस पर रेप का केस भी लगाया हुआ था. मगर लोगों का कहना है कि पैसे के चक्कर में दोनों में लड़ाई हुई थी. जिससे वो अलग हो गये थे.जो औरत भरी भीड़ में 'नहीं तो के फेर इन बूढों का चूसोगे?' बोल देती थी, उससे शायद मर्दों की ईगो बूस्ट होती रही होगी. जितने सेक्स जोक्स मारे वो सारे मर्दों को सुपीरियर दिखाते हैं. सेक्स चीज़ ही ऐसे तरीके से बताई जाती है, जिसमें आदमी हावी रहता है और औरत को नीचा दिखाया जाता है. ऐसे जोक्स में मर्दों को अपनी मर्दानगी दिखाने के भी मौके दिए जाते हैं. अगर औरतों की सील (वर्जिनिटी) तोड़ने की बात हो. तो सारे ठेकेदारों (मर्दों) को उतना फर्क नहीं पड़ा होगा.
क्या इन औरतों को स्टेज हिस्ट्री की जानकारी नहीं होती? इनसे पहले स्टेज पर नाचने-गाने वाली औरतों के साथ क्या-क्या हुआ होता है? लोग स्टेज पर चप्पल फैंक देते हैं. गाली दे देते हैं. 'रंडी' बोल देते हैं. और फिर भी ये चुनती हैं स्टेज पर गाना-नाचना. और इस ट्रैजिक तरीके से मर जाना. बीनू चौधरी भी मारी गई.