वो लड़की जिसकी परदे पर एंट्री धुएं के बादलों के बीच से होती है और जिसे देखकर सुनील शेट्टी के साथ-साथ आपको भी यकीन होता है कि, 'बिन काजल, बिन मोती या किसी भी तरह के मेकअप के बिना भी ये लड़की कितनी सुंदर है.'
देखिए वो आइकॉनिक गाना:
वो लड़की थी पूनम झावर. जो यदा-कदा फिल्मों में नज़र आती तो रही लेकिन जिसकी पहचान 'मोहरा' का वो गीत ही रहा. 'मोहरा' को रिलीज़ हुए 26 साल हो चुके हैं. इन 26 सालों में क्या करती रहीं पूनम? आइए जानते हैं.
कविता सी लगने वाली पूनम कवयित्री की बेटी है
पूनम झावर का परिवार मूल रूप से राजस्थान का रहने वाला है. जो बाद में मुंबई आकर बस गया. पूनम का स्कूल-कॉलेज सब मुंबई से ही हुआ. उनकी मां पूजाश्री हिंदी की कवयित्री थीं. उनकी कई किताबें भी छप चुकी हैं और जो उस दौर में तमाम प्रमुख कवि सम्मेलनों का हिस्सा हुआ करती थी. मां की लिटरेचर में दिलचस्पी थी, बिटिया ने फैशन इंडस्ट्री चुनी. मॉडलिंग में कदम रखा.सिनेमा वाया मॉडलिंग
पूनम झावर सिनेमा में आने से पहले एक कामयाब मॉडल रह चुकी थीं. किलर जीन्स, डव साबुन, पाणेरी साड़ीज़ जैसे बहुत से प्रॉडक्ट्स के लिए मॉडलिंग कर चुकी थीं. साथ ही डेबोनेयर जैसी फैशन मैगज़ीन के कवर पर भी छप चुकी थीं. उसी दौरान फिल्म प्रोड्यूसर गुलशन राय की नज़र उन पर पड़ी और उनके सिनेमा के परदे पर आने की राह खुली. उन्हें 'मोहरा' के लिए कास्ट कर लिया गया. रोल था प्रिया अग्निहोत्री नाम की लड़की का, जिसे फिल्म के शुरुआती हिस्से में ही मरना पड़ता है. रोल छोटा सा था. बहुत संभावना थी कि पूनम को उसमें नज़रअंदाज़ कर दिया जाता. लेकिन पूनम की किस्मत बुलंद थी.उनके हिस्से वो गाना आया, जो आगे चलकर कालजयी बना. इंदीवर के लिखे शानदार बोलों को विजू शाह ने बेहद सरल लेकिन सुंदर धुन में बिठाया. पंकज उधास और साधना सरगम ने डूब कर गाया. लेकिन लोगों को याद रही तो सिर्फ पूनम. धुएं के बादल में से साड़ी पहनकर चली आती पूनम झावर लोगों की यादों में बस गई.

इस एंट्री के बाद से अब तक पूनम ने लंबा सफ़र तय किया है.
फिल्म करियर चल तो पड़ा लेकिन कहीं पहुंचा नहीं
भले ही 'ना कजरे की धार' ने उनको भरपूर प्रसिद्धि दिलाई लेकिन इसका कोई ख़ास फायदा उन्हें हुआ नहीं. इक्का-दुक्का फ्लॉप फ़िल्में ही उनका मुकद्दर रहीं. 'मोहरा' के तुरंत बाद उन्होंने 'दीवाना हूं मैं तेरा' नाम की भुला देने लायक फिल्म की. और उसके बाद 'जियाला'. हालांकि 'जियाला' फिल्म भी पिट गई लेकिन इससे पूनम को अपना दूसरा हिट गीत हासिल हुआ. इब्ने इंशा की मशहूर ग़ज़ल 'कल चौदहवीं की रात थी' का हिंदी सिनेमाई वर्जन. इसे भी बहुत पसंद किया गया. कुमार शानू ने इसे बेहतरीन ढंग से गाया था.देखिए वो गीत:
https://www.youtube.com/watch?v=k4VgBvYQc3Q
एक्टिंग में कुछ हासिल न होता देख पूनम प्रोडक्शन में उतर आईं. उन्होंने 'आंच' नाम से एक फिल्म बनाई जिसमें नाना पाटेकर, परेश रावल जैसे कद्दावर कलाकार थे. खुद पूनम ने लता ठाकुर नाम की महिला का तगड़ा रोल किया था. फिल्म को क्रिटिक्स ने बहुत सराहा. बॉक्स ऑफिस पर भी उसने ठीक-ठाक बिज़नेस किया. इसी फिल्म के एक गाने के साथ पूनम ने अपना सिंगर करियर शुरू कर डाला था.

इसे पूनम ने प्रोड्यूस किया था.
मॉडल, एक्ट्रेस, प्रोड्यूसर के बाद सिंगर भी
2003 में 'आंच' फिल्म में उन्होंने एक गाना गाया. 'सुन मेरी नानी'. यहां से गाना गाने का सफ़र चल पड़ा तो उन्होंने अपने खुद के तीन अल्बम निकाले. 'पू 4 यू', 'टेक मी होम बेबी' और 'पू क्या जलवा'. इसके अलावा नौ म्यूजिक वीडियोज़ में भी काम किया. इनमें से एक अली हैदर का बेहद मकबूल 'चांद सा मुखड़ा' भी था.ये वाला भी देखते चलिए:
जब बनी फ़िल्मी राधे मां!
2012 में एक फिल्म आई, 'ओह माय गॉड'. अक्षय कुमार-परेश रावल की बहुचर्चित फिल्म. जिसमें ईश्वर पर केस ठोक देने वाले आम आदमी की कहानी थी. फिल्म बहुत हिट रही. साथ ही हिट रहे उसके किरदार. मिथुन चक्रवर्ती और गोविन्द नामदेव कैसे कद्दावर अभिनेताओं ने इसमें धर्मगुरुओं का रोल किया था. ऐसा ही एक रोल पूनम के हिस्से भी आया था. गोपी मैया नाम की एक साध्वी का रोल. ये रोल कंट्रोवर्शियल साध्वी राधे मां से सीधे-सीधे प्रेरित मालूम पड़ता था.
इस रोल पर कंट्रोवर्सी भी हुई थी.
सबसे ज़्यादा तहलका मचाया फोटोशूट ने
पूनम से जब दर्शकों का पहला वास्ता पड़ा था तब वो साड़ी में लिपटी, घरेलू महिला की छवि में रूबरू हुई थी. उससे तकरीबन 20 साल बाद वैलेंटाइन डे पर उन्होंने एक वैसा फोटोशूट करवाया, जिसे चटपटी पत्रिकाओं की ज़ुबान में 'हॉट' कहा जाता है. इन तस्वीरों में वो उस पूनम का अक्स भी नहीं लग रही थीं, जो लगभग 20 साल पहले 'मोहरा' में दिखाई दी थी. ये तूफानी कायापलट था. लोगों ने जमकर सराहा उन्हें. पूनम की अपनी एक वेबसाइट भी है जहां वो अपनी ताज़ा तस्वीरें अपलोड करती रहती हैं.
इस फोटोशूट ने उन्हें फिर से लाइमलाइट में ला खड़ा किया था.
पूनम की आखिरी फिल्म 'आर राजकुमार' थी. जो 2013 में आई थी.
एक और फिल्म का ज़िक्र रह गया. '2जी रेडियेशन'. ये फिल्म बहुचर्चित 2जी घोटाले पर आधारित थी. इसमें पूनम ने कंट्रोवर्शियल फिगर नीरा राडिया का रोल किया था. खुद पूनम के कहे मुताबिक़ ये उनके फ़िल्मी करियर का सबसे समर्थ रोल था. 'रोल ऑफ़ दी लाइफटाइम' कहा था इसे उन्होंने.
पूनम एक्टिविज्म की दुनिया में भी नज़र आई थी. जब अन्ना हज़ारे ने जंतर-मंतर पर जनलोकपाल बिल के लिए आंदोलन किया था, तब पूनम झावर उनके साथ नज़र आई थीं. आजकल वो कई एनजीओज़ के साथ काम कर रही हैं.

जंतर-मंतर पर पूनम.
बहरहाल, पूनम झावर कोई बड़ी सेलेब्रिटी भले ही न बन पाई हो लेकिन उन्होंने ट्राय बहुत कुछ किया. सोचिए उनके सीवी में उनका परिचय कितना दिलचस्प लगता होगा. फैशन मॉडल, एक्ट्रेस, प्रोड्यूसर, सिंगर, डांसर, एक्टिविस्ट! और चालीस साल की उम्र में कहरबरपा फोटोशूट भी. जीवन को भरपूर जीना शायद इसे ही कहते हैं.
पूनम के सारे फैन उनके लिए इंदीवर से लफ्ज़ उधार लेकर हमेशा गाएंगे,
"सिंगार तेरा यौवन, यौवन ही तेरा गहना तू ताज़गी फूलों की, क्या सादगी का कहना उड़े खुशबू जब चले तू, उड़े खुशबू जब चले तू, बोले तो बजे सितार....."
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