
फास्ट ऐंड फ्यूरियस के एक सीन में पॉल
इसके अलावा उसका पैशन है गाड़ियां. तेज रफ्तार गाड़ियां, जो पूरी दुनिया के यूथ का पैशन है. इसलिए फास्ट एंड फ्यूरियस सीरीज यूथ ओरिएंटेड है. इस फिल्म के अलावा स्पीड को लेकर वॉकर के बारे में किवदंतियां मशहूर हैं. कि कार में 42 बार प्रति मिनट के हिसाब से गियर शिफ्ट करते थे. और सबसे आखिरी बात ये कि अगर हादसे वाले दिन वो अपने दोस्त के बजाय खुद अपनी पोर्श कार ड्राइव कर रहे होते, तो शायद ज़िंदा होते.
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खैर, इस फिल्म के अलावा उनका सिनेमा जगत को बहुत खास योगदान है, ये कहना ठीक नहीं. क्योंकि जैसे फिल्म में सिंपल सा, घर परिवार वाला आदमी, जो लफड़ों से दूर रहना चाहता है, महत्वाकांक्षी बहुत कम है, वैसे ही उनकी जिंदगी रही, वैसा ही करियर रहा. बहुत ज्यादा फिल्में नहीं हैं उनके नाम. और जितनी हैं भी, उनकी भी कुछ खास पहचान नहीं है. फिर भी पॉल की इमेज शानदार एक्टर की है.
इस छवि के पीछे क्या काम करता है? हमारी, आपकी और सारी दुनिया की दरियादिली, जो किसी भी शख्स की मौत के बाद आलोचना से परहेज करती है. राजनीति को छोड़कर चाहे जिस प्रोफेशन से जुड़ा शख्स हो, उसे जाने के बाद कम से कम अच्छे इंसान के रूप में हमेशा याद किया जाता है. बताया जाता है. वॉकर की जिंदगी बहुत सादी थी. न कभी किसी स्कैंडल में नाम आया, न कोई सेंसेशनल मूमेंट वायरल हुआ. उनकी पूरी टीम उनको चाहती थी, जिसका इजहार वो हर मंच से करते हैं.
https://www.youtube.com/watch?v=YUrsR32XJEI
ये कह सकते हैं कि उनमें गुंजाइश बहुत रही हो, लेकिन मौका नहीं मिला, जिंदगी हाथ से फिसल गई. उसी का फायदा उनकी छवि को मिलता है. बाकी वो शख्स अपनी निजी जिंदगी में कैसा था, इसकी जानकारी किसी को नहीं है. और न अब होगी. लास्ट मूमेंट का काम छवि बनाने में सबसे कारगर होता है. जैसे हीथ लेजर. 'द डार्क नाइट' फिल्म के जोकर. उनका नाम इतिहास में इस रोल के लिए दर्ज हो गया है. काम इनका पहले भी नोटिस किया गया, लेकिन जोकर के लिए अलग से प्रशंसा मिली. अब वो विलेन के रोल, जो हीरो पर भारी पड़ गए, इस सीढ़ी में पहला नंबर जोकर का आता है.

जोकर के कैरेक्टर में हीथ लेजर
भारतीय सिनेमा की दिव्या भारती को ले लीजिए. कमाल की एक्ट्रेस. लाखों दिलों की धड़कन. जब वो ग्लैमर जगत में छाईं, तो छोटे से करियर में ही कई जमी हुई एक्ट्रेसेज को ठिकाने लगा दिया. टॉप पर थीं श्रीदेवी. उनका सिंहासन डोल गया. दिव्या भारती के फैन्स उस जमाने में छपने वाले अखबारों और फिल्म पत्रिकाओं की कतरनें अपनी किताबों की अलमारी में रखते हैं. उन्हीं में दिव्या की चुगली भी मिलती कि वो भाव खाती थीं.

दिव्या भारती
मीडिया से कैमरा थामे लोग एक तस्वीर लेने के लिए उनके पीछे भागते थे और वो झिड़क देती थीं. डायरेक्टर कहते थे "इनका स्वभाव चाइल्डिश है, जिसकी वजह से दिक्कत होती है." लेकिन जब वो दुनिया से गईं, तो ये सारी बातें बेमानी हो गईं. हमारी पीढ़ी उनको एक दिलकश अदाकारा के रूप में जानती है, जिसने हमको शाहरुख खान सा दीवाना दिया और उम्र की ढलान पर लुढ़कते ऋषि कपूर उनके लिए "तेरे दर्द से दिल आबाद रहा" गाते दिखे.
लेकिन वॉकर भारतीय नहीं, वैश्विक सिनेमा के सितारे थे. वहां से कुछ फिल्में पूरी दुनिया में कमाने के लिए निकलती हैं. फास्ट एंड फ्यूरियस सीरीज का कमाऊ फिल्मों में खास स्थान है. इसको इतने ऊंचे पर लाने में बड़ी भूमिका निभाने वाले पॉल वॉकर का 43वां बर्थडे है आज.
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