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ओशो के ये 38 विचार जिंदगी को देखने का नजरिया ही बदल देंगे

आज ओशो की डेथ एनिवर्सरी है. होने को उनके प्रसंशक कहते हैं कि ओशो न कभी जन्मे, न कभी मरे, केवल इस दुनिया में घूमने आए और फिर वापस चले गये.

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जैसा हर महापुरुष के साथ होता रहा, वैसा ही ओशो के साथ भी होगा. या तो वो भुला दिया जाएगा, या उसे ईश्वर बना दिया जाएगा. किसी को भुला देना बुरा है, लेकिन किसी को ईश्वर बना देना भी कम बुरा नहीं. धर्म और ईश्वर से साथ हमारा रिश्ता यूं समझिए कि कोई उंगली से इशारा करके रास्ता बता रहा है. और हम उस रास्ते पर चलने के बजाय उस उंगली की या बहुत से बहुत उस रास्ते की पूजा करने लगते हैं. हमने धार्मिक पुस्तकों, धर्मगुरुओं आदि के साथ भी यही किया है. यही ओशो के साथ भी करेंगे. उसे पूजना बंद कीजिये. उसे ईश्वर मत बनाइए. उंगली नहीं रास्ता देखिये और उस पर चलिए. इसलिए आज हम आपको उनके वो 38 कथन पढ़वा रहे हैं जिनका जीवन में उतना ही महत्त्व है जितना ओशो का विश्व में. और फिर ओशो के कहे को पढ़ने के बाद, उससे प्रभावित होने के बाद ओशो को पूजना, उसे प्रेम करना बुरा नहीं. वो, जैसे लोग ‘माइकल जैक्सन’ या ‘शाहरुख़ खान’ को पूजते हैं. उनके काम के चलते. जानते हैं जबकि कि इनको पूजने से कोई इच्छा-पूर्ति नहीं होनी हमारी.

#1- जो कुछ भी महान है, उस पर किसी का अधिकार नहीं हो सकता. और यह सबसे मूर्ख बातों में से एक है जो मनुष्य करता है - मनुष्य अधिकार चाहता है.