देश के पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव, उनका घर 9, मोती लाल नेहरू मार्ग अकसर खाली ही रहता है. क्योंकि राव बीमार हैं. और जून 2004 से ही एम्स में भर्ती हैं. किडनी, दिल और फेफड़ों में शिकायत. और इसकी जांच के लिए स्पेशल वॉर्ड में इलाज. घरवालों के अलावा यहां उनसे मिलने कुछ खास लोग ही आते. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह उनमें से एक थे. राव के राज में ताकतवर रहे मनिंदर जीत सिंह बिट्टा भी अकसर आते.
ऊपर जो नवंबर की तारीख लिखी है, उसके बाद राव ज्यादा बीमार हो गए. उनकी पेशाब नली में इनफेक्शन हो गया था. डॉक्टरों ने तगड़ी दवाई दी. इस चक्कर में उनके दिमाग पर असर हुआ. वह बचपन बीतने के बाद पहली बार मूडी और चिड़चिड़े हो गए. उन्होंने खाना बंद कर दिया. बेटी वाणी से बोले, ऐसे जीने का क्या फायदा. तुम लोग क्यों इसे जबरन खींच रहे हो.
राव देश के इकलौते प्रधानमंत्री रहे जो कार्यकाल के दौरान अदालत में पेशी पर जाते थे. इल्ज़ाम था कि 1993 में अपनी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट डालने के लिए राव ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के सांसदों को घूस दी थी. तब राव की सरकार बच गई थी. बाद में राव भी बरी हो गए. (फोटोःरॉयटर्स)
राव अस्पताल के अपने वॉर्ड में ही एक किस्म के सत्याग्रह पर बैठ गए. बिस्तर के बगल में कुर्सी पर. न कुछ खाया न पीया.
ये खबर दिल्ली में फैल गई. परिवार को गृह मंत्री शिवराज पाटिल का फोन आया. कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी विजिट करना चाहती हैं.
सोनिया आईं. साथ में पाटिल और अहमद पटेल भी थे. पटेल ने राव को पानी का गिलास दिया. राव गुस्से में बोले, तुम लोग मुझ पर मस्जिद तुड़वाने का इल्जाम लगाते हो और अब पानी पिलाते हो.
राव रुक-रुककर बोलते रहे. उन्होंने कहा, किससे गलतियां नहीं होतीं. मगर मुझे ऐसी गलती के लिए जिम्मेदार क्यों ठहराया जा रहा है जो मैंने की ही नहीं. सोनिया रात 2.30 पर अस्पताल से रवाना हुईं. फिर राव को नींद का इंजेक्शन दिया गया. अगली सुबह वह उठे तो बस एक बात बोले, कल रात मैं कुछ ज्यादा तो नहीं बोल गया.
पीवी नरसिम्हा राव. साथ में हैं शिवराज पाटील, जस्टिस ए एम एहमदी और सोनिया गांधी. (फोटोः रीडिफ)
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