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बिना पैसे भरे मिल रहा 7 लाख का बीमा, बस ये शर्त है!

ये एक ऐसा इंश्योरेंस है जो सैलरी वाले लोगों को मिलता है. मतलब आपका नौकरीपेशा होना जरूरी है. सरकारी या गैर सरकारी उससे कोई फर्क नहीं पड़ता. दूसरी शर्त आपका PF अकाउंट होना चाहिए. इसके बाद 7 लाख तक का क्लेम लिया जा सकता है. बाकी शर्तें और नियम कानून भी जान लीजिए.

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PF स्कीम का हिस्सा है ये इंश्योरेंस.

तमाम तरह के इंश्योरेंस से हमारा और आपका राब्ता पड़ता है. मसलन लाइफ इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस, व्हीकल इंश्योरेंस, होम इंश्योरेंस इत्यादि-अनादि. इन सारे इंश्योरेंस के लिए हमें प्रीमियम भी भरना होता है और क्लेम की एक लंबी प्रोसेस भी होती है. मगर एक इंश्योरेंस ऐसा भी है जिसके लिए हमें सीधे-सीधे कोई प्रीमियम नहीं देना होता और क्लेम भी लाखों (EDLI Benefits) में मिलता है. अधिकतम 7 लाख तक. इसकी एक और खासियत है. इसकी क्लेम प्रोसेस में कोई इंश्योरेंस शामिल नहीं होती बल्कि एक दूसरा ही संस्थान शामिल होता है. अब शायद आप पूछेंगे, जल्दी बताओ कैसे मिलेगा.

ये एक ऐसा इंश्योरेंस है जो सैलरी वाले लोगों को मिलता है. मतलब आपका नौकरीपेशा होना जरूरी है. सरकारी या गैर सरकारी, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता. दूसरी शर्त आपका PF अकाउंट होना चाहिए. इसके बाद 7 लाख तक का क्लेम लिया जा सकता है. बाकी शर्तें और नियम कानून भी जान लीजिए.

EDLI स्कीम का हिस्सा

Employees Deposit Linked Insurance Scheme जो साल 1976 में लॉन्च हुई थी. ये स्कीम EPFO मतलब Employees’ Provident Fund Organization का हिस्सा है. इस स्कीम के तहत PF के लिए रजिस्टर हर व्यक्ति को एक इंश्योरेंस मिलता है. इसके क्लेम की अधिकतम सीमा है 7 लाख और इसको उस व्यक्ति का नॉमिनी या फिर उसके परिवार के लोग मसलन बेटा/बेटी/पत्नी/पति क्लेम कर सकते हैं. देश की हर कंपनी या संस्थान जो PF के अंदर रजिस्टर है, उसके कर्मचारी ऑटोमैटिकली EDLI का हिस्सा होते हैं.

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प्रीमियम कौन भरता है?

स्कीम भले PF अकाउंट का हिस्सा हो मगर इसका पैसा कर्मचारी की जेब से नहीं जाता. EDLI के प्रीमियम का पैसा कर्मचारी को नहीं बल्कि उसकी कंपनी को देना होता है. ये भी अधिकतम 75 रुपये महीने से ज्यादा नहीं होता. गणित के हिसाब से कहें तो दशमलव 5 (.5) फीसदी.

क्लेम का क्या गुणा-गणित

# पिछले 12 महीने की औसत सैलरी (बेसिक+DA) का 35 गुणा. मतलब अगर सैलरी 15 हजार महीना है तो 15*35= 5,25,000 रुपये

# इसके साथ 1,75,000 रुपये का बोनस भी अलग से मिलता है.

# अगर कर्मचारी को काम करते हुए सिर्फ 12 महीने हुए हैं तो 2.5 लाख रुपये का क्लेम मिलता है. इस अमाउंट को क्लेम करने की भी जरूरत नहीं. ये सीधे नॉमिनी के अकाउंट में क्रेडिट होता है. 12 से ऊपर हो गए तो फिर अधिकतम 7 लाख रुपये.

# इस स्कीम की एक जरूरी शर्त ये है कि कर्मचारी कंपनी का हिस्सा होना चाहिए. कंपनी छोड़ने पर, PF निकाल लेने पर और कंपनी के PF स्कीम से बाहर होने पर ये स्कीम लागू नहीं होगी.

# कंपनी में काम करते समय अगर कर्मचारी की मौत हो जाती है तो उसका नॉमिनी या फिर परिवार का सदस्य इसको क्लेम कर सकता है. इसके लिए form 5 IF भरना होता है.

नोट: कंपनी EPF के Section 17(2A) के तहत इस स्कीम से बाहर हो सकती है. बशर्ते उसने अपने कर्मचारियों के लिए कोई तगड़ी इंश्योरेंस स्कीम लेकर रखी हो.  

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